19-01-2021, 11:16 PM
दोस्त की बीवी और उसकी मा कि चुदाई का सफ़र
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आजकल लॉकडाउन चल रहा है तो मैं अपने गांव आया हूं।
मेरा एक दोस्त उस्मान है जो डॉक्टर है उससे हमारा घरेलू व्यवहार है।
उसकी बीवी अफसाना मस्त माल है गोल गोल भरी चूचियां और बाहर निकली मोटी गांड कसम से कामवासना की मूर्ति है।
मेरी उससे दोस्ती हो गई और हम चैट से बात करने लगे।
धीरे धीरे मैंने उससे सैक्सी बातें शुरू कर दी और उसे भी मज़ा आने लगा।
एक दिन हमने रात में फोन सैक्स किया।
अब मैं उसे चोदने का मौका देखने लगा.
एक दिन मैं उसके घर गया तो उसकी सास और वो घर में थी।
हम बात करते रहे.
फिर उसकी सास बोली- राज खाना खाकर जाना. मैं थोड़ी पड़ोस के घर होकर आती हूं, मुझे काम है।
तभी भाभी ने अपनी सास से बोला- मम्मी जी, वहीं से किराने का कुछ सामान ले आना.
और लिस्ट और पैसे दे दिए
आंटी चली गई।
थोड़ी देर बाद भाभी अपने कमरे में चली गई और जब वो वापस आई तो मेरी आंखें खुली रह गई।
भाभी ने पीले रंग की छोटी सी नाईटी पहन रखी थी।
वो आकर मेरे आमने झुक कर खड़ी हो गई.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
उसे ऐसी हालत में देखकर मेरे लौड़े पर हरक़त होने लगी।
उसने कहा- राज बोलो क्या खाओगे?
उसे झटके से अपनी बांहों में खींच लिया मैंने … और चूमने लगा और बोला- आज मैं तुम्हें खाऊंगा।
मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और उसके होठों को चूसने लगा और उसकी पैन्टी के ऊपर से सहलाने लगा।
उसने भी अपने हाथ को मेरी पैंट मैं घुसा दिया और लंड को पकड़ लिया।
फिर उसने लंड को बाहर निकाल लिया और धीरे धीरे उसको आगे पीछे करने लगी।
वो बोली- राज, चलो बैडरूम में!
मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे में ले गया।
उसने मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया और मेरे लंड को गपागप गपागप चूसने लगी।
वो लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे सालों की भूखी हों।
मैंने उसकी नाईटी उतार दी.
अब वो पैंटी में थी।
उसके बड़े बड़े बूब्स मेरे हाथों में नहीं आ रहे थे.
मैं ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था।
वो मस्त होकर लंड को अंदर बाहर करके चूस रही थी।
मैंने बोला- भाभीजान, आप तो मस्त लौड़ा चूसती हो. मज़ा आ गया।
तब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी पैन्टी उतार दी।
उसकी चूत बिल्कुल चिकनी बिना बालों के गुलाबी थी और चूत के लब आपस में जुड़े हुए थे. मतलब टाइट चूत बिल्कुल चिपकी हुई थी जैसे उसने महीनों से लंड न खाया हो।
मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला और एक उंगली घुसा दी.
वो चीख पड़ी- आआआ आह आआ उईई ईईईई सीईई ईईई!
उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और तड़प उठी।
मैंने कहा- अफसाना भाभी, आप तो बिल्कुल कुंवारी लड़की जैसी हो!
तो वो बोली- तुम्हारे दोस्त को बस ड्यूटी प्यारी है।
मैं बोला- भाभी, आप क्यों परेशान होती हो? मैं हूं ना! आपको खुश रखूंगा।
उसकी टाइट चूत में अपनी जीभ घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा.
भाभी की सिसकारियां निकलने लगी- उईई ईईईई सीईई ईईई … उम्म्ह … आह!
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा।
उसकी चूत में लन्ड रगड़ने लगा और एक झटके में घुसा दिया।
वो झटपटा रही थी और मैं उसके होठों को चूसने लगा।
तभी मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और जोर का धक्का मारा.
उसकी चीख और आंसू एक साथ निकल पड़े।
मैंने लंड को रोक दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा और गले को चूमने लगा।
धीरे धीरे उसकी चूत में दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को चलाना शुरू कर दिया।
अब वो भी पूरी गरम हो गई थी.
मैंने लंड से चुदाई की की रफ्तार बढ़ा दी और टाइट चूत के अंदर-बाहर करने लगा.
भाभी की वासना भरी सिसकारियां निकलने लगी- आहह हहह उईईईई सीईईई ईईईई!
मैं लंड को सटासट सटासट अंदर बाहर करने लगा.
मजे और दर्द के मिश्रण से उसकी जान निकली जा रही थी।
वो बोली- राज चोदो … मुझे चिल्लाने दो … तुम रूकना नहीं. मुझे आज अपनी बीवी बनाकर चोदो मेरे राजा!
मैं जोश में आ गया और लन्ड को तुरंत चौथे गियर में डाल दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
फिर मैं बोला- भाभी जी, आपका राज आज आपको कली से फूल बना देगा!
वो बोली- भाभी नहीं, अफसाना बोलो। आज से तुम मेरे शौहर हो, मैं तुम्हारी रखैल हूं. मेरी चूत और मैं तुम्हारी गुलाम हूं।
मैंने कहा- मेरी जान अफसाना … गुलाम नहीं तुम मेरी रानी हो।
तब मैंने लंड निकाल लिया और उसे घोड़ी बनाया.
फिर पीछे से अपना लौड़ा उसकी मखमली गुलाबी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा और उसकी चूचियों को मसलने लगा।
उसकी गान्ड से थप्प थप्प की आवाज आने लगी और झटकों से उसकी सिसकारी तेज़ होने लगी।
वो बोली- राज, तुम तो मस्त चोदते हो! कहां से सीखा?
मैंने कहा- मैंने बहुत भाभी लड़की और आंटी को चोदा है।
वो बोली- राज, तुम मुझे ऐसे चोदो राजा कि मेरी चूत फट जाए। आज मुझे पूरी औरत बना दो मेरी चूत को खोल दो।
अब दोनों गरम हो चुके थे और चुदाई का मज़ा ले रहे थे।
तब मैंने अपने लंड को अफ़साना की टाइट चूत से बाहर निकाल लिया और मैं बिस्तर पर लेट गया और उसको अपने लौड़े पर बैठ जाने को बोला।
उसने लंड को मुंह में लेकर चूसा और फिर लंड पर बैठ गई।
लंड सटृ से अफ़साना की चूत में समा गया और उसकी चीख निकल गई।
मैंने उसकी कमर को पकड़ कर झटके मारने शुरू कर दिया।
अब वो लंड पर उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी।
हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगी और कमरा चुदाई की आवाज से गूंज उठा।
आज वो बहुत खुश थी क्योंकि उसे ऐसा किसी ने नहीं चोदा था।
मेरा मोटा लौड़ा उसकी चूत को मस्त होकर चोद रहा था।
अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च की आवाज आने लगी।
मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और झटके मारने लगा।
उसने अपनी टांगें फैला दी और लंड को अंदर बाहर लेने लगी। मेरे लौड़े से उसकी सिसकारी तेज़ हो गई और उसने अपनी टांगें कमर पर लपेट दी।
मेरे झटकों की रफ़्तार तेज हो गई और झटके पर झटके मारने लगा.
थोड़ी देर बाद मेरे लौड़े से वीर्य निकल पड़ा.
उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और पुरा वीर्य उसकी चूत में भर गया।
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे.
मैं उसके ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया.
मैं बोला- अफसाना तुमने वीर्य अंदर क्यों लिया? कुछ हो गया तो?
वो बोली- कुछ गलत नहीं होगा. मैं मा बनना चाहती हूं। तुम चिन्ता मत करो मे सब सम्भाल लुंगी ।
थोड़ी देर बाद वो किचन में गई और दूध लेकर आई.
मैंने दूध पी लिया।
उसने अपनी सास को फोन किया- कब तक आओगी?
वो बोली- बाजार में हूं। एक घंटा लग जाएगा.
अफ़साना बोली- राज आपको पूछ रहा है.
आंटी बोली- उसको बोलना शाम तक रूकेगा।
फोन काट कर अफसाना खुश हो गई और मेरी गोद में बैठ गई।
हम दोनों ही नंगे थे। उसकी गान्ड गर्म थी. मेरे लौड़े पर अब उसकी गान्ड की गर्मी महसूस हो रही थी।
वो बोली- राज, एक राउंड और हो जाए?
और मैं उसके गले को चूमने लगा।
मैं उसकी मोटी मोटी जांघों पर हाथ फेरने लगा; उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को दबाने लगा।
अब मेरा लौड़ा कड़क हो गया और उसकी गान्ड को चुभने लगा।
मैंने उसे बिस्तर पर बैठा दिया और मुंह में लंड डाल दिया.
वो लोलीपोप के जैसे चूसने लगी।
मैंने उसके सर को पकड़ कर झटके मारने शुरू कर दिए और लंड को अंदर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर टिका दिया और पलंग पर लटका कर ही चोदना शुरु कर दिया.
मैं तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
पूरा कमरा हमारी सिसकारियों से गूंजने लगा.
अब मैं जोश में आ गया और लन्ड की रफ्तार बढ़ा दी और अंदर-बाहर करने लगा.
अफसाना की सिसकारियां निकलने लगी- अह आह हहह उईई सीईई अओह ईईई! मार और मार … फाड़ दे मेरी चूत! चोद चोद … मुझे ले लो आज … आह हहह आह हहह आह!
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और गपागप गपागप अंदर बाहर चोदने लगा।
उसकी चूत टाईट थी तो लंड भी पूरे जोश से भर गया और सटासट सटासट होने लगा।
वो बोली- राज तुम मुझे ऐसे ही चोदा करोगे न?
मैंने कहा- हां मेरी रानी।
वो बोली- तुम्हारा दोस्त तो 5 मिनट में ही झड़ जाता है।
मैंने कहा- ठीक है. लेकिन उसे पता चला तो?
वो बोली- किसी को पता नहीं चलेगा मेरे राजा!
अब मैं उसे जोर जोर से चोद रहा था।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और लन्ड को चिकनी गुलाबी मखमली चूत में घुसा दिया।
हम दोनों मस्ती से चुदाई का मज़ा लेने लगे और एक दूसरे को चूमने लगे।
वो नीचे से गांड उठा उठा कर लंड लेने लगी. मैंने भी झटकों की रफ्तार बढ़ा दी।
दोनों पसीने से लथपथ हो गये और हर झटके से दोनों की सिसकारियां तेज़ हो रही थी।
उसकी टाइट चूत ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च करके अंदर बाहर लंड को करने लगा।
उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और पीठ पर नाखून गड़ाने लगी.
मैं और जोश में आ गया और लन्ड को पूरी रफ्तार से तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा।
अब फच्च फच्च सटसट सटसट की आवाज तेज हो गई।
मेरा लौड़ा पूरा अकड़ गया और तेज़ पिचकारी छोड़ दी. उसकी चूत में अंदर तक वीर्य भर गया.
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गये और चिपक कर लेट गए।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके होठों पर रख दिया.
वो चूसने लगी और साफ कर दिया।
फिर हम दोनों एक साथ नहाये और कपड़े पहन लिए.
उसने खाना तैयार किया।
तब तक आंटी आ गई.
हम सबने एक साथ खाया और शाम को मैं अपने घर आ गया।
उसके बाद मैं मौका देखकर उसके घर जाता और दोनों खूब चुदाई करते।
फिर एक रात में उसके घर गया और रात को चोदा।
मैंने उसकी सास को नहाते हुए देख लिया था.
वो भी मस्त थी.
मैंने अफसाना से उसकी सास की चुदाई के लिए बोला.
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तो दोस्तो, एक दिन मैं अपने दोस्त के घर गया तो उसकी बीवी रसोई में थी; मैंने पीछे से उसको पकड़ लिया और चूमने लगा।
वो बोली- घर में अम्मी हैं।
मैंने बोला- तुमने मेरे लिए आंटी से बात की?
वो बोली- हां, बात की थी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
मैंने गुस्से से उसे नीचे बैठा दिया और लंड को जिप खोलकर बाहर निकाल लिया. फिर मैंने उसके होंठों पर लंड फिराया और फिर मुंह में डाल कर चोदने लगा।
इतने में बाथरूम में से आवाज आई- अफसाना!
उसकी सास की आवाज थी. अफसाना ने अपने मुंह से तुरंत लंड को बाहर निकाल लिया और बोली- हां अम्मी … क्या हुआ?
उसकी सास अंदर से ही बोली- मेरी पीठ को रगड़ दे आकर, मेरी आंखों में साबुन चला गया है।
अफसाना बोली- राज तुम चले जाओ अंदर बाथरूम में, उसको पता भी नहीं चलेगा और तुम्हारा काम हो जायेगा.
पहले तो मैंने मना किया.
मुझे थोड़ा डर लग रहा था.
मगर फिर मैंने सोचा यही कि यही मौका है. मेरा लंड खड़ा हुआ था.
अफसाना ने उसको चूस कर और ज्यादा टाइट कर दिया था.
अब खड़े लंड को शांत करना भी जरूरी था. ऐसे में दिमाग ज्यादा काम नहीं करता. उस वक्त इन्सान को बस अपनी हवस शांत करने का एक मार्ग चाहिए होता है.
इसलिए मेरे मन में उसकी सास को चोदने के ख्याल बहुत जोर पकड़ रहे थे. अफसाना के कहने पर मैंने कपड़े उतार दिये और मैं पूरा नंगा हो गया. नंगा होकर मैं धीरे से अंदर चला गया।
उसकी सास अंदर नंगी बैठी थी और उसकी आंखें बंद थीं. मैं पीछे बैठ गया और धीरे धीरे साबुन से पीठ को सहलाने लगा।
वो बोली- अच्छे से कर. मगर तेरे ये हाथ मुझे कुछ सख्त से लग रहे हैं.
मैं इस पर कुछ नहीं बोला. धीरे धीरे मैं साबुन लगा रहा था.
वो बोली- पीठ को थोड़ी रगड़ भी दे.
मुझे उसकी चूचियां बगल से दिखाई दे रही थीं.
फिर मैंने धीरे धीरे हाथों की सख्ती बढ़ाई और मेरा लंड एक बार फिर से पूरा तन गया. उसकी मोटी गांड एकदम से चौड़ी फैली हुई थी और मेरा मन कर रहा था कि नीचे से इसकी चूत और गांड में लौड़ा घुसा दूं और इसे अपने लंड पर उछाल उछाल कर चोदूं.
मैंने उसकी चूचियों पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. उसकी आंखें बंद थीं. पीछे से मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और साबुन लगाने लगा.
वो बोली- क्या कर रही है अफसाना?
फिर उसको थोड़ा शक होने लगा क्योंकि मैं कुछ जवाब नहीं दे रहा था.
अब मैंने सोचा कि देर करना ठीक नहीं है, अगर इसने आंखें खोल दीं तो सारा मामला खराब हो जायेगा.
फिर मैं आगे आ गया. उसके गालों पर हाथ फिराने लगा. उसकी मोटी मोटी चूचियां हवा में झूल रही थीं.
जैसे ही उसको आभास हुआ कि ये मर्द के हाथ हैं तो वो बोली- कौन है?
इतना कहते ही मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया और धक्के देने लगा. मैंने उसका सिर पकड़ लिया और वो गूं-गूं … करने लगी.
वो मुझे पीछे हटाने लगी लेकिन मेरी पकड़ ज्यादा तेज थी. फिर उसने हाथ मारकर अपनी आंखों पर थोड़ा पानी मारा और आंखें खोल दीं. मेरा लंड उसके मुंह में ही था.
देखते ही उसने एकदम से मुझे पीछे धकेल दिया.
वो बोली- ये तुम क्या कर रहे हो राज? मैं तुम्हारी आंटी हूं. तुम्हारे दोस्त की अम्मी हूं.
मैंने उसकी बात को जैसे अनसुनी कर दिया. मेरी आंखों में हवस भरी हुई थी. मैंने उसका सिर पकड़ा और फिर से उसके मुंह में लंड को घुसा दिया. वो फिर से गूं … गूं करने लगी.
अब मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा. धीरे धीरे अब उसने लंड को चूसना शुरू कर दिया था. शायद उसको मजा आने लगा था.
काफी देर तक मैंने उसको वहीं बाथरूम में लंड चुसवाया.
फिर उसका मुंह दुखने लगा तो उसने लंड निकाल दिया.
वो हांफते हुए बोली- मेरी बहू घर में ही है.
मैंने कहा- आप बहू की टेंशन ना लो. वो कुछ नहीं कहेगी. चलो बेडरूम में, उसी के बिस्तर में आज मैं आपको खुश करूंगा।
ये कहकर मैंने उसे गोद में उठाया और अफसाना के रूम में ले जाकर उसके बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को चूसने लगा.
उसने मेरे खड़े लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
वो बोली- राज, तुम्हारा लौड़ा तो मस्त है.
मैंने कहा- आंटी … आज ये आपकी सेवा में है, जैसे चाहो इससे सेवा करवाओ।
आंटी की चूत पर बाल ही बाल थे. उसने महीनों से अपनी चूत के झांट साफ नहीं किए थे।
मैंने जैसे ही उसकी चूत में उंगली डाली तो वो उछल पड़ी- ऊईई … ईईई … ईईई.
वो बोली- 10 साल से बंद है ये गुफा. धीरे धीरे करो।
मैंने तकिया उठा कर आंटी की गांड के नीचे लगा दिया और उसके ऊपर आ गया।
फिर मैंने अपने लंड को थूक से गीला कर दिया और उसकी चूत में घुसा दिया।
वो एकदम से चिल्ला पड़ी- आईई … ऊह्ह … ऊईई … मर गयी कमीने … कहा था कि आराम से करना. आह्ह … आईई … मर गयी.
मैंने अपने लौड़े को रोक दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा।
थोड़ी देर बाद मैं धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा. अब उसका दर्द कम हुआ और चूत में लन्ड ने जगह बना ली।
फिर मैंने एक धक्का और मारा और उसकी फिर से चीख निकल गयी. मगर अब मैं रुका नहीं. मैंने धीरे धीरे धक्के मारते हुए पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वो दर्द से तड़पती रही. फिर मैंने कुछ देर का विराम देकर उसको थोड़ी शांत किया. उसकी चूचियों को सहलाया और उसके होंठों का रस पीया. अब वो शांत हो गयी थी.
फिर मैंने उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. धीरे धीरे उसको चूत को चुदाई का आनंद मिलने लगा. उसकी चूत अब मेरे लंड को अपने अंदर पूरा रास्ता दे रही थी.
वो बोली- अगर तुम रोज ही ऐसे चोदने लगे तो मेरी चूत तो चिथड़े हो जायेगी.
मैं बोला- ऐसा कुछ नहीं होगा मेरी जान. तुम्हें अब जिन्दगी का असली मजा आयेगा.
फिर मैंने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी. वो आह्ह … आह्ह … करके लंड लेने लगी. फिर मेरी स्पीड और तेज हो गयी. उसकी आहें और सिसकारियां दोनों मिक्स हो गयीं.
वो चुदाई के मजे में बड़बड़ाने लगी- आह्ह … राज … आह्ह … कितना मस्त लंड है … आह्ह … चोदो … ओह्ह … कितनी मस्त चुदाई करते हो तुम.
मैं बोला- आंटी … आपकी चूत भी टाईट है. मज़ा आ रहा है।
अब मैं बोला- आंटी, घोड़ी बन जाओ.
वो तुरंत मान गई और मैं उसे पीछे से चोदने लगा.
अब वो गांड चलाने लगी और झटकों का जबाव देने लगी। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुसकर बाहर आ रहा था. उसकी चूत से निकले पानी में अब पच पच की आवाज होने लगी थी.
वो बोली- राज, तुम मेरी बहू को भी चोदते हो?
मैंने कहा- हां, आपकी बहू की चुदाई भी इसी लंड से होती है और मैं उसे बच्चा भी दूंगा।
मैंने कहा- डॉक्टर के लंड से भाभी खुश नहीं हैं.
वो बोली- राज … तेरा लौड़ा लेने के बाद दूसरे के लौड़े से किसी को मजा नहीं आएगा।
हंसते हुए मैंने कहा- हां … ये तो आप सही कह रही हो.
मैं अब और जोर जोर से झटके मारने लगा. मैंने आंटी को लिटा दिया और चोदने लगा.
उसकी गान्ड देखकर मेरा मन बदल गया और मैंने लन्ड को चूत से बाहर निकाल लिया।
मैंने सामने से तेल की शीशी उठाई और उसकी गान्ड के छेद पर तेल गिराया.
आंटी की गान्ड के छेद को चौड़ा किया और उसमें उंगली से पूरा तेल भर दिया.
वो दर्द में कराहती रही और उसकी गांड पूरी चिकनी हो गयी. फिर मैं उसकी गांड में उंगली करके चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने कटोरी में लन्ड डाल दिया और तेल में डुबोकर उसे गांड में डाल दिया। उसकी चीख निकल गयी और वो जैसे बेहोशी की कगार पर पहुंच गयी.
फिर मैंने लंड को रोका और उसकी पीठ को चूमता रहा. कुछ देर के बाद उसका दर्द कम होने लगा. मैंने उसको पूरी तरह से नॉर्मल होने दिया. फिर धीरे धीरे मैंने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब फच्च … फच्च की आवाज आने लगी और लंड की रफ्तार तेज होने लगी। थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा था और वो गांड चलाने लगी. दोनों चुदाई का मजा लेने लगे.
कुछ देर में दोनों ही पसीने से लथपथ हो गये थे। फिर मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया.
मैंने आंटी की चूत में लन्ड घुसा दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा।
मेरा लंड गपागप … गपागप … अंदर बाहर होने लगा. फच्च फच्च की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा।
थोड़ी देर बाद आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया और वो शांत हो गई.
मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और चूसने के लिए बोला.
वो लॉलीपोप के जैसे मेरे लंड को चूसने लगी।
फिर मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर झुका दिया और उसकी गान्ड में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
उसकी गान्ड बहुत बड़ी और गहरी थी. वो पक्का जवानी में बहुत गांड मरवा चुकी थी।
अब मैं फुल स्पीड से चोदने लगा और झटके मारने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गान्ड में ही वीर्य निकाल दिया और उसके ऊपर चढ़कर लेट गया।
कुछ देर तक मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा.
वो थोड़ी देर बाद उठी और कमरे से बाहर चली गई।
कुछ देर बाद अफसाना रूम में आ गई.
मेरी आंखें बंद थीं.
ऊपर बेड पर आकर उसने मेरे लंड को चूसना शुरु कर दिया।
वो पूरी नंगी थी और लंड को मुंह में लेकर तेजी से चूस रही थी. मेरे लंड को खड़ा करने के बाद वो उसपर बैठ गई और लंड सटृ से अंदर चला गया।
वो उछल उछल कर गांड को लंड पर पटकने लगी. मैं नीचे से झटके मारने लगा।
वो बोली- अम्मी इतनी क्यों चिल्ला रही थी?
मैंने कहा- 10 साल बाद लंड लेगी और वो भी मेरे जैसा मोटा तगड़ा … तो चिल्लाएगी ही!
फिर मैंने अफसाना को बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर आ गया.
उसके ऊपर आते ही मैंने लन्ड को तुरंत चूत में घुसा दिया और फुल स्पीड से चोदने लगा।
वो सिसकारियां लेते हुए चुदने लगी और कहती रही- आह्ह … चोदो राजा … आह्ह फाड़ दो इस चूत को … इसकी आग को शांत कर दो … आह्ह चोदो … और चोदो।
मैंने चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी और लंड को तेजी से अंदर-बाहर करने लगा.
कुछ ही देर की चुदाई में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. वो शांत हो गयी. मगर मेरा माल अभी नहीं निकला था.
उसको मैंने करवट के बल लेटाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया. उसकी चूचियों को दबाते हुए उसकी चूत में लौड़ा अंदर तक घुसाने लगा.
उसकी हालत खराब होने लगी मगर मैं चोदता रहा.
फिर भी मेरा मन नहीं भरा तो मैंने उसकी गांड में भी तेल लगा दिया. फिर उसकी गांड में लंड उतार दिया और उसको दबोच कर चोदने लगा. वो दर्द में चिल्लाती रही और चुदती रही.
कुछ देर के बाद उसको गांड चुदाई में मजा आने लगा और वो खुलकर चुदी. मैंने तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू कर दिए और उसकी चीख धीरे धीरे सिसकारियों में बदल गई।
अब वो गांड को मटका मटका कर लंड लेने लगी और मैं जोर जोर से झटके मारने लगा।
मैंने उससे कहा- मेरा निकलने वाला है।
उसने कहा- राज … मेरी चूत में वीर्य निकालना।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और लंड चूत में घुसा दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा।
अब मेरा लौड़ा अकड़ने लगा और झटके के साथ वीर्य निकल पड़ा।
उसकी चूत में लन्ड डाल कर मैं वैसे ही लेट गया। मेरी प्यास शांत हो गयी थी. दोस्त की बीवी की चूत और गांड के साथ साथ अब मैंने दोस्त की मां की चूत और गांड भी चोद ली थी.
हम दोनों थक गये और हमें नींद आ गयी.
एक घंटे के बाद आंटी आईं और उसने देखा कि हम दोनों बेड पर नंगे पड़े हुए थे.
वो हम दोनों को जगा कर बोली- शर्म करो … मैं भी हूं घर में. कपड़े पहनो और चलो खाना खायें.
मैंने आंटी को खींच लिया और उसके मुंह को अपने लौड़े पर रख दिया और लंड सटृ से उसके मुंह में चला गया.
वो लंड को फिर से चूसने लगी।
अफसाना ये देखकर मुस्कराते हुए उठी और अपनी मैक्सी पहन कर चली गयी.
वो खाना लगाने गयी थी. मैंने आंटी को फिर से ऊपर खींचा और उसकी मैक्सी उठाकर फिर से उसकी चूत में लंड पेल दिया. उसको लंड पर बिठाकर मैं नीचे से धक्के देने लगा.
उसकी चूचियों को दबाते हुए मैं चोदता रहा और वो मेरे लंड पर उछलती रही.
एक बार फिर से दस मिनट चोदने के बाद मेरे लंड ने उसकी चूत में ही वीर्य निकाल दिया.
फिर मैंने अंडरवियर बनियान पहनी. हम दोनों भी खाने के लिए आ गए।
खाने के बाद आंटी मुझे अपने रूम में ले गई और मैंने उन्हें जमकर चोदा।
उसके बाद फिर शाम को मैं अपने घर आ गया। उसके बाद मैंने दोनों को एक साथ कई बार चोदा है। अभी कुछ दिन पहले ही मैं दोनों को चोदकर आया हूं. जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता मेरी मौज ऐसे ही चलती रहेगी.
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आजकल लॉकडाउन चल रहा है तो मैं अपने गांव आया हूं।
मेरा एक दोस्त उस्मान है जो डॉक्टर है उससे हमारा घरेलू व्यवहार है।
उसकी बीवी अफसाना मस्त माल है गोल गोल भरी चूचियां और बाहर निकली मोटी गांड कसम से कामवासना की मूर्ति है।
मेरी उससे दोस्ती हो गई और हम चैट से बात करने लगे।
धीरे धीरे मैंने उससे सैक्सी बातें शुरू कर दी और उसे भी मज़ा आने लगा।
एक दिन हमने रात में फोन सैक्स किया।
अब मैं उसे चोदने का मौका देखने लगा.
एक दिन मैं उसके घर गया तो उसकी सास और वो घर में थी।
हम बात करते रहे.
फिर उसकी सास बोली- राज खाना खाकर जाना. मैं थोड़ी पड़ोस के घर होकर आती हूं, मुझे काम है।
तभी भाभी ने अपनी सास से बोला- मम्मी जी, वहीं से किराने का कुछ सामान ले आना.
और लिस्ट और पैसे दे दिए
आंटी चली गई।
थोड़ी देर बाद भाभी अपने कमरे में चली गई और जब वो वापस आई तो मेरी आंखें खुली रह गई।
भाभी ने पीले रंग की छोटी सी नाईटी पहन रखी थी।
वो आकर मेरे आमने झुक कर खड़ी हो गई.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
उसे ऐसी हालत में देखकर मेरे लौड़े पर हरक़त होने लगी।
उसने कहा- राज बोलो क्या खाओगे?
उसे झटके से अपनी बांहों में खींच लिया मैंने … और चूमने लगा और बोला- आज मैं तुम्हें खाऊंगा।
मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और उसके होठों को चूसने लगा और उसकी पैन्टी के ऊपर से सहलाने लगा।
उसने भी अपने हाथ को मेरी पैंट मैं घुसा दिया और लंड को पकड़ लिया।
फिर उसने लंड को बाहर निकाल लिया और धीरे धीरे उसको आगे पीछे करने लगी।
वो बोली- राज, चलो बैडरूम में!
मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे में ले गया।
उसने मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया और मेरे लंड को गपागप गपागप चूसने लगी।
वो लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे सालों की भूखी हों।
मैंने उसकी नाईटी उतार दी.
अब वो पैंटी में थी।
उसके बड़े बड़े बूब्स मेरे हाथों में नहीं आ रहे थे.
मैं ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था।
वो मस्त होकर लंड को अंदर बाहर करके चूस रही थी।
मैंने बोला- भाभीजान, आप तो मस्त लौड़ा चूसती हो. मज़ा आ गया।
तब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी पैन्टी उतार दी।
उसकी चूत बिल्कुल चिकनी बिना बालों के गुलाबी थी और चूत के लब आपस में जुड़े हुए थे. मतलब टाइट चूत बिल्कुल चिपकी हुई थी जैसे उसने महीनों से लंड न खाया हो।
मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला और एक उंगली घुसा दी.
वो चीख पड़ी- आआआ आह आआ उईई ईईईई सीईई ईईई!
उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और तड़प उठी।
मैंने कहा- अफसाना भाभी, आप तो बिल्कुल कुंवारी लड़की जैसी हो!
तो वो बोली- तुम्हारे दोस्त को बस ड्यूटी प्यारी है।
मैं बोला- भाभी, आप क्यों परेशान होती हो? मैं हूं ना! आपको खुश रखूंगा।
उसकी टाइट चूत में अपनी जीभ घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा.
भाभी की सिसकारियां निकलने लगी- उईई ईईईई सीईई ईईई … उम्म्ह … आह!
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा।
उसकी चूत में लन्ड रगड़ने लगा और एक झटके में घुसा दिया।
वो झटपटा रही थी और मैं उसके होठों को चूसने लगा।
तभी मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और जोर का धक्का मारा.
उसकी चीख और आंसू एक साथ निकल पड़े।
मैंने लंड को रोक दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा और गले को चूमने लगा।
धीरे धीरे उसकी चूत में दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को चलाना शुरू कर दिया।
अब वो भी पूरी गरम हो गई थी.
मैंने लंड से चुदाई की की रफ्तार बढ़ा दी और टाइट चूत के अंदर-बाहर करने लगा.
भाभी की वासना भरी सिसकारियां निकलने लगी- आहह हहह उईईईई सीईईई ईईईई!
मैं लंड को सटासट सटासट अंदर बाहर करने लगा.
मजे और दर्द के मिश्रण से उसकी जान निकली जा रही थी।
वो बोली- राज चोदो … मुझे चिल्लाने दो … तुम रूकना नहीं. मुझे आज अपनी बीवी बनाकर चोदो मेरे राजा!
मैं जोश में आ गया और लन्ड को तुरंत चौथे गियर में डाल दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
फिर मैं बोला- भाभी जी, आपका राज आज आपको कली से फूल बना देगा!
वो बोली- भाभी नहीं, अफसाना बोलो। आज से तुम मेरे शौहर हो, मैं तुम्हारी रखैल हूं. मेरी चूत और मैं तुम्हारी गुलाम हूं।
मैंने कहा- मेरी जान अफसाना … गुलाम नहीं तुम मेरी रानी हो।
तब मैंने लंड निकाल लिया और उसे घोड़ी बनाया.
फिर पीछे से अपना लौड़ा उसकी मखमली गुलाबी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा और उसकी चूचियों को मसलने लगा।
उसकी गान्ड से थप्प थप्प की आवाज आने लगी और झटकों से उसकी सिसकारी तेज़ होने लगी।
वो बोली- राज, तुम तो मस्त चोदते हो! कहां से सीखा?
मैंने कहा- मैंने बहुत भाभी लड़की और आंटी को चोदा है।
वो बोली- राज, तुम मुझे ऐसे चोदो राजा कि मेरी चूत फट जाए। आज मुझे पूरी औरत बना दो मेरी चूत को खोल दो।
अब दोनों गरम हो चुके थे और चुदाई का मज़ा ले रहे थे।
तब मैंने अपने लंड को अफ़साना की टाइट चूत से बाहर निकाल लिया और मैं बिस्तर पर लेट गया और उसको अपने लौड़े पर बैठ जाने को बोला।
उसने लंड को मुंह में लेकर चूसा और फिर लंड पर बैठ गई।
लंड सटृ से अफ़साना की चूत में समा गया और उसकी चीख निकल गई।
मैंने उसकी कमर को पकड़ कर झटके मारने शुरू कर दिया।
अब वो लंड पर उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी।
हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगी और कमरा चुदाई की आवाज से गूंज उठा।
आज वो बहुत खुश थी क्योंकि उसे ऐसा किसी ने नहीं चोदा था।
मेरा मोटा लौड़ा उसकी चूत को मस्त होकर चोद रहा था।
अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च की आवाज आने लगी।
मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और झटके मारने लगा।
उसने अपनी टांगें फैला दी और लंड को अंदर बाहर लेने लगी। मेरे लौड़े से उसकी सिसकारी तेज़ हो गई और उसने अपनी टांगें कमर पर लपेट दी।
मेरे झटकों की रफ़्तार तेज हो गई और झटके पर झटके मारने लगा.
थोड़ी देर बाद मेरे लौड़े से वीर्य निकल पड़ा.
उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और पुरा वीर्य उसकी चूत में भर गया।
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे.
मैं उसके ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया.
मैं बोला- अफसाना तुमने वीर्य अंदर क्यों लिया? कुछ हो गया तो?
वो बोली- कुछ गलत नहीं होगा. मैं मा बनना चाहती हूं। तुम चिन्ता मत करो मे सब सम्भाल लुंगी ।
थोड़ी देर बाद वो किचन में गई और दूध लेकर आई.
मैंने दूध पी लिया।
उसने अपनी सास को फोन किया- कब तक आओगी?
वो बोली- बाजार में हूं। एक घंटा लग जाएगा.
अफ़साना बोली- राज आपको पूछ रहा है.
आंटी बोली- उसको बोलना शाम तक रूकेगा।
फोन काट कर अफसाना खुश हो गई और मेरी गोद में बैठ गई।
हम दोनों ही नंगे थे। उसकी गान्ड गर्म थी. मेरे लौड़े पर अब उसकी गान्ड की गर्मी महसूस हो रही थी।
वो बोली- राज, एक राउंड और हो जाए?
और मैं उसके गले को चूमने लगा।
मैं उसकी मोटी मोटी जांघों पर हाथ फेरने लगा; उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को दबाने लगा।
अब मेरा लौड़ा कड़क हो गया और उसकी गान्ड को चुभने लगा।
मैंने उसे बिस्तर पर बैठा दिया और मुंह में लंड डाल दिया.
वो लोलीपोप के जैसे चूसने लगी।
मैंने उसके सर को पकड़ कर झटके मारने शुरू कर दिए और लंड को अंदर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर टिका दिया और पलंग पर लटका कर ही चोदना शुरु कर दिया.
मैं तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
पूरा कमरा हमारी सिसकारियों से गूंजने लगा.
अब मैं जोश में आ गया और लन्ड की रफ्तार बढ़ा दी और अंदर-बाहर करने लगा.
अफसाना की सिसकारियां निकलने लगी- अह आह हहह उईई सीईई अओह ईईई! मार और मार … फाड़ दे मेरी चूत! चोद चोद … मुझे ले लो आज … आह हहह आह हहह आह!
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और गपागप गपागप अंदर बाहर चोदने लगा।
उसकी चूत टाईट थी तो लंड भी पूरे जोश से भर गया और सटासट सटासट होने लगा।
वो बोली- राज तुम मुझे ऐसे ही चोदा करोगे न?
मैंने कहा- हां मेरी रानी।
वो बोली- तुम्हारा दोस्त तो 5 मिनट में ही झड़ जाता है।
मैंने कहा- ठीक है. लेकिन उसे पता चला तो?
वो बोली- किसी को पता नहीं चलेगा मेरे राजा!
अब मैं उसे जोर जोर से चोद रहा था।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और लन्ड को चिकनी गुलाबी मखमली चूत में घुसा दिया।
हम दोनों मस्ती से चुदाई का मज़ा लेने लगे और एक दूसरे को चूमने लगे।
वो नीचे से गांड उठा उठा कर लंड लेने लगी. मैंने भी झटकों की रफ्तार बढ़ा दी।
दोनों पसीने से लथपथ हो गये और हर झटके से दोनों की सिसकारियां तेज़ हो रही थी।
उसकी टाइट चूत ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च करके अंदर बाहर लंड को करने लगा।
उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और पीठ पर नाखून गड़ाने लगी.
मैं और जोश में आ गया और लन्ड को पूरी रफ्तार से तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा।
अब फच्च फच्च सटसट सटसट की आवाज तेज हो गई।
मेरा लौड़ा पूरा अकड़ गया और तेज़ पिचकारी छोड़ दी. उसकी चूत में अंदर तक वीर्य भर गया.
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गये और चिपक कर लेट गए।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके होठों पर रख दिया.
वो चूसने लगी और साफ कर दिया।
फिर हम दोनों एक साथ नहाये और कपड़े पहन लिए.
उसने खाना तैयार किया।
तब तक आंटी आ गई.
हम सबने एक साथ खाया और शाम को मैं अपने घर आ गया।
उसके बाद मैं मौका देखकर उसके घर जाता और दोनों खूब चुदाई करते।
फिर एक रात में उसके घर गया और रात को चोदा।
मैंने उसकी सास को नहाते हुए देख लिया था.
वो भी मस्त थी.
मैंने अफसाना से उसकी सास की चुदाई के लिए बोला.
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तो दोस्तो, एक दिन मैं अपने दोस्त के घर गया तो उसकी बीवी रसोई में थी; मैंने पीछे से उसको पकड़ लिया और चूमने लगा।
वो बोली- घर में अम्मी हैं।
मैंने बोला- तुमने मेरे लिए आंटी से बात की?
वो बोली- हां, बात की थी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
मैंने गुस्से से उसे नीचे बैठा दिया और लंड को जिप खोलकर बाहर निकाल लिया. फिर मैंने उसके होंठों पर लंड फिराया और फिर मुंह में डाल कर चोदने लगा।
इतने में बाथरूम में से आवाज आई- अफसाना!
उसकी सास की आवाज थी. अफसाना ने अपने मुंह से तुरंत लंड को बाहर निकाल लिया और बोली- हां अम्मी … क्या हुआ?
उसकी सास अंदर से ही बोली- मेरी पीठ को रगड़ दे आकर, मेरी आंखों में साबुन चला गया है।
अफसाना बोली- राज तुम चले जाओ अंदर बाथरूम में, उसको पता भी नहीं चलेगा और तुम्हारा काम हो जायेगा.
पहले तो मैंने मना किया.
मुझे थोड़ा डर लग रहा था.
मगर फिर मैंने सोचा यही कि यही मौका है. मेरा लंड खड़ा हुआ था.
अफसाना ने उसको चूस कर और ज्यादा टाइट कर दिया था.
अब खड़े लंड को शांत करना भी जरूरी था. ऐसे में दिमाग ज्यादा काम नहीं करता. उस वक्त इन्सान को बस अपनी हवस शांत करने का एक मार्ग चाहिए होता है.
इसलिए मेरे मन में उसकी सास को चोदने के ख्याल बहुत जोर पकड़ रहे थे. अफसाना के कहने पर मैंने कपड़े उतार दिये और मैं पूरा नंगा हो गया. नंगा होकर मैं धीरे से अंदर चला गया।
उसकी सास अंदर नंगी बैठी थी और उसकी आंखें बंद थीं. मैं पीछे बैठ गया और धीरे धीरे साबुन से पीठ को सहलाने लगा।
वो बोली- अच्छे से कर. मगर तेरे ये हाथ मुझे कुछ सख्त से लग रहे हैं.
मैं इस पर कुछ नहीं बोला. धीरे धीरे मैं साबुन लगा रहा था.
वो बोली- पीठ को थोड़ी रगड़ भी दे.
मुझे उसकी चूचियां बगल से दिखाई दे रही थीं.
फिर मैंने धीरे धीरे हाथों की सख्ती बढ़ाई और मेरा लंड एक बार फिर से पूरा तन गया. उसकी मोटी गांड एकदम से चौड़ी फैली हुई थी और मेरा मन कर रहा था कि नीचे से इसकी चूत और गांड में लौड़ा घुसा दूं और इसे अपने लंड पर उछाल उछाल कर चोदूं.
मैंने उसकी चूचियों पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. उसकी आंखें बंद थीं. पीछे से मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और साबुन लगाने लगा.
वो बोली- क्या कर रही है अफसाना?
फिर उसको थोड़ा शक होने लगा क्योंकि मैं कुछ जवाब नहीं दे रहा था.
अब मैंने सोचा कि देर करना ठीक नहीं है, अगर इसने आंखें खोल दीं तो सारा मामला खराब हो जायेगा.
फिर मैं आगे आ गया. उसके गालों पर हाथ फिराने लगा. उसकी मोटी मोटी चूचियां हवा में झूल रही थीं.
जैसे ही उसको आभास हुआ कि ये मर्द के हाथ हैं तो वो बोली- कौन है?
इतना कहते ही मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया और धक्के देने लगा. मैंने उसका सिर पकड़ लिया और वो गूं-गूं … करने लगी.
वो मुझे पीछे हटाने लगी लेकिन मेरी पकड़ ज्यादा तेज थी. फिर उसने हाथ मारकर अपनी आंखों पर थोड़ा पानी मारा और आंखें खोल दीं. मेरा लंड उसके मुंह में ही था.
देखते ही उसने एकदम से मुझे पीछे धकेल दिया.
वो बोली- ये तुम क्या कर रहे हो राज? मैं तुम्हारी आंटी हूं. तुम्हारे दोस्त की अम्मी हूं.
मैंने उसकी बात को जैसे अनसुनी कर दिया. मेरी आंखों में हवस भरी हुई थी. मैंने उसका सिर पकड़ा और फिर से उसके मुंह में लंड को घुसा दिया. वो फिर से गूं … गूं करने लगी.
अब मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा. धीरे धीरे अब उसने लंड को चूसना शुरू कर दिया था. शायद उसको मजा आने लगा था.
काफी देर तक मैंने उसको वहीं बाथरूम में लंड चुसवाया.
फिर उसका मुंह दुखने लगा तो उसने लंड निकाल दिया.
वो हांफते हुए बोली- मेरी बहू घर में ही है.
मैंने कहा- आप बहू की टेंशन ना लो. वो कुछ नहीं कहेगी. चलो बेडरूम में, उसी के बिस्तर में आज मैं आपको खुश करूंगा।
ये कहकर मैंने उसे गोद में उठाया और अफसाना के रूम में ले जाकर उसके बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को चूसने लगा.
उसने मेरे खड़े लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी।
वो बोली- राज, तुम्हारा लौड़ा तो मस्त है.
मैंने कहा- आंटी … आज ये आपकी सेवा में है, जैसे चाहो इससे सेवा करवाओ।
आंटी की चूत पर बाल ही बाल थे. उसने महीनों से अपनी चूत के झांट साफ नहीं किए थे।
मैंने जैसे ही उसकी चूत में उंगली डाली तो वो उछल पड़ी- ऊईई … ईईई … ईईई.
वो बोली- 10 साल से बंद है ये गुफा. धीरे धीरे करो।
मैंने तकिया उठा कर आंटी की गांड के नीचे लगा दिया और उसके ऊपर आ गया।
फिर मैंने अपने लंड को थूक से गीला कर दिया और उसकी चूत में घुसा दिया।
वो एकदम से चिल्ला पड़ी- आईई … ऊह्ह … ऊईई … मर गयी कमीने … कहा था कि आराम से करना. आह्ह … आईई … मर गयी.
मैंने अपने लौड़े को रोक दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा।
थोड़ी देर बाद मैं धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा. अब उसका दर्द कम हुआ और चूत में लन्ड ने जगह बना ली।
फिर मैंने एक धक्का और मारा और उसकी फिर से चीख निकल गयी. मगर अब मैं रुका नहीं. मैंने धीरे धीरे धक्के मारते हुए पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वो दर्द से तड़पती रही. फिर मैंने कुछ देर का विराम देकर उसको थोड़ी शांत किया. उसकी चूचियों को सहलाया और उसके होंठों का रस पीया. अब वो शांत हो गयी थी.
फिर मैंने उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. धीरे धीरे उसको चूत को चुदाई का आनंद मिलने लगा. उसकी चूत अब मेरे लंड को अपने अंदर पूरा रास्ता दे रही थी.
वो बोली- अगर तुम रोज ही ऐसे चोदने लगे तो मेरी चूत तो चिथड़े हो जायेगी.
मैं बोला- ऐसा कुछ नहीं होगा मेरी जान. तुम्हें अब जिन्दगी का असली मजा आयेगा.
फिर मैंने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी. वो आह्ह … आह्ह … करके लंड लेने लगी. फिर मेरी स्पीड और तेज हो गयी. उसकी आहें और सिसकारियां दोनों मिक्स हो गयीं.
वो चुदाई के मजे में बड़बड़ाने लगी- आह्ह … राज … आह्ह … कितना मस्त लंड है … आह्ह … चोदो … ओह्ह … कितनी मस्त चुदाई करते हो तुम.
मैं बोला- आंटी … आपकी चूत भी टाईट है. मज़ा आ रहा है।
अब मैं बोला- आंटी, घोड़ी बन जाओ.
वो तुरंत मान गई और मैं उसे पीछे से चोदने लगा.
अब वो गांड चलाने लगी और झटकों का जबाव देने लगी। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुसकर बाहर आ रहा था. उसकी चूत से निकले पानी में अब पच पच की आवाज होने लगी थी.
वो बोली- राज, तुम मेरी बहू को भी चोदते हो?
मैंने कहा- हां, आपकी बहू की चुदाई भी इसी लंड से होती है और मैं उसे बच्चा भी दूंगा।
मैंने कहा- डॉक्टर के लंड से भाभी खुश नहीं हैं.
वो बोली- राज … तेरा लौड़ा लेने के बाद दूसरे के लौड़े से किसी को मजा नहीं आएगा।
हंसते हुए मैंने कहा- हां … ये तो आप सही कह रही हो.
मैं अब और जोर जोर से झटके मारने लगा. मैंने आंटी को लिटा दिया और चोदने लगा.
उसकी गान्ड देखकर मेरा मन बदल गया और मैंने लन्ड को चूत से बाहर निकाल लिया।
मैंने सामने से तेल की शीशी उठाई और उसकी गान्ड के छेद पर तेल गिराया.
आंटी की गान्ड के छेद को चौड़ा किया और उसमें उंगली से पूरा तेल भर दिया.
वो दर्द में कराहती रही और उसकी गांड पूरी चिकनी हो गयी. फिर मैं उसकी गांड में उंगली करके चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने कटोरी में लन्ड डाल दिया और तेल में डुबोकर उसे गांड में डाल दिया। उसकी चीख निकल गयी और वो जैसे बेहोशी की कगार पर पहुंच गयी.
फिर मैंने लंड को रोका और उसकी पीठ को चूमता रहा. कुछ देर के बाद उसका दर्द कम होने लगा. मैंने उसको पूरी तरह से नॉर्मल होने दिया. फिर धीरे धीरे मैंने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब फच्च … फच्च की आवाज आने लगी और लंड की रफ्तार तेज होने लगी। थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा था और वो गांड चलाने लगी. दोनों चुदाई का मजा लेने लगे.
कुछ देर में दोनों ही पसीने से लथपथ हो गये थे। फिर मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया.
मैंने आंटी की चूत में लन्ड घुसा दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा।
मेरा लंड गपागप … गपागप … अंदर बाहर होने लगा. फच्च फच्च की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा।
थोड़ी देर बाद आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया और वो शांत हो गई.
मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और चूसने के लिए बोला.
वो लॉलीपोप के जैसे मेरे लंड को चूसने लगी।
फिर मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर झुका दिया और उसकी गान्ड में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
उसकी गान्ड बहुत बड़ी और गहरी थी. वो पक्का जवानी में बहुत गांड मरवा चुकी थी।
अब मैं फुल स्पीड से चोदने लगा और झटके मारने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गान्ड में ही वीर्य निकाल दिया और उसके ऊपर चढ़कर लेट गया।
कुछ देर तक मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा.
वो थोड़ी देर बाद उठी और कमरे से बाहर चली गई।
कुछ देर बाद अफसाना रूम में आ गई.
मेरी आंखें बंद थीं.
ऊपर बेड पर आकर उसने मेरे लंड को चूसना शुरु कर दिया।
वो पूरी नंगी थी और लंड को मुंह में लेकर तेजी से चूस रही थी. मेरे लंड को खड़ा करने के बाद वो उसपर बैठ गई और लंड सटृ से अंदर चला गया।
वो उछल उछल कर गांड को लंड पर पटकने लगी. मैं नीचे से झटके मारने लगा।
वो बोली- अम्मी इतनी क्यों चिल्ला रही थी?
मैंने कहा- 10 साल बाद लंड लेगी और वो भी मेरे जैसा मोटा तगड़ा … तो चिल्लाएगी ही!
फिर मैंने अफसाना को बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर आ गया.
उसके ऊपर आते ही मैंने लन्ड को तुरंत चूत में घुसा दिया और फुल स्पीड से चोदने लगा।
वो सिसकारियां लेते हुए चुदने लगी और कहती रही- आह्ह … चोदो राजा … आह्ह फाड़ दो इस चूत को … इसकी आग को शांत कर दो … आह्ह चोदो … और चोदो।
मैंने चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी और लंड को तेजी से अंदर-बाहर करने लगा.
कुछ ही देर की चुदाई में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. वो शांत हो गयी. मगर मेरा माल अभी नहीं निकला था.
उसको मैंने करवट के बल लेटाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया. उसकी चूचियों को दबाते हुए उसकी चूत में लौड़ा अंदर तक घुसाने लगा.
उसकी हालत खराब होने लगी मगर मैं चोदता रहा.
फिर भी मेरा मन नहीं भरा तो मैंने उसकी गांड में भी तेल लगा दिया. फिर उसकी गांड में लंड उतार दिया और उसको दबोच कर चोदने लगा. वो दर्द में चिल्लाती रही और चुदती रही.
कुछ देर के बाद उसको गांड चुदाई में मजा आने लगा और वो खुलकर चुदी. मैंने तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू कर दिए और उसकी चीख धीरे धीरे सिसकारियों में बदल गई।
अब वो गांड को मटका मटका कर लंड लेने लगी और मैं जोर जोर से झटके मारने लगा।
मैंने उससे कहा- मेरा निकलने वाला है।
उसने कहा- राज … मेरी चूत में वीर्य निकालना।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और लंड चूत में घुसा दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा।
अब मेरा लौड़ा अकड़ने लगा और झटके के साथ वीर्य निकल पड़ा।
उसकी चूत में लन्ड डाल कर मैं वैसे ही लेट गया। मेरी प्यास शांत हो गयी थी. दोस्त की बीवी की चूत और गांड के साथ साथ अब मैंने दोस्त की मां की चूत और गांड भी चोद ली थी.
हम दोनों थक गये और हमें नींद आ गयी.
एक घंटे के बाद आंटी आईं और उसने देखा कि हम दोनों बेड पर नंगे पड़े हुए थे.
वो हम दोनों को जगा कर बोली- शर्म करो … मैं भी हूं घर में. कपड़े पहनो और चलो खाना खायें.
मैंने आंटी को खींच लिया और उसके मुंह को अपने लौड़े पर रख दिया और लंड सटृ से उसके मुंह में चला गया.
वो लंड को फिर से चूसने लगी।
अफसाना ये देखकर मुस्कराते हुए उठी और अपनी मैक्सी पहन कर चली गयी.
वो खाना लगाने गयी थी. मैंने आंटी को फिर से ऊपर खींचा और उसकी मैक्सी उठाकर फिर से उसकी चूत में लंड पेल दिया. उसको लंड पर बिठाकर मैं नीचे से धक्के देने लगा.
उसकी चूचियों को दबाते हुए मैं चोदता रहा और वो मेरे लंड पर उछलती रही.
एक बार फिर से दस मिनट चोदने के बाद मेरे लंड ने उसकी चूत में ही वीर्य निकाल दिया.
फिर मैंने अंडरवियर बनियान पहनी. हम दोनों भी खाने के लिए आ गए।
खाने के बाद आंटी मुझे अपने रूम में ले गई और मैंने उन्हें जमकर चोदा।
उसके बाद फिर शाम को मैं अपने घर आ गया। उसके बाद मैंने दोनों को एक साथ कई बार चोदा है। अभी कुछ दिन पहले ही मैं दोनों को चोदकर आया हूं. जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता मेरी मौज ऐसे ही चलती रहेगी.