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Adultery Hindi my best stories
#36
मैं अपनी सती सावित्री माँ को चुदते हुए देखा
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मेरा नाम दीपक है , आज मैं आप लोगो को एक घटना बताने जा रहा हूँ. मेरे घर मे मा पापा ओर भैया भाई रहते है, दीदी भी अपने ससुराल मे रहती है. हम सब पंचकुला के पास एक छोटे गाँव मे रहते है. पापा की उम्र 52 साल है ओर उनका खुद का बिज़्नेस है , भैया भी पापा का बिज़्नेस संभालते है. भैया की शादी 5साल पहले हुई थी. ओर दीदी की 3साल पहले. मा की उमर 48 साल है ओर बो एक बड़ी ही सीधी सादी भारतीय महिला पर बड़ी ही हॉट है अंदर से.

आज जो मैं आपके सामने कहानी पेश कर रहा हु वो किसी की नहीं मेरी मा की ही है जो एक सतीसावित्री होने के बावजूद किसी गैर मर्द से चुद जाती है या तो ये कहिये की नाजायज सम्बन्ध बना लेती है. ओर बो गैर मर्द ओर कोई नहीं मेरे दीदी के ससुर है और मेरी माँ के समधी.

बात पिछले साल की है, एक रत जब हम सब खाना खा रहे थे तब पापा ने कहा क्यूँ ना इस होली पे समधी जी को बुलाया जाए. मैं हाँ इस बार होली मे अंकल आंटी हमारे घर होली खेल लेगे. भाभी भी बोली हाँ पपाजी बुला लीजिए.
मा- हाँ बुला लीजिए. यानि की सबने हां में जवाब दिया.

दूसरे दिन पापा ने अंकल को फ़ोन कर बुला लिए. भैया ओर भाभी भी चले गये भाभी के मायके मे. 3-४ दिन बाद ही अंकल ओर आंटी ओर दीदी जीजू हमारे घर आ गये, हम सब ने उनका स्वागत किया. दीदी बहुत खुस दिख रही थी. हमारे मे औरते घुँगत निकलती है. होली के दिन हम सब ने होली खेली. दीदी-भैया ओर भाभी कहा गये. मा- तेरी भाभी के गाँव होली मानने.मा ओर दीदी अलग अलग पकवान बना रही थी. रात को पापा ओर अंकल पीने बैठे थे. पापा ने अंडर से बोतल ओर पानी लाने बोला.

मैं सब उनको लाकर दे दिया. कुछ देर पीने के बाद पापा ने आंटी को देने कहा मैने बो पेग जाकर आंटी को दे दिया. बाद मे मां ने मुझे बाहर से कुछ समान माँगया बो लाने मैं चला गया. थोड़ी देर बाद पापा ने फिर से बोतल मंगाई. मैं घर पर नहीं था इसीलिए मा बोतल देने चली गयी. मा ब्राउन कलर की साड़ी पहनी थी. मा जैसे ही बोतल रखने लगी वैसे ही अंकल ने हाथ बढ़ा कर बोतल पकड़ ली जिससे बो मा के हाथो को छू लिए. मा बोतल रख जाने लगी. तभी अंकल -रुकिये ज़रा संधान जी जी. मा वही खड़ी हो गयी. फिर अंकल ने भी एक पेग बनाया ओर मा को देने लगे. पहले तो मा ने माना किया.

फिर बाद मे ले ली. पेग देते वक्त अंकल ने मम्मी की उंगलिया सहला दी. मा कुछ नहीं बोली ओर पेग पी ली. मा को बहुत कड़वा लगा. पापा भी बहुत फुल हो चुके थे. फिर मा ग्लास रखने लगी तभी अंकल ने फिर से हाथ आगे कर मा के हाथो पर हाथ रख ग्लास पकड़ लिए ओर साथ ही मा के हाथो को सहलते हुए मा को देखने लगे. मा शर्मा कर अंदर चली गयी. रात को सब खाना खाने के बाद सब सोने चले गये पापा अंकल एक कमरे मे ओर मा, आंटी, दीदी एक कमरे मे , ओर मैं ओर जीजू एक कमरे मे. सुबह पापा जल्दी ही ऑफीस चले गये. मा ओर दीदी काम कर रही थी ओर आंटी नहाने चली गयी.
दीदी- मा वो (मैं) तो अबतक उठा ही नहीं तो चाय कौन देगा पपाजी को.
मा- बो तो सो रहा है. ला दे मैं ही देके आती हूँ. मा चाय लाकर पापा के कमरे मे गयी.

मा जैसे ही अंदर गयी वैसे ही उनकी आँखे फटी फटी रह गयी. अंदर अंकल सिर्फ़ अंडरवियर मे सो रहे थे. पहले तो मा सोची की वापस चली जाऊं, लेकिन फिर रुक गयी. मा ने कप रखा ओर अपने एक हाथ आगे कर अंकल को उठाने लगी. समधी जी उठिए उठिए. अंकल थोड़ा इधर उधर हुए फिर नींद मे ही मा का हाथ पकड़ अपने उपर खींच लिए.मा सीधे जाकर अंकल की बाँहो मे गिर पड़ी. अंकल मा को अपनी बाँहो मे भिचने लगे. मा बहुत डर गयी थी.

मा-ये आप क्या कर रहे है समधी जी चोदिये मुझे. मा उठने की बार बार कोसिस कर रही थी. फिर अचानक अंकल की नींद खुली.और उन्होंने माँ को छोड़ दिया, माँ उठ कर खड़ी हो गई.

मा पूरी पसीने पसीने हो गयी थी. ओर साड़ी भी खराब हो चुकी. मा रोने लगी.अंकल डरते हुए -मुझसे ग़लती हो गयी मुझे माफ़ कर दीजिए. मा कुछ नहीं बोली ओर चली गयी. मा बहुत घबरा चुकी थी. ओर रोने भी लगी. रात मे पापा भी आ गये. अंकल ओर पापा ओर मैं जीजू भी खाना खाने लगे. मा अंदर ही थी.तभी पापा ने आवाज दी मा सब्जी लेकर आई. माँ थोड़ी सरमे हुई घूँघट में थी.

मा सब्जी डालने लगी. अंकल मा को घूर रहे थे. शायद मम्मी को भी ये पता था.मा चोरी से अंकल की ओर देखी जो मुस्कुरा रहे थे जिसे देख मा भी मन ही मन मुस्कुरई.फिर मम्मी अंदर चली गयी. वहा भी मा चोरी चोरी मस्कुरा रही थी. दूसरे दिन सुबह फिर आंटी नहाने चली गयी.ओर पापा भी उठ कर मंदिर चले गये.मा दीदी से -बेटी चाय डाल दे मैं देके आती हूँ तेरे ससुर को.

फिर मा चाय लेकर उनके के कमरे मे गयी. जहा अंकल कल की तरह सिर्फ़ अंडरवेर मे थे. मा उन्हे देख शरमाई फिर कप रख अंकल को उठाने लगी.मा-प्यार से समधी जी उठिए. शायद अंकल पहले से जाग रहे थे , अंकल ने मा का हाथ पकड़ अपने उपर खिच लिए. मा भी तपाक से उनकी बाहों मे गिर पड़ी. अंकल मा को अपनी बाहों मे भिचने लगे.मा मायूस आवाज़ मे- छोड़िये ना ये आप क्या कर रहे है.अंकल मा को नीचे कर खुद मा के उपर आ गये. मा कसमसा रही थी.

अंकल मा की आँखो मे देख अंकल ने कहा जो आप और मैं दोनों चाहते है. मा ये सुन शर्मा गई. जिससे अंकल खुश हो गये. अंकल मा को किस करने जा रहे थे तभी मा ने उन्हे धक्का देकर हटा दिया ओर उठ कर खड़ी हो गयी. मम्मी शरमाते हुए – ये रही आप की चाय . ओर वहा से चली गयी. मा बहुत खुस नज़र आ रही थी. दोपहर मे खाना खाते समय

अंकल- अच्छा समधी जी तो आज जाना है हमें, पापा-समधी जी 1-२ दिन ओर रुक जाओ. कुछ ही देर मे बड़ा बेटा ओर बहू भी आने बाले है उनसे भी मिल लेना. ओर कहीं घूमने भी चले जाना.फिर थोड़े समय बाद ही भैया भाभी आ गये. पापा-बेटा इनको भी कही घुमा लाओ. भैया हाँ क्यूँ नहीं हम सब चलेगे. मम्मी-आप सभी चले जाओ मैं यही रहूंगी. घर पे भी तो कोई रहना चाहिए.आंटी-इनको भी चलने मे प्रॉब्लम होती है तो ये भी नहीं आ पायांगे. अंकल -हाँ बेटा मैं नहीं चल सकता. अंकल मुस्कुराते हूँ मा की तरफ देखे.मा भी उन्हे देख शरमाई.आंटी-हाँ इनको पसंद नहीं.जीजू-तो पापा को रहने दो हम सब चलते.

पापा- मुझे भी काम के सिलसिले मे बाहर जाना है. मैं-तो ठीक है आप सब चले जाओ मैं यही रुक जाता हूँ.एक घंटे बाद ही पापा चले गये. ओर बाकी सब भी रेडी होने लगे. शाम को सब चले गये घूमने. घर पे सिर्फ़ मैं मा ओर अंकल ही रह गये थे. अंकल भी बाहर मार्केट चले गये. मैं अपने कमरे मे पढ़ाई करने लगा ओर मा खाना बनाने लगी. कुछ ही देर मे अंकल आ गये. अंकल टीवी देखने लगे. मैं भी अंकल के साथ टीवी देखने लगा.अंकल मेरी पढ़ाई के बारे मे पूछ रहे थे.

थोड़ी देर तक हम बाते करते रहे मा बाहर आई माँ-खाना परोस दू .मैं- हाँ मा बहुत भूख लग रही है मैं ओर अंकल साथ मे खा लेगे. अंकल-बेटा तुम खा लो मैं बाद मैं खा लुगा. ओर तुम्हे पढ़ाई का कम भी तो करना है. माँ-हाँ बेटा तुम खा लो तुम्हे पढ़ाई भी तो करणी है. मैं खाना खा कर अपने कमरे मे चला गया. ओर दरवाजे की छेद से बाहर देखने लगा. मा रसोई मे थी. मा रसोई से एक दारू की बोतल ओर पानी की बोतल, कुछ चखने लाकर टेबल पे रखने लगी मा-कुछ और चाहिए तो बुला लीजिए गा.

अंकल -आप नहीं बैठेंगे हुमारे साथ. मा कुछ नहीं बोली ओर अंकल के पास ही बैठ गयी. अंकल: यहाँ तो कोई नहीं है भीर फिर आप घूँघट में है. मा- मैं.आपके सामने कैसे बिना घूँघट के बैठ सकती हूँ. अंकल-मुझे कोई एतराज नहीं है आप अपना घूँघट हटा सकते है. मा-दीपक तो है,अंकल-बो अंदर पढ़ाई कर रहा है.फिर मा ने अपना घूँघट हटा दिया.उनकके मुस्कुराते हुए मा को देख रहे थे मा ने अपनी आँखे नीचे कर ली.अंकल -सच आप इस उमर मे भी बहुत सुंदर लग रही है. मा थोड़ा शरमाई.

अंकल ने बोतल खोलते हुए मा से कहा-लीजिए पेग बनाए. मा–नहीं नहीं आप ही बनाए.
अंकल – आज आपके हाथो से बनाया पेग पीना चाहते है. मा एक पेग बनाने लगी.
अंकल –एक ही क्यूँ?
मा—मैं नहीं पीती.अंकल–थोड़ा हमारेलिए भी नहीं. मा थोड़ा सा अपने लिए भी पेग बना ली. फिर अंकल पिने लगे. मा ने भी एक घुट पिया. अंकल– संधानजी आज जो सुबह मे हुआ आप नाराज़ तो नहीं है ना.
मा कुछ नहीं बोली.फिर थोड़ी देर बातचीत हुई. मा को थोड़ा नशा हो गया.

मा–अब परोस दू खाना.
अंकल–हां . फिर मा खाना डालने लग गई .मम्मी ओर अंकल ने साथ मे खाना खाया. खाने के बाद मा सफाई करने लगी. अंकल मा को घूर रहे थे. काम करने के बाद मा ने मेरा दरवाजा खटखटाया लकिन मैने कोई रेस्पोन्स नहीं दिया तो मा को लगा की मैं सो गया हूँ. मा अंकल का विस्तर लगाने लगी. तभी अंकल अंदर आए.ओर पीछे से मा को अपनी बहो मे भर लिए.

मा–ये आप क्या कर रहे है, छोड़िये मुझे.
समधन जी ५ साल हो गये.इन ५ सालो मे मुझे बो सुख नहीं मिला.
मा–देखिए मैं आपकी भावना समझ सकती हूँ. लकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती .
अंकल–समधन जी मैं भी समझ सकता हूं लकिन आप भी बो सुख पाना चाहती है जो हर औरत चाहती है, मुझे पता है समधी जी का जब ऑपरेशन हुआ तब से बो आप को सुख नहीं दे पा रहे है.
मा–हाँ लकिन ये ग़लत है मैं ऐसा नहीं कर सकती

अंकल मा का हाथ पकड़ते हुए- प्लीज मैं आप को नीरस नहीं करूँगा , मान जाइए कहकर अंकल मा को गले लगा लिए. मा भी अंकल की बाहों मे सिमट सी गयी.
अंकल–भगवान की भी यही मर्ज़ी है इसीलिए आज हम मिले है

मा– लेकिन दीपक?
अंकल-बो सो चुका है अंकल ने मा को एक गजरा दिया.
अंकल-ये आप के लिए. मैं चाहता हूँ की आज रात ये गजरा आप लगाए. मा गजरा लेकर अंदर चली गयी. ओर तैयार होने लगी. मा ने एक न्यू रेड कलर की सारी पहनी. हाथो मे चूड़िया ओर गले मे मंगल सूत्र पहनी. बिल्कुल एक नयी नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी. मा ने सिंगार भी किया ओर अंकल का दिया हुआ गजरा भी लगाया. फिर मा एक ग्लास दूध ओर घूँघट निकल कर अंकल के कमरे मैं गयी , अंकल मा को देख खुस हो गए.अंकल ने मा से दूध का ग्लास लिया ओर उसे टेबल पे रख दिए. फिर मा को पलंग पे बैठ गयी. मा एक दुल्हन की तरह बैठी थी.अंकल-समधनजी आज मैं बहुत खुस हूँ कहते हुए अंकल ने मा का घूँघट उपर किया. अंकल–सच्ची आज आप अप्सरा लग रही है मा शर्मा गयी.

मा ने ग्लास उठाया ओर अंकल की ओर करने लगी. अंकल ने मा के हाथो को पकड़ लिया.मा अंकल को दूध पिलाने लगी.अंकल मा को सेक्सी निगाहो से देख रहे थे.ओर मा के चेहरे पे एक मुस्कान दिख रही थी. पीने के बाद अंकल ने ग्लास रख दिया. ओर मा के कंधो मे रख मा को बिस्तेर पे लेटने लगे. मम्मी शरमाती हुई–पहले लाइट तो बंद कर लीजिए. अंकल–लाइट बंद कर दूँगा तो तुम्हरी खूबसूरती कैसे देख पाउँगा. मा–नहीं मुझे शरम आ रही है.

फिर अंकल ने लाइट बंद कर एक.बल्ब जला दिया. मा बिस्तर पे लेटी हुई थी.अंकल गये ओर मा के ऊपर लेट कर मा को अपनी बाहों मे भर लिए. मम्मी भी उनकी बाहणो मे सिमट गयी.अंकल ने मा के सिर पे किस किया. फिर मा के गालो को किस करने लगे. मा के मुह से इस इस इस इस की अबाज निकल रही थी. मा के हाथ अंकल के कंधो पे थे. अंकल ने मा के हाथो को अपने हाथो मे कस लिए.ओर मा के होठ पे अपने होठ रख दिए. मा को सिहरन सी हुई ओर उसने अपनी आँखे बंद कर ली. अंकल मा के होतो को चूस रहे थे.

मा भी उनके होठ चूसने मे उनका साथ दे रही थी. अंकल ने एक हाथ से मा के साड़ी का पल्लू हटा दिया ओर मा के बड़े बड़े बूब्स को ब्लाउज के उपर से ही सहला रहे थे. मां के मूह से सिसकारिया निकल रही थी.अंकल मा की चूचियों को धीरे धीरे मसल रहे थे.मा आअहह कर रही थी.

अंकल मा को किस करते हुए दोनो हाथो से मा की दोनो चुचिया मसल रहे थे.अंकल ने मा की मंगलसूत्रा निकल दिया ओर मा की गर्दन पे किस करने लगे. मा भी अंकल की पीठ पे अपने हाथ फेर रही थी. अंकल ओर मेरी माँ दोनो एक दूसरे के पैर से पैर मसल रहे थे.अंकल ने अपनी कुरता ओर बनियान निकल दी ओर अपनी पजामा भी निकाल दी.

मा उन्हे कपड़े निकलते हुए प्यार से देख रही थी. अब अंकल सिर्फ़ अंडरवियर मे ही थे. अंकल मा को बाहणो मे भर लिए ओर बेहतासा चूमने लगे. अंकल का लंड मा की चूत पे चुभ रह था जिसे मा ओर उतेज़ित हो गयी थी.अंकल मा के बूब्स ब्लाउज के उपर से ही चूम रहे थे.

अंकल अपने हाथ मा की छोड़ी कमर ओर पेट पे फेर रहे थे. अंकल —आहह सुरुचि जी सच मे अंदर बहुत आग है.
मा – हां समधी जी इस आग को आप बुझा दीजिए,
अंकल-आपकी आग बुझाने के लिए मैं कब से बेताब हूँ.
अंकल– अब यहाँ तो कोई नहीं है आप मुझे अब भी समधी कहेंगे.
मा मुस्कुराते हुए–तो फिर क्या कहु.
अंकल–बही जो आप अपने पति को कहती है.
मा शरमाती हुए —आप भी ना!

फिर दोनो एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. कभी मा अंकल के उपर तो कभी अंकल मा के ऊपर. इन सब मे मा की सारी पूरी निकल गयी अंकल मा के ब्लाउज के बटन खोलने लगे मा अपने हाथो से अपने बूब्स छुपाने लगी अंकल मा के हाथ हटा दिए ओर ब्रा भी निकल दी.

अब मा सिर्फ़ पेटीकोट मे थी. अंकल मा के बूब्स मसलने लगे.
मा-आहहहहह. अहहहू करने लगी.
अंकल मा के एक बूब्स को मूह मे लेकर चूसने लगे.ओर दूसरे को मसलने लगे.

अंकल दूसरे बूब्स को भी चूसने लगे.ओर निपल को काट रहे थे.मम्मी को देख लगता नहीं की वो बड़ी ही सीधी सादी और सती सावित्री होकर किसी.गैर मर्द से समन्ध बना लेगी.अंकल मा के पेट ओर नाभि को चूम रहे थे ओर हाथ से पेटीकोट उपर कर मा की जांघ सहला रहे थे मा अंकल का हाथ हटाने की कोसिस कर रही थी. अंकल ने पेटीकोत का नाड़ा खोल दिया ओर उसे हाथो से सरकाने लगे. मा ने खुद ही अपना पेटीकोट अपने पैरो से निकल दिया.

अब मा सिर्फ़ एक पेंटी मे थी.ओर दोनो एक दूसरे की हहों मे सिमट रहे थे. मा भी अंकल की बालो से भरी छाती सहला रही थी. अंकल अपने हाथ मा के गरम जिस्म प सहला रहे थे. दोनो.की गरम साँसे एक दूसरे महसूस कर रहे थे.अंकल बार बार मम्मी का हाथ पकड़ अपने लंड पर रख रहे थे, लकिन मम्मी अपना हाथ हटा रही थी.अंकल मा की पेंटी नीचे कर रहे थे. मा माना कर रही थी. अंकल ने फिर मा का हाथ पकड़ अपने लंड पे रख दिया. इस बार मा ने भी उनका लंड पकड़ लिया.


ओर अंकल को देख शरमाने लगी,अंकल मा की चुचिया मसल रहे थे.मैं कभी सोच नहीं सकता था की मेरी मा ऐसा कर सकती है. मा अंकल का लंड हाथ मे लेली.अंकल का लंड बहुत बड़ा लग रह था. अंकल ने मा की पेंटी नीचे करने लगे. ओर मा की गोरी चौड़ी गांड पे हाथ फैरने लगे. अंकल ने अपना अंडरवियर भी उतार दिया.अब दोनो नंगे हो चुके थे.अंकल का काला लॅंड मा सेक्सी निगाह से देख रही थी. दोनो फिर एक दूसरे की बाहो मे सिमट गये.

अंकल का लंड मा की चूत मैं चुभ रह था. अंकल ने अपने हाथ से मा की बालो से भारी. चूत मे उंगली करने लगे. ओर मा अंकल का लंड हाथ मे लकर् आगे पीछे करने लगी.अंकल– आप कैसे निकाल लिए इतनी राते बिना चुदाई के. मा तो कर भी क्या सकती मैं अंकल- मैं भी बहुत तड़पा हूँ. मैं आप का सुकरगुजार हूँ की आपने मुझे अपने काबिल समझा.

मा– मैं जानती थी की आप भी इतने सालो.से खुस नहीं है. पर मुझे डर लगता था की कही बदनामी.ना हो जाए.अंकल–आप फिकर ना करे मैं आप को कोई परेशानी नहीं आना दूँगा. दोनो अपने अपने जिस्म से एक दूसरे को गर्मी दे रहे थे.अंकल उठे ओर मा को सीधा कर मा की टाँगे चौड़ी कर दिए. जिसे मा की फुल्ली. हुई चूत दिख रही थी. मा की चूत से पानी टपक रहा था.अंकल मा की टॅंगो के बीच बैठ गये.

ओर अंकल–तो लगा दी अपने प्यार की मुहर. मा शायद उन्हे आँखो से इशारा की अंकल ने लंड का टोपा मा कि चूत पे रखे. जिसे मा के पूरे सरीर मे आग लग गयी. माँ ने अपने पैर अंकल की कमर पे बाँध ली. अंकल ने एक ज़ोर का धक्का दे मारा.

मा—–उूुउउ उूउउ ईईइ ईयी ईईईई,एम्म एमेम माआ आआ सस्शह हह हह हह हह.अंकल का टॉप्स अंडर चला गया अंकल मा के होठो को चूसने लगे अंकल ने एक झटका ओर मारा.
मम्मी–आहह. अंकल का आधा लंड चला गया. अंकल मा के निपल चुस्स रहे थे ओर कमर हाथ फेर रहे थे.जिससे मा का दर्द कुछ कम हुआ अंकल–कैसा लग रहा है.मा कुछ नहीं बोली सिर्फ़ हंस दी.

अंकल ने मा की कमर पकड़ी ओर धीरे धीरे धक्के मारने लगे मा आअहह सहहहह कर रही अंकल अपनी कमर हिला कर मा को चोद रहे थे. मा की चूत से बहुत पानी गिर रह था.अंकल ने अपनी स्पीड थोड़ी तेज कर ली. लंड पानी की बजह से आबाज आ रही थी फुच्छ फूच फुच्च फच्छ.

मा भी– आअहह म्मर्र गयी मैं आअहह अंकल मा को जोर जोर से चोद रहे थे माँ भी अब अंकल को अपनी बहो मे भर अपनी गांड आगे पीछे कर अंकल का साथ दे रही थी. ३० मिनट तक दोनो की चुदाई चलती रही
अंकल– क्या कहती है आप मैं माल सारा चूत के अंदर डाल दू. फिर अंकल चोदते चोदते अचानक से रुक गये ओर मा को अपनी बहो मे कसने लगे माँ भी अंकल से लिपटरहीथी अंकल का सफ़ेद वीर्य मा के चूत मैं जाने लगा. जिसे मा महसूस कर रही थी कुछ देर दोनो ऐसे ही बाहों मे लेते रहे. जब अंकल का लंड पूरा मुरझा गया तब माँ के साइड मे लुढक गये. मा की अब भी साँसे उपर नीचे हो रही थी. मा की चूत से अंकल का वीर्य निकल रहा था.उसके बाद मैं अपने कमरे मैं आके सो गया.

सुबह 6बजे जब मैं उठा तो.बाहर कोई नहीं दिखा. मैं अंकल के कमरे की तरफ गया तो देखा मा ओर अंकल अब तक नंगे ही एक दूसरे की बाहणो मे सो रहे है. मैं वापस आके सो गया. आधे घंटे बाद मा दरवाजा खटखटाई , मैने दरवाजा खोला. सामने मा खड़ी थी.

माँ :– उठो कॉलेज नहीं जाना मा बहुत थकी सी लग रही थी ओर मा के बाल भी खुले हुए थे. फेस पे दाँतों के निशान दिख रहे थे. साड़ी भी जल्द जल्द मे बँधी हुई लग रही थी. मैं –हाँ मा आ रह हूँ.

फिर मा किचन मे चली गयी.ओर मैं नहाने. वहा ड्रा मे से मैंने कोलगेट निकाली तभी मेरी नज़र नीचे के ड्रॉ मे पड़ी. उसमे कुछ कपड़े.मैने बो कपड़े देखे बो अंकल के थे ओर उसमे मा की ब्रा ओर पेंटी भी थी. जो अंकल के वीर्य से भरी हुई थी. मैने कभी नहीं सोचा था की मेरी मा ऐसा कर सकती है. खैर जो किया अच्छा किया उसे भी तो लंड चाहिए.
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Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 09:36 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:44 PM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 12:16 AM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:02 PM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:58 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:17 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:24 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:40 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:49 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:56 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 01:22 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 09:50 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:02 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:12 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:23 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:39 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:50 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:11 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:40 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:48 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:57 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 22-01-2021, 12:20 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 23-01-2021, 11:21 PM
RE: Hindi my best stories - by bhavna - 23-01-2021, 11:36 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 23-01-2021, 11:42 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 23-01-2021, 11:54 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 12:11 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 10:23 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 10:39 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 11:07 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 24-01-2021, 11:22 PM



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