19-01-2021, 12:16 AM
सेक्सी चाची के साथ सेक्स का मजा
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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अरमान है.
मैं महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ जो लातूर जिले का ही एक गांव है.
मेरी उम्र 21 साल है और मेरी हाईट 178 सेंटीमीटर है. मैं दिखने में स्लिम हूँ और मेरे लंड का साइज़ औसत ही है. ये 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.
मैं रोज़ सेक्स कहानी पढ़ता हु।
इन्हीं गर्म सेक्स कहानी को पढ़ कर मेरे मन में अपनी सेक्स कहानी लिखने की चाहत जागी.
मैं चाहता हूँ कि मेरी चाची की चूत चुदाई कहानी को आप सभी के साथ साझा करूं.
ये एक सच्ची घटना है. चूंकि मैं पहली बार सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, इसलिए ये तो पक्का है कि मुझे गलती होगी. मगर आपसे इल्तजा है कि यदि आपको कोई ग़लती दिखे तो प्लीज़ नजरअंदाज कर दीजिएगा.
यह घटना आज से 2 साल पुरानी उस वक्त की है, जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था.
मुझे सेक्स कहानियां पढ़ने से सेक्स के बारे में काफी कुछ पता चल चुका था.
उनकी मस्त चुदाई पर कर मैं अपने लंड को हिलाए बिना रह ही नहीं पाता था और मुठ मार कर खुद को शांत कर लेता था.
एक दिन यूं ही एक सेक्स स्टोरी सामने आ गई.
मैं उस सेक्स कहानी में खो गया.
ये सेक्स कहानी मुझे बेहद पसंद आई और उसी दिन से मुझे सेक्स कहानी पढ़ना ज्यादा अच्छा लगने लगा.
अब मैं रोज सुबह से चाय आदि पीने के बाद अपने कमरे में कहानी साईट को खोल कर अपनी रात भर की गर्मी को शांत करने के लिए लंड हिलाते हुए सोचता रहता था कि कोई चुत चोदने मिल जाए, तो मजा ही आ जाए.
इस सोच का नतीजा ये हुआ कि मेरी निगाहें अपने इर्द गिर्द रहने वाली लड़कियों और महिलाओं पर जाने लगीं.
फिर एक दिन हमारे घर मेरी चाची आईं, ये मेरी अम्मी की छोटी बहन भी थीं. उनका नाम रूही था. मेरी अम्मी की बहन का निकाह मेरे चचाजान से ही हुआ था. इसलिए रूही मेरी चाची भी थीं और खाला भी थीं.
मेरी चाची लातूर में रहती हैं. मेरी चाची के घर में 6 मेंबर हैं. चाची अंकल के साथ उनकी 3 बेटियां और एक बेटा रहते हैं.
रूही चाची दिखनी में बहुत सेक्सी हैं. उनका भरा हुआ बदन एकदम टाइट है. उनके मम्मे और गांड इतनी मस्त है कि जो भी चाची को एक बार देख ले, तो खुश हो जाए.
चाची हमारे घर कुछ दिनों के लिए रहने आई थीं, उनके साथ उनकी 2 बेटियां भी आई थीं.
वो संडे का दिन था इसीलिए कॉलेज की छुट्टी थी. मैं घर पर ही था.
दोपहर को दरवाजे पर दस्तक हुई.
जब मैंने दरवाज़ा खोला, तो देखा सामने रूही चाची नकाब पहने खड़ी थीं.
मेरे दरवाजा खोलते ही उन्होंने अपने चांद से मुखड़े से नकाब हटाया, तो मैं उन्हें देख कर खुश हो गया और सलाम बोल कर उनको अन्दर आने के लिए कहा.
साथ ही मैंने आवाज देकर अम्मी को बताया कि रूही चाची आई हैं.
मेरी अम्मी भी जल्दी से आईं और दोनों बहनें गले लग कर मिलीं.
इसके बाद जब चाची ने अपना बुरका निकाला, तो मैं तो उन्हें बस देखता ही रह गया. क्या मस्त माल लग रही थीं.
चाची हरे रंग की शिफोन की साड़ी में बहुत ही सेक्सी कांटा माल दिख रही थीं.
इस पारदर्शी साड़ी में से उनकी गोरी कमर, सीने पर तने हुए बड़े बड़े बूब्स और चुस्त पेटीकोट से एकदम उठे हुए चूतड़ों को देख कर मेरे लंड में तो समझो फुरफुरी आ गई.
चाची मेरी अम्मी से बातें करने में लगी थीं. बुरका उतारते वक्त उनका ध्यान अपने कपड़ों और साड़ी के आंचल पर नहीं था. उनकी इस बेध्यानी में मैं अपनी कामुक निगाहों से उन्हें देखने लगा.
उनकी साड़ी सीने से ढलकी हुई थी और गहरे गले के ब्लाउज से उनके मिल्की वाइट दूध देख कर मुझे बहुत रोमांच हो रहा था.
मुझे लग रहा था कि शायद मेरे लंड के लिए चुत का इंतजाम हो गया है.
तभी चाची की नजर मुझे पर पड़ी और उन्होंने मुझसे भी बात करनी शुरू कर दी. तब तक अम्मी चाची के पानी लेने अन्दर चली गई थीं.
चाची ने मुझसे बातचीत शुरू तो की, मगर उन्होंने अपने ढलके हुए पल्लू को अपने सीने पर ठीक नहीं किया. जिससे मुझे उनके चूचों के दीदार बदस्तूर होते रहे.
शायद अब इस बात को चाची ने भी नोट कर लिया था, मगर इसके बावजूद भी उन्होंने खुद को व्यवस्थित करने की कोई चेष्टा नहीं की.
फिर अम्मी आ गईं और मैं चाची की बेटियों से बात करने लगा.
कुछ देर बाद दिन का खाना आदि हुआ और लगातार बातें हंसी मजाक आदि चलता रहा.
ऐसे ही दिन गुज़र गया और रात हो गई.
हम सबने साथ में खाना खाया.
खाने के बाद सब लोग सोने की तैयारी करने लगे.
मेरी अम्मी अब्बू अपने रूम में चले गए और मैं चाची को लेकर अपने कमरे में आ गया.
चाची सोने के लिए अपनी छोटी लड़की को लेकर मेरे रूम में आ गईं. बड़ी लड़की अम्मी अब्बू के कमरे में सोने चली गई.
मैं अपने कमरे में चाची के साथ पलंग पर लेट गया. हम दोनों एक साथ ही लेटे बात करने लगे और चाची की एक साइड उनकी छोटी लड़की लेट गई थी.
चाची थकी हुई थीं इस कारण थोड़ी देर में ही सो गईं.
मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी.
कमरे की लाइट ऑन थी और मेरा फेस लाइट की तरफ था. मैंने करवट बदल ली, तो अब मेरा चेहरा और चाची का चेहरा आमने सामने ही गया था.
मेरी नज़रें उनके रसीले होंठों पर टिक गई थी.
क्या मस्त रसीले होंठ थे उनके, दिल तो कर रहा था कि बस आगे बढ़ कर इन रसभरे लबों चूस लूं.
मगर मजबूरी थी इसलिए मुझे अपने आप पर कंट्रोल करना पड़ा.
मैं उनकी जवानी को नशीली निगाहों से बाद देख रहा था. होंठों से हट कर मेरी नज़रें चाची की चूचियों पर आ गईं.
उनकी बड़ी बड़ी 36 इंच की चूचियां एक लयबद्ध तरीके से सांसों के साथ उठ बैठ रही थीं. मेरी नजरों के सामने चाची के गहरे गले के ब्लाउज में उनकी चूचियां बहुत ही मस्त लग रही थीं.
जब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने ‘चाची चाची ..’ कह कर उन्हें आवाज दी.
मैंने चाची को आवाज़ देकर देखना चाहता था कि कहीं वो जाग तो नहीं रही हैं. जब मेरे आवाज़ देने पर भी चाची नहीं उठीं, तो मैं समझ गया कि चाची गहरी नींद में सो रही हैं.
अब मैंने हिम्मत करते हुए अपना एक हाथ उनकी चूची पर रख दिया और हल्के हाथ से चूची के साथ खेलने लगा.
शुरुआत में तो मुझे कुछ डर सा लगा फिर चाची की नर्म नर्म चुचियों को छुआ तो मुझे मजा आ गया.
मैं पहले एक चूची के साथ खेला, फिर दूसरी के साथ मजा लिया.
दो मिनट में ही मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
अब मैं पूरी तरह जोश में आ गया था. कुछ पल के बाद मैं रुक गया और आहिस्ता से चाची का ब्लाउज खोलने लगा.
मैंने चाची के चिटकनी वाले बटन को खींचा, तो एक बटन चट से खुल गया और उनकी चूचियों की दरार जन्नत के दीदार होने लगे.
मैंने दूसरे बटन को झटका दिया, तो वो भी खुल गया. इसी तरह से मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया.
आह … चाची की दूधिया चूचियां मस्त लग रही थीं.
चाची मेरे सामने अब पिंक कलर की ब्रा में थीं. उनकी गोरी चूचियों को गुलाबी जालीदार ब्रा में देख कर मैं बिल्कुल पागल सा हो गया था.
एक दो पल रुकने के बाद मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से उनकी चूचियों को दबाया और अपना मुँह आगे करके एक चूची के ऊपर जीभ फेर दी.
चाची की नींद गहरी लगी हुई थी, जिस वजह से उनकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी.
अब मैंने एक हाथ से उनकी साड़ी ऊपर कर दी और नीचे का नजारा देखने लगा.
कुछ ही देर में मैंने चाची की साड़ी और पेटीकोट को काफी ऊपर कर दिया और उनकी चुत के बहुत पास तक उन्हें नंगी कर दिया.
अब मैंने चाची की चूचियों को छोड़ कर नीचे का मजा लेना शुरू कर दिया.
मगर गांड बहुत ज्यादा फट रही थी.
फिर मैंने उनकी ब्रा निकालने की सोची और ब्रा को खींचा, तो ब्रा का हुक पहले से ही खुला हुआ था.
चाची की ब्रा मेरे हाथ से खिंच कर ढीली हो गई. मैं आराम से उनकी ब्रा निकालने लगा और उनकी चूचियों को नंगी कर दिया.
अब मेरे सामने चाची ऊपर से बिल्कुल नंगी हो गई थीं. मैंने उनके एक बूब के निप्पल को अपनी जीभ से कुरेदना शुरू किया, तो मुझे एकदम से सनसनी होने लगी.
मैं चाची के एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे हाथ से उनकी जांघ को सहलाने लगा.
उनकी जांघें भी बहुत नर्म थीं.
फिर मैं चाची के दूसरे बूब को चूसने लगा.
मैं एक एक करके उनके दोनों मम्मों का मज़ा लेने लगा.
फिर मैंने जब अपना हाथ चाची की चुत पर रखा, तो देखा कि चाची ने तो पैंटी पहनी ही नहीं थी. मैंने नीचे झुक कर देखा, तो चाची की चूत बिल्कुल साफ़ थी और गीली हो चुकी थी. मैं समझ गया कि चाची भी मजा ले रही हैं.
अब मैंने हिम्मत करके अपनी एक उंगली चाची की चुत में डाल दी. उनकी चुत गीली और बड़ी होने की वजह से मेरी उंगली बड़ी आसानी से अन्दर बाहर होने लगी थी.
अचानक से मुझे मेरे लंड कुछ फील होने लगा. जब मैंने देखा, तो चाची अपने हाथ से मेरा लंड सहला रही थीं.
ये देख कर पहले तो मैं डर गया और मैंने अपना हाथ चुत से हटा लिया.
उसी समय चाची ने आहिस्ता से मेरे कान में कहा- क्या हुआ अरमान … मज़ा नहीं आया क्या? प्लीज़ मेरी चुत में उंगली जारी रखो ना!
उनकी यह बात सुनकर मुझमें बड़ी हिम्मत आ गई और मैंने सबसे पहले उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
चाची भी मजा लेने लगीं.
मैं कभी चाची के ऊपर के होंठ को चूस रहा था, तो कभी उनकी जीभ को. ऐसे ही हमारी किसिंग कुछ देर तक चली.
मैंने अपने कपड़े उतारे और चाची ने भी अपने कपड़े निकाल दिए.
अब चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी हुई थीं और वो मेरा 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड देख कर खुश हो गई थीं.
चाची बोलीं- वाह अरमान तू तो बड़ा हो गया है.
मैंने कहा- चाची मुझे बड़े होने का अहसास तो दिलाओ.
चाची समझ गईं और अगले ही पल वो उठ कर मेरे लंड पर आ गईं. चाची ने मेरे लंड को सीधे अपने होंठों पर रख कर चूमा.
मैंने आह भरी, तो चाची ने झट से लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
जैसी ही उन्होंने मेरा लंड चूसना चालू किया, मुझे लगा जैसे कि मैं जन्नत में आ गया हूँ. मेरी आंखें बंद हो गईं और मैं बस चाची से अपने लंड को चुसवाते हुए मस्त आवाजें करता रहा.
‘आह चाची मज़ा आ गया … आह कम ऑन चाची … आह क्या मस्त मज़ा आ रहा है.’
चाची काफी देर तक मेरा लंड चूसती रहीं.
अब मैं झड़ने वाला हो गया था तो मैंने एक हाथ से चाची का सिर पकड़ा और लंड को उनके गले तक पेलने लगा.
चाची समझ गई थीं कि मेरा लंड माल छोड़ने ही वाला है. बस कुछ ही देर में मैं झड़ गया और चाची मेरा सारा पानी पी गईं.
मैं निढाल हो गया और सीधा लेट गया.
दो मिनट बाद मैंने चाची को लिटा दिया और उनकी टांगों के बीच में आकर उनकी चुत पर किस करके जीभ फेरने लगा. चाची की सिसकारी छूट गई.
फिर मैं चाची की चुत चाटने लगा. चाची पूरे जोश में अपनी कामुक आवाजें निकाल रही थीं.
चाची- आह अरमान आह कम ऑन सक मी यस आह अया ऊफ़.
कुछ ही मिनट तक चुत चूसने के बाद मेरा लंड फिर से टाइट हो गया और मैंने चाची की चुत चाटना छोड़ दी.
अब मैंने बिना टाइम गंवाए अपने खड़े लंड को चाची की चुत पर सैट कर दिया और सुपारे को घिसने लगा.
चाची कहने लगीं- आह अब मत तड़पा … जल्दी से डाल दे ना प्लीज़.
मैंने कमर को जर्क दिया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी चुत में पेल दिया.
लंड लेते ही चाची चिल्ला उठीं- आह मर गई याखुदा … जान लेगा क्या.. आह आराम से कर कमीने.
उनके मुँह से गाली सुन कर मैं और जोश में आ गया और चाची की चूत में स्पीड से झटके मारने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो.
चाची कामुक आवाजें कर रही थीं- आह यस … और तेज़ कर … आह यस फक मी फक मी हार्डर आह.
मैं भी लगातार शॉट्स लगाता जा रहा था. पूरे बीस मिनट की चुदाई में चाची एक बार झड़ चुकी थीं और अब मेरा भी काम तमाम होने वाला था.
मैंने चाची से कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ. कहा निकालु? ?????
चाची ने कहा- अन्दर ही झड़ जाओ. कुछ नही होगा मैने ऑपरेशन करवा रखा है.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और ताबड़तोड़ चुत चोदने लगा.
करीबन दस धक्कों के बाद ही एक ज़ोरदार धक्के के साथ मैंने चाची की चूत के अन्दर ही अपना सारा पानी छोड़ दिया.
मेरे साथ ही चाची भी दोबारा झड़ गईं और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर अपने स्खलन का मजा लेने लगे.
हम दोनों एक दूसरे को किस करते हुए ऐसे ही नंगे सो गए.।
सुबह उठकर चाची ने अपने कपड़े पहने और मुझे जगा कर कपड़े पहनने के लिए कहा.।
मैंने कपड़े पहने और चाची की तरफ देखा.
वो ऐसे बर्ताव करने लगीं, जैसी रात को उनके साथ मेरा कुछ हुआ ही नहीं था.
इसके बाद अगली रात को चाची ने फिर से मेरे साथ सेक्स का मजा लिया. हम दोनों हर तरह से खुल कर चुदाई का मजा लेने लगे.
अब तो दिन में भी जब चान्स मिल जाता है, तो हम दोनों फुल एंजाय कर लेते हैं.
मैं अपनी आगे की पढ़ाई के लिए चाची के पास ही एक कमरा रेंट पर लेकर रहने लगा और उनको गाहे बगाहे चोद कर मजा ले लेता हूँ.।
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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अरमान है.
मैं महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ जो लातूर जिले का ही एक गांव है.
मेरी उम्र 21 साल है और मेरी हाईट 178 सेंटीमीटर है. मैं दिखने में स्लिम हूँ और मेरे लंड का साइज़ औसत ही है. ये 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.
मैं रोज़ सेक्स कहानी पढ़ता हु।
इन्हीं गर्म सेक्स कहानी को पढ़ कर मेरे मन में अपनी सेक्स कहानी लिखने की चाहत जागी.
मैं चाहता हूँ कि मेरी चाची की चूत चुदाई कहानी को आप सभी के साथ साझा करूं.
ये एक सच्ची घटना है. चूंकि मैं पहली बार सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, इसलिए ये तो पक्का है कि मुझे गलती होगी. मगर आपसे इल्तजा है कि यदि आपको कोई ग़लती दिखे तो प्लीज़ नजरअंदाज कर दीजिएगा.
यह घटना आज से 2 साल पुरानी उस वक्त की है, जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था.
मुझे सेक्स कहानियां पढ़ने से सेक्स के बारे में काफी कुछ पता चल चुका था.
उनकी मस्त चुदाई पर कर मैं अपने लंड को हिलाए बिना रह ही नहीं पाता था और मुठ मार कर खुद को शांत कर लेता था.
एक दिन यूं ही एक सेक्स स्टोरी सामने आ गई.
मैं उस सेक्स कहानी में खो गया.
ये सेक्स कहानी मुझे बेहद पसंद आई और उसी दिन से मुझे सेक्स कहानी पढ़ना ज्यादा अच्छा लगने लगा.
अब मैं रोज सुबह से चाय आदि पीने के बाद अपने कमरे में कहानी साईट को खोल कर अपनी रात भर की गर्मी को शांत करने के लिए लंड हिलाते हुए सोचता रहता था कि कोई चुत चोदने मिल जाए, तो मजा ही आ जाए.
इस सोच का नतीजा ये हुआ कि मेरी निगाहें अपने इर्द गिर्द रहने वाली लड़कियों और महिलाओं पर जाने लगीं.
फिर एक दिन हमारे घर मेरी चाची आईं, ये मेरी अम्मी की छोटी बहन भी थीं. उनका नाम रूही था. मेरी अम्मी की बहन का निकाह मेरे चचाजान से ही हुआ था. इसलिए रूही मेरी चाची भी थीं और खाला भी थीं.
मेरी चाची लातूर में रहती हैं. मेरी चाची के घर में 6 मेंबर हैं. चाची अंकल के साथ उनकी 3 बेटियां और एक बेटा रहते हैं.
रूही चाची दिखनी में बहुत सेक्सी हैं. उनका भरा हुआ बदन एकदम टाइट है. उनके मम्मे और गांड इतनी मस्त है कि जो भी चाची को एक बार देख ले, तो खुश हो जाए.
चाची हमारे घर कुछ दिनों के लिए रहने आई थीं, उनके साथ उनकी 2 बेटियां भी आई थीं.
वो संडे का दिन था इसीलिए कॉलेज की छुट्टी थी. मैं घर पर ही था.
दोपहर को दरवाजे पर दस्तक हुई.
जब मैंने दरवाज़ा खोला, तो देखा सामने रूही चाची नकाब पहने खड़ी थीं.
मेरे दरवाजा खोलते ही उन्होंने अपने चांद से मुखड़े से नकाब हटाया, तो मैं उन्हें देख कर खुश हो गया और सलाम बोल कर उनको अन्दर आने के लिए कहा.
साथ ही मैंने आवाज देकर अम्मी को बताया कि रूही चाची आई हैं.
मेरी अम्मी भी जल्दी से आईं और दोनों बहनें गले लग कर मिलीं.
इसके बाद जब चाची ने अपना बुरका निकाला, तो मैं तो उन्हें बस देखता ही रह गया. क्या मस्त माल लग रही थीं.
चाची हरे रंग की शिफोन की साड़ी में बहुत ही सेक्सी कांटा माल दिख रही थीं.
इस पारदर्शी साड़ी में से उनकी गोरी कमर, सीने पर तने हुए बड़े बड़े बूब्स और चुस्त पेटीकोट से एकदम उठे हुए चूतड़ों को देख कर मेरे लंड में तो समझो फुरफुरी आ गई.
चाची मेरी अम्मी से बातें करने में लगी थीं. बुरका उतारते वक्त उनका ध्यान अपने कपड़ों और साड़ी के आंचल पर नहीं था. उनकी इस बेध्यानी में मैं अपनी कामुक निगाहों से उन्हें देखने लगा.
उनकी साड़ी सीने से ढलकी हुई थी और गहरे गले के ब्लाउज से उनके मिल्की वाइट दूध देख कर मुझे बहुत रोमांच हो रहा था.
मुझे लग रहा था कि शायद मेरे लंड के लिए चुत का इंतजाम हो गया है.
तभी चाची की नजर मुझे पर पड़ी और उन्होंने मुझसे भी बात करनी शुरू कर दी. तब तक अम्मी चाची के पानी लेने अन्दर चली गई थीं.
चाची ने मुझसे बातचीत शुरू तो की, मगर उन्होंने अपने ढलके हुए पल्लू को अपने सीने पर ठीक नहीं किया. जिससे मुझे उनके चूचों के दीदार बदस्तूर होते रहे.
शायद अब इस बात को चाची ने भी नोट कर लिया था, मगर इसके बावजूद भी उन्होंने खुद को व्यवस्थित करने की कोई चेष्टा नहीं की.
फिर अम्मी आ गईं और मैं चाची की बेटियों से बात करने लगा.
कुछ देर बाद दिन का खाना आदि हुआ और लगातार बातें हंसी मजाक आदि चलता रहा.
ऐसे ही दिन गुज़र गया और रात हो गई.
हम सबने साथ में खाना खाया.
खाने के बाद सब लोग सोने की तैयारी करने लगे.
मेरी अम्मी अब्बू अपने रूम में चले गए और मैं चाची को लेकर अपने कमरे में आ गया.
चाची सोने के लिए अपनी छोटी लड़की को लेकर मेरे रूम में आ गईं. बड़ी लड़की अम्मी अब्बू के कमरे में सोने चली गई.
मैं अपने कमरे में चाची के साथ पलंग पर लेट गया. हम दोनों एक साथ ही लेटे बात करने लगे और चाची की एक साइड उनकी छोटी लड़की लेट गई थी.
चाची थकी हुई थीं इस कारण थोड़ी देर में ही सो गईं.
मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी.
कमरे की लाइट ऑन थी और मेरा फेस लाइट की तरफ था. मैंने करवट बदल ली, तो अब मेरा चेहरा और चाची का चेहरा आमने सामने ही गया था.
मेरी नज़रें उनके रसीले होंठों पर टिक गई थी.
क्या मस्त रसीले होंठ थे उनके, दिल तो कर रहा था कि बस आगे बढ़ कर इन रसभरे लबों चूस लूं.
मगर मजबूरी थी इसलिए मुझे अपने आप पर कंट्रोल करना पड़ा.
मैं उनकी जवानी को नशीली निगाहों से बाद देख रहा था. होंठों से हट कर मेरी नज़रें चाची की चूचियों पर आ गईं.
उनकी बड़ी बड़ी 36 इंच की चूचियां एक लयबद्ध तरीके से सांसों के साथ उठ बैठ रही थीं. मेरी नजरों के सामने चाची के गहरे गले के ब्लाउज में उनकी चूचियां बहुत ही मस्त लग रही थीं.
जब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने ‘चाची चाची ..’ कह कर उन्हें आवाज दी.
मैंने चाची को आवाज़ देकर देखना चाहता था कि कहीं वो जाग तो नहीं रही हैं. जब मेरे आवाज़ देने पर भी चाची नहीं उठीं, तो मैं समझ गया कि चाची गहरी नींद में सो रही हैं.
अब मैंने हिम्मत करते हुए अपना एक हाथ उनकी चूची पर रख दिया और हल्के हाथ से चूची के साथ खेलने लगा.
शुरुआत में तो मुझे कुछ डर सा लगा फिर चाची की नर्म नर्म चुचियों को छुआ तो मुझे मजा आ गया.
मैं पहले एक चूची के साथ खेला, फिर दूसरी के साथ मजा लिया.
दो मिनट में ही मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
अब मैं पूरी तरह जोश में आ गया था. कुछ पल के बाद मैं रुक गया और आहिस्ता से चाची का ब्लाउज खोलने लगा.
मैंने चाची के चिटकनी वाले बटन को खींचा, तो एक बटन चट से खुल गया और उनकी चूचियों की दरार जन्नत के दीदार होने लगे.
मैंने दूसरे बटन को झटका दिया, तो वो भी खुल गया. इसी तरह से मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया.
आह … चाची की दूधिया चूचियां मस्त लग रही थीं.
चाची मेरे सामने अब पिंक कलर की ब्रा में थीं. उनकी गोरी चूचियों को गुलाबी जालीदार ब्रा में देख कर मैं बिल्कुल पागल सा हो गया था.
एक दो पल रुकने के बाद मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से उनकी चूचियों को दबाया और अपना मुँह आगे करके एक चूची के ऊपर जीभ फेर दी.
चाची की नींद गहरी लगी हुई थी, जिस वजह से उनकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी.
अब मैंने एक हाथ से उनकी साड़ी ऊपर कर दी और नीचे का नजारा देखने लगा.
कुछ ही देर में मैंने चाची की साड़ी और पेटीकोट को काफी ऊपर कर दिया और उनकी चुत के बहुत पास तक उन्हें नंगी कर दिया.
अब मैंने चाची की चूचियों को छोड़ कर नीचे का मजा लेना शुरू कर दिया.
मगर गांड बहुत ज्यादा फट रही थी.
फिर मैंने उनकी ब्रा निकालने की सोची और ब्रा को खींचा, तो ब्रा का हुक पहले से ही खुला हुआ था.
चाची की ब्रा मेरे हाथ से खिंच कर ढीली हो गई. मैं आराम से उनकी ब्रा निकालने लगा और उनकी चूचियों को नंगी कर दिया.
अब मेरे सामने चाची ऊपर से बिल्कुल नंगी हो गई थीं. मैंने उनके एक बूब के निप्पल को अपनी जीभ से कुरेदना शुरू किया, तो मुझे एकदम से सनसनी होने लगी.
मैं चाची के एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे हाथ से उनकी जांघ को सहलाने लगा.
उनकी जांघें भी बहुत नर्म थीं.
फिर मैं चाची के दूसरे बूब को चूसने लगा.
मैं एक एक करके उनके दोनों मम्मों का मज़ा लेने लगा.
फिर मैंने जब अपना हाथ चाची की चुत पर रखा, तो देखा कि चाची ने तो पैंटी पहनी ही नहीं थी. मैंने नीचे झुक कर देखा, तो चाची की चूत बिल्कुल साफ़ थी और गीली हो चुकी थी. मैं समझ गया कि चाची भी मजा ले रही हैं.
अब मैंने हिम्मत करके अपनी एक उंगली चाची की चुत में डाल दी. उनकी चुत गीली और बड़ी होने की वजह से मेरी उंगली बड़ी आसानी से अन्दर बाहर होने लगी थी.
अचानक से मुझे मेरे लंड कुछ फील होने लगा. जब मैंने देखा, तो चाची अपने हाथ से मेरा लंड सहला रही थीं.
ये देख कर पहले तो मैं डर गया और मैंने अपना हाथ चुत से हटा लिया.
उसी समय चाची ने आहिस्ता से मेरे कान में कहा- क्या हुआ अरमान … मज़ा नहीं आया क्या? प्लीज़ मेरी चुत में उंगली जारी रखो ना!
उनकी यह बात सुनकर मुझमें बड़ी हिम्मत आ गई और मैंने सबसे पहले उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
चाची भी मजा लेने लगीं.
मैं कभी चाची के ऊपर के होंठ को चूस रहा था, तो कभी उनकी जीभ को. ऐसे ही हमारी किसिंग कुछ देर तक चली.
मैंने अपने कपड़े उतारे और चाची ने भी अपने कपड़े निकाल दिए.
अब चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी हुई थीं और वो मेरा 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड देख कर खुश हो गई थीं.
चाची बोलीं- वाह अरमान तू तो बड़ा हो गया है.
मैंने कहा- चाची मुझे बड़े होने का अहसास तो दिलाओ.
चाची समझ गईं और अगले ही पल वो उठ कर मेरे लंड पर आ गईं. चाची ने मेरे लंड को सीधे अपने होंठों पर रख कर चूमा.
मैंने आह भरी, तो चाची ने झट से लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
जैसी ही उन्होंने मेरा लंड चूसना चालू किया, मुझे लगा जैसे कि मैं जन्नत में आ गया हूँ. मेरी आंखें बंद हो गईं और मैं बस चाची से अपने लंड को चुसवाते हुए मस्त आवाजें करता रहा.
‘आह चाची मज़ा आ गया … आह कम ऑन चाची … आह क्या मस्त मज़ा आ रहा है.’
चाची काफी देर तक मेरा लंड चूसती रहीं.
अब मैं झड़ने वाला हो गया था तो मैंने एक हाथ से चाची का सिर पकड़ा और लंड को उनके गले तक पेलने लगा.
चाची समझ गई थीं कि मेरा लंड माल छोड़ने ही वाला है. बस कुछ ही देर में मैं झड़ गया और चाची मेरा सारा पानी पी गईं.
मैं निढाल हो गया और सीधा लेट गया.
दो मिनट बाद मैंने चाची को लिटा दिया और उनकी टांगों के बीच में आकर उनकी चुत पर किस करके जीभ फेरने लगा. चाची की सिसकारी छूट गई.
फिर मैं चाची की चुत चाटने लगा. चाची पूरे जोश में अपनी कामुक आवाजें निकाल रही थीं.
चाची- आह अरमान आह कम ऑन सक मी यस आह अया ऊफ़.
कुछ ही मिनट तक चुत चूसने के बाद मेरा लंड फिर से टाइट हो गया और मैंने चाची की चुत चाटना छोड़ दी.
अब मैंने बिना टाइम गंवाए अपने खड़े लंड को चाची की चुत पर सैट कर दिया और सुपारे को घिसने लगा.
चाची कहने लगीं- आह अब मत तड़पा … जल्दी से डाल दे ना प्लीज़.
मैंने कमर को जर्क दिया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी चुत में पेल दिया.
लंड लेते ही चाची चिल्ला उठीं- आह मर गई याखुदा … जान लेगा क्या.. आह आराम से कर कमीने.
उनके मुँह से गाली सुन कर मैं और जोश में आ गया और चाची की चूत में स्पीड से झटके मारने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो.
चाची कामुक आवाजें कर रही थीं- आह यस … और तेज़ कर … आह यस फक मी फक मी हार्डर आह.
मैं भी लगातार शॉट्स लगाता जा रहा था. पूरे बीस मिनट की चुदाई में चाची एक बार झड़ चुकी थीं और अब मेरा भी काम तमाम होने वाला था.
मैंने चाची से कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ. कहा निकालु? ?????
चाची ने कहा- अन्दर ही झड़ जाओ. कुछ नही होगा मैने ऑपरेशन करवा रखा है.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और ताबड़तोड़ चुत चोदने लगा.
करीबन दस धक्कों के बाद ही एक ज़ोरदार धक्के के साथ मैंने चाची की चूत के अन्दर ही अपना सारा पानी छोड़ दिया.
मेरे साथ ही चाची भी दोबारा झड़ गईं और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर अपने स्खलन का मजा लेने लगे.
हम दोनों एक दूसरे को किस करते हुए ऐसे ही नंगे सो गए.।
सुबह उठकर चाची ने अपने कपड़े पहने और मुझे जगा कर कपड़े पहनने के लिए कहा.।
मैंने कपड़े पहने और चाची की तरफ देखा.
वो ऐसे बर्ताव करने लगीं, जैसी रात को उनके साथ मेरा कुछ हुआ ही नहीं था.
इसके बाद अगली रात को चाची ने फिर से मेरे साथ सेक्स का मजा लिया. हम दोनों हर तरह से खुल कर चुदाई का मजा लेने लगे.
अब तो दिन में भी जब चान्स मिल जाता है, तो हम दोनों फुल एंजाय कर लेते हैं.
मैं अपनी आगे की पढ़ाई के लिए चाची के पास ही एक कमरा रेंट पर लेकर रहने लगा और उनको गाहे बगाहे चोद कर मजा ले लेता हूँ.।