19-01-2021, 11:42 PM
हॉट मामी के जिस्म की वासना-
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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विक्रांत है. मेरी उम्र 23 साल है और मैं एक इंजीनियर हूँ.
मेरे पिताजी का नाम अनूप है उनकी उम्र 52 साल है, मां उषा हैं उनकी उम्र 46 साल है.
मैं पुणे से हूँ, पर जॉब की वजह से मां पापा के साथ नहीं रहता. वे औरंगाबाद में रहते हैं. यहां मैं अपने मामा मामी के साथ रहता हूं.
यह औरत की वासना की कहानी मेरी मामी की है.
मेरे मामा का नाम किशोर है. उनकी उम्र 48 साल है. मामी का नाम स्याली है. उनकी उम्र 39 साल की है. मेरे मामा टीचर हैं और मामी हाउसवाइफ हैं.
उन दोनों का एक बेटा है, उसका नाम विनय है. वो 19 साल का है. विनय सब विनी के नाम से बुलाते हैं.
वो संडे का दिन था. मैं विनी और मामी घर पर थे.
तभी विनी के फोन पर एक कॉल आया कि मामा का एक्सीडेंट हो गया है और उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया है.
यह खबर सुनकर हम सब घबरा गए और तुरंत ही सब लोग हॉस्पिटल आ गए.
अस्पताल में मालूम हुआ कि मामा को काफी ज्यादा चोट आई थी.
डॉक्टर ने हमें अपने केबिन में बुलाया और बताया कि मामा जी को चोटें काफी गहरी आई हैं.
हो सकता है कि हमें उनका एक पैर कटवाना पड़े.
यह सुनकर मामी की हालत ही खराब हो गई. मैं उन्हें लेकर बाहर गया. वे मेरे गले से लटक कर रो रही थीं.
विनी बाहर आया, तो उसने बताया कि शाम छह बजे मामा जी का ऑपरेशन होना है.
छह बजे ऑपरेशन शुरू हुआ, जो रात को दस बजे तक चला.
हम सभी बार बार जानकारी लेने की कोशिश कर रहे थे कि ऑपरेशन में क्या हुआ. एक वार्डब्वॉय ने हमें बताया कि हम सब सुबह नौ बजे मामाजी से मिल सकेंगे.
विनी ने कहा- मम्मी, आप विकी भैया के साथ घर चली जाओ.
पहले तो मामी ने जाने से मना किया, फिर वो मेरे कहने पर मान गईं.
उस समय रात के बारह बज रहे थे. बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी. रास्ता सुनसान था. हम दोनों घर की तरफ बढ़े चले जा रहे थे.
उस समय मुझे जोरों से पेशाब लगी थी, जिस कारण से मेरा लंड एकदम सख्त हो गया था.
तभी अचानक रास्ते में एक कुत्ता बीच में आ गया जिससे बचने के लिए मैंने ब्रेक लगा दिए. उस झटके से मेरी मामी का हाथ जो मेरी जांघों पर था, वो मेरे लंड पर आ गया.
चूंकि यह एक अचानक हुई घटना थी तो उनका हाथ आगे आ जाना एक स्वाभाविक घटना था.
मगर मुझे ताज्जुब जब हुआ, जब मामी जी ने मेरे लंड पर से अपना हाथ नहीं हटाया. बल्कि उन्होंने अपने मम्मों को मेरी पीठ पर जोरों से दबा दिया.
मैं कुछ भी रिएक्ट करने की पोजीशन में नहीं था. बस चुपचाप बाइक चलाता रहा.
कोई 5 मिनट बाद हम दोनों घर आ गए.
घर आते ही मैं बाथरूम में घुस गया. मैंने पेशाब की और लंड हाथ में पकड़ कर मामी के बारे में सोचने लगा.
अब तक मैंने मामी के बारे में कभी कोई गलत विचार नहीं सोचे थे.
मगर आज जो कुछ भी हुआ, वो मामी ने क्यों किया होगा … वो भी मामा जी की इस हालत में होने के बावजूद ऐसा हुआ.
ये बात मुझे अन्दर तक आन्दोलित किए जा रही थी.
खैर … मैंने लंड को हिलाया और बाकी बचा मूत्र छिटका कर लंड को अन्दर किया और बाहर आ गया.
मैंने बाहर आकर अपने कपड़े चेंज किए.
अभी मैं कपड़े बदल ही रहा था कि इतने में मामी जी आ गईं.
उन्होंने मुझसे कहा- आज तुम मेरे रूम में ही सो जाओ.
इतना कह कर वे अपने रूम में चली गईं.
मैं कुछ सोचता हुआ दस मिनट बाद उनके कमरे में आ गया. तब मामी ने एक ब्लैक कलर की मिनी नाइटी पहनी हुई थी, जो उनके घुटनों से थोड़ी ही नीचे तक आ रही थी.
मेरे अन्दर आते ही मामी ने कमरे के दरवाजे बंद कर दिए और लाइट ऑफ करके बेड पर आ गईं.
हम दोनों लेट गए.
कोई पांच मिनट बाद मामी ने मेरी टी-शर्ट में हाथ डाला और मेरे कान चाटने लगीं.
मैंने उनका हाथ पकड़ कर कहा- ये क्या अनर्थ कर रही हो आप … आज ही मामा का एक्सीडेंट हुआ है और आप मेरे साथ ये सब कर रही हैं. आपको शर्म आनी चाहिए.
मामी- शर्म … कैसी शर्म विकी! तुम्हें क्या लगता है … तुम्हारे मामा हफ्ते भर में टूर पर जाते हैं! वे कहां जाते हैं, तुम्हें पता भी है. उनके ऑफिस में एक विधवा औरत है कमला … वे उसी के पास जाते हैं. विकी हमारी शादी सिर्फ एक समझौते पर टिकी है. हम सिर्फ विनी की वजह से इस रिश्ते में हैं. उन्होंने मुझे आखिरी बार हाथ लगाया था, उस बात को हुए अब 8 साल हो चुके हैं. विकी आज इतने दिन बाद तुम्हारे लंड ने मेरी प्यास को जगा दिया है.
मामी ने कुछ देर तक मुझे समझाने की कोशिश की कि मैं उनके साथ सेक्स करूं.
मैं आंख बंद करके लेट गया और मैंने मामी जी से कुछ बात करना ठीक नहीं समझा.
मामी की इस गर्म हरकत को लेकर मैं मनन करने लगा था. शायद इसकी वजह कुछ ये थी कि वो मामा जी से काफी अरसे से चुदी नहीं थीं.
हालांकि ये वक्त कुछ ऐसा था, जिसमें सेक्स के लिए मन बना पाना इतनी जल्दी सम्भव नहीं था.
मगर रास्ते में खड़े लंड पर हाथ लग जाने से मामी की दबी हुई आग भड़क उठी थी और उन्होंने उस समय मेरे लंड से इसी वजह से हाथ नहीं हटाया था.
बल्कि उनके इस गर्म मूड ने मेरी पीठ से अपनी चूचियों को रगड़ने के लिए भी उन्हें कामुक कर दिया था.
इस सबको मैं उस वक्त नहीं समझ पाया था.
मगर कमरे में मामी जी ने जो कहा, उसे सुनकर मेरे दिमाग से धुंध छटने लगी थी.
मुझे समझ आ गया था कि स्याली मामी की चुत को मेरे मजबूत लंड की आवश्यकता है.
मामी ने तो अपना मन बना लिया था, मगर मैंने अभी तक अपने मन को नहीं समझा पाया था.
मेरे दिमाग में अभी भी मामा जी की दुर्घटना का सीन घूम रहा था.
फिर मैंने आज तक कभी स्याली मामी को लेकर कभी कोई गलत विचार भी नहीं बनाये थे.
इस सबको लेकर मैंने मामी को झिड़क तो दिया था. मगर मेरा जवान मन अब कुछ सोचने पर मजबूर हो गया था.
मैंने एक बार फिर से आंखें खोल कर मामी की तरफ देखा. वो अब भी मेरी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही थीं.
मैंने मामी से कहा- मामी जी आप मेरी स्थिति को समझने की कोशिश कीजिए. मैं आपका भांजा हूँ.
मामी जी ने कामुकता से कहा- तो क्या तुम नामर्द हो?
मैं उनकी इस बात से बौखला गया कि ये तो मेरी मर्दानगी पर चोट होने वाली बात कर रही हैं.
मैंने भी दबी जुबान से कहा- वो सब मुझे बताने की जरूरत नहीं है.
मेरे चेहरे पर मामी ने अपनी एक उंगली फेरी और कहा- हां … वो मैंने रास्ते में जाना तो था … मगर अब उस जानकारी को चैक करके देखना है कि तुम्हारे अन्दर कितनी ताकत है!
मामी जी लगातार मुझे भड़का रही थीं. औरत की वासना क्या क्या करवा लेती है उससे!
मैंने उनसे साफ़ शब्दों में कहना उचित समझा और कह भी दिया- मामी जी क्या आपको मालूम नहीं है कि मामा जी की तबियत खराब है और वो अस्पताल में भर्ती हैं.
मामी जी विषाद भरे स्वर में बोलीं- तो इससे तुम्हारी मर्दानगी पर कोई असर पड़ गया क्या?
मैंने कहा- आप बार बार मुझसे ये बात क्यों कर रही हैं. अभी मुझे सोने दीजिएगा. हम बाद में इस विषय पर बात करेंगे.
मामी के चेहरे पर एक विजयी सी मुकान आई. वो बोलीं- मतलब अभी मेरी आशाएं ज़िंदा रहेंगी!
मैंने कहा- मुझे नहीं मालूम!
मामी जी एकदम बदले से स्वर में बोलीं- सिगरेट पियोगे?
सिगरेट तो पीता था मैं … तो मैं खुद एकदम से चूतिया सा महसूस करने लगा कि मामी जी सिगरेट की क्यों पूछ रही हैं … क्या इन्हें मेरे सिगरेट पीने के बारे में मालूम है.
मैं कुछ नहीं बोला.
तो मामी जी उठीं और अलमारी से अपने बैग से एक गोलफ्लैक सिगरेट की डिब्बी निकाल कर अपने होंठों में फंसाते हुए मेरी तरफ घूमी.
उन्होंने मेरी तरफ लाइटर उछाला और बिस्तर पर बैठते हुए मुझसे इशारे से सिगरेट जलाने की कहने लगीं.
मैंने बेमन से लाइटर ऑन किया और उसी समय मामी ने आगे बढ़ कर सिगरेट सुलगा ली.
उन्होंने बड़े ही मादक अंदाज में कश खींचा और धुंआ मेरी तरफ उड़ा दिया.
एक दो कश और लेकर मामी ने मेरी तरफ सिगरेट बढ़ा दी.
मेरी तलब भी जाग गई थी, तो मैंने उनके हाथ से सिगरेट ले ली और पीने लगा.
मेरी जांघों पर अपनी कमर टिका कर मामी बैठ गईं और बात करने लगीं.
मामी ने काफी कुछ बातें कीं और सभी में एक ही मतलब था कि क्या मैं उन्हें चोदने के लिए राजी हूँ.
मगर मैंने आज उनकी आग को भड़कने दिया और खुद को भी मानसिक रूप से तैयार करने लगा.
कुछ देर बाद करीब दो बजे मामी जी ने कहा- तुम सोच लेना … मुझे तुम पसंद हो और मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ.
ये कह कर मामी लेट गईं और वो मेरी ओर पीठ करके सो गईं. उनकी इस बात से मेरी तो नींद ही उड़ गई. मगर मैं भी सो गया.
सुबह उठ कर मैं जल्दी से बाथरूम में घुसने को हुआ.
उसी समय मेरी नजर मामी पर गई.
मामी जी गहरी नींद में सो रही थीं और उनकी नाइटी उनकी जांघों से काफी ऊपर चढ़ी हुई थी. जिससे उनकी पैंटी साफ़ दिख रही थी.
मैं उनके इस कमनीय स्वरूप को देख कर एक बार तो कामोत्तेजित हुआ, मगर अगले ही पल मैं बाथरूम में घुस गया.
मैं जल्दी से फ्रेश हुआ और तैयार हो गया.
बाहर आकर मैंने मामी को जगाया.
फिर मैंने चाय बना दी.
अब तक मामी अपनी उसी ड्रेस में अंगड़ाई लेते हुए बाहर आ गईं.
हम दोनों ने गुडमॉर्निंग विश की और चाय पीने लगे. मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई.
चाय आदि से फुर्सत होकर मामी भी रेडी हो गईं और हम दोनों हॉस्पिटल आ गए. इस दौरान हमारे बीच में कोई बातचीत नहीं हुई.
मामा को होश आ गया था.
हम मामा से मिले.
डॉक्टर ने कहा- इन्हें लगभग एक महीने तक यहां रहना पड़ेगा.
कुछ देर बाद मामा के ऑफिस से कुछ लोग आए, उसमें तीन आदमी और दो औरतें थीं.
मामी ने मेरी ओर देख कर मुझे इशारा किया.
मैं तुरंत समझ गया.
मैंने गौर से देखा कि उन दोनों महिलाओं में से एक लड़की थी, जो कि लगभग 22 साल की थी. दूसरी 35 साल की थी.
मैं समझ गया कि यही वो विधवा औरत कमला है … जो मामा की महबूबा है. वो भी बड़ी मस्त पटाखा माल थी.
मगर मुझे ऐसी कोई ख़ास बात नजर नहीं आई जोकि स्याली मामी की तुलना में उसके पास अलग से हो.
हो सकता है कि मामा जी लंड का टेस्ट बदलने के लिए कमला को पसंद करने लगे हों.
मैंने फिर से अपनी निगाह कमला की तरफ की, तो पाया कि कमला को देख मामा जी को भी काफी खुशी हो रही थी.
कुछ देर बाद सब चले गए. कुछ और परिचित के लोग आए. इसी तरह से दिन गुजर गया.
सुबह हमारे आ जाने के बाद विनी घर चला गया था. वो रात भर का जागा हुआ था.
दोपहर में मामी ने उससे बात की और कहा कि रात को ही आना. अभी घर पर तुम अपनी पढ़ाई करना.
विनी ने हामी भर दी.
रात को हम दोनों वापस घर आ गए. मामी ने टिफिन बना दिया.
मैंने वो विनी को दे दिया और उसे अस्पताल छोड़ आया.
उसे अस्पताल छोड़ने के बाद मैं घर की तरफ चल पड़ा.
रास्ते में मैं एक मेडिकल स्टोर पर रुका, वहां से मैंने 2 कंडोम के पैकेट और शिलाजीत की टेबलेट ले लीं और घर आ गया.
मेरा मूड अब कुछ कुछ बनने लगा था.
घर आकर मैंने शॉवर लिया.
तब तक मामी ने खाने के लिए आवाज दे दी, तो मैंने मामी के साथ खाना खा लिया.
बाद मैं मैंने अपने और मामी के दूध के गिलास में शिलाजीत की टेबलेट को मिला दिया, ये मामी ने नहीं देखा था.
मैं आज रात भर मामी को चोदना चाहता था. मेरे दिमाग में उनका सुबह का वो मादक जिस्म अब तक घूम रहा था.
मामी तो कल ही मुझसे चुदना चाहती थीं मगर मैं अपना मन नहीं बना पाया था.
उनकी सच्चाई मेरे सामने आ चुकी थी. अपने कमीने मामा के असली चेहरे से अब मैं वाकिफ हो चुका था.
मैं अस्पताल से घर आते वक्त मेडिकल से दो कंडोम के पैकेट और शिलाजीत की कुछ टेबलेट लेकर आ गया था.
घर आकर हम दोनों ने साथ में खाना खाया, मैंने टेबलेट दूध में मिलाकर मामी को दे दिया. वे पूरा दूध पी गईं.
इसके बाद मैं उनके कमरे में ही आ गया और बेड पर बैठ गया.
मामी कमरे में आयी और एसी ऑन करके कम्बल ओढ़ कर लेट गईं.
मैंने उसी कम्बल को अपने ऊपर ले लिया और मामी को अपनी तरफ करके उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मामी जी ने मुझे अपनी बांहों में एक बार तो कस लिया … अगले ही पल उन्होंने मुझे छोड़ दिया.
कोई 5 मिनट तक मैंने मामी को किस किया, पर आज मामी ने मेरा साथ नहीं दिया.
मैंने उनसे कल के लिए माफी मांगी.
पता नहीं कैसे, पर उस टाइम मेरी आंखों में पानी आ गया.
मामी ने मुझे देखा और उसी समय झट से अपने सीने से लगा कर रोने लगीं.
अब मैं आपको अपनी स्याली मामी के बारे में बता देता हूँ. मामी का नाम और उनकी उम्र तो आपको मालूम ही है.
मामी की 39 साल की उम्र के बावजूद भी उनका कसा हुआ बदन काफी सेक्सी था. मामी जी ने अपने आपको बड़े अच्छे से मेंटेन कर रखा था.
जब भी वो अपने बाल खुले रखती थीं, तो सच में कयामत ढाती थीं.
उनकी 36 इंच की तनी हुई चूचियां किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने में सक्षम थीं.
नीचे 32 इंच की कमर और 36 इंच की गांड हर किसी को उनकी ओर देखने पर मजबूर कर देती थी.
एक बात यह भी सच थी कि मामा के बाद मैं ही ऐसा बंदा था, जिसे मामी ने अपने इतने करीब आने दिया.
मामी की आंखों से बहते आंसू देख कर मुझे उन पर प्यार आने लगा और मैंने उनके आंसू पौंछे.
मैंने कहा- मत रो मामी, आज से मैं आपको हर वो सुख दूंगा … जो आपको सही मायने में अब तक मिला ही नहीं.
मामी ने मुझे अपने सीने में दबा लिया और मेरे सीने को चूमने लगी.
मैंने उनकी मदमस्त चूचियों की गर्मी को महसूस किया और उन्हें अपने सीने से चिपकाए हुए ही उनके बालों को खोल दिया.
उन्होंने मेरी तरफ देखा और पूछा- बाल क्यों खोले?
मैंने कहा- आप खुले बालों में और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो.
मामी हंस दीं और उन्होंने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया.
अब वो मेरे शरीर के हर एक अंग को चूम रही थी.
उनके चूमने का वो अहसास सच में अजीब था. मैं अपने आपको कहीं खोता जा रहा था.
मामी के बालों को एक तरफ करके मैंने उनके एक कान की लौ को चूम रहा था. वो मेरी इस हरकत से एकदम से गरमा गईं.
मामी- अब देर न कर विकी.
ये सुनकर मैंने उनकी नाइटी उतार दी. अन्दर उन्होंने ब्लू कलर की ब्रा पैंटी पहनी थी.
मामी की ब्रा को उतार कर मैंने उनके एक चुचे को चूसने लगा. उनकी एक चुची पर काला तिल था जो बड़ा मस्त लग रहा था.
मैं उनकी खूबसूरती का दीवाना बन गया था. मामी भी मेरे सर पर हाथ फेर कर मुझे अपना निप्पल चुसवा रही थीं.
मैं उनके दूध को चूसते हुए सोच रहा था कि इस एरिया के बच्चे बूढ़े जिस औरत से बात करने से तरसते थे, उसी औरत की जवानी की आग में आज मैं जल रहा हूँ.
पन्द्रह मिनट तक उनके दोनों चुचों को बारी बारी से चूस कर मैंने लाल कर दिए थे.
उन्होंने मेरी शॉर्ट उतारी, तो मैंने उनकी पैंटी निकाल दी. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
मामी ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और नीचे को होने लगीं. शायद वो मेरे लंड को चूमना चाहती थीं.
मैंने खुद को उठाते हुए 69 की पोजिशन में कर लिया. मैंने मामी के दोनों पैरों के बीच अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया.
अब सैलून में चलनी वाली कैंची की तरह मेरी जुबान मामी की चुत में चल रही थी.
मामी भी मेरे लंड को केला समझ कर चूस रही थीं.
हम दोनों को मानो जीते जी जन्नत नसीब हो गई थी.
कुछ मिनट के इस चुसाई के खेल में हम दोनों ने अपना अपना पानी एक दूसरे के मुँह में भर दिया था और अलग हो गए थे.
मामी मुँह में मेरे वीर्य को भरे हुए थीं. वो उठ कर बाथरूम की तरफ जाने लगीं, मैंने फ़ौरन उनका हाथ पकड़ कर उनके होंठों से अपने होंठों को चिपका दिया.
मैं अपने वीर्य को ही उनके मुँह में पी जाने के लिए कोशिश करने लगा.
मामी जी को मजबूरन मेरे लंड रस को पीना पडा. जब तक आखिरी बूंद गटक नहीं ली गई, तब तक मैं अलग नहीं हुआ.
उन्होंने मुझे धकेल कर बेड पर गिरा दिया- ऐसा कोई करता है भला?
मैं हंस दिया- मामी आपको अच्छा नहीं लगा क्या!
मामी- हम्म … अच्छा तो था.
मैं- सिर्फ अच्छा!
मामी ने उठ कर सिगरेट निकाली और जलाते हुए कश खींचा और बोलीं- सच कहूँ विकी, किशोर के साथ इतने साल तक न जाने मैं क्या कर रही थी. तुम हमेशा मेरा साथ देना … वरना मैं मर जाऊंगी.
मैं- मैं हर वक्त आपकी खुशी का ख्याल रखूँगा.
मामी ने सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी.
मैंने कश लेना शुरू कर दिए.
हम दोनों प्यार की बातें करने लगे थे.
मामी का हाथ फिर से मेरे लंड को सहलाने लगा था. शिलाजीत का असर काम कर रहा था तो जल्दी ही लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दी.
कुछ देर बाद मेरे लंड ने फिर से खड़ा होना शुरू कर दिया था.
लंड को खड़े होते देख कर मामी ने मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चुत पर लंड टिका लिया- विकी अब रुका नहीं जा रहा … प्लीज डाल दे अन्दर.
मैंने मामी के बाल पकड़ कर एक जोरदार किस किया और एक तेज धक्का लगाकर लंड चुत के अन्दर पेल दिया.
इस पोजीशन में लंड आधा ही अन्दर गया था कि मामी दर्द के मारे तिलमिला उठीं.
एक मिनट रुक कर मैंने गांड उठाते हुए लंड चुत के और अन्दर पेल दिया. इस बार पूरा लौड़ा अन्दर घुस गया था.
मामी की आंख में आंसू आ गए थे.
मैं रुक गया.
मामी ने कहा- आह रुक मत विकी … आज मैं बहुत खुश हूं. तुम रुकना मत और जोर से चोदो … और जोर से आह.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
मामी के मस्त दूध हवा में उछल रहे थे. मैंने उन्हें इशारा किया तो वो मेरे सीने पर झुक गईं.
मैंने उनके निप्पल को अपने मुँह में लेने की कोशिश की. तो मामी ने अपने हाथ से मुझे निप्पल चुसवाना शुरू कर दिया.
इस समय मामी मेरे लंड पर थम गई थीं और मैं नीचे से उनकी चुत में लंड चला रहा था.
मामी बोलीं- आह मेरा बेबी भूखा है … ऊ ले ऊ ले … पी ले बुब्बू पी ले … आ ह!
मैंने उनके निप्पल को दांत से दबा कर काटा तो मामी सिसिया उठीं.
मामी- लगती है बेबी … काटो मत चूसो न बस.
दोस्तो, ये आप भी फील करो कि मेरे हर धक्के के साथ मेरी मामी ‘आह आह ओह आह ..’ कर रही थीं. मैं उनके एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को मसल रहा था.
मामी की चुदास लगातार बढ़ती ही जा रही थी. उनकी चुत से रिश्ता पानी लंड को मस्ती से सटासट आगे पीछे करे जा रहा था.
दोस्तो, ये चुदाई का एक अलग ही मजा है … आप भी कभी ट्राय करके देखना.
मामी का मुँह, बाल, शरीर का हर एक अंग पसीने से भीग गया था. और मैं उनके दूध चूस रहा था.
कोई दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद मामी ने शायद अपना रस छोड़ दिया था.
उन्होंने नीचे आने की मंशा जताई, तो मैंने उन्हें अपने नीचे ले लिया.
कुछ देर तक मस्त चुदाई होती रही. मामी फिर से साथ देने लगी थीं.
करीब दस मिनट और चोदने के बाद मैंने मामी से कहा- मेरा होने वाला है! अन्दर निकालु या बाहर? ????????
मामी ने कहा- अन्दर ही गिरा दे …कोई बात नहीं. अभी मेरा सेफ पिरीयड चल रहा हे ,, विकी एक भी बूंद बाहर मत आने देना.
मैं- जी मामी.
कोई 5 मिनट बाद मैं और मामी एक साथ झड़ गए.।
चुत के अन्दर झड़ने के बाद कुछ मिनट तक किस करके मैं मामी के साथ लेटा रहा.
उसके बाद हम दोनों अलग हुए, तो मैंने कहा- मामी, बड़ी प्यास लग रही है.
मामी ने मुझसे पूछा- अब किस चीज की प्यास है बेबी!
मैंने मजाक में कहा- एकाध पैग मिल जाता.
मामी ने कहा- मिल जाएगा.
मैं हैरान था.
मामी नंगी ही उठ कर अलमारी के पास गईं और व्हिस्की की बोतल निकाल कर ले आईं.
वे बोलीं- मैं गिलास लाती हूँ.
वो एक मिनट में ही गिलास और कुछ सूखे मेवे ले आईं.
हम दोनों ने एक ही गिलास से व्हिस्की का मजा लिया.
हमारे जिस्म अब फिर से जलने लगे थे. जल्दी ही हम दोनों फिर से चुदाई में लग गए.
उस रात हमने 3 बार सेक्स किया.
सुबह मैं उठा, तो मामी ने खाना बना लिया था. उन्होंने इस समय सिर्फ ब्रा पहनी थी. मैंने पीछे से उन्हें हग किया और उनकी गर्दन पर किस किया.
मामी ने बोला- उन्ह बेबी … अभी नहीं, जाने में देरी हो जाएगी.
उनकी बात को समझ कर मैंने कहा- अच्छा चलो साथ में शॉवर लेते हैं.
मामी हंस दीं.
बाथरूम में अन्दर जाते ही लंड एकदम फुल साइज में आ गया था.
मैंने कहा- जान अब और बर्दाश्त नहीं होता … सिर्फ एक बार ले लेने दो.
मामी मुझे चूमते हुए बोलीं- ओके बेबी, पर सिर्फ एक बार.
मैंने फ़ौरन उनकी एक टांग अपने कंधे पर रख कर शॉवर शुरू कर दिया. ऊपर से गिरती बूंदों के बीच मेरे लंड ने मामी की चुत की दमदार चुदाई की.
दस मिनट तक चुदाई चलती रही. मामी ने मेरी पीठ पर अपने नाखूनों से बड़े वार किए, पर फिर भी मुझे अच्छा लगा.
हम दोनों चुदाई के बाद अलग हुए और शॉवर बंद किया तो बाहर फोन की घंटी बज रही थी.
मैं बाहर आ गया- विनी का कॉल आ रहा है मामी, हां विनी बोल ना!
ये कहते हुए मैं फिर से मामी के पास आ गया और वो मेरे लंड को चूसने लगीं.
विनी- कितनी देर है भाई!
मैं- बस अभी निकल ही रहे हैं. मामी खाना पैक कर रही हैं.
मगर सच कहूं तो वो अपने मुँह से मेरे लंड को साफ कर रही थीं.
विनी- अच्छा ठीक है.
इधर मैंने लंड साफ़ करवा के मामी के मुँह से निकाल लिया.
मैं- स्यू अब छोड़ भी दे यार!
मामी- क्यों हटा लिया तुमने … और स्यू?
मैं- क्यों स्यू कहना अच्छा नहीं लगा!
मामी- नहीं बहुत अच्छा लगा, अबसे तुम मुझे स्यू ही कहना बेबी.
मैंने स्माइल की और हम दोनों बाहर आ गए.
फिर तैयार हम दोनों होकर हॉस्पिटल आ गए.।
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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विक्रांत है. मेरी उम्र 23 साल है और मैं एक इंजीनियर हूँ.
मेरे पिताजी का नाम अनूप है उनकी उम्र 52 साल है, मां उषा हैं उनकी उम्र 46 साल है.
मैं पुणे से हूँ, पर जॉब की वजह से मां पापा के साथ नहीं रहता. वे औरंगाबाद में रहते हैं. यहां मैं अपने मामा मामी के साथ रहता हूं.
यह औरत की वासना की कहानी मेरी मामी की है.
मेरे मामा का नाम किशोर है. उनकी उम्र 48 साल है. मामी का नाम स्याली है. उनकी उम्र 39 साल की है. मेरे मामा टीचर हैं और मामी हाउसवाइफ हैं.
उन दोनों का एक बेटा है, उसका नाम विनय है. वो 19 साल का है. विनय सब विनी के नाम से बुलाते हैं.
वो संडे का दिन था. मैं विनी और मामी घर पर थे.
तभी विनी के फोन पर एक कॉल आया कि मामा का एक्सीडेंट हो गया है और उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया है.
यह खबर सुनकर हम सब घबरा गए और तुरंत ही सब लोग हॉस्पिटल आ गए.
अस्पताल में मालूम हुआ कि मामा को काफी ज्यादा चोट आई थी.
डॉक्टर ने हमें अपने केबिन में बुलाया और बताया कि मामा जी को चोटें काफी गहरी आई हैं.
हो सकता है कि हमें उनका एक पैर कटवाना पड़े.
यह सुनकर मामी की हालत ही खराब हो गई. मैं उन्हें लेकर बाहर गया. वे मेरे गले से लटक कर रो रही थीं.
विनी बाहर आया, तो उसने बताया कि शाम छह बजे मामा जी का ऑपरेशन होना है.
छह बजे ऑपरेशन शुरू हुआ, जो रात को दस बजे तक चला.
हम सभी बार बार जानकारी लेने की कोशिश कर रहे थे कि ऑपरेशन में क्या हुआ. एक वार्डब्वॉय ने हमें बताया कि हम सब सुबह नौ बजे मामाजी से मिल सकेंगे.
विनी ने कहा- मम्मी, आप विकी भैया के साथ घर चली जाओ.
पहले तो मामी ने जाने से मना किया, फिर वो मेरे कहने पर मान गईं.
उस समय रात के बारह बज रहे थे. बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी. रास्ता सुनसान था. हम दोनों घर की तरफ बढ़े चले जा रहे थे.
उस समय मुझे जोरों से पेशाब लगी थी, जिस कारण से मेरा लंड एकदम सख्त हो गया था.
तभी अचानक रास्ते में एक कुत्ता बीच में आ गया जिससे बचने के लिए मैंने ब्रेक लगा दिए. उस झटके से मेरी मामी का हाथ जो मेरी जांघों पर था, वो मेरे लंड पर आ गया.
चूंकि यह एक अचानक हुई घटना थी तो उनका हाथ आगे आ जाना एक स्वाभाविक घटना था.
मगर मुझे ताज्जुब जब हुआ, जब मामी जी ने मेरे लंड पर से अपना हाथ नहीं हटाया. बल्कि उन्होंने अपने मम्मों को मेरी पीठ पर जोरों से दबा दिया.
मैं कुछ भी रिएक्ट करने की पोजीशन में नहीं था. बस चुपचाप बाइक चलाता रहा.
कोई 5 मिनट बाद हम दोनों घर आ गए.
घर आते ही मैं बाथरूम में घुस गया. मैंने पेशाब की और लंड हाथ में पकड़ कर मामी के बारे में सोचने लगा.
अब तक मैंने मामी के बारे में कभी कोई गलत विचार नहीं सोचे थे.
मगर आज जो कुछ भी हुआ, वो मामी ने क्यों किया होगा … वो भी मामा जी की इस हालत में होने के बावजूद ऐसा हुआ.
ये बात मुझे अन्दर तक आन्दोलित किए जा रही थी.
खैर … मैंने लंड को हिलाया और बाकी बचा मूत्र छिटका कर लंड को अन्दर किया और बाहर आ गया.
मैंने बाहर आकर अपने कपड़े चेंज किए.
अभी मैं कपड़े बदल ही रहा था कि इतने में मामी जी आ गईं.
उन्होंने मुझसे कहा- आज तुम मेरे रूम में ही सो जाओ.
इतना कह कर वे अपने रूम में चली गईं.
मैं कुछ सोचता हुआ दस मिनट बाद उनके कमरे में आ गया. तब मामी ने एक ब्लैक कलर की मिनी नाइटी पहनी हुई थी, जो उनके घुटनों से थोड़ी ही नीचे तक आ रही थी.
मेरे अन्दर आते ही मामी ने कमरे के दरवाजे बंद कर दिए और लाइट ऑफ करके बेड पर आ गईं.
हम दोनों लेट गए.
कोई पांच मिनट बाद मामी ने मेरी टी-शर्ट में हाथ डाला और मेरे कान चाटने लगीं.
मैंने उनका हाथ पकड़ कर कहा- ये क्या अनर्थ कर रही हो आप … आज ही मामा का एक्सीडेंट हुआ है और आप मेरे साथ ये सब कर रही हैं. आपको शर्म आनी चाहिए.
मामी- शर्म … कैसी शर्म विकी! तुम्हें क्या लगता है … तुम्हारे मामा हफ्ते भर में टूर पर जाते हैं! वे कहां जाते हैं, तुम्हें पता भी है. उनके ऑफिस में एक विधवा औरत है कमला … वे उसी के पास जाते हैं. विकी हमारी शादी सिर्फ एक समझौते पर टिकी है. हम सिर्फ विनी की वजह से इस रिश्ते में हैं. उन्होंने मुझे आखिरी बार हाथ लगाया था, उस बात को हुए अब 8 साल हो चुके हैं. विकी आज इतने दिन बाद तुम्हारे लंड ने मेरी प्यास को जगा दिया है.
मामी ने कुछ देर तक मुझे समझाने की कोशिश की कि मैं उनके साथ सेक्स करूं.
मैं आंख बंद करके लेट गया और मैंने मामी जी से कुछ बात करना ठीक नहीं समझा.
मामी की इस गर्म हरकत को लेकर मैं मनन करने लगा था. शायद इसकी वजह कुछ ये थी कि वो मामा जी से काफी अरसे से चुदी नहीं थीं.
हालांकि ये वक्त कुछ ऐसा था, जिसमें सेक्स के लिए मन बना पाना इतनी जल्दी सम्भव नहीं था.
मगर रास्ते में खड़े लंड पर हाथ लग जाने से मामी की दबी हुई आग भड़क उठी थी और उन्होंने उस समय मेरे लंड से इसी वजह से हाथ नहीं हटाया था.
बल्कि उनके इस गर्म मूड ने मेरी पीठ से अपनी चूचियों को रगड़ने के लिए भी उन्हें कामुक कर दिया था.
इस सबको मैं उस वक्त नहीं समझ पाया था.
मगर कमरे में मामी जी ने जो कहा, उसे सुनकर मेरे दिमाग से धुंध छटने लगी थी.
मुझे समझ आ गया था कि स्याली मामी की चुत को मेरे मजबूत लंड की आवश्यकता है.
मामी ने तो अपना मन बना लिया था, मगर मैंने अभी तक अपने मन को नहीं समझा पाया था.
मेरे दिमाग में अभी भी मामा जी की दुर्घटना का सीन घूम रहा था.
फिर मैंने आज तक कभी स्याली मामी को लेकर कभी कोई गलत विचार भी नहीं बनाये थे.
इस सबको लेकर मैंने मामी को झिड़क तो दिया था. मगर मेरा जवान मन अब कुछ सोचने पर मजबूर हो गया था.
मैंने एक बार फिर से आंखें खोल कर मामी की तरफ देखा. वो अब भी मेरी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही थीं.
मैंने मामी से कहा- मामी जी आप मेरी स्थिति को समझने की कोशिश कीजिए. मैं आपका भांजा हूँ.
मामी जी ने कामुकता से कहा- तो क्या तुम नामर्द हो?
मैं उनकी इस बात से बौखला गया कि ये तो मेरी मर्दानगी पर चोट होने वाली बात कर रही हैं.
मैंने भी दबी जुबान से कहा- वो सब मुझे बताने की जरूरत नहीं है.
मेरे चेहरे पर मामी ने अपनी एक उंगली फेरी और कहा- हां … वो मैंने रास्ते में जाना तो था … मगर अब उस जानकारी को चैक करके देखना है कि तुम्हारे अन्दर कितनी ताकत है!
मामी जी लगातार मुझे भड़का रही थीं. औरत की वासना क्या क्या करवा लेती है उससे!
मैंने उनसे साफ़ शब्दों में कहना उचित समझा और कह भी दिया- मामी जी क्या आपको मालूम नहीं है कि मामा जी की तबियत खराब है और वो अस्पताल में भर्ती हैं.
मामी जी विषाद भरे स्वर में बोलीं- तो इससे तुम्हारी मर्दानगी पर कोई असर पड़ गया क्या?
मैंने कहा- आप बार बार मुझसे ये बात क्यों कर रही हैं. अभी मुझे सोने दीजिएगा. हम बाद में इस विषय पर बात करेंगे.
मामी के चेहरे पर एक विजयी सी मुकान आई. वो बोलीं- मतलब अभी मेरी आशाएं ज़िंदा रहेंगी!
मैंने कहा- मुझे नहीं मालूम!
मामी जी एकदम बदले से स्वर में बोलीं- सिगरेट पियोगे?
सिगरेट तो पीता था मैं … तो मैं खुद एकदम से चूतिया सा महसूस करने लगा कि मामी जी सिगरेट की क्यों पूछ रही हैं … क्या इन्हें मेरे सिगरेट पीने के बारे में मालूम है.
मैं कुछ नहीं बोला.
तो मामी जी उठीं और अलमारी से अपने बैग से एक गोलफ्लैक सिगरेट की डिब्बी निकाल कर अपने होंठों में फंसाते हुए मेरी तरफ घूमी.
उन्होंने मेरी तरफ लाइटर उछाला और बिस्तर पर बैठते हुए मुझसे इशारे से सिगरेट जलाने की कहने लगीं.
मैंने बेमन से लाइटर ऑन किया और उसी समय मामी ने आगे बढ़ कर सिगरेट सुलगा ली.
उन्होंने बड़े ही मादक अंदाज में कश खींचा और धुंआ मेरी तरफ उड़ा दिया.
एक दो कश और लेकर मामी ने मेरी तरफ सिगरेट बढ़ा दी.
मेरी तलब भी जाग गई थी, तो मैंने उनके हाथ से सिगरेट ले ली और पीने लगा.
मेरी जांघों पर अपनी कमर टिका कर मामी बैठ गईं और बात करने लगीं.
मामी ने काफी कुछ बातें कीं और सभी में एक ही मतलब था कि क्या मैं उन्हें चोदने के लिए राजी हूँ.
मगर मैंने आज उनकी आग को भड़कने दिया और खुद को भी मानसिक रूप से तैयार करने लगा.
कुछ देर बाद करीब दो बजे मामी जी ने कहा- तुम सोच लेना … मुझे तुम पसंद हो और मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ.
ये कह कर मामी लेट गईं और वो मेरी ओर पीठ करके सो गईं. उनकी इस बात से मेरी तो नींद ही उड़ गई. मगर मैं भी सो गया.
सुबह उठ कर मैं जल्दी से बाथरूम में घुसने को हुआ.
उसी समय मेरी नजर मामी पर गई.
मामी जी गहरी नींद में सो रही थीं और उनकी नाइटी उनकी जांघों से काफी ऊपर चढ़ी हुई थी. जिससे उनकी पैंटी साफ़ दिख रही थी.
मैं उनके इस कमनीय स्वरूप को देख कर एक बार तो कामोत्तेजित हुआ, मगर अगले ही पल मैं बाथरूम में घुस गया.
मैं जल्दी से फ्रेश हुआ और तैयार हो गया.
बाहर आकर मैंने मामी को जगाया.
फिर मैंने चाय बना दी.
अब तक मामी अपनी उसी ड्रेस में अंगड़ाई लेते हुए बाहर आ गईं.
हम दोनों ने गुडमॉर्निंग विश की और चाय पीने लगे. मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई.
चाय आदि से फुर्सत होकर मामी भी रेडी हो गईं और हम दोनों हॉस्पिटल आ गए. इस दौरान हमारे बीच में कोई बातचीत नहीं हुई.
मामा को होश आ गया था.
हम मामा से मिले.
डॉक्टर ने कहा- इन्हें लगभग एक महीने तक यहां रहना पड़ेगा.
कुछ देर बाद मामा के ऑफिस से कुछ लोग आए, उसमें तीन आदमी और दो औरतें थीं.
मामी ने मेरी ओर देख कर मुझे इशारा किया.
मैं तुरंत समझ गया.
मैंने गौर से देखा कि उन दोनों महिलाओं में से एक लड़की थी, जो कि लगभग 22 साल की थी. दूसरी 35 साल की थी.
मैं समझ गया कि यही वो विधवा औरत कमला है … जो मामा की महबूबा है. वो भी बड़ी मस्त पटाखा माल थी.
मगर मुझे ऐसी कोई ख़ास बात नजर नहीं आई जोकि स्याली मामी की तुलना में उसके पास अलग से हो.
हो सकता है कि मामा जी लंड का टेस्ट बदलने के लिए कमला को पसंद करने लगे हों.
मैंने फिर से अपनी निगाह कमला की तरफ की, तो पाया कि कमला को देख मामा जी को भी काफी खुशी हो रही थी.
कुछ देर बाद सब चले गए. कुछ और परिचित के लोग आए. इसी तरह से दिन गुजर गया.
सुबह हमारे आ जाने के बाद विनी घर चला गया था. वो रात भर का जागा हुआ था.
दोपहर में मामी ने उससे बात की और कहा कि रात को ही आना. अभी घर पर तुम अपनी पढ़ाई करना.
विनी ने हामी भर दी.
रात को हम दोनों वापस घर आ गए. मामी ने टिफिन बना दिया.
मैंने वो विनी को दे दिया और उसे अस्पताल छोड़ आया.
उसे अस्पताल छोड़ने के बाद मैं घर की तरफ चल पड़ा.
रास्ते में मैं एक मेडिकल स्टोर पर रुका, वहां से मैंने 2 कंडोम के पैकेट और शिलाजीत की टेबलेट ले लीं और घर आ गया.
मेरा मूड अब कुछ कुछ बनने लगा था.
घर आकर मैंने शॉवर लिया.
तब तक मामी ने खाने के लिए आवाज दे दी, तो मैंने मामी के साथ खाना खा लिया.
बाद मैं मैंने अपने और मामी के दूध के गिलास में शिलाजीत की टेबलेट को मिला दिया, ये मामी ने नहीं देखा था.
मैं आज रात भर मामी को चोदना चाहता था. मेरे दिमाग में उनका सुबह का वो मादक जिस्म अब तक घूम रहा था.
मामी तो कल ही मुझसे चुदना चाहती थीं मगर मैं अपना मन नहीं बना पाया था.
उनकी सच्चाई मेरे सामने आ चुकी थी. अपने कमीने मामा के असली चेहरे से अब मैं वाकिफ हो चुका था.
मैं अस्पताल से घर आते वक्त मेडिकल से दो कंडोम के पैकेट और शिलाजीत की कुछ टेबलेट लेकर आ गया था.
घर आकर हम दोनों ने साथ में खाना खाया, मैंने टेबलेट दूध में मिलाकर मामी को दे दिया. वे पूरा दूध पी गईं.
इसके बाद मैं उनके कमरे में ही आ गया और बेड पर बैठ गया.
मामी कमरे में आयी और एसी ऑन करके कम्बल ओढ़ कर लेट गईं.
मैंने उसी कम्बल को अपने ऊपर ले लिया और मामी को अपनी तरफ करके उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मामी जी ने मुझे अपनी बांहों में एक बार तो कस लिया … अगले ही पल उन्होंने मुझे छोड़ दिया.
कोई 5 मिनट तक मैंने मामी को किस किया, पर आज मामी ने मेरा साथ नहीं दिया.
मैंने उनसे कल के लिए माफी मांगी.
पता नहीं कैसे, पर उस टाइम मेरी आंखों में पानी आ गया.
मामी ने मुझे देखा और उसी समय झट से अपने सीने से लगा कर रोने लगीं.
अब मैं आपको अपनी स्याली मामी के बारे में बता देता हूँ. मामी का नाम और उनकी उम्र तो आपको मालूम ही है.
मामी की 39 साल की उम्र के बावजूद भी उनका कसा हुआ बदन काफी सेक्सी था. मामी जी ने अपने आपको बड़े अच्छे से मेंटेन कर रखा था.
जब भी वो अपने बाल खुले रखती थीं, तो सच में कयामत ढाती थीं.
उनकी 36 इंच की तनी हुई चूचियां किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने में सक्षम थीं.
नीचे 32 इंच की कमर और 36 इंच की गांड हर किसी को उनकी ओर देखने पर मजबूर कर देती थी.
एक बात यह भी सच थी कि मामा के बाद मैं ही ऐसा बंदा था, जिसे मामी ने अपने इतने करीब आने दिया.
मामी की आंखों से बहते आंसू देख कर मुझे उन पर प्यार आने लगा और मैंने उनके आंसू पौंछे.
मैंने कहा- मत रो मामी, आज से मैं आपको हर वो सुख दूंगा … जो आपको सही मायने में अब तक मिला ही नहीं.
मामी ने मुझे अपने सीने में दबा लिया और मेरे सीने को चूमने लगी.
मैंने उनकी मदमस्त चूचियों की गर्मी को महसूस किया और उन्हें अपने सीने से चिपकाए हुए ही उनके बालों को खोल दिया.
उन्होंने मेरी तरफ देखा और पूछा- बाल क्यों खोले?
मैंने कहा- आप खुले बालों में और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो.
मामी हंस दीं और उन्होंने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया.
अब वो मेरे शरीर के हर एक अंग को चूम रही थी.
उनके चूमने का वो अहसास सच में अजीब था. मैं अपने आपको कहीं खोता जा रहा था.
मामी के बालों को एक तरफ करके मैंने उनके एक कान की लौ को चूम रहा था. वो मेरी इस हरकत से एकदम से गरमा गईं.
मामी- अब देर न कर विकी.
ये सुनकर मैंने उनकी नाइटी उतार दी. अन्दर उन्होंने ब्लू कलर की ब्रा पैंटी पहनी थी.
मामी की ब्रा को उतार कर मैंने उनके एक चुचे को चूसने लगा. उनकी एक चुची पर काला तिल था जो बड़ा मस्त लग रहा था.
मैं उनकी खूबसूरती का दीवाना बन गया था. मामी भी मेरे सर पर हाथ फेर कर मुझे अपना निप्पल चुसवा रही थीं.
मैं उनके दूध को चूसते हुए सोच रहा था कि इस एरिया के बच्चे बूढ़े जिस औरत से बात करने से तरसते थे, उसी औरत की जवानी की आग में आज मैं जल रहा हूँ.
पन्द्रह मिनट तक उनके दोनों चुचों को बारी बारी से चूस कर मैंने लाल कर दिए थे.
उन्होंने मेरी शॉर्ट उतारी, तो मैंने उनकी पैंटी निकाल दी. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
मामी ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और नीचे को होने लगीं. शायद वो मेरे लंड को चूमना चाहती थीं.
मैंने खुद को उठाते हुए 69 की पोजिशन में कर लिया. मैंने मामी के दोनों पैरों के बीच अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया.
अब सैलून में चलनी वाली कैंची की तरह मेरी जुबान मामी की चुत में चल रही थी.
मामी भी मेरे लंड को केला समझ कर चूस रही थीं.
हम दोनों को मानो जीते जी जन्नत नसीब हो गई थी.
कुछ मिनट के इस चुसाई के खेल में हम दोनों ने अपना अपना पानी एक दूसरे के मुँह में भर दिया था और अलग हो गए थे.
मामी मुँह में मेरे वीर्य को भरे हुए थीं. वो उठ कर बाथरूम की तरफ जाने लगीं, मैंने फ़ौरन उनका हाथ पकड़ कर उनके होंठों से अपने होंठों को चिपका दिया.
मैं अपने वीर्य को ही उनके मुँह में पी जाने के लिए कोशिश करने लगा.
मामी जी को मजबूरन मेरे लंड रस को पीना पडा. जब तक आखिरी बूंद गटक नहीं ली गई, तब तक मैं अलग नहीं हुआ.
उन्होंने मुझे धकेल कर बेड पर गिरा दिया- ऐसा कोई करता है भला?
मैं हंस दिया- मामी आपको अच्छा नहीं लगा क्या!
मामी- हम्म … अच्छा तो था.
मैं- सिर्फ अच्छा!
मामी ने उठ कर सिगरेट निकाली और जलाते हुए कश खींचा और बोलीं- सच कहूँ विकी, किशोर के साथ इतने साल तक न जाने मैं क्या कर रही थी. तुम हमेशा मेरा साथ देना … वरना मैं मर जाऊंगी.
मैं- मैं हर वक्त आपकी खुशी का ख्याल रखूँगा.
मामी ने सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी.
मैंने कश लेना शुरू कर दिए.
हम दोनों प्यार की बातें करने लगे थे.
मामी का हाथ फिर से मेरे लंड को सहलाने लगा था. शिलाजीत का असर काम कर रहा था तो जल्दी ही लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दी.
कुछ देर बाद मेरे लंड ने फिर से खड़ा होना शुरू कर दिया था.
लंड को खड़े होते देख कर मामी ने मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चुत पर लंड टिका लिया- विकी अब रुका नहीं जा रहा … प्लीज डाल दे अन्दर.
मैंने मामी के बाल पकड़ कर एक जोरदार किस किया और एक तेज धक्का लगाकर लंड चुत के अन्दर पेल दिया.
इस पोजीशन में लंड आधा ही अन्दर गया था कि मामी दर्द के मारे तिलमिला उठीं.
एक मिनट रुक कर मैंने गांड उठाते हुए लंड चुत के और अन्दर पेल दिया. इस बार पूरा लौड़ा अन्दर घुस गया था.
मामी की आंख में आंसू आ गए थे.
मैं रुक गया.
मामी ने कहा- आह रुक मत विकी … आज मैं बहुत खुश हूं. तुम रुकना मत और जोर से चोदो … और जोर से आह.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
मामी के मस्त दूध हवा में उछल रहे थे. मैंने उन्हें इशारा किया तो वो मेरे सीने पर झुक गईं.
मैंने उनके निप्पल को अपने मुँह में लेने की कोशिश की. तो मामी ने अपने हाथ से मुझे निप्पल चुसवाना शुरू कर दिया.
इस समय मामी मेरे लंड पर थम गई थीं और मैं नीचे से उनकी चुत में लंड चला रहा था.
मामी बोलीं- आह मेरा बेबी भूखा है … ऊ ले ऊ ले … पी ले बुब्बू पी ले … आ ह!
मैंने उनके निप्पल को दांत से दबा कर काटा तो मामी सिसिया उठीं.
मामी- लगती है बेबी … काटो मत चूसो न बस.
दोस्तो, ये आप भी फील करो कि मेरे हर धक्के के साथ मेरी मामी ‘आह आह ओह आह ..’ कर रही थीं. मैं उनके एक दूध को चूस रहा था और दूसरे को मसल रहा था.
मामी की चुदास लगातार बढ़ती ही जा रही थी. उनकी चुत से रिश्ता पानी लंड को मस्ती से सटासट आगे पीछे करे जा रहा था.
दोस्तो, ये चुदाई का एक अलग ही मजा है … आप भी कभी ट्राय करके देखना.
मामी का मुँह, बाल, शरीर का हर एक अंग पसीने से भीग गया था. और मैं उनके दूध चूस रहा था.
कोई दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद मामी ने शायद अपना रस छोड़ दिया था.
उन्होंने नीचे आने की मंशा जताई, तो मैंने उन्हें अपने नीचे ले लिया.
कुछ देर तक मस्त चुदाई होती रही. मामी फिर से साथ देने लगी थीं.
करीब दस मिनट और चोदने के बाद मैंने मामी से कहा- मेरा होने वाला है! अन्दर निकालु या बाहर? ????????
मामी ने कहा- अन्दर ही गिरा दे …कोई बात नहीं. अभी मेरा सेफ पिरीयड चल रहा हे ,, विकी एक भी बूंद बाहर मत आने देना.
मैं- जी मामी.
कोई 5 मिनट बाद मैं और मामी एक साथ झड़ गए.।
चुत के अन्दर झड़ने के बाद कुछ मिनट तक किस करके मैं मामी के साथ लेटा रहा.
उसके बाद हम दोनों अलग हुए, तो मैंने कहा- मामी, बड़ी प्यास लग रही है.
मामी ने मुझसे पूछा- अब किस चीज की प्यास है बेबी!
मैंने मजाक में कहा- एकाध पैग मिल जाता.
मामी ने कहा- मिल जाएगा.
मैं हैरान था.
मामी नंगी ही उठ कर अलमारी के पास गईं और व्हिस्की की बोतल निकाल कर ले आईं.
वे बोलीं- मैं गिलास लाती हूँ.
वो एक मिनट में ही गिलास और कुछ सूखे मेवे ले आईं.
हम दोनों ने एक ही गिलास से व्हिस्की का मजा लिया.
हमारे जिस्म अब फिर से जलने लगे थे. जल्दी ही हम दोनों फिर से चुदाई में लग गए.
उस रात हमने 3 बार सेक्स किया.
सुबह मैं उठा, तो मामी ने खाना बना लिया था. उन्होंने इस समय सिर्फ ब्रा पहनी थी. मैंने पीछे से उन्हें हग किया और उनकी गर्दन पर किस किया.
मामी ने बोला- उन्ह बेबी … अभी नहीं, जाने में देरी हो जाएगी.
उनकी बात को समझ कर मैंने कहा- अच्छा चलो साथ में शॉवर लेते हैं.
मामी हंस दीं.
बाथरूम में अन्दर जाते ही लंड एकदम फुल साइज में आ गया था.
मैंने कहा- जान अब और बर्दाश्त नहीं होता … सिर्फ एक बार ले लेने दो.
मामी मुझे चूमते हुए बोलीं- ओके बेबी, पर सिर्फ एक बार.
मैंने फ़ौरन उनकी एक टांग अपने कंधे पर रख कर शॉवर शुरू कर दिया. ऊपर से गिरती बूंदों के बीच मेरे लंड ने मामी की चुत की दमदार चुदाई की.
दस मिनट तक चुदाई चलती रही. मामी ने मेरी पीठ पर अपने नाखूनों से बड़े वार किए, पर फिर भी मुझे अच्छा लगा.
हम दोनों चुदाई के बाद अलग हुए और शॉवर बंद किया तो बाहर फोन की घंटी बज रही थी.
मैं बाहर आ गया- विनी का कॉल आ रहा है मामी, हां विनी बोल ना!
ये कहते हुए मैं फिर से मामी के पास आ गया और वो मेरे लंड को चूसने लगीं.
विनी- कितनी देर है भाई!
मैं- बस अभी निकल ही रहे हैं. मामी खाना पैक कर रही हैं.
मगर सच कहूं तो वो अपने मुँह से मेरे लंड को साफ कर रही थीं.
विनी- अच्छा ठीक है.
इधर मैंने लंड साफ़ करवा के मामी के मुँह से निकाल लिया.
मैं- स्यू अब छोड़ भी दे यार!
मामी- क्यों हटा लिया तुमने … और स्यू?
मैं- क्यों स्यू कहना अच्छा नहीं लगा!
मामी- नहीं बहुत अच्छा लगा, अबसे तुम मुझे स्यू ही कहना बेबी.
मैंने स्माइल की और हम दोनों बाहर आ गए.
फिर तैयार हम दोनों होकर हॉस्पिटल आ गए.।