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Adultery Hindi my best stories
#4
पड़ोसन आंटी की चूत और गांड मारी
*****************************



नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम गर्व है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ. मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ. मेरे घर में मेरी मम्मी और पापा हैं.

ये कहानी मेरी पड़ोस में रहने वाली सेक्सी मौसी की चुदाई कहानी है.
मौसी मेरी मम्मी की सहेली हैं तो को मैं उन्हें मौसी कहता हूँ.

उनका नाम माया है … और वो दिखने में बहुत खूबसूरत हैं. हालांकि वो थोड़ी मोटी हैं, पर उनका फिगर बहुत मस्त है.
उनके मम्मे बहुत बड़े थे और उनकी गांड को लेकर तो क्या बोलूं … आह एकदम मस्त … मानो दो खरबूजे फिट हों.

उनके पति खेती का काम करते हैं और बहुत अच्छी कमाई करते हैं. मेरी मम्मी की और उनकी बहुत अच्छी बनती है … इसलिए वो अक्सर मेरे घर आती जाती हैं.
मौसी को लेकर कभी भी मेरे मन में उनके लिए कोई गलत विचार नहीं आया था.

पर अब मैं बड़ा हो गया था और मेरी जवानी उछल उछल कर बाहर आ रही थी.
मैं रोज मोबाइल पर गंदी फ़िल्म देखता और मुठ मार कर खुद को शांत करने लगा था.
इस दौरान मैं बहुत कुछ सोचता रहता था.

एक दिन मेरी मम्मी को जरूर काम से कुछ दिनों के लिए मेरे मामा के घर जाना पड़ा.
चूंकि मेरे पापा विदेश में रहते हैं, तो मम्मी ने घर पर मुझे छोड़ कर जाने का तय कर लिया क्योंकि घर की सुरक्षा के लिए किसी एक का रहना आवश्यक था.

मम्मी ने मौसी को मेरा ध्यान रखने के लिए और खाना बनाने का बोल दिया.
और फिर मम्मी मामा के घर चली गईं.

अब मैं घर में अकेला था और जो चाहे वो कर सकता था.
इसलिए मैंने टीवी को फ़ोन से कनेक्ट करके ब्लू फ़िल्म लगा दी और पूरा नंगा होकर मुठ मारने लगा.
मैं मुठ मारते मारते कुछ मिनट बाद झड़ गया.

अब शाम हो गयी थी.
इतने में मौसी का फ़ोन आया कि खाना बन गया है, आकर खा ले.

मैंने अपने कपड़े पहने और मौसी के घर चला गया.
मैंने उनके घर जाकर डोर बेल बजाई, तो मौसी ने गेट खोल दिया.

आज मैं मौसी को देख कर दंग रह गया. मौसी ने बहुत ही खूबसूरत साड़ी पहनी थी. उनकी साड़ी नाभि दर्शना थी और उन्होंने बहुत गहरे गले का बिना आस्तीन का ब्लाउज पहना हुआ था. मैं उन्हें देखता ही रह गया.

फिर मौसी ने मुस्कुरा कर कहा- ऐसे क्या देख रहे हो … अन्दर नहीं आना क्या?

मैं उनकी बात सुनकर अचकचा गया और झट से अन्दर आ गया.
मैंने मौसी की तरफ देखना जारी रखा.

उन्होंने मेरी नजरों को पढ़ते हुए मुस्कुराते हुए कहा- मैंने खाना लगा दिया है, चलो साथ में खा लेते हैं.
हम दोनों डाइनिंग टेबल पर खाने बैठ गए.

मुझे मौसा जी कहीं दिख नहीं रहे थे तो मैंने मौसी से पूछा- मौसाजी घर पर नहीं है क्या?
वो बोलीं- हां वो 5 दिन के लिए बाहर गए हैं.

मैंने कहा- अच्छा, मुझे मालूम ही नहीं था.
वो बोलीं- हां वो उन्हें एकदम से जाना पड़ा.

मैंने फिर से मौसी से पूछा कि क्या आप कहीं जाने वाली थीं?
वो बोलीं- क्यों?

मैंने कहा- आप आज एकदम से रेडी दिख रही हैं न.
वो आंख दबा कर बोलीं- मैं तो हमेशा ही रेडी रहती हूँ.

मैं उनकी इस बात को समझ न सका.

मैंने कहा- मेरा मतलब आप आज बड़ी खूबसूरत लग रही हैं न … इसलिए मैंने सोचा कि आप तैयार होकर कहीं बाहर जाने वाली हैं.
मौसी ने फिर हंस कर कहा- अच्छा तुमको आज मैं खूबसूरत लग रही हूँ, इसलिए बाहर खड़े होकर देखने लगे थे.

ये सुनकर मैं झेंप गया और कुछ नहीं बोला.

मगर मुझे कुछ कुछ हैरानी भी हो रही थी कि जब आज मौसा जी घर में नहीं हैं और मौसी को कहीं बाहर भी नहीं जाना हैं तो ये इतनी हॉट सी क्यों सजी धजी हैं.

अब हम दोनों खाना खाने लगे और इधर उधर की बातें करने लगे.

बातों बातों में मेरे हाथ से गलती से एक ऐसा झटका लगा कि मौसी के हाथ से दाल की कटोरी उनकी साड़ी पर गिर गयी.

दाल बहुत गर्म थी, तो मौसी एकदम से हड़बड़ा उठीं. उन्हें गर्म लगने के कारण वो घबरा गईं और उन्होंने वहीं पर अपनी साड़ी निकाल दी.

अब वो मेरे सामने सिर्फ एक छोटे से कसे हुए ब्लाउज और पेटीकोट में थीं. उनके ब्लाउज से उनकी आधे से अधिक चूचियां झांक रही थीं.

ये कामुक नजारा देखकर मेरा तो लंड एकदम से खड़ा हो गया, पर मैंने कंट्रोल किया.

मैं मौसी की तरफ देख कर उन्हें सॉरी बोला, तो उन्होंने कुछ नहीं कहा.

फिर वो अपनी गांड हिलाते हुए दूसरी साड़ी पहनने चली गईं.

इतने में मैंने खाना खत्म किया और मौसी को बोलने गया कि मैं घर जा रहा हूँ.
मुझे मौसी का जवाब नहीं मिला. वो अपने कमरे में थीं, तो मैं वहां गया.

उनके रूम का गेट थोड़ा सा खुला था और मौसी अन्दर कपड़े बदल रही थीं. मैं उन्हें देखने लगा.

मैंने देखा वो ब्रा और पैंटी में थीं, पर उन्हें नहीं पता था कि मैं पीछे से उन्हें देख रहा हूँ. मैं अपना लंड हिलाते हुए उन्हें ब्रा पैन्टी में देखने लगा.

उन्होंने कुछ देर अपनी चूचियां मसलीं और अपनी चुत खुजा कर गांड हिलाई. फिर अपना ब्लाउज और पेटीकोट पहना और साड़ी उठाने लगीं.

फिर मैं रूम से थोड़ा दूर हो गया और उन्हें आवाज दी- मौसी मौसी … आप किधर हैं?
वो बोलीं- मैं कपड़े पहन रही हूँ.

मैंने कहा- ओके … मैं घर जा रहा हूँ.
उन्होंने कहा- अरे जरा रुक जाता.

मैंने कहा- नहीं, मौसी मुझे पढ़ना है.
मौसी बोलीं- ठीक है.

मुझे मुठ मारने की पड़ रही थी. मैं जल्दी घर से आ गया और आने के तुरंत बाद अपने रूम में जाकर मौसी के नाम की मुठ मारी और पूरी रात बस मौसी को चोदने के सपने देखता रहा.

मैंने सोचा कि मौसी जैसी मस्त माल को तो मैं चोद कर ही रहूँगा.

मैंने अगले दिन कॉलेज से आकर मौसी को फोन किया और कहा- आज आप खाना मेरे घर ही दे जाना. मेरी थोड़ी तबियत खराब है.
वो बोलीं- ठीक है.

अब मैं तो उन्हें चोदने के सपने देख रहा था. मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था कि मौसी कब आएंगी और कब उन्हें चोदने का मौका मिलेगा.

मेरे मन में बस यही चल रहा था, उन्हें चोदने को लेकर बार बार प्लानिंग बनाता, फिर उनकी चुत नजर आने लगती तो प्लानिंग की मां चुद जाती और लंड खड़ा हो जाता.

मैं यही सब सोचते सोचते कब सोफे पर ही सो गया, पता ही नहीं चला.

जब शाम हुई, तो मेरे घर के मेन गेट की बेल बजी.

घंटी की आवाज सुनकर मैं उठा और मैंने जाकर गेट खोला.
सामने मौसी खड़ी थीं.

मैंने उन्हें अन्दर आने को कहा. मौसी अन्दर आ गईं.

उन्होंने मेरी तबियत के बारे में पूछा.
मैंने उन्हें बताया कि कॉलेज से आते ही सो गया था, तो अब तबियत ठीक है.

मौसी मेरे साथ अपना भी खाना लाई थीं.
हम दोनों ने साथ में खाना खाया और खाते हुए ही मैंने मौसी से उन पर गर्म दाल गिर जाने को लेकर फिर से माफी मांगी.
तो मौसी बोलीं- कोई बात, नहीं हो जाता है. वो तो मुझसे ही गिरी थी. तेरा तो बस हाथ लगा था.

मैंने कुछ नहीं कहा और खाना खाते हुए उन्हें ही देखने लगा.
बीच बीच में मेरी नजरें मौसी की आंखों से टकरा जातीं तो वो हंस देतीं.

कुछ देर में खाना खत्म हुआ, तो मौसी किचन में चली गईं और बर्तन साफ करने लगीं.

मैं भी वहीं चला गया और मैंने मौसी से कहा- आप ये सब क्यों कर रही हो, मैं कर दूँगा न!
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, ये भी मेरा दूसरा घर ही है न.
मैंने कहा- हां वो तो है, मगर मैं इतना तो कर ही सकता हूँ.

फिर मैं भी उनकी मदद करने लगा और मदद करने के बहाने मैं उनके मम्मों को देख रहा था.
मौसी अपने काम में मस्त थीं.

फिर वो वहां से हट गईं और अपने हाथ साफ कर रही थीं.
वो बार बार मेरे हाथ की कोहनी को अपने मम्मों पर टच करवा रही थीं; मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि मौसी ये क्यों कर रही हैं.

मगर मैं गर्मा गया और मैंने बर्तन रखने की कोशिश की तो मौसी गिरने लगीं.

मैंने उसी समय उन्हें पीछे से पकड़ लिया.
वो हंस कर बोलने लगीं- अरे मैं ठीक हूँ … अब छोड़ दे मुझे.

मगर मैंने मौसी को नहीं छोड़ा और उन्हें पकड़े ही रहा और उनके मम्मे दबाने लगा.

मौसी बोलीं- अब छोड़ दे ना … ये क्या कर रहा है.

मगर न जाने क्यों मेरे सर पर तो उन्हें चोदने का भूत सवार हो गया था.
मैं जोर जोर से उनके मम्मे दबा रहा था और वो मुझसे छुड़ने की कोशिश कर रही थीं.

पर अब तो मैंने उनकी चूत पर हाथ रख दिया और उसे सहलाने लगा.

इतने में वो मुझसे दूर होकर बोलीं- ये तुम क्या कर रहे थे?
मैंने बोला- आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
वो हंस कर बोलीं- पागल हो गया है तू … ठहर मैं तेरा भूत उतारती हूँ.

ऐसा कह के मौसी मुस्कुराती हुई मुझे मारने को हुईं, तो मैंने फिर से उनकी साड़ी पकड़ कर खोल दी.
हम दोनों में जद्दोजहद होने लगी. वो खिलखिला कर छूटने पकड़ने का खेल खेल रही थीं.

मैंने उन्हें जैसे तैसे करके जमीन पर लेटा दिया और उन पर चढ़ गया.

वो ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई थीं और मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश कर रही थीं.

मैंने जैसे तैसे करके उनके पेटीकोट को खोल दिया और उनकी चूत में उंगली डाल दी.

अब मैं मौसी की चुत में उंगली करते हुए उनके होंठों को चूमने लगा.
अब वो भी धीरे धीरे गर्म होकर मेरा साथ देने लगीं.

ये देख कर मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया और उनकी ब्रा उतार कर उनके मम्मे चूसने लगा.
सेक्सी मौसी भी आह आह करते हुए सिसकारियां भरने लगीं.

उनकी चूत में मेरी उंगली तेजी से चल रही थी.

फिर मैंने उनकी पैंटी उतार दी और जोर जोर से उंगली करने लगा.
मैंने देखा कि उनकी चूत बिल्कुल बिना बाल वाली थी.

वो ‘आहहह आहह … करके सिसकारियां भर रही थीं.
मैं सेक्सी मौसी की चूत में जोर से उंगली करता ही जा रहा था और उनकी चुत खुल कर फ़ैल गई थी.

कुछ देर बाद वो बोलीं- बस कर, अभी इतने में ही मैं झड़ गयी … तो बाद में क्या करूंगी.

मगर फिर भी मैं नहीं रुका. इसके बाद भी मौसी की चुत में उंगली करता रहा और उनके मम्मे और होंठों को चूसता रहा.

चूंकि उनका पानी निकल चुका था इसलिए उन्हें मजा नहीं आ रहा था.

उनके बार बार कहने पर मैं खड़ा हो गया और उन्हें देखने लगा.

मौसी बोलीं- साले कब से भरा पड़ा था तू, मैं तेरी नजरों को समझती तो थी और खुद भी तुझसे चुदना चाह रही थी मगर मुझे ये नहीं मालूम था कि तू आज ही मेरी बखिया उधेड़ देगा.
मैंने कहा- मौसी जान … आपने मुझे कोई इशारा ही नहीं दिया, वर्ना अब तक तो कब का चोद चुका होता.

मौसी बोलीं- क्या करूं मुझे लाज आती थी. वर्ना कल ही तुझे पकड़ लिया होता जब तू मुझे कपड़े बदलता देख रहा था.
मैंने कहा- आपको कैसे मालूम था कि मैं देख रहा हूँ.

मौसी बोलीं- मैं सामने रखे शीशे में तुझे लंड हिलाते देख रही थी.
मैंने कहा- अरे वाह मौसी, तो बुला लेतीं.

मौसी बोलीं- तू कह कर जल्दी से चला ही गया, अगर कुछ देर रुक जाता तो कल ही चुदवा लेती.
मैं बोला- अरे मौसी चुदवाने में काहे की शर्म मौसी!

वो हंस दीं.

मैंने उन्हें अपने रूम में ले गया और वहां बेड पर उन्हें लेटा कर उनकी चूत को चाटने लगा.

मौसी बोल रही थीं- आह आज न जाने कितने वर्षों की आस पूरी हुई … मैं न जाने कबसे अपनी चुत चटवाने की सोच रही थी लेकिन तेरे मौसा ने आज तक मेरी चुत कभी चाटी ही नहीं. आह तू मेरी आस पूरी कर दे … आह और जोर से चाट हरामी और कर.

मौसी मेरा सर अपनी चुत पर दबाते हुए मुझे गालियां दे रही थीं और ‘अहहह मादरचोद चूस ले … भैन के लंड चुत चाट ले हरामी.’ की मादक आवाजें भी निकाल रही थीं.

कुछ ही देर बाद मौसी ने मुझे वहां से हटा दिया और झट से मेरे कपड़े निकाल कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर बहुत तबियत से चूसने लगीं.

मैं भी अपने हाथ से उनके मम्मे दबाये जा रहा था. क्या बताऊं दोस्तो, वो भी क्या मजा था.

कुछ देर बाद मौसी चुदासी सी बोलीं- अब देर न कर पहले जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल मेरी चूत फाड़ दे.

मैंने उन्हें चुदाई की पोजीशन में लिटाया और अपने लंड को नीचे सेक्सी मौसी की चुत में सैट करके जोर से धक्का दे मारा.

वो ‘आहहहह ..’ करके बोलीं- आह धीरे चोद मां के लौड़े … फ्री की चुत मिली तो रंडी की चुत समझ कर न चोद.

मैंने हंस कर धक्के मारने चालू किए और जोर जोर से चुदाई करने लगा. वो भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थीं.

अब मैं भी उन्हें गालियां दिए जा रहा था और वो भी मुझे पलट कर गाली दे रही थीं- आह मादरचोद … और जोर जोर से चोद दे … आहह अहहह!

मैं भी गाली देते हुए चुदाई में लगा था- ले भैन की लौड़ी … मादरचोदी ले साली रंडी मेरा लंड खा कमीनी.

इसके बाद दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई हुई.
फिर मैंने अपना लंड निकाल कर सेक्सी मौसी को डॉगी स्टाइल में करके चोदने लगा. अब पूरे रूम में छप छप की आवाज आ रही थी.

उन्हें लंड लेने में मजा आ रहा था और मैं भी पहली बार किसी मस्त चुत को चोद रहा था.

अब तक काफी देर हो गई थी. मैं झड़ने वाला था,

मैंने उनसे कहा- मेरा होने वाला है … माल कहां लोगी?
वो बोलीं- अन्दर ही छोड़ दे. मेरा सेफ पिरीयड चल रहा हे।

मैंने तेज तेज धक्के मारे और चुत के अन्दर ही अपना पानी छोड़ दिया और उनके ऊपर लेट गया.

वो लम्बी लम्बी साँसें भरते हुए बोलीं- तुझमें तो बहुत पावर है.
मैंने बोला- हां मेरी परमानेंट रंडी बन जाओ … मैं रोज इस पॉवर का मजा दूँगा.
वो हंस कर बोलीं- ठीक है, आज से मैं तेरी रांड बन गई हूँ.

इतना बोल कर मौसी ने मेरा लंड फिर से अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.

थोड़ी देर में ही उन्होंने लंड चूस कर उसे खड़ा कर दिया और बोलीं- आज रात मैं तेरी कुतिया हूँ. चोद कमीने.

मैंने हंस कर उन्हें वापस डॉगी स्टाइल में रख कर अपना लंड उनकी गांड में फेरा. तो वो बोलीं- नहीं उधर मत कर. मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है.
मैंने बोला- आज तो मैं तेरी गांड जरूर मारूंगा.

मैंने अपने लंड पर थूक लगा कर उनकी गांड के छेद पर लंड पेल दिया.

सेक्सी मौसी आगे को होकर चिल्लाने लगीं- आह निकाल ले … बहुत दर्द हो रहा है.

मगर मैं कहां मानने वाला था. मैं उनकी कमर पकड़ कर जोर जोर से धक्के देने लगा. वो बहुत तेज चीख रही थीं.

मगर थोड़ी देर बाद उन्हें भी मजा आने लगा और अब सेक्सी मौसी की गांड मेरे लंड को मजा देने लगी.

मैं काफी देर तक उनकी चूचियां दबाता हुआ उनकी गांड मारता रहा. बीच बीच में मैं उनकी चुत में भी लंड पेल देता, जिससे उन्हें भी मजा आने लगता. फिर बीस मिनट बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.

उस रात मैंने उन्हें पूरी रात कई बार चोदा. वो लस्त पस्त हो गई थीं.

सुबह चार बजे मैंने उन्हें दूध ब्रेड खिलाई और एक पेन किलर दे दी.
वो मेरे साथ नंगी ही चिपक कर सो गई.

अगले दिन दस बजे उनकी नींद खुली तब वो लंगड़ाते हुए अपने घर गयी.

फिर शाम को मौसी ने मेरे घर आकर मुझसे फिर से अपनी चुदाई करवाई.
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Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 09:36 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:44 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 10:57 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 11:10 PM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 18-01-2021, 11:53 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 12:16 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 09:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 09:41 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 09:54 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 10:05 PM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 19-01-2021, 11:42 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 12:00 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 12:20 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:29 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:38 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 10:45 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:02 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:12 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:47 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 20-01-2021, 11:58 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:17 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:24 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:40 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:49 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 12:56 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 01:22 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 09:50 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:02 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:12 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:23 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:39 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 10:50 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:11 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:30 PM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 21-01-2021, 11:40 PM
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RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 22-01-2021, 12:20 AM
RE: Hindi my best stories - by Pagol premi - 23-01-2021, 11:21 PM
RE: Hindi my best stories - by bhavna - 23-01-2021, 11:36 PM
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