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Adultery Hindi my best stories
#52
माँ की ग़लती का फायदा
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हेलो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 23 साल है. दोस्तों.. आज मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मुझे अपनी एक सच्ची घटना आप सभी के सामने लाने का मौका मिला और मैं आप सभी को बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ.. क्योंकि आप सभी इन कहानियों को अपना कीमती समय देकर पढ़ते है. मैं भी आपकी तरह ही इस साईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ.

दोस्तों अब मैं अपने और अपने घर वालों का परिचय आप सभी से करवा देता हूँ. मैं एक छोटे से गाँव में रहता हूँ और मेरा घर खेतों के बीच में बना हुआ है. मेरे घर में हम तीन लोग मैं, माँ और मेरे पिताजी रहते है. मैं बी. ए. फाईनल के पेपर दे चुका हूँ और अब पढ़ाई पूरी होने की वजह से अपने घर पर ही रहता हूँ. मेरे पिता जी 50 साल के है और वो हमेशा बहुत बीमार रहते है जिस कारण वो बहुत कमजोर है.

मेरी माँ की उम्र 45 साल है और वो दिखने में बहुत सुंदर दिखती है.. मेरी माँ का रंग गोरा है और मेरी माँ का फिगर बहुत कमाल का है. उनके बूब्स बड़े बड़े और गोल आकार के है और मेरी माँ के बूब्स उनकी कमीज़ से बाहर झांकते रहते है.. क्योंकि वो ब्रा में पूरी तरह नहीं समाते. मेरी माँ घर का सारा काम खुद ही करती है जिससे मेरी माँ का बदन गठीला है. मेरे पिता जी के पास बहुत सारी ज़मीन है जिसकी वजह से हमारी आर्थिक हालत बहुत अच्छी है.. हमारा घर बहुत बड़ा है. जिसमे 4 बेडरूम ड्राइंग-रूम और अलग बाथरूम और रसोई है और हम तीनों ही अलग अलग रूम में सोते है.

दोस्तों.. अब मैं आप सभी को अपने साथ हुई एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ.. जो आज से 6 महीने पहले की है. एक दिन अचानक मेरे मामा जी के बड़े लड़के की मौत हो गई.. मेरे मामा जी हमारे गावं से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही रहते है. हम तीनों को वहाँ पर जाना पड़ा.. लेकिन मेरे पिताजी की तबीयत भी थोड़ी ठीक नहीं थी.. इस वजह से मैं और पिता जी उसी दिन शाम को अंतिम संस्कार के बाद अपने घर पर वापस आ गये और मेरी माँ वहाँ पर कुछ दिनों के लिए रुक गयी और फिर मेरी माँ एक महीने बाद घर पर वापस आई. तो सब कुछ पहले जैसा ठीक ठाक हो गया..

फिर कुछ दिनों के बाद माँ मुझसे बोली कि राहुल बेटा मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है.
मैं झट से बोला कि बताओ माँ क्या बात है?
तो माँ मुझसे बोली कि राहुल मैं तुम्हे क्या बताऊँ मुझे बहुत शरम आ रही है? तो मैंने कहा कि माँ मुझसे क्या शरम और मैं यह बात किसी को नहीं बताऊंगा और फिर माँ ने मुझ को अपनी कसम दी कि मैं यह बात किसी को ना बताऊँ. मैंने हाँ कर दी मेरे पिता जी उस समय घर पर नहीं थे वो अपनी दवाई लेने के लिए शहर गये हुए थे.

माँ मुझसे बोली कि राहुल मुझे पिछले दो महीने से माहवारी नहीं आई है. मैं यह बात सुनकर बहुत हैरान रह गया था कि क्या माँ कभी मुझसे ऐसी बात भी कर सकती है? मैं अब बड़ा हो गया था और सेक्स के बारे में सब कुछ जानता था क्योंकि मेरी सेक्स में बहुत रूचि थी.
तो मैंने माँ की बात सुनकर कहा कि माँ अब मैं क्या कर सकता हूँ?
तो माँ बोली कि बेटा मुझे लगता है कि मैं प्रेग्नेंट हो गई हूँ और तुम मेरे लिए शहर से बच्चा गिराने की दवाई ला दो.

मैंने माँ से कहा कि तुम पिता जी को बोल दो वो ले आएगे. माँ मुझसे बोली कि बेटा मुझे तुम्हारे पिता के साथ सेक्स किए हुए 2 साल हो गये है और अगर उन्हे पता चल गया तो वो मुझे घर से निकाल देंगे. फिर माँ की यह बात सुनकर मुझे बहुत बड़ा धक्का लगा और मैं कुछ ना बोल सका और फिर मेरी माँ मेरे पैरों में गिर गई.. तो मैंने उन्हे संभाला और उनसे सारी बात बताने को कहा तो माँ ने मुझे बताया कि मेरे मामा का छोटा लड़का जो 25 साल का है.. उसने मेरी माँ को ज़बरदस्ती चोदा और उसने माँ को तीन रातों तक लगातार चोदा और माँ शरम के मारे किसी को कुछ भी नहीं बता पाई. तो मुझे अपने मामा के लड़के पर बहुत गुस्सा आया.. लेकिन माँ ने मुझसे कहा कि बेटा तुम कुछ मत करना नहीं तो बहुत बदनामी होगी. फिर मैं उस दिन रात को सो भी नहीं पाया और सुबह उठकर माँ के लिए शहर से दवाई ले आया.

फिर उस दवाई को खाने के एक दिन बाद माँ को महावारी आ गयी तो माँ ने मुझसे धन्यवाद कहा और कुछ दिन ऐसे ही गुजर गये और एक दिन मैं अपने रूम में कंप्यूटर पर बैठा था तो माँ मेरे रूम में सफाई के लिए आ गयी और जब वो झुकी तो उसके बूब्स साफ साफ दिखने लगे और माँ के बूब्स देखकर मेरे मन में हलचल मच गई.. माँ झाडू लगाने के बाद चली गयी. मैंने उठकर बाथरूम में जाकर माँ के नाम की मुठ मारी तो मुझे बहुत मज़ा आया और उस दिन से मेरे मन में माँ के प्रति गलत विचार आने लगे और मैं माँ को चोदने के बारे में सोचने लगा.

फिर एक दिन मैं हिम्मत करके रात के 11 बजे माँ के रूम में चला गया.
तो माँ मुझे देखकर उठ गयी और बोली कि राहुल बेटा क्या काम है?
मैं बोला कि माँ मुझे तुम से कुछ जरूरी बात करनी है..
माँ बोली ठीक है बताओ क्या बात है?
मैंने माँ से कहा कि माँ मैं तुम्हे चोदना चाहता हूँ. तभी माँ मेरी यह बात सुनकर बहुत हैरान हो गयी और बोली कि बेटा तुम यह क्या कह रहे हो? मैं तुम्हारी माँ हूँ.. यह कैसे हो सकता है?

मैंने माँ से कहा कि मैंने भी तो तुम्हारी मदद की थी और वो बात किसी को भी नहीं बताई.. तो यह क्यों नहीं हो सकता?

फिर मेरी बात सुनकर माँ बोली कि राहुल ठीक है.. लेकिन यह बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए. मैंने हाँ कर दी तो माँ ने मुझे रूम का लॉक लगाने को कहा तो मैंने लॉक लगा दिया. फिर में माँ के करीब आया और उन्हे बाहों में ले लिया और उसके होंठो पर किस करने लगा. मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो गया था जिसे माँ ऊपर से अपना एक हाथ रखकर सहला रही थी और फिर थोड़ी ही देर किस करने का बाद मैंने माँ से कपड़े निकालने को कहा. तो उसने झट से अपने पूरे कपड़े निकल दिए और माँ के नंगे बदन को देखकर मेरे तो होश ही उड़ गये.. माँ के बूब्स तने हुए और बहुत बड़े थे और उन पर गुलाबी कलर की निप्पल बड़ी ही सुंदर लग रही थी. फिर मैंने झट से उनके दोनों बूब्स को पकड़ लिया उनको सहलाने और दबाने लगा. माँ के दोनों बूब्स मेरे दोनों हाथों में समा नहीं रहे थे और अब माँ मुझसे लिपट रही थी और आअह्ह्ह्ह ऊहहह की आवाज़े निकाल रही थी. फिर मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए और माँ मेरे शरीर को देखने लगी और कहने लगी कि बेटा तुम तो अब पूरे आदमी बन गये हो और कहकर माँ ने मेरा लंड पकड़ लिया और अपने हाथ को आगे पीछे करने लगी.

उसने मेरे लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी और थोड़ी देर ऐसे ही चूसने, चूमने, चाटने के बाद माँ बोली कि बेटा अब और देर मत कर जल्दी से इसे मेरी चूत में डाल दे.. मुझसे अब और रहा नहीं जाता. मैं समझ गया कि माँ अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है फिर माँ नीचे लेट गयी और उसने अपनी दोनों टाँगे फैला ली जिससे माँ की चूत मुझे साफ साफ नज़र आने लगी.. जिस पर काली काली झांटे थी.

मैंने अपने एक हाथ को आगे बढ़ाकर चूत को खोलकर देखा तो वो अंदर से बहुत लाल थी और बहुत कामुक लग रही थी.. फिर मैं दोनों पैरों के बीच में आ गया और अपने लंड को माँ की चूत पर रखा जो बहुत गीली थी और मैंने लंड को अपने निशाने पर रखकर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड एक बार में ही चूत के अंदर चला गया और माँ के मुहं से हल्की सी चीख निकली.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किए तो माँ भी अपने चूतड़ उठा उठाकर जबाब देने लगी और हम दोनों के मुहं से आहह उईईइ की आवाज़े आ रही थी. फिर 20 मिनट चोदने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और उस रात मैंने माँ को तीन बार और चोदा और उस दिन के बाद मैं और माँ हर रात चुदाई करते है.

मेरी माँ ने अब {कॉपर-टी} लगवा ली है जिससे मा का बाच्चा होने का ख़तरा नहीं है और अब हम निडर होकर अपनी चुदाई में लगे रहते है ..















गलतफहमी में माँ ने मुझसे चुदाई करवाई
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नमस्ते, मेरा नाम हर्षल है. मेरी उम्र 22 साल है. मैं पुणे महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. मेरी कदकाठी सामान्य है … पर मुझे 8 इंच लम्बे लंड की सौगात मिली है. आजकल मैं अक्सर हर हफ्ते अलग अलग औरतों के साथ सोना पसंद करता हूं.

यह कहानी मेरी सत्य जीवन घटना पर आधारित है. मुझे यह कहानी बताते हुए बहुत शरम महसूस हो रही है. पर मैं करूं भी तो क्या, मुझे अपने दिल का बोझ हल्का करना है.

मेरी माँ एक बहुत ही साधारण महिला हैं. लेकिन वो बहुत ही आकर्षक दिखती हैं. उनकी उम्र 40 साल है. उनका गोरा रंग, तो किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच लेता है.

उनकी फिगर तो इतनी कंटीली है, हे भगवान क्या बताऊं; उनकी मादक देह अच्छे अच्छों का ध्यान भटका देती है. उनकी फिगर 36-30-32 की है. वो हमेशा साड़ी पहनती हैं. कई बार खाना बनाने के वक्त वो अपनी साड़ी पेट के नीचे दबा लेती हैं और उस वक्त उनकी नाभि साफ झलकती है. ऐसी कामुक नाभि देखकर तो किसी का लंड सलामी देने लगे.

जब वो सज-धज कर किसी शादी या फंक्शन आदि में जाती हैं, तो सभी की निगाहें उन पर गड़ जाती हैं.

बात उन दिनों की है, जब मैं 20 साल का था. आपको तो पता ही है कि इस उम्र में जवानी का खुमार चढ़ा हुआ होता है. पर मेरी माँ के बारे में मैंने कभी कोई गलत बात मन में भी आने नहीं दी थी. मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं तो अक्सर हम लोग एक ही कमरे में सोते थे.

एक दिन अचानक रात को मुझे कुछ आवाजें सुनाई दीं. मैंने हल्के से पलट कर देखा, तो मुझे दिखा कि मेरे पापा मेरी माँ की जांघों के पास बैठे हैं. मैं बिना आवाज किए वो सब देखता रहा.

मेरे पापा ने अपनी चड्डी उतार कर फेंक दी. बाद में उन्होंने अपना हाथ माँ की साड़ी में डाल दिया और माँ की पेंटी भी उतार कर फेंक दी. इसके बाद पापा जी माँ के ऊपर चढ़ गए. वो नजारा देखकर मेरा बुरा हाल हो गया. पापा ने जोर से धक्के मारना चालू कर दिया. मेरी माँ जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगीं. लेकिन कुछ होता, इससे पहले मेरे पापा झड़ गए. उसके बाद वो करवट लेके सो गए.

मुझे तभी पता चल गया था कि मेरे बाप में दम नहीं है. थोड़ी देर बाद मैं हल्का होने के लिए बाथरूम जाने के लिए उठा. मगर उससे पहले मेरी माँ मुझे बाथरूम जाते दिखीं. मैं थोड़ी देर रुका और माँ के आने की राह देखने लगा. पर कुछ ज्यादा समय हो गया, माँ वापस नहीं आईं, तो मैं उनको देखने के लिए गया. अभी जैसे ही मैं बाथरूम में घुसता, मुझे माँ की सिसकारियां सुनाई दीं.

मैंने धीरे से अन्दर झांका, तो मैं दंग रह गया. मेरी माँ ने अपनी साड़ी ऊपर कर ली थी और वो फर्श पर लेटी हुई थीं. उनका हाथ अपनी साड़ी के नीचे अपनी योनि में घुसा हुआ था. उन्होंने अपनी दो उंगलियां योनि में डाल रखी थीं. वो जोर जोर से अपनी योनि को खोद रही थीं.

मैं दरवाजे के बाहर खड़ा होकर ये सब तमाशा देख रहा था. मैंने समय ना गंवाते हुए अपना लंड निकाला और मसलने लगा. माँ अपने मम्मे जोर जोर से मसल रही थीं. मेरी माँ ने उस रात करीब आधा घंटा उंगली की. झड़ने के बाद उन्होंने अपना पूरा रस अपनी उंगली की मदद से चाट लिया. मैं भी झड़ गया था. मैं माँ के पहले बिस्तर पर जा के सो गया.

जब मैं सुबह उठा तो अब मेरा माँ की तरफ देखने का नजरिया बदल गया था.
मेरी माँ अक्सर बाथरूम से निकलने के बाद साड़ी पहनती हैं. वो हमेशा अपनी चूचियों पर पेटीकोट बाँध कर बाहर आती हैं. मैं ये मौका हाथ से नहीं जाने देता और उस कमरे में जाकर बैठ जाता हूं.

जब वो साड़ी पहनती हैं तो उनका पेटीकोट नीचे गिर जाता है और उनके मम्मे उछल कर बाहर आ जाते हैं. कसम से वो बड़े बड़े मम्मे और उनके ऊपर वो काले चूचे देखकर ऐसा लगता है कि बस उनको पकड़ कर चूस लो.

मैं उन्हें उस दिन से इस अवस्था में कैमरा में शूट करने लगा. फिर जब भी मेरा मन करता, मैं उनके मम्मे देखकर मुठ मार लेता था. कई बार तो मैं उनकी जांघों पर सर रख के सोने का बहाना करके उनके मम्मों को दबा भी देता था. मेरा उनके रसीले गुलाबी होंठ देखकर चूसने का मन करता था.

लेकिन मुझे पता नहीं था कि एक दिन मुझे ये सब करने का मौका मिलेगा.

हुआ यूं कि मेरे पापा को तीन दिन के लिए बाहर गांव जाना था. अब तो मुझे पता था मेरी भूखी माँ तो पूरी तरह हवस की शिकार हो जाएगी.

मेरे पापा सुबह काम के लिए निकल गए. दोपहर को मैंने सोने का नाटक किया. जैसे ही मैं सोया, मेरी माँ बाथरूम के और चल पड़ी. फिर क्या, मैं भी उनके पीछे चला गया. लेकिन उस दिन तो उन्होंने कमाल ही कर दिया. उन्होंने उस दिन हाथ में बेलन लिया हुआ था और उन्होंने उस बेलन को अपनी चुत पे सैट कर रखा था. थोड़ी देर बाद वो बेलन का हैंडल उनकी चुत के अन्दर चला गया और और उसी के साथ माँ की सांसें तेज हो गईं. वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं. मन तो कर रहा था कि उनकी चुत को अभी अन्दर जाकर चोद दूं.

फिर उन्होंने अपना ब्लाउज निकाल के फेंक दिया. वो अब पूरी तरह नंगी हो चुकी थीं. मैंने झट से अपना मोबाईल निकाला और उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद माँ झड़ गईं. उन्होंने वो बेलन चुत से निकाल कर मुँह में ले लिया. अब जब तक पापा वापस नहीं आए, ऐसा हर रोज होने लगा.

तीन दिनों बाद पापा शाम को घर आए. उस रात हमने खाना बाहर से मंगाया था. खाना खाने के बाद मैं बाथरूम में मोबाईल लेकर चला गया और वीडियो देखने लगा. लेकिन फिर सोचा कि आज तो पापा माँ को चोदेंगे ही … मतलब रात को माँ फिर से लाइव शो दिखाएंगी.

उस रात मेरे पापा मुझे बोले- हर्षल, तू आज नीचे अपनी माँ के साथ सो जा, मेरी पीठ में दर्द है, तो मैं बेड पे सोता हूं.

मैं हमेशा बेड पर सोता हूं. लेकिन उस दिन मैं माँ के साथ सोने को तैयार हो गया. क्योंकि माँ के साथ सोते समय मैं हमेशा उनके पेट पर हाथ फिराता हूं.

मैं और पापा लाइट बंद करके सो गए. पापा तो कुछ ही देर में गहरी नींद में चले गए. कुछ देर बाद माँ सब कुछ घर का काम करके मेरे पास आकर सो गईं.

कमरे में अंधेरा था, इसलिए ये समझ पाना मुश्किल था कि कौन कहां सोया हुआ है.

थोड़ी देर बाद मैंने अपने पैर पर कुछ हरकत महसूस की. मैंने देखा कि मेरी माँ ने अपना एक पैर मेरी टांगों पर डाल दिया था. उनका ये पैर पूरा नंगा था. उन्होंने अपनी साड़ी उतार कर फेंक दी थी और अपना पेटीकोट भी ऊपर तक चढ़ा लिया था.

उन्होंने धीरे से आवाज निकाली और बोली- क्यों जी, आज नहीं चोदोगे क्या?

मेरी तो फटी पड़ी थी, पर मैं कुछ नहीं बोला. फिर माँ ने अपना एक हाथ मेरे चड्डी के ऊपर से फेरा. मेरा लंड तो वैसे भी सलामी दे रहा था.
फिर वो बोलीं- अजी आपका तो आज बड़ा फुदक रहा है, लगता है मेरी फ़ुद्दी की आज खैर नहीं. क्या खा के आये हो बाहर गांव से जो इतने जोश में हो. आज तो प्यास बुझा ही दो, मेरी इस चुलबुली की.

मैं और मेरे पापा हमेशा एक ही टाइप का पजामा पहनते थे तो माँ को वैसे भी समझ नहीं आने वाला था कि वहां पे मैं सोया हूं, पापा नहीं. मुझे कुछ सूझता, उससे पहले माँ ने मेरे पजामा में हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया.
मेरे तो शरीर में करन्ट दौड़ गया.

वो लंड हाथ में लेते ही चौंक गईं और बोलीं- तुम्हारा लंड इतना बड़ा कैसे? सच में आज तो मैं इससे रात भर चुदाऊंगी.
फिर मैंने झट से उनका हाथ अपने लंड पे से हटाया.
माँ बोलीं- क्या हुआ, आज नहीं चोदेंगे क्या?

लेकिन मैंने फिर सोचा वैसे भी इनको कहां कुछ दिख रहा है … और मैंने मौके का फायदा उठाने का सोच लिया.

मैं झट से उठा और उनकी जांघों के पास जा के बैठ गया. मैंने धीरे से उनके पैरों पर हाथ फिराना शुरू किया और बाद में तेजी से मसलने लगा. मैंने अपनी माँ के जांघों पर चूमना शुरू किया. पहली बार मैंने किसी औरत के बदन को चूमा था.

मैं पागलों की तरह चूसने लगा. मैंने उनके हाथ उनके सर के पीछे रख दिए ताकि वो मुझे छू ना सकें.

फिर मैं धीरे से उनकी चुत की तरफ हुआ. मैंने उनकी चुत को सूँघा और सच में मैं तो जन्नत में पहुंच गया.

फिर क्या था … मैंने अपनी माँ की पेंटी उतारी और सूंघने लगा. मैंने वो पेंटी माँ की नाक के नीचे रख दी.

उनके लिए ये सब नया था, वो बोलीं- क्यों जी, आज तो कुछ अलग ही रंग दिखा रहे हो.

मैं कुछ नहीं बोला और मैंने झट से अपनी एक उंगली उनकी चुत में डाल दी, जिसकी वजह से वो सिसक उठीं. माँ बोलीं- क्या कर रहे हो … जरा धीरे करो … मेरी आवाज से कहीं हर्षल जग ना जाए.
मैंने ध्यान नहीं दिया और दूसरी उंगली भी डाल दी. वो और जोर से सिसक उठीं. फिर मैंने धीरे धीरे उंगलियों को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं अपनी उंगली अन्दर डालता और बाहर निकाल कर अपने मुँह में ले लेता.

उसके बाद मैंने अपनी जीभ का कमाल दिखाया. मैंने माँ का पेटीकोट उतार लिया अब वो सिर्फ ब्लॉउज में थीं. मैंने अपनी जीभ माँ की चुत पर टिकायी और चूत चाटने लगा.

माँ सिसिया कर बोलीं- आह क्या कर रहे हो … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआआअ … ये सब कहां से सीखा? उम्म्म … आज तो आपका लंड और जीभ दोनों कमाल कर रहे हैं.

मैंने माँ की चूत चाटना चालू रखा. पागलों की तरह मैं माँ की चुत पर टूट पड़ा. मैंने अपनी दोनों उंगलियां चुत में डाल दीं और चुत की मलाई चाटने लगा. माँ तो पागल हुए जा रही थीं.

एक बात तो मेरे समझ में आ गयी थी कि मेरे बाप से 20 सालों में कुछ नहीं हुआ. उसका लंड तो छोटा था ही, मगर वो कभी माँ को संतुष्ट नहीं कर पाया.

माँ के कंठ से मादक आहें निकल रही थीं- उम्मम्म्म … आह अअअअआ … चाटो इसी तरह से … निकाल दो मेरी चुत का पानी … चूसो मेरी चुलबुली को … आह कब से तड़प रही है … याम्म्म आ..

फिर मैंने जोर से चाटना शुरू किया, तो जल्दी ही माँ झड़ गईं. मैंने उनकी चुत का सारा रस गटक लिया. उसका स्वाद तो आज भी मुँह में है. माँ तो जैसे अचम्भित हो गयी थीं.
वे बोलीं- पति देव, आज तो कमाल कर दिया … अब तो तुझे रोज ऐसे ही चटाऊंगी. अब देर ना करो, मेरी चुत पेल दो. दिखा दो अपने लंड का जलवा मेरे राजा.

लेकिन मुझे उनके साथ बहुत कुछ करना था. मैंने उनके ब्लाउज के हुक खोले और उसको निकाल दिया और उनके मदमस्त मम्मों को आजाद कर दिया. मैं उनके मम्मे तो देख नहीं पा रहा था, लेकिन मैं उन्हें महसूस कर था. मैंने जोर जोर से उन्हें मसलना चालू किया. फिर मैंने एक स्तन को अपने मुँह में भर लिया. उनका स्तन इतना बड़ा था कि मुँह में नहीं समा रहा था.

मेरी माँ मुझे भरपूर साथ दे रही थीं. मैंने उसके हाथ सर के पीछे रख दिए ताकि वो मुझे छू ना पाएं.
मैं उनके मम्मे मसल रहा था, चूस रहा था. मैंने उनकी चुची को काट लिया. वो चिहुंक उठीं- धीरे रेरेरे … आह आआह म्मम्म्म … चूसो उन्हें … अपने हर्षल के बाद किसी ने नहीं चूसा उन्हें … मसलो और दूध पियो मेरा आज … म्म्म … मेरे राजा आ अअअअ.

उन्हें क्या पता था कि उनका हर्षल ही चूस रहा है. मैंने उनका दूध इतने सालों बाद पिया था. फिर मन किया कि उनके होंठ चूस लूँ, लेकिन मैं अपने होंठ टिका देता, तो शायद वो समझ जातीं. इसलिए मैंने अपना लंड उनके मुँह पे रख दिया.

वो तो पहले समझ नहीं पाईं, बाद में मैंने अपने लंड को उनके मुँह पे घिसना चालू कर दिया.
“म्म्मम्मम … ये क्या आज तो जनाब मुँह में चोदेंगे मुझे … कहीं मुँह में ही ना झड़ जाना!”
मैंने अपना लंड मुँह में ठूंस दिया. उनके कंठ से आवाज निकलने लगी- ग्लोप … ग्लोप … ग्लोप उम म्म्मम्म … वाह क्या टेस्ट है तुम्हारे लंड का … मजा आ गया … उऊओंम्म्म … सृलपपप अअअह.

माँ तो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं, जैसे छोटे बच्चे को पहले बार चोकोबार मिला हो. मेरी तो जान निकली जा रही थी कि कहीं मैं चुत में पहुंचने से पहले झड़ ना जाऊं.

मैंने अपना लंड निकाला और उनके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए. क्या मुलायम होंठ थे एकदम रेशम की तरह.
‘उन्नह … जीभ डालो मेरे मुँह में अपनी … चाटो न मेरी जीभ को …’

एक लंबे किस के बाद माँ बोलीं- राजा … आअअअअ … अब बर्दाश्त नहीं होता … जल्दी से डाल दो अपने लंड को मेरे चूत में प्लीज़ … चोदो इसे आज फाड़ डालो इस निगोड़ी फ़ुद्दी को.
मुझे समझ आ गया कि इस वक्त माँ के ऊपर वासना का भूत सवार है उनको मेरे होंठ चूसने से भी मेरे पापा न होने का अहसास नहीं हुआ.

फिर क्या मेरी तो लॉटरी निकल पड़ी थी. मैंने झट से अपना लंड चुत के मुहाने पर रखा और एक धक्का लगा दिया. मेरा लंड बड़ा होने के कारण आधे से भी कम अन्दर जा पाया था. जैसे ही लंड अन्दर गया, माँ चिल्ला उठीं- क्या कर रहे होओओओ … इतनी टाइट चुत को फाड़ोगे क्याआ … धीरे डालो ना जरा … आअअहह … आज तो मार ही दिया.

मैं थोड़ा सा डर गया. अगर मेरा बाप उठ गया, तो मुसीबत हो जाएगी. मैंने तुरंत अपना हाथ माँ के मुँह पे दबा दिया और एक और झटका मारा. इस बार मेरा लंड आधे से भी ज्यादा अन्दर घुस गया.

माँ के मुँह पे हाथ होने के कारण उनकी आवाज नहीं निकली, मगर आंसू निकल आए, जो मेरे हाथ को छू कर नीचे गिरे. लेकिन मैं डटा रहा.

अब मैंने अपना पूरा लंड बाहर निकाला और चुत पे फिर से सैट किया. फिर एक धक्के में पूरा लंड चुत में घुसेड़ दिया. मेरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर चला गया. माँ ने तो हाथ को काट लिया और मेरा हाथ हट गया. मैंने धक्के मारना चालू रखे.

माँ रोते हुए लेकिन चुदासी आवाज में बोलीं- तुम तो हैवान हो … आआह … उम्म्म … इस्स … आह … अब रुको मत … अअअआ … चोदो मेरी कली को … म्म्म … पीस डालो ऐसे ही … यससस्स!

फिर मैंने दस मिनट तक ऊपर से चोदा और बाद में मैंने उनके मम्मों पे चाटें मारना शुरू की. मैंने उन्हें पलट दिया और डॉगी स्टाईल में चोदना शुरू कर दिया. क्योंकि मैं उनकी गांड पे चमाट मारते हुए उनकी चुदाई करना चाहता था. मैंने उनकी गांड पे जोर से चमाट मारना शुरू किया. इसी के साथ में लंड भी पेलता रहा.

“आआअहह … और मारो मेरी गांड पे … चोदो मुझे … इसस्स … म्म्मम्म्म मेरे राजा … ऐसे ही … चोदो अपनी रांड को … म्म्म … अअअआया … मैं झड़ने वाली हूँ … ऊऊऊह … आआ … ओह … ओह!”

मैं भी झड़ने वाला था लेकिन मैंने अपने लंड को निकाल लिया और माँ की छाती के पास लेके गया. मैंने उनके मम्मों पर अपना वीर्य गिरा दिया. वो अपनी उंगली से मेरे वीर्य को चाटने लगीं.
मैंने भी उनकी चुत का पानी पी लिया.

माँ- मेरे राजा ऐसी चुदाई रोज किया करो मेरी … म्म्मम्म्म … तुम्हारा रस भी कितना टेस्टी है … म्म्मम्म्म … चाट लो मेरी चुत को … आह … आह … 20 सालों के बाद आज मैं संतुष्ट हुई हूं.

फिर हम सो गए. सुबह जब मेरी आँख खुली तो मेरी गांड पर हाथ पड़ा. क्योंकि माँ गुस्से में मेरे सामने खड़ी थीं. उन्हें रात के बारे में सब कुछ समझ आ चुका था. लेकिन वो पापा के सामने कुछ बोल भी नहीं सकती थीं. बाद में मेरे पापा के ऑफिस जाने के बाद मैंने अपनी माँ को कैसे मनाया, ये मैं आपको बाद में बताऊंगा.
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Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 09:36 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:44 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:57 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 11:10 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 11:20 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 11:36 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 11:53 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 12:16 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 09:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 09:41 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 09:54 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 10:05 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 10:17 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 10:36 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 10:52 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 11:16 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 11:42 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 12:00 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 12:20 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:29 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:38 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:45 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:02 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:12 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:30 PM
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