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Adultery Hindi my best stories
#51
दोस्त की शादी में मेरी सुहागरात
*************************



हाय दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार! मैं शिव राज हाजिर हूँ!
आज फिर मैं आप सब चूतों को हेल्लो करता हूँ और सारे लंड को नई नई चूत मिलती रहे… ऐसी कामना करता हूँ.

आज मैं आपके सामने एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ, यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है, सिर्फ छह माह पहले की है. मैं लखनऊ अपने एक दोस्त की शादी में गया था. मेरा बहुत अच्छा दोस्त था इसलिए एक दिन पहले पहुँच गया था. उसने हमारे और उनके स्पेशल गेस्ट का अरेंजमेंट एक होटल में किया था. फरवरी के दिन था, हल्की गुलाबी ठण्ड पड़ रही थी.

मैं दोपहर में उसके घर पहुँच गया, वो बहुत खुश हुआ मुझे देख कर… उसने अपनी फैमली में सबसे मुझे मिलवाया, फिर हमने साथ में लंच किया और हमें खाना उसकी एक रिश्तेदार जो उसकी बुआ की बहू थी, वो खिला रही थी और साथ में मेरे दोस्त को परेशान भी कर रही थी उसकी होने वाली वाइफ का नाम ले लेकर!
और मैं भी भाभी की तरफ से अपने दोस्त परेशान कर रहा था उसकी पुरानी गर्ल फ्रेंड्स का नाम ले ले कर!

भाभी मेरे से और पूछ रही थी कि कितनी लड़कियों को इसने अपने प्यार में फंसाया है, मैं उन सबके नाम उन्हें बता रहा था.
सबकी नजर बचा के भाभी ने मुझसे आंख मार कर पूछा- इसने कुछ किया भी है या बस ऊपर ऊपर ही खेलता रहा?
और हँसने लगी.
मैंने उन्हें बताया- आपका देवर बहुत पुराना खिलाड़ी है, इसने सबके साथ मैच खेले हुए हैं.

इतने में मेरे दोस्त का फ़ोन आ गया तो वो बाहर जाकर बात करने लगा तो भाभी ने मुझसे पूछा- तो आप भी इसी के जैसे ही खिलाड़ी हो या अनाड़ी हो?
तो मैंने कहा- भाभी जी, अब मैं अपनी तारीफ खुद कैसे कर सकता हूँ!
और हम हँसने लगे.

सॉरी, मैंने अभी तक आप सबको भाभी के बारे में तो कुछ बताया ही नहीं… उनका नाम सुमन था, वो करीब 35 साल की होंगी, उनके दो बच्चे हैं, बड़ा 10 साल का और छोटा 7 साल का!
वो अपने छोटे बेटे के साथ आयी थी. वो दिल्ली की रहने वाली थी. उन्होंने अपने आप को इतना मेंटेन कर रखा था कि कोई उन्हें 25 साल से ऊपर तो कह ही नहीं सकता था.

मैंने उनसे पूछा- आप क्यों परेशान कर रही थी मेरे दोस्त को… आपकी भी नई नई शादी हुई है, भैया जो आपको परेशान करते हैं, उसका बदला निकल रही हो?
तो वो बोली- पागल… मेरी शादी को 14 साल हो गये और मेरे दो बेटे हैं.
बाहर एक बच्चे को दिखाते हुए बोली- ये मेरा छोटा बेटा है, बड़ा दिल्ली में है, वो नहीं आया.

मैंने कहा- मैं ही मिला हूँ आपको बकरा बनाने को? मैं भी दिल्ली में 10 साल रहा हूँ, सब जानता हूँ… प्लीज मुझे इस तरह से उल्लू मत बनाइये.
तो वो हँसने लगी और बोली- तुम्हें यकीन नहीं तो अपने दोस्त से पूछ लेना!
मैंने कहा- अरे नहीं भाभी, अगर मैंने उससे आपके बारे में पूछा तो मारेगा, बोलेगा ‘मेरी भाभी पे लाइन मार रहा है साले?’
तो वो हँसने लगी और बोली- अरे अब मुझे कौन लाइन मारेगा? तुम लोगों को तो जवान जवान लड़कियाँ पसंद आएँगी.

मैंने भी मौका देखते हुए कहा- अरे भाभी जी, जो मजा आप में है, वो इन सब से नहीं मिल सकता!
और हँसने लगा.

वो भी शरमा के तिरछी नजर से देखते हुए सिर्फ मुस्करा रही थी और मेरे बारे में पूछने लगी- अपनी वाइफ को क्यों नहीं लाये?
तो मैं बोला- मेरी बेटी तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए मैं अकेला ही आया हूँ.

बात बात में उन्होंने मुझसे पूछा- रात में कहाँ रुकोगे?
तो मैं बोला- जहाँ आप सुलाओगी, वहीं सो जाऊंगा.
भाभी हँसने लगी और बोली- यार यहाँ तो बहुत भीड़ है, सुना है कि होटल में भी रूम बुक है. यार मेरे लिए भी उधर ही जुगाड़ करवा दो?
तो मैं बोला- अरे आप अपने देवर से बोल दो कि मैं सो नहीं पाऊँगी, मेरा भी होटल में ही जुगाड़ करवा देना तो वो कर देगा.

फिर मेरा दोस्त आ गया. तभी भाभी ने अरुण से पूछा- कितने रूम बुक हैं होटल में?
तो उसने बताया- 3 रूम हैं, एक में कोई रुक हुआ है, 2 अभी खाली हैं. शायद रात में दो लोग और कोई आने वाले हैं लेकिन अभी उनका कुछ कन्फर्म नहीं है.
भाभी बोली- यार प्लीज, मेरा भी उधर ही कुछ जुगाड़ करवा देना, इधर मैं सो नहीं पाऊँगी, बहुत भीड़ है, रात भर ट्रेन में भी ठीक से नहीं सो पायी और सुबह से तो तुम देख ही रहे हो!
भाभी भी दिल्ली से आज सुबह ही पहुची थी.

मैं बोला- यार, कोई नहीं अगर रात में वो लोग आ भी गए तो मेरे रूम आ जायेंगे, मैं मैनेज कर लूंगा.
तो वो बोला- ठीक है!
और इतने में किसी आवाज दी तो वो बाहर चला गया तो भाभी ने मुझे थैंक्स बोला.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, अगर कोई दिक्कत होगी तो मैं आपके रूम में आ जाऊंगा!
और हँसने लगा.


तो वो मेरी तरफ एक अजीब अदा से देखा और मुस्करा कर बोली- आ जाना, मैं दरवाजा खोल के सोऊंगी!
फिर सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त हो गए.

रात का खाना खाने के बाद दोस्त ने हमें गाड़ी से होटल छोड़ा जो करीब 2 किलोमीटर दूर था. सुमन भाभी और उनका बेटा अपने रूम में चले गए. मेरे दोस्त ने मुझे सब कुछ समझा दिया और बोला- रात 12 बजे तक शायद वो लोग आ जायेंगे तो तू देख लेना!
मैं बोला- कोई प्रॉब्लम नहीं, तू मस्त काम निपटा, मैं हूँ इधर!

वो भी रुकना चाह रहा था लेकिन रात में कोई पूजा होनी थी तो घर चला गया.
10 बजे थे, उसके जाते ही मैंने भाभी के रूम का दरवाजा खटखटाया तो वो बोली- आ जाओ, दरवाजा खुला है!

लाइट धीमी धीमी जल रही थी, उनका बेटा थक कर सो चुका था.
मैंने अंदर जाकर पूछा- आप सोई नहीं अभी तक?
तो बोली- तुम्हारा वेट कर रही थी!
मैंने कहा- अच्छा जी, तो क्या हुक्म है मेरे आका? आपका गुलाम हाजिर है!

तो वो हँसने लगी और बोली- बियर पी ली तुम लोगों ने?
मैंने कहा- नहीं पी, अरुण कह रहा था कि कोई पूजा होनी है. तो अब मैं क्या अकेले पीता? कोई साथ में हो तो पीने का मजा है, अकेले पीने में मजा नहीं आता.
तो भाभी बोली- ऐसी बात है तो ले आओ, मैं साथ दे दूंगी!

मैंने पूछा- सच बताइये, आप पियेंगी?
तो बोली- आज तुम जो पिलाओगे वो पियूँगी!

मैंने वेटर को फ़ोन किया और उसको 500 का नोट दिया और अपने रूम में 4 बीयर लाने को बोला.
वो चला गया तो भाभी मेरे से बात करने लगी, बोली- तुमने कितनी गर्ल फ्रेंड निपटाई?
मैंने कहा- सच बताऊँ तो शादी से पहले 8 लड़कियों निपटा चुका हूँ.
तो उन्होंने पूछा- और शादी के बाद कितनी को शहीद किया?
मैंने कहा- अब लड़कियों में मजा नहीं आता भाभी… अब तो बस आप जैसी कोई भाभी ही मिलती है.

तो बोली- कितनी भाभियों को पानी पिलाया है अपना?
मैंने कहा- एक मिली थी जब दिल्ली में रहता था, नीलू नाम था उनका, उनके भी दो बच्चे थे, बंगाली थी लेकिन भाभी, सही कह रहा हूँ उनकी जैसी खिलाड़ी मुझे आज तक नहीं मिली. सच में हमने बहुत मजा किया.

तो बोली- जरा डिटेल में बताओ?
और बोली- चेयर में ठण्ड लग रही होगी, रजाई में आ जाओ.

इतने में वेटर ने दरवाजा खटखटाया तो मैंने बाहर आकर बीयर ले ली और बोला- जाओ!
फिर मैं बीयर लेकर भाभी के ही रूम में आ गया, 2 बीयर टेबल में रख कर एक एक बीयर लेकर मैं भी रजाई में बैठ गया.

भाभी आधी लेटी हुई थी, सूट पहन रखा था और मैं उनके पैरों के पास बैठ गया और हम बीयर पीने लगे. भाभी अपने पैर के अंगूठे से मेरे पैर को सहला रही थी और मुझ से नीलू की कहानी पूछने लगी.

तो मैंने झट से मोबाइल पर दिल्ली वाली भाभी की कहानी उनको दे दी कि इसको पढ़िए, ये मैंने ही लिखी है.
भाभी मेरी तरफ अजीब सी नजर से देखने लगी और बोली- तुम तो बड़े खिलाड़ी निकले?
मैंने कहा- यह किसी को नहीं पता कि मैंने ये कहानी लिखी है.

और भाभी मजे से दिल्ली वाली भाभी की कहानी पढ़ने लगी और मैं एक हाथ से उनके पैर को सहलाने लगा. भाभी बीयर पी रही थी और कहानी पढ़ रही थी और मेरी तरफ देख देख कर मुस्करा रही थी.

आधी कहानी पढ़ने के बाद बोली- बहुत मस्त है यार, तुमने ऐसे खुश किया नीलू को… मुझे यकीन नहीं होता!
मैंने कहा- भाभी, आप बोल के तो देखो, उनसे ज्यादा मजा दूंगा आपको!
तो वो हँसने लगी.

अब हमारी बियर भी ख़त्म हो गयी. अब भाभी के ऊपर कहानी का असर होने लगा और बीयर भी अपना रंग दिखने लगी. भाभी टांग के ऊपर टांग चढ़ा कर ‘सी सीई…’ करने लगी, बोली- शिव, बहुत मजा आ रहा है.

अब मेरा हाथ उनकी टांग को सहला रहा था, चूत से बस थोड़ा ही दूर था. तभी भाभी ने एक पैर मेरे सीने पे रख दिया और मेरा हाथ उनकी चूत के ऊपर पहुँच गया और सलवार के ऊपर से मैं भाभी की चूत को सहलाने लगा. उनकी सलवार गीली हो चुकी थी. अब वो पैर से मेरे लंड को दबा रही थी. मैंने हाथ बढ़ा कर सलवार का नाड़ा खोल दिया और हाथ अंदर करके चूत को सहलाने लगा. उनकी चूत बिल्कुल साफ़ थी और उससे रस बह रहा था.

मैंने भाभी से कहा- इसको उतार दो!
तो उन्होंने कमर ऊपर उठा दी मैंने सलवार के साथ पैंटी भी उतार दी.
अब मेरा हाथ उनकी चूत को सहला रहा था और वो आंखें बंद किये पूरा मजा ले रही थी.

फिर मैंने अपना सर रजाई के अंदर डाल दिया और चूत को किस करने लगा, वो मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी. मैंने रजाई हटा दी और चूत को फैला कर चाटने लगा, वो मजे से चूत चटवाने लगी, उनके मुख से ‘सीईईई… सीईए… सीएस…’ की आवाज आ रही थी.

भाभी बोली- तुम भी पेंट उतार दो!
मैंने जल्दी से पैन्ट और चड्डी उतार दी, मेरा 7 इंच का लंड देख कर बोली- मस्त है तुम्हारा हथियार… आज मजा आएगा!


फिर हम लोग बेड से नीचे आ गए, कालीन बिछी हुई थी तो कोई प्रॉब्लम नहीं हुई.
अब मैंने उनका कुरता और अपनी शर्ट उतार दी. भाभी अब केवल ब्रा में थी.

मैं नीचे लेट गया और भाभी को अपने मुख पर बिठा लिया. अब हम 69 पोजीशन में थे, भाभी चूत से पानी बराबर निकल रहा था, मैं मजे से चूत चाट रहा था और भाभी मेरा लंड चूस रही थी. हम दुनिया से बेखबर एक दूर में खोये हुए थे, मैं अंदर तक जीभ घुसा कर चूत चाट रहा था कि तभी भाभी जी की चूत पानी छोड़ दिया और मैं सारा पानी पी गया.
बड़ा टेस्टी पानी था भाभी की चूत का!

भाभी थक कर बगल में लेट गयी.
मैंने कहा- अब मैं क्या करूँ?
तो बोली- जो मर्जी, वो करो!

मैंने उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स को मुख में लेकर चूसने लगा. करीब 5 मिनट में वो फिर से तैयार हो गयी, बोली- अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा, जल्दी से करो प्लीज!

मैंने तकिया उठाया और उनकी गांड के नीचे लगाया और अपना लंड उनकी चूत पे रगड़ने लगा, वो आंखें बंद किये मजे ले रही थी. मैंने एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत की गहराई में उतार दिया. उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मैं धीरे धीरे कमर हिलाने लगा.

5 मिनट बाद वो बोली- और तेज तेज करो, उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत मजा आ रहा है.
अब मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और फुच फुच की आवाज के साथ चुदाई करने लगा.

दस मिनट बाद मैंने उन्हें ऊपर बिठाया और मैं नीचे लेट गया, अब मस्त कमर नचा नचा कर मुझे चोद रही थी और मैं दोनों हाथों से उनके बूब्स मसल रहा था.
तभी उन्होंने अपनी रफ़्तार बढ़ दी और आअह्ह हहह हहहह कर के झड़ने लगी- लव यू शिव… लव यू शिव… बोल कर मेरे ऊपर गिर गयी.

मेरा लंड अभी भी पूरा भाभी की चूत में घुसा हुआ था. मैं 5 मिनट तक ऐसे ही लेटा रहा और उनके सर को सहलाता रहा.
फिर उन्होंने आंख खोली और पागलों की तरह मुझे किस करने लगी.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- न जाने कितने दिनों बाद आज मैं खुल कर चुदी हूँ, तुमने मुझे बहुत खुशी दी है.
और मेरे होठों को चूसने लगी.

मेरा लंड अभी भी पूरा जड़ तक उनकी चूत में घुसा हुआ था, मैंने कहा- अभी मेरा तो हुआ ही नहीं, मुझे भी तो करने दो!
वो अचानक से उठा कर मेरा लंड मुख में लेकर चूसने लगी, बोली- बहुत मस्त टेस्ट है तुम्हारे लंड का!
मैंने कहा- यह तो आपकी चूत का पानी है, अभी मेरा पानी बाकी है.

फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से चोदने लगा, थोड़ी देर चोदता, फिर लंड बाहर निकाल कर अपनी उंगलियाँ अंदर डाल कर चोदता और फिर लंड अंदर डाल देता और उंगली उनकी गांड में डाल देता जिससे उनका मजा दुगना हो जाता.

मेरी इस तरह की चुदाई से वो दो बार और झड़ी मैं भी चोदते चोदते थक चुका था तो मैं भी अपना पानी निकलना चाहता था, मैंने पूछा- कहाँ निकालूं ? अन्दर या बाहर ???????
तो वो बोली- अंदर ही गिरा दो, मेरा ऑपरेशन हो चुका है, पेेट से होने का कोई प्रॉब्लम नहीं है.

इस लम्बी घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड ने जवाब दे दिया और मैं उनकी चूत में झड़ने लगा, मेरे लंड का पानी पाते ही उनकी चूत फिर से झड़ने लगी.
फिर करीब 10 मिनट तक हम एक दूसरे से चिपके रहे.

तभी मेरे फ्रेंड का फ़ोन आया कि वो गेस्ट होटल पहुँच गए हैं, नीचे हैं, तू उनको देख कर रूम में सुला दे!
मैंने कपड़े पहने और भाभी को ऊपर बेड पर लिटाया और बोला- मैं उनको छोड़ कर वापस आता हूँ! फिर बची हुई एक एक बियर पियेंगे और मस्त चुदाई करेंगे!
तो भाभी बोली- मेरे अंदर अब हिम्मत नहीं बची… अब बस!
मैंने कहा- जानेमन, अभी तो रात जवान हुई है, अभी आपकी गांड भी मारनी है.

फिर वो नंगी बेड पर लेट गयी, मैं बोला- आप सो जाओ, मैं बाहर से लॉक करके जाता हूँ, फिर जल्दी से आता हूँ.

मैंने मेहमानों को रूम में छोड़ा और वापस आकर भाभी को जगाया.

फिर हमने बियर पी, फिर मस्त चुदाई की दो बार… दोनों बार चूत और गांड की चुदाई की. उस रात सुबह 5 बजे तक हमने कई बार चुदाई की.
भाभी बोली- आज तक एक दिन में इतनी बार कभी नहीं चुदी!
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Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 09:36 PM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:29 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:38 PM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:12 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:47 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:58 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:17 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:24 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:40 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:49 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:56 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 01:22 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 09:50 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:02 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:12 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:23 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:39 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:50 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:11 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:40 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:48 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:57 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 22-01-2021, 12:20 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 23-01-2021, 11:21 PM
RE: Hindi my best stories - by bhavna - 23-01-2021, 11:36 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 23-01-2021, 11:42 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 23-01-2021, 11:54 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 12:11 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 10:23 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 10:39 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 11:07 PM
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