20-01-2021, 11:02 PM
विधवा नौकरानी संग चूत-चुदाई का खेल
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दोस्तो, आज मैं आप लोगों को ये बताऊँगा कि कैसे मैंने अपनी सेक्सी नौकरानी को चोद दिया।
बात उस समय की है.. जब मैं अपने शहर से बहुत दूर दिल्ली में पढ़ाई करने आया था।
लगभग एक साल बाद मैं अपने घर होली की छुट्टियों में वापस गया। रात को तीन बजे मैं घर पहुँचा और थके होने के कारण सो गया।
सुबह सात बजे मुझे लगा कि कोई मेरे कमरे में है तो मैंने कंबल के अन्दर से झाँक कर देखा कि हमारी नौकरानी झुक कर झाड़ू लगा रही थी और उसके स्तन दिख रहे थे।
मैं उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को छुप कर देखने लगा।
आपको अपनी नौकरानी के बारे में बता दूँ उसका नाम रामा था उसकी उमर 34 साल होगी.. थोड़ी सांवली थी.. पर उसका 36-30-38 का फिगर गजब का था।
मैं जब भी घर जाता था.. तो उसके लाजवाब जिस्म को देख कर अपने हाथ से अपना माल निकाल देता था।
तो दोस्तो, मैंने उठने का बहाना किया और ऐसा नाटक किया कि जैसे मैंने उसको देखा ही नहीं है और मैं कम्बल हटा कर बिस्तर से नीचे खड़ा हो गया।
मैंने सिर्फ़ बॉक्सर पहने था और उसकी मस्त चूचियाँ देख कर मेरा लण्ड पहले से ही खड़ा हो गया था। मैंने उसको देख कर चौंकने का नाटक किया और बोला- अरे तुम यहाँ?
पर वो कुछ नहीं बोली.. उसकी नज़र मेरे लण्ड पर थी।
मैंने अपने लण्ड को जिसने मेरे बॉक्सर को तंबू बना दिया था.. अपने हाथ से छुपाने का नाटक किया.. तो वो हल्के से मुस्कुरा दी और मैं भी मुस्कुरा कर बाथरूम में चला गया।
जब मैं बाथरूम से वापस आया तो वो मेरे कमरे में पोंछा लगा रही थी, मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया, मैं बोला- और रामा कैसी हो?
वो बोली- ठीक हूँ बाबू.. आप अपनी पढ़ाई ख़त्म करके आ गए या अभी फिर वापस जाओगे?
मैं बोला- नहीं रामा मैं तो बस दो हफ्ते की छुट्टी ले कर आया हूँ।
वो थोड़ा निराश होकर बोली- तो फिर आप 2 हफ्ते बाद वापस चले जाओगे?
मैंने कहा- हाँ..
फिर मैंने उससे पूछा- घर में सब ठीक है.. पति की ठेकेदारी कैसी चल रही है?
तो उसकी आँखों में आँसू आ गए और वो रोने लगी।
वो बोली- मेरे पति को पीलिया हो गया था और सही इलाज ना होने की वजह से 8 महीने पहले उसकी मौत हो गई।
मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर उसको चुप कराया और उसके आँसू पोंछे।
ऐसे ही दो-तीन दिन निकल गए और हमारी बातों का सिलसिला चलता रहा।
एक दिन मेरे घर वालों को होली की शॉपिंग के लिए मार्केट जाना था.. तो उन्होंने मुझसे बोला- हम बाजार जा रहे हैं.. काम वाली आएगी तो दरवाजा खोल देना और घर का काम करा लेना।
मैं तो कब से इस मौके की तलाश में था कि कब मुझे काम वाली के साथ अकेले में समय बिताने को मिले।
मैंने घर वालों के जाते ही दरवाजा बंद कर दिया और कुण्डी नहीं लगाई और अपने कमरे में आ कर चड्डी उतार कर सिर्फ़ तौलिया लपेट कर लेट गया और उसके आने का इंतज़ार करने लगा।
दस-बारह मिनट बाद मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ आई.. तो मैंने सोने का नाटक कर लिया।
वो आ कर मेरे कमरे में सफाई करने लगी और जब वो मेरे बिस्तर के पास आए तो मैंने करवट बदल दी.. जिससे मेरी चादर हट गई और तौलिए के अन्दर से मेरा लंड दिखने लगा।
जब उसकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी.. तो वो उसे घूर कर देखने लगी।
दो-तीन मिनट मेरे लंड को देखने के बाद उसने मुझे आवाज़ लगाई.. पर जब मैं नहीं जगा.. तो उसको यकीन हो गया कि मैं सो रहा हूँ।
उसने मेरे लंड को हाथ में ले कर सहलाना शुरू कर दिया। मेरा मन तो कर रहा था कि इसको अभी बिस्तर पर पटक कर इसकी जबरदस्त चुदाई कर दूँ.. पर मैं उसको और तड़पाना चाहता था ।
कुछ मिनट तक लण्ड हिलाने के बाद जब मुझे लगा कि मेरा माल निकल जाएगा.. तो मैंने करवट बदल ली.. जिससे मेरा लंड उसके हाथ से छूट गया और वो जल्दी से बिस्तर से हट कर अपने काम में लग गई।
थोड़ी देर बाद मैं उठा और फ्रेश हो कर बाहर गया।
रामा रसोई में काम कर रही थी.. तो मैंने उसको देखते हुए बोला- अरे तुम कब आईं?
तो वो बोली- मैं तो आधे घंटे पहले आ गई थी.. पर आप सो रहे थे.. तो मैंने आपको नहीं उठाया।
तो मैंने बोला- ओके.. मेरे लिए कॉफ़ी बना दो।
मैं बैठक में जा कर न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा।
थोड़ी देर में वो कॉफ़ी ले कर आ गई। कॉफ़ी देकर वो जाने लगी.. तो मैं बोला- यहीं बैठ जाओ.. आज ज़्यादा काम नहीं है.. सब लोग शाम तक ही आएँगे।
तो वो मेरे पास बैठ गई और बात करने लगी।
वो बोली- दिल्ली कैसा शहर है?
मैंने कहा- हमारे शहर से बहुत बड़ा है।
वो बोली- यहाँ आप किस चीज़ की पढ़ाई कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं यहाँ से MBA कर रहा हूँ।
वो चुप हो गई..
मैंने उससे पूछा- तुम्हारे बच्चे कॉलेज जाते हैं?
रामा- नहीं बाबू.. पति के मरने के बाद बड़ी बेटी का कॉलेज छुड़ा दिया और उसको भी घरों में काम पर लगवा दिया। छोटी बेटी कॉलेज जाती है.. पर सोच रही हूँ उसको भी कहीं काम पर लगवा दूँ..
मैं- क्यूँ रामा.. बड़ी बेटी का भी कॉलेज छुड़ा दिया.. अब छोटी का भी छुड़ाना चाहती हो?
रामा- हाँ बाबू.. कॉलेज का खर्चा बहुत हो जाता है।
मैं- कोई बात नहीं रामा.. छोटी बेटी को कॉलेज भेजना चालू रखो.. मैं घर पर बात करके तुम्हारी पगार बढ़वा दूँगा।
रामा- अगर ऐसा हो जाए.. तो मैं आपका एहसान कभी नहीं भूलूंगी बाबू..
मैं- इसमे एहसान कैसा रामा.. ये बताओ पति की याद तो आती ही होगी?
रामा- क्या बताऊँ बाबू.. पति की कमी तो महसूस होती ही है..
और इतना बोलते ही वो रोने लगी।
मैंने उठ कर उसको कंधे से पकड़ कर खड़ा कर दिया और चुप कराने के बहाने उसकी पीठ और कमर पर हाथ फेरने लगा।
जब उसने कोई विरोध नहीं किया.. तो मैं अपना एक हाथ उसके चूतड़ों पर ले गया और एक हाथ से चूतड़ और दूसरे से उसकी पीठ सहलाने लगा।
वो बोली- बाबू आप आप बहुत भले हो.. आप मेरी पगार भी बढ़वा रहे हो।
मैंने सोचा कि अब ये जाल में फंस गई है.. और मैंने उसके चूतड़ दबा कर कहा- तुम भी बहुत अच्छी हो।
वो बोली- बाबू आप वहाँ से हाथ हटा लो.. मुझे अच्छा नहीं लग रहा।
मैंने कहा- मुझे तो अच्छा लग रहा है।
वो बोली- आप भी ना.. बड़े बदमाश हो।
मैंने अपना हाथ पीठ से हटा कर उसकी बाईं चूची पर रख दिया और चूची को दबा दिया.. तो वो अचानक से सिसकार उठी।
बोली- रहने दो बाबू.. कोई आ जाएगा।
मैंने बोला- आज शाम तक कोई नहीं आएगा.. और वैसे भी तुमने सुबह जो किया.. उसके बाद मैं कैसे रहने दूँ?
वो थोड़ा घबड़ा गई और बोली- सुबह.. क्या किया मैंने?
मैंने कहा- वही.. मेरे कमरे में जो किया था।
वो बोली- बहुत दिनों बाद वो देखा था.. तो मुझसे रुका नहीं गया।
मैंने कहा- वो क्या देखा था.. उसका कुछ नाम तो होगा।
तब वो बोली- आपका लंड..
मैंने पूछा- कैसा लगा?
रामा बोली- बहुत बड़ा और अच्छा है।
मैं- दुबारा देखना है क्या?
रामा शर्मा कर कहा- हाँ.. पर कोई आ गया तो..
मैं- शाम तक कोई नहीं आएगा।
रामा- सच में कोई नहीं आएगा?
मैं- हाँ कोई नहीं आएगा.. तुम चाहो तो शाम तक यहीं रुक जाओ?
रामा- मुझे दूसरे घर में भी काम करने जाना है।
मैं- वहाँ बोल दो कि तुम्हारी तबीयत खराब है।
रामा- हाँ ठीक है।
रामा ने वहाँ फोन करके बोल दिया कि आज वो काम पर नहीं आएगी.. उसकी तबीयत ठीक नहीं है और मैं और रामा मेरे कमरे में आ गए। कमरे में आते ही मैंने रामा को अपने गले लगा लिया और उसकी चूचियाँ कुर्ते के ऊपर से ही दबाने लगा।
उसने अपना सर मेरी छाती पर रख लिया और सिसकारियाँ लेने लगी- ओफ.. उह.. सीसी..
वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी। मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, उसने अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी।
नाड़ा खुलते ही उसकी सलवार उसके घुटने पर जा कर अटक गई और मैंने अपना हाथ उसकी बुर पर रख दिया।
उसने ‘सीसीई..’ करके एक लंबी आह भरी और मेरे से लिपट गई।
मैंने उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया और उसका कुर्ता उतार दिया.. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। मैंने उसके दाएं मम्मे को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
वो तड़पने लगी और मेरा सर अपनी छातियों पर दबा दिया।
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और दुबारा उसके मम्मे चूसने लगा और एक हाथ से उसकी बुर सहलाने लगा।
कुछ देर बाद उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और सीधे मेरी पैंट खोलने लगी।
मैंने चड्डी नहीं पहनी थी.. पैंट खुलते ही मेरा लंबा लंड उसके सामने आ गया और मेरे बिना कुछ बोले ही रामा ने मेरे लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
रामा मेरा लंड ऐसे चूस रही थी.. जैसे कब से लंड की प्यासी हो।
उसकी कुछ मिनट की जबरदस्त चुसाई ने मेरे लण्ड का पानी निकाल दिया और वो सारा पानी पी गई।
अब मेरी बारी थी तो मैंने उसकी टाँगें फैला दीं और अपना मुँह उसकी बुर पर रख दिया और अपनी जीभ उसकी बुर के अन्दर सरका दी।
आह्ह.. गजब का स्वाद था उसकी बुर का..
उसने ‘सीई.. सीई ओह्ह..’ करना चालू कर दिया और कुछ ही देर बाद मेरे मुँह को अपने नमकीन पानी से भर दिया।
इस बीच मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.. मैंने सोचा कि अब इसको चोद देता हूँ.. पर शायद उसको शायद मुझसे ज़्यादा जल्दी थी।
उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दिया और मेरे लंड को अपनी बुर पर सैट करके उसे अन्दर लेने की कोशिश करने लगी।
इस बीच मैंने नीचे से धक्का मारा और लंड ‘पुउच..’ की आवाज़ के साथ उसकी बुर में घुस गया और उसकी चीख निकल गई।
वो मेरी सवारी करने लगी.. सच में बहुत अच्छी तरहे से मेरे लंड के मज़े ले रही थी।
अब मैंने उसको नीचे लिटा दिया और उसकी टांगें अपने कंधे में रख कर लंड उसकी चूत की गहराइयों में उतार दिया और पागलों की तरह उसको चोदने लगा। वो भी नीचे से गाण्ड उठा-उठा कर चुदवा रही थी।
बहुत कमाल की चुदक्कड़ थी वो। लम्बी चुदाई के बाद वो झड़ने लगी और उसने झड़ते-झड़ते मेरी गर्दन पर दाँत से काट लिया।
कुछ मिनट बाद मेरा भी माल निकलने को हुआ..
मैंने उससे कहा अन्दर निकालु या बाहर? ????????
वो बोली- मेरे अन्दर ही निकाल दो कुछ नही होगा मैंने ऑपरेशन करवा रखा है ।
मे उसकी चूत के अन्दर पुरा वीर्य गीरा दिया ।
और फिर हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।
रामा बोली- सच्ची.. ऐसी चुदाई तो आज तक मेरे पति ने भी कभी नहीं की मेरे साथ।
उसने मुझे बताया कि आज पहली बार वो इतनी देर तक चुदी है और पहली बार ही उसकी चूत ने इतना पानी छोड़ा है।
उस दिन मैंने उसे 3 बार और चोदा।
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दोस्तो, आज मैं आप लोगों को ये बताऊँगा कि कैसे मैंने अपनी सेक्सी नौकरानी को चोद दिया।
बात उस समय की है.. जब मैं अपने शहर से बहुत दूर दिल्ली में पढ़ाई करने आया था।
लगभग एक साल बाद मैं अपने घर होली की छुट्टियों में वापस गया। रात को तीन बजे मैं घर पहुँचा और थके होने के कारण सो गया।
सुबह सात बजे मुझे लगा कि कोई मेरे कमरे में है तो मैंने कंबल के अन्दर से झाँक कर देखा कि हमारी नौकरानी झुक कर झाड़ू लगा रही थी और उसके स्तन दिख रहे थे।
मैं उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को छुप कर देखने लगा।
आपको अपनी नौकरानी के बारे में बता दूँ उसका नाम रामा था उसकी उमर 34 साल होगी.. थोड़ी सांवली थी.. पर उसका 36-30-38 का फिगर गजब का था।
मैं जब भी घर जाता था.. तो उसके लाजवाब जिस्म को देख कर अपने हाथ से अपना माल निकाल देता था।
तो दोस्तो, मैंने उठने का बहाना किया और ऐसा नाटक किया कि जैसे मैंने उसको देखा ही नहीं है और मैं कम्बल हटा कर बिस्तर से नीचे खड़ा हो गया।
मैंने सिर्फ़ बॉक्सर पहने था और उसकी मस्त चूचियाँ देख कर मेरा लण्ड पहले से ही खड़ा हो गया था। मैंने उसको देख कर चौंकने का नाटक किया और बोला- अरे तुम यहाँ?
पर वो कुछ नहीं बोली.. उसकी नज़र मेरे लण्ड पर थी।
मैंने अपने लण्ड को जिसने मेरे बॉक्सर को तंबू बना दिया था.. अपने हाथ से छुपाने का नाटक किया.. तो वो हल्के से मुस्कुरा दी और मैं भी मुस्कुरा कर बाथरूम में चला गया।
जब मैं बाथरूम से वापस आया तो वो मेरे कमरे में पोंछा लगा रही थी, मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया, मैं बोला- और रामा कैसी हो?
वो बोली- ठीक हूँ बाबू.. आप अपनी पढ़ाई ख़त्म करके आ गए या अभी फिर वापस जाओगे?
मैं बोला- नहीं रामा मैं तो बस दो हफ्ते की छुट्टी ले कर आया हूँ।
वो थोड़ा निराश होकर बोली- तो फिर आप 2 हफ्ते बाद वापस चले जाओगे?
मैंने कहा- हाँ..
फिर मैंने उससे पूछा- घर में सब ठीक है.. पति की ठेकेदारी कैसी चल रही है?
तो उसकी आँखों में आँसू आ गए और वो रोने लगी।
वो बोली- मेरे पति को पीलिया हो गया था और सही इलाज ना होने की वजह से 8 महीने पहले उसकी मौत हो गई।
मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर उसको चुप कराया और उसके आँसू पोंछे।
ऐसे ही दो-तीन दिन निकल गए और हमारी बातों का सिलसिला चलता रहा।
एक दिन मेरे घर वालों को होली की शॉपिंग के लिए मार्केट जाना था.. तो उन्होंने मुझसे बोला- हम बाजार जा रहे हैं.. काम वाली आएगी तो दरवाजा खोल देना और घर का काम करा लेना।
मैं तो कब से इस मौके की तलाश में था कि कब मुझे काम वाली के साथ अकेले में समय बिताने को मिले।
मैंने घर वालों के जाते ही दरवाजा बंद कर दिया और कुण्डी नहीं लगाई और अपने कमरे में आ कर चड्डी उतार कर सिर्फ़ तौलिया लपेट कर लेट गया और उसके आने का इंतज़ार करने लगा।
दस-बारह मिनट बाद मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ आई.. तो मैंने सोने का नाटक कर लिया।
वो आ कर मेरे कमरे में सफाई करने लगी और जब वो मेरे बिस्तर के पास आए तो मैंने करवट बदल दी.. जिससे मेरी चादर हट गई और तौलिए के अन्दर से मेरा लंड दिखने लगा।
जब उसकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी.. तो वो उसे घूर कर देखने लगी।
दो-तीन मिनट मेरे लंड को देखने के बाद उसने मुझे आवाज़ लगाई.. पर जब मैं नहीं जगा.. तो उसको यकीन हो गया कि मैं सो रहा हूँ।
उसने मेरे लंड को हाथ में ले कर सहलाना शुरू कर दिया। मेरा मन तो कर रहा था कि इसको अभी बिस्तर पर पटक कर इसकी जबरदस्त चुदाई कर दूँ.. पर मैं उसको और तड़पाना चाहता था ।
कुछ मिनट तक लण्ड हिलाने के बाद जब मुझे लगा कि मेरा माल निकल जाएगा.. तो मैंने करवट बदल ली.. जिससे मेरा लंड उसके हाथ से छूट गया और वो जल्दी से बिस्तर से हट कर अपने काम में लग गई।
थोड़ी देर बाद मैं उठा और फ्रेश हो कर बाहर गया।
रामा रसोई में काम कर रही थी.. तो मैंने उसको देखते हुए बोला- अरे तुम कब आईं?
तो वो बोली- मैं तो आधे घंटे पहले आ गई थी.. पर आप सो रहे थे.. तो मैंने आपको नहीं उठाया।
तो मैंने बोला- ओके.. मेरे लिए कॉफ़ी बना दो।
मैं बैठक में जा कर न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा।
थोड़ी देर में वो कॉफ़ी ले कर आ गई। कॉफ़ी देकर वो जाने लगी.. तो मैं बोला- यहीं बैठ जाओ.. आज ज़्यादा काम नहीं है.. सब लोग शाम तक ही आएँगे।
तो वो मेरे पास बैठ गई और बात करने लगी।
वो बोली- दिल्ली कैसा शहर है?
मैंने कहा- हमारे शहर से बहुत बड़ा है।
वो बोली- यहाँ आप किस चीज़ की पढ़ाई कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं यहाँ से MBA कर रहा हूँ।
वो चुप हो गई..
मैंने उससे पूछा- तुम्हारे बच्चे कॉलेज जाते हैं?
रामा- नहीं बाबू.. पति के मरने के बाद बड़ी बेटी का कॉलेज छुड़ा दिया और उसको भी घरों में काम पर लगवा दिया। छोटी बेटी कॉलेज जाती है.. पर सोच रही हूँ उसको भी कहीं काम पर लगवा दूँ..
मैं- क्यूँ रामा.. बड़ी बेटी का भी कॉलेज छुड़ा दिया.. अब छोटी का भी छुड़ाना चाहती हो?
रामा- हाँ बाबू.. कॉलेज का खर्चा बहुत हो जाता है।
मैं- कोई बात नहीं रामा.. छोटी बेटी को कॉलेज भेजना चालू रखो.. मैं घर पर बात करके तुम्हारी पगार बढ़वा दूँगा।
रामा- अगर ऐसा हो जाए.. तो मैं आपका एहसान कभी नहीं भूलूंगी बाबू..
मैं- इसमे एहसान कैसा रामा.. ये बताओ पति की याद तो आती ही होगी?
रामा- क्या बताऊँ बाबू.. पति की कमी तो महसूस होती ही है..
और इतना बोलते ही वो रोने लगी।
मैंने उठ कर उसको कंधे से पकड़ कर खड़ा कर दिया और चुप कराने के बहाने उसकी पीठ और कमर पर हाथ फेरने लगा।
जब उसने कोई विरोध नहीं किया.. तो मैं अपना एक हाथ उसके चूतड़ों पर ले गया और एक हाथ से चूतड़ और दूसरे से उसकी पीठ सहलाने लगा।
वो बोली- बाबू आप आप बहुत भले हो.. आप मेरी पगार भी बढ़वा रहे हो।
मैंने सोचा कि अब ये जाल में फंस गई है.. और मैंने उसके चूतड़ दबा कर कहा- तुम भी बहुत अच्छी हो।
वो बोली- बाबू आप वहाँ से हाथ हटा लो.. मुझे अच्छा नहीं लग रहा।
मैंने कहा- मुझे तो अच्छा लग रहा है।
वो बोली- आप भी ना.. बड़े बदमाश हो।
मैंने अपना हाथ पीठ से हटा कर उसकी बाईं चूची पर रख दिया और चूची को दबा दिया.. तो वो अचानक से सिसकार उठी।
बोली- रहने दो बाबू.. कोई आ जाएगा।
मैंने बोला- आज शाम तक कोई नहीं आएगा.. और वैसे भी तुमने सुबह जो किया.. उसके बाद मैं कैसे रहने दूँ?
वो थोड़ा घबड़ा गई और बोली- सुबह.. क्या किया मैंने?
मैंने कहा- वही.. मेरे कमरे में जो किया था।
वो बोली- बहुत दिनों बाद वो देखा था.. तो मुझसे रुका नहीं गया।
मैंने कहा- वो क्या देखा था.. उसका कुछ नाम तो होगा।
तब वो बोली- आपका लंड..
मैंने पूछा- कैसा लगा?
रामा बोली- बहुत बड़ा और अच्छा है।
मैं- दुबारा देखना है क्या?
रामा शर्मा कर कहा- हाँ.. पर कोई आ गया तो..
मैं- शाम तक कोई नहीं आएगा।
रामा- सच में कोई नहीं आएगा?
मैं- हाँ कोई नहीं आएगा.. तुम चाहो तो शाम तक यहीं रुक जाओ?
रामा- मुझे दूसरे घर में भी काम करने जाना है।
मैं- वहाँ बोल दो कि तुम्हारी तबीयत खराब है।
रामा- हाँ ठीक है।
रामा ने वहाँ फोन करके बोल दिया कि आज वो काम पर नहीं आएगी.. उसकी तबीयत ठीक नहीं है और मैं और रामा मेरे कमरे में आ गए। कमरे में आते ही मैंने रामा को अपने गले लगा लिया और उसकी चूचियाँ कुर्ते के ऊपर से ही दबाने लगा।
उसने अपना सर मेरी छाती पर रख लिया और सिसकारियाँ लेने लगी- ओफ.. उह.. सीसी..
वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी। मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, उसने अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी।
नाड़ा खुलते ही उसकी सलवार उसके घुटने पर जा कर अटक गई और मैंने अपना हाथ उसकी बुर पर रख दिया।
उसने ‘सीसीई..’ करके एक लंबी आह भरी और मेरे से लिपट गई।
मैंने उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया और उसका कुर्ता उतार दिया.. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। मैंने उसके दाएं मम्मे को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
वो तड़पने लगी और मेरा सर अपनी छातियों पर दबा दिया।
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और दुबारा उसके मम्मे चूसने लगा और एक हाथ से उसकी बुर सहलाने लगा।
कुछ देर बाद उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और सीधे मेरी पैंट खोलने लगी।
मैंने चड्डी नहीं पहनी थी.. पैंट खुलते ही मेरा लंबा लंड उसके सामने आ गया और मेरे बिना कुछ बोले ही रामा ने मेरे लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
रामा मेरा लंड ऐसे चूस रही थी.. जैसे कब से लंड की प्यासी हो।
उसकी कुछ मिनट की जबरदस्त चुसाई ने मेरे लण्ड का पानी निकाल दिया और वो सारा पानी पी गई।
अब मेरी बारी थी तो मैंने उसकी टाँगें फैला दीं और अपना मुँह उसकी बुर पर रख दिया और अपनी जीभ उसकी बुर के अन्दर सरका दी।
आह्ह.. गजब का स्वाद था उसकी बुर का..
उसने ‘सीई.. सीई ओह्ह..’ करना चालू कर दिया और कुछ ही देर बाद मेरे मुँह को अपने नमकीन पानी से भर दिया।
इस बीच मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.. मैंने सोचा कि अब इसको चोद देता हूँ.. पर शायद उसको शायद मुझसे ज़्यादा जल्दी थी।
उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दिया और मेरे लंड को अपनी बुर पर सैट करके उसे अन्दर लेने की कोशिश करने लगी।
इस बीच मैंने नीचे से धक्का मारा और लंड ‘पुउच..’ की आवाज़ के साथ उसकी बुर में घुस गया और उसकी चीख निकल गई।
वो मेरी सवारी करने लगी.. सच में बहुत अच्छी तरहे से मेरे लंड के मज़े ले रही थी।
अब मैंने उसको नीचे लिटा दिया और उसकी टांगें अपने कंधे में रख कर लंड उसकी चूत की गहराइयों में उतार दिया और पागलों की तरह उसको चोदने लगा। वो भी नीचे से गाण्ड उठा-उठा कर चुदवा रही थी।
बहुत कमाल की चुदक्कड़ थी वो। लम्बी चुदाई के बाद वो झड़ने लगी और उसने झड़ते-झड़ते मेरी गर्दन पर दाँत से काट लिया।
कुछ मिनट बाद मेरा भी माल निकलने को हुआ..
मैंने उससे कहा अन्दर निकालु या बाहर? ????????
वो बोली- मेरे अन्दर ही निकाल दो कुछ नही होगा मैंने ऑपरेशन करवा रखा है ।
मे उसकी चूत के अन्दर पुरा वीर्य गीरा दिया ।
और फिर हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।
रामा बोली- सच्ची.. ऐसी चुदाई तो आज तक मेरे पति ने भी कभी नहीं की मेरे साथ।
उसने मुझे बताया कि आज पहली बार वो इतनी देर तक चुदी है और पहली बार ही उसकी चूत ने इतना पानी छोड़ा है।
उस दिन मैंने उसे 3 बार और चोदा।