18-01-2021, 09:15 AM
चिकना देवर
और वो पुड़िया उठा के लौटते हुए सीधे बंटू और मंटू के मांग में , एकदम सिन्दूर की तरह ,
जब तक वो दोनों सम्हले , मैं स्टोर के दरवाजे पे खड़ी थी , और वहीँ से दोनों को ललचाते हुए चिढ़ा रही थी ,
" अरे तुम दोनों का सिन्दूर दान तो हो गया , अब नौ महीने बाद सोहर होगा , पक्का ,... पेट फूलना शुरू हुआ है की नहीं अभी "
" अरे भाभी यहाँ तो आइये न , आप देखिये अभी से ,... " अनुज बोला
" मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ , अरे कुछ खाने पीने को ले आऊं , ... वरना कहोगे की तेरी बुआ और बड़की भाभी नहीं है तो भाभी ने भूखा भूखा रखा "
स्टोर से ही मैं बोली
मैंने सोच लिया था उन तीनो को कैसे , पहले तो भांग वाली गुझिया , फिर ठंडाई मैंने बनायीं वही कम्मो स्पेशल डबल डोज वाली
लेकिन साथ में डबल मीनिंग डायलॉग , होली की छेड़ छाड़ , स्टोर से भी मेरी जारी थी
असल में मैं आज कुछ ज्यादा ही मस्ती में थी ,
और उस की जिम्मेदार मैं खुद थी , ..
मैं और थोड़ी बहुत कम्मोअसल में पिछले डेढ़ दो घण्टे से मैं और कम्मो कुछ ज्यादा ही मस्ती कर रहे थे ,
कम्मो अपने ' देवरों ' के किस्से सुना रही थी ( उसका मरद पंजाब कमाने गया था , और साल में एक दो बार ही आता था , हफ्ते दो हफ्ते के लिए और कम्मो ने मुझे अपना राज बताया था , ' आखिर देवर और नन्दोई काहें के लिए होते हैं '
दो चार दिन भी उसका नागा नहीं होता था ) ,
और साथ में टीवी पे अच्छी वाली पिक्चर , हम लोग एक सी ऍफ़ एन एम् ( क्लॉथ्ड फीमेल नेकेड मेल ) वाली पिक्चर देख रहे थे लड़के यंग टीनेजर्स बेयरली 18 टाइप और महिलायें , एक दो एम् आई एल ऍफ़ टाइप ,
पहले तो जब लड़के डांस कर रहे थे तो कम्मो बोली , अरे इसमें कौन बात है लेकिन जब कपडे उतरने शुरू हुए और अंत में सिर्फ छोटी सी चड्ढी में
मैं और कम्मो भी फिल्म वाली औरतों की तरह जोर जोर से अब सीटी बजा रहे ताली पीट रहे थे
" खोल साले खोल , ... " कम्मो भी जोर जोर से
चड्ढी भी सरक गयी लेकिन अब उस ने हाथ से छिपा लिया और फिल्म में हल्ला जोर जोर से
और अब मैं भी कम्मो के साथ सीटी बजा रही थी , चिल्ला रही थी ,
फिल्म में दो लड़कियां गयी स्टेज पर , एक ने लड़के को पीछे से पकड़ा और दूसरे ने उसका हाथ हटा दिया
जोर की चीखें निकली , और हम दोनों भी , औजार जबरदस्त था लेकिन थोड़ा सोया थोड़ा जागा ,
कम्मो ने मेरी ओर देखा तो मैंने उसे इशारा किया , और फिल्म में हैण्ड जॉब , सब लड़कियां औरतें बारी बारी और जो लड़कियां थोड़ी बहुत हिचक रही थीं , डांस करने वाला लड़का उसी के पीछे , ... और बाकी लड़कियां भी पकड़ के जबरदस्ती उस पकड़वा रही थीं , चुसवा रही थीं
और हम दोनों भी खूब जोर जोर से ,
कम्मो , हँसते हँसते बोली , ये लड़के सब हम लोगों के देवर की तरह लग रहे हैं , ...
एक दम मैंने हामी भरी ,
मिल जाए तो मैं बिना चोदे छोडूंगी नहीं , कम्मो उठते होये बोली और स्टोर से गुझिया का डिब्बा निकाल के ले आयी
गुझिया खाते मैं बोली ,
" अरे होली में देवर को बिना चोदे छोड़ना , अरे पाप लगता है , होलिका का शाप लग जाएगा , अगर देवर बच के निकल गया। "
" एकदम जरा उधर देखो , ... "
एक लड़के को तीन औरतों ने पकड़ रखा था , वो छपटटा रहा था , लेकिन दो ने उसके दोनों हाथ कस के दबोच रखा था , और तीसरी चढ़ गयी उसके ऊपर , खुद अपने हाथ से पकड़ कर सेंटर किया और क्या कस के धक्का मारा
एक बार में आधा से ज्यादा अंदर , और बाकी की लड़कियों ने खूब जोर से सीटी मारी ,
पर उन स ज्यादा जोर से मेरी और कम्मो की सीटी थी।
और वो क्या हचक हचक एक चोद रही थी , लड़का जितना छटपटा रहा था उतनी ही जोर से वो न सिर्फ चोद रही थी , कभी झुक के अपनी बड़ी बड़ी चूँची उसके छाती पर रगड़ रही थी , कचकचा के गाल काट रही थीं
" अरे स्साला कोई बहनचोद चिकना देवर पकड़ में आ जाता न पक्का , बिना चोदे नहीं छोड़ती , ... " बोल कम्मो रही थी थी लेकिन मन मेरा भी ,
और तभी मेरा ध्यान गुझिया के डिब्बे की ओर पड़ा और मैं जोर से चौंकी ,
ये तो डबल भांग वाली गुझिया का डिब्बा था ,
मैं दो खा चुकी थी , मैं जब कम्मो से बोली तो उसने चुप करा दिया ,
" अरे सामने देखो एक और पकड़ा गया , .. अरे जल्दी में डिब्बा देखने का ध्यान नहीं रहा , फिर भांग चढ़ भी जायेगी तो क्या हुआ हम ही तुम तो हैं , ... "
मेरा ध्यान फिर सामने ये लड़का तो एकदम अनुज टाइप खूब चिकना और एक औरत अब उसके ऊपर चढ़ गयी थी , और साथ में एक और ,... एक चोद रही थी तो दूसरी उसके ऊपर चढ़ कर अपनी चुसवा रही थी ,
मेरे मुंह से भी निकल गया , सच यार आज कोई देवर पकड़ में आ जाता , तो हम दोनों मिल के इस फिल्म वालों से भी दो हाथ ,...
एकदम कम्मो बोली लेकिन उसे आधे घण्टे के लिए कुछ काम , हम लोगों के घर से सटे ही कुछ कोठरिया थी , ... बस उसी में
वो गयी और मैंने वो भांग वाली गुझिया , स्टोर में रखी , आधी बची थी वो मैं भी गपक गयी।
कुल ढाई गुझिया , ... मैं जानती थी आधे घंटे के अंदर शायद असर होगा , ...
मैंने सोचा होगा तो होगा , सो जाउंगी , कोई आनेवाला तो है नहीं , फिर कम्मो है न सम्हाल लेगी वो
पर आधे घण्टे के पहले ही अनुज और उसके दोनों दोस्त आ गए।
भांग , कम्मो के साथ मस्ती वाली बातें और वो फिल्म , जबरदस्त असर हो रहा था मेरे ऊपर। असल में भांग के साथ दो चक्कर है उसका असर आधे पौन घंटे में पूरी तरह चढ़ता है , और जो बात आप सोचो वही बात बार बार मन में घूमती है , उसका असर दिमाग पर तन पर सब जगह होता है , बस वही हो रहा था मेरे साथ।
उस फिल्म में जो औरतें टीनेजर्स लड़कों के साथ कर रही थीं , जबरदस्त कपडे उतारना , पकड़ के मुठियाना और सबसे ज्यादा बार बार दिमाग में घूम रहा था , कैसे पकड़ के उन सबने जबरदस्ती चोद दिया , वो सब चिंचिया रहे थे , ...
और ऊपर से कम्मो की बातें , ... स्साला कउनो चिक्क्न देवर आज भेंटाय जाय तो बिन चोदे ना छोड़ब ,...
अनजाने में मेरी आँखों के सामने मंटू का खूंटा नजर आ रहा था , एक तो दोनों बारमूडा पहने थे वो कर बंटू , और बंटू का भी , हाथ से स्साला छिपाने की कोशिश कर रहा था पर इश्क , मुश्क और खड़ा लंड कहीं छिपाने से छिपता है , और कैसे ललचायी नजर से वो सब मेरे उभार देख रहे थे
और वो पुड़िया उठा के लौटते हुए सीधे बंटू और मंटू के मांग में , एकदम सिन्दूर की तरह ,
जब तक वो दोनों सम्हले , मैं स्टोर के दरवाजे पे खड़ी थी , और वहीँ से दोनों को ललचाते हुए चिढ़ा रही थी ,
" अरे तुम दोनों का सिन्दूर दान तो हो गया , अब नौ महीने बाद सोहर होगा , पक्का ,... पेट फूलना शुरू हुआ है की नहीं अभी "
" अरे भाभी यहाँ तो आइये न , आप देखिये अभी से ,... " अनुज बोला
" मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ , अरे कुछ खाने पीने को ले आऊं , ... वरना कहोगे की तेरी बुआ और बड़की भाभी नहीं है तो भाभी ने भूखा भूखा रखा "
स्टोर से ही मैं बोली
मैंने सोच लिया था उन तीनो को कैसे , पहले तो भांग वाली गुझिया , फिर ठंडाई मैंने बनायीं वही कम्मो स्पेशल डबल डोज वाली
लेकिन साथ में डबल मीनिंग डायलॉग , होली की छेड़ छाड़ , स्टोर से भी मेरी जारी थी
असल में मैं आज कुछ ज्यादा ही मस्ती में थी ,
और उस की जिम्मेदार मैं खुद थी , ..
मैं और थोड़ी बहुत कम्मोअसल में पिछले डेढ़ दो घण्टे से मैं और कम्मो कुछ ज्यादा ही मस्ती कर रहे थे ,
कम्मो अपने ' देवरों ' के किस्से सुना रही थी ( उसका मरद पंजाब कमाने गया था , और साल में एक दो बार ही आता था , हफ्ते दो हफ्ते के लिए और कम्मो ने मुझे अपना राज बताया था , ' आखिर देवर और नन्दोई काहें के लिए होते हैं '
दो चार दिन भी उसका नागा नहीं होता था ) ,
और साथ में टीवी पे अच्छी वाली पिक्चर , हम लोग एक सी ऍफ़ एन एम् ( क्लॉथ्ड फीमेल नेकेड मेल ) वाली पिक्चर देख रहे थे लड़के यंग टीनेजर्स बेयरली 18 टाइप और महिलायें , एक दो एम् आई एल ऍफ़ टाइप ,
पहले तो जब लड़के डांस कर रहे थे तो कम्मो बोली , अरे इसमें कौन बात है लेकिन जब कपडे उतरने शुरू हुए और अंत में सिर्फ छोटी सी चड्ढी में
मैं और कम्मो भी फिल्म वाली औरतों की तरह जोर जोर से अब सीटी बजा रहे ताली पीट रहे थे
" खोल साले खोल , ... " कम्मो भी जोर जोर से
चड्ढी भी सरक गयी लेकिन अब उस ने हाथ से छिपा लिया और फिल्म में हल्ला जोर जोर से
और अब मैं भी कम्मो के साथ सीटी बजा रही थी , चिल्ला रही थी ,
फिल्म में दो लड़कियां गयी स्टेज पर , एक ने लड़के को पीछे से पकड़ा और दूसरे ने उसका हाथ हटा दिया
जोर की चीखें निकली , और हम दोनों भी , औजार जबरदस्त था लेकिन थोड़ा सोया थोड़ा जागा ,
कम्मो ने मेरी ओर देखा तो मैंने उसे इशारा किया , और फिल्म में हैण्ड जॉब , सब लड़कियां औरतें बारी बारी और जो लड़कियां थोड़ी बहुत हिचक रही थीं , डांस करने वाला लड़का उसी के पीछे , ... और बाकी लड़कियां भी पकड़ के जबरदस्ती उस पकड़वा रही थीं , चुसवा रही थीं
और हम दोनों भी खूब जोर जोर से ,
कम्मो , हँसते हँसते बोली , ये लड़के सब हम लोगों के देवर की तरह लग रहे हैं , ...
एक दम मैंने हामी भरी ,
मिल जाए तो मैं बिना चोदे छोडूंगी नहीं , कम्मो उठते होये बोली और स्टोर से गुझिया का डिब्बा निकाल के ले आयी
गुझिया खाते मैं बोली ,
" अरे होली में देवर को बिना चोदे छोड़ना , अरे पाप लगता है , होलिका का शाप लग जाएगा , अगर देवर बच के निकल गया। "
" एकदम जरा उधर देखो , ... "
एक लड़के को तीन औरतों ने पकड़ रखा था , वो छपटटा रहा था , लेकिन दो ने उसके दोनों हाथ कस के दबोच रखा था , और तीसरी चढ़ गयी उसके ऊपर , खुद अपने हाथ से पकड़ कर सेंटर किया और क्या कस के धक्का मारा
एक बार में आधा से ज्यादा अंदर , और बाकी की लड़कियों ने खूब जोर से सीटी मारी ,
पर उन स ज्यादा जोर से मेरी और कम्मो की सीटी थी।
और वो क्या हचक हचक एक चोद रही थी , लड़का जितना छटपटा रहा था उतनी ही जोर से वो न सिर्फ चोद रही थी , कभी झुक के अपनी बड़ी बड़ी चूँची उसके छाती पर रगड़ रही थी , कचकचा के गाल काट रही थीं
" अरे स्साला कोई बहनचोद चिकना देवर पकड़ में आ जाता न पक्का , बिना चोदे नहीं छोड़ती , ... " बोल कम्मो रही थी थी लेकिन मन मेरा भी ,
और तभी मेरा ध्यान गुझिया के डिब्बे की ओर पड़ा और मैं जोर से चौंकी ,
ये तो डबल भांग वाली गुझिया का डिब्बा था ,
मैं दो खा चुकी थी , मैं जब कम्मो से बोली तो उसने चुप करा दिया ,
" अरे सामने देखो एक और पकड़ा गया , .. अरे जल्दी में डिब्बा देखने का ध्यान नहीं रहा , फिर भांग चढ़ भी जायेगी तो क्या हुआ हम ही तुम तो हैं , ... "
मेरा ध्यान फिर सामने ये लड़का तो एकदम अनुज टाइप खूब चिकना और एक औरत अब उसके ऊपर चढ़ गयी थी , और साथ में एक और ,... एक चोद रही थी तो दूसरी उसके ऊपर चढ़ कर अपनी चुसवा रही थी ,
मेरे मुंह से भी निकल गया , सच यार आज कोई देवर पकड़ में आ जाता , तो हम दोनों मिल के इस फिल्म वालों से भी दो हाथ ,...
एकदम कम्मो बोली लेकिन उसे आधे घण्टे के लिए कुछ काम , हम लोगों के घर से सटे ही कुछ कोठरिया थी , ... बस उसी में
वो गयी और मैंने वो भांग वाली गुझिया , स्टोर में रखी , आधी बची थी वो मैं भी गपक गयी।
कुल ढाई गुझिया , ... मैं जानती थी आधे घंटे के अंदर शायद असर होगा , ...
मैंने सोचा होगा तो होगा , सो जाउंगी , कोई आनेवाला तो है नहीं , फिर कम्मो है न सम्हाल लेगी वो
पर आधे घण्टे के पहले ही अनुज और उसके दोनों दोस्त आ गए।
भांग , कम्मो के साथ मस्ती वाली बातें और वो फिल्म , जबरदस्त असर हो रहा था मेरे ऊपर। असल में भांग के साथ दो चक्कर है उसका असर आधे पौन घंटे में पूरी तरह चढ़ता है , और जो बात आप सोचो वही बात बार बार मन में घूमती है , उसका असर दिमाग पर तन पर सब जगह होता है , बस वही हो रहा था मेरे साथ।
उस फिल्म में जो औरतें टीनेजर्स लड़कों के साथ कर रही थीं , जबरदस्त कपडे उतारना , पकड़ के मुठियाना और सबसे ज्यादा बार बार दिमाग में घूम रहा था , कैसे पकड़ के उन सबने जबरदस्ती चोद दिया , वो सब चिंचिया रहे थे , ...
और ऊपर से कम्मो की बातें , ... स्साला कउनो चिक्क्न देवर आज भेंटाय जाय तो बिन चोदे ना छोड़ब ,...
अनजाने में मेरी आँखों के सामने मंटू का खूंटा नजर आ रहा था , एक तो दोनों बारमूडा पहने थे वो कर बंटू , और बंटू का भी , हाथ से स्साला छिपाने की कोशिश कर रहा था पर इश्क , मुश्क और खड़ा लंड कहीं छिपाने से छिपता है , और कैसे ललचायी नजर से वो सब मेरे उभार देख रहे थे