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Adultery Diwali Ka Jua
#21
उसके सुन्दर चेहरे से आंसू मोती कि तरह बहकर नीचे वाशबेसन में गिर रहे थे

उसके रोते हुए चेहरे के अक्स ने उसे देखकर कहा ”देख लिया न , कैसी बेइजत्ती करी मनीष ने सभी के सामने , पहले जंगल में अपनी बीबी को दांव पर लगा दिया था और अब दोस्तों के सामने भी ऐसे बोला, उसकी कोई औकात है भी या नहीं, कहाँ गयी तुम्हारी सेल्फ रिस्पेक्ट, क्यों सहो तुम अपने पति कि मनमानी, वो आज कि नारी है, क्यों वो अपने पति के सामने कुछ बोल नहीं पाती , कहाँ गयी उसकी परवरिश, जिसमे उसे सिखाया गया था कि औरत किसी भी लिहाज से आदमी से कम नहीं है, और कहाँ गया उसके पति का प्यार जो अकेले में तो दिखता है पर सबके सामने नहीं, ”

उसने भी अपने आंसू पोछते हुए अपने अक्स से कहा : "सही किया मैंने, जो उसकी पीठ पीछे उसके दोस्तों के साथ वो सब किया जो एक शादीशुदा और कर्त्तव्य परायण स्त्री को नहीं करना चाहिए , यही तरीका है मनीष को सबक सिखाने का, अगर वो अपनी मनमानी कर रहा है तो उसे भी हक़ है अपने मन कि करने का, उसकी भी कुछ इच्छाये हैं जिन्हे अब वो अपने हिसाब से पूरा करेगी ”

वो अपने आप से बात कर ही रही थी कि हरिया काका ने दरवाजा खटकाया और बोले : "बहु रानी … ठीक तो हो तुम । रो क्यों रही हो ।”

वो कुछ न बोली और मन ही मन निश्चय कर लिया कि शुरुवात यही से करनी चाहिए , वैसे भी हरिया काका का लंड चूस कर उसकी प्यास अधूरी सी रह गयी थी, जिसे अब आसानी से पूरा किया जा सकता था और वो भी बिना किसी आत्मग्लानि के

हरिया काका ने दरवाजा धकेला तो वो खुला हुआ था, और उनके सामने दिव्या खड़ी थी वाशबेसन के आगे, वो अंदर चले गए और उसके पीछे जाकर खड़े हो गए,

अब दिव्या से लंड चुस्वाकर इतना होसला तो उनमे आ ही चूका था कि ऐसे कर सके ..

उनके सामने दिव्या कि उभरी हुई गांड थी, क्योंकि वो थोडा झुक कर खड़ी थी , और उसे देखकर उनके सोये हुए लंड में कम्पन सा होने लगा

उन्होंने दिव्या के कंधे पर हाथ रखा और उसे दबाते हुए फिर से पुछा : "क्या हुआ बहु रानी , मनीष ने कुछ कहा क्या ”

पर दिव्या तो अपना गुना-भाग करने में लगी हुई थी , उसकी आँखों में मस्ती का नशा उतर आया था, और वो थोडा और पीछे हुई और उसने अपने उभरे हुए नितंभ हरिया काका के लंड से मेल करा दिए

हरिया काका के पुरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया, उनकी आँखे बंद होने लगी

और हरिया काका कि तरफ देखे बिना दिव्या ने अपने कूल्हों को गोल आकार में घुमाना शुरू कर दिया

65 साल के बुड्डे हरिया काका कि तो हालत खराब होने लगी, उसे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि ये अचानक बहु रानी को हुआ क्या है , अभी कुछ देर पहले तक तो रो रही थी और अब अचानक से उनके साथ चुदने कि तैयारी कर रही है , उसने अपने कांपते हुए हाथों से उसकी फेली हुई गद्देदार गांड को पकड़ा और अपनी उँगलियां उसके मांसल कूल्हों में दबा दी जैसे किसी कार का स्टेरिंग पकड़ा हो

दिव्या ने लॉन्ग स्कर्ट और शर्ट पहनी हुई थी , उसने अपने हाथों से स्कर्ट का हुक खोला और उसे नीचे खिसका दिया, हरिया काका तो स्तब्ध रेह गए उसकी दरियादिली देख कर , उन्होंने उसकी शर्ट के घूँघट को ऊपर उठाया और उसकी चाँद सी सफ़ेद और गोल गांड के दीदार किये
[Image: 514902_06big.jpg]
उसने ब्लेक कलर कि थोंग पेंटी पहनी हुई थी, जो उसकी गोल गांड के बीच में फंस कर गायब सी हो गयी थी , उन्होंने बड़े ही प्यार से उसके लास्टिक को पकड़ा और नीचे खिसकना शुरू कर दिया

और ऐसा करते -२ वो खुद भी नीचे झुकते चले गए

और जैसे ही उसकी पेंटी घुटनों से नीचे पहुंची और वो उसकी गांड के आगे, उन्होंने उसके ठन्डे-२ कूल्हों को चूम लिया

”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …… काका। . …….उम्म्म्म्म्म्म्म ।”

उसने अपना एक हाथ पीछे किया और हरिया काका के सर को पकड़ कर अपनी गांड के अंदर घुसा दिया , उन्होंनेब अपना मुंह पूरा खोल दिया और दिव्या के पीछे से दिख रहे चूत के होंठों को अपने मुंह में लेकर निगल गए और चूसने लगे

दिव्या का पुरा शरीर उसके पंजों पर आ गया

”अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म …… धीरीईईईई काका ……ऽह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ”

वो उनके बालों में उँगलियाँ फेर रही थी और अपने चेहरे पर आ रहे उत्तेजना के भावों को शीशे में देख कर मुस्कुरा भी रही थी , ये पहला मौका था जब वो चुदते हुए शीशे के सामने खड़ी थी, वो आज पूरी चुदाई ऐसे ही करना चाहती थी ताकि और कैसे भाव आते हैं वो भी देख सके

उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और खुलने के बाद उसे उतार के पीछे फेंक दिया , उसके गोर शरीर पर ब्लेक ब्रा गजब कि लग रही थी , जिसके पीछे छुपे हुए उसके निप्पल अपना बड़ा सा मुंह उठाकर बाहर आने को तड़प रहे थे , आज उसे अपने खुद के हुस्न पर गुमान सा हो रहा था,
[Image: 04.jpg]
अब तक उसकी चूत के अंदर से गर्म पानी का रिसाव होना शुरू हो गया था , वक़्त कम था इसलिए उसने भी जल्दबाजी करते हुए हरिया काका के बालों को हलके से पकड़कर ऊपर कि तरफ खींचा, वो समझ गए कि मालकिन उन्हें ऊपर बुला रही है,
उन्होंने अपनी लम्बी जीभ को उसकी चूत कि दवात में डुबोकर पूरा गीला कर लिया और फिर धीरे-२ उसकी कमर पर अपने प्यार का नगमा लिखते हुए ऊपर तक आये , उन्होंने अपना कुरता उतार के पीछे फेंक दिया, और दिव्या ने पीछे हाथ करके उनकी धोती कि गाँठ खोल कर उन्हें पूरा नंगा कर दिया

हरिया काका अपनी जीभ से उसकी कमर चाटते हुए ऊपर तक आये और उसकी ब्रा के स्ट्रेप पर आकर रुक गए, और उन्होंने अपने हाथों का प्रयोग किये बिना, सिर्फ अपने दांतों से ही उसकी ब्रा के हुक खोल दिए,

ब्रा के स्ट्रेप छिटककर साईड हो गए और उसकी ब्रा नीचे कि तरफ लहरा गयी

और फिर हरिया काका पूरी तरह से खड़े हुए और उन्होंने अपने बड़े- २ हाथों में उसके मोटे -२ मुम्मे पकड़ लिए और उन्हें निचोड़कर उनका दूध निकालने लगे
[Image: 18378503.gif]
”आयीईईईईई …. काका …… अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह …… धीरे ……। अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ”

वो फिर से अपने पंजों पर खड़ी होकर नाचने लगी,

हरिया काका का लंड उसकी गांड कि दरार में फंस गया , जिसकी वजह से उसका पूरा शरीर एक नए अंदाज में झूम रहा था, उसने अपना दांया हाथ पीछे किया और हरिया काका के सर को पकड़ कर अपने कंधे पर टिकाया और उनके होंठों को अपने मुंह में लेकर जोर से चूसने लगी 

” पूछह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऽह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ”

हरिया काका का एक हाथ फिसलकर उसकी नाभि के अंदर घुसा गया, और वहाँ कि रुई निकालने के बाद वो नीचे कि तरफ गया, उसकी टपक रही चूत कि तरफ, और उन्होंने अपनी तीन उँगलियाँ एक साथ उसकी चूत में फंसाकर उसे ऊपर उठा लिया, हवा में …

दिव्या कि तो हालत ही खराब हो गयी , उसने अपना एक पैर उठाकर ऊपर वाश्बेसन पर रख दिया जिसकी वजह से उसकी चूत और भी ज्यादा खुल गयी

अब हरिया काका कि चार उँगलियाँ उसके अंदर थी , जो किसी लंड से कम नहीं थी

उन्होंने उसकी खुली हुई चूत को उसके ही रस से भिगोकर पूरा नहला दिया और फिर उसकी चूत का तेल निकालकर अपने लंड पर मला और उसी अवस्था में थोडा उचककर अपने लंड को वहाँ फंसा दिया

दिव्या को ऐसा लगा कि जैसे उन्होंने आग का छोटा सा गोला उसके अंदर रख दिया हो

और फिर हरिया काका अपने पंजों पर खड़े हो गए और उन्होंने ऊपर कि तरफ एक झटका मारा

”आआईईईईईई ………. अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मर्र्र्र्र्र्र गयी ………””

उसकी आँखे उबाल कर बाहर आ रही थी और अपने एक – २ भाव को वो निहार कर खुश हो रही थी

उसका चेहरा इतना उत्तेजक लग रहा था, उसकी आँखे नशे में डूब चुकी थी , इस समय उसे खुद पर ही प्यार आ रहा था

उसने अपना पैर नीचे उतार लिया और झुक कर खड़ी हो गयी ताकि हरिया काका के लंड को पूरी तरह से अंदर तक ले सके

हरिया काका ने भी स्टेरिंग फिर से सम्भाला और अपने लंड को जोर से धक्का मारकर पूरा उसके अंदर घुसा डाला
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एक हाथ से उसके बालों को पकड़कर पीछे खींचा और जोर से धक्के लगाकर उसके अंदर के तूफ़ान को बहार निकालने में लग गया

उसकी चिकनी चूत तो पहले से ही तैयार थी, ऐसे झटकों ने उसे उसके ओर्गास्म के और करीब ला दिया और वो वहीँ खड़ी – २ झड़ने लगी

”आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …।उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म ……ंमैं तो गयी …ऽह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ”

उसके अंदर से निकल रहे गर्म रस ने हरिया काका के हथियार को नहला दिया , उसकी चूत बहुत सेंसेटिव हो चुकी थी, इतना मोटा लंड पहली बार जो गया था उसके अंदर ..

उसके बाद वो पलटी और हरिया काका से लिपट गयी, उसने शावर चला दिया और उनके लंड को पकड़कर धीरे-२ हिलाने लगी , और साथ ही साथ उन्हें चूम भी रही थी

गर्म पानी उनके शरीर पर पड़ रहा था,

और हरिया काका के सामने इतनी सेक्सी लड़की खड़ी थी जिसके हिलते हुए मुम्मे देखकर ही किसी का भी पानी निकल सकता था, उन्होंने दिव्या के सेक्सी बदन को देखते हुए उसे नीचे कि तरफ धकेलना शुरू कर दिया

और फर्श पर लिटा कर उसके सामने खड़े हो गए

और फिर उसके मचलते हुए जिस्म को देखते हुए अपने लंड को जोरों से हिलाने लगे और अगले ही पल शावर के गर्म पानी कि तरह उनके लंडका पानी भी निकल कर उसके शरीर को भिगोने लगा
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हरिया काका के जिस्म से निकली एक -२ बूँद को दिव्या ने अपने ऊपर महसूस किया और पूरी तरह से तृप्त होकर उसने वो सारा लेप अपने पुरे शरीर पर मल लिया

और मन ही मन खुश होती हुई वो मनीष को कोसती हुई बोली

”अब बोल साले , जीता तो तू अब भी नहीं होगा, पर अपनी बीबी कि चूत जरुर हार गया और आगे भी हारेगा , क्योंकि अभी तो ये शुरुवात है …”

और उसका सोचना बिलकुल सही था, दिव्या के जाने के बाद मनीष और भी हार चूका था, और अब उसके पास सिर्फ पचास हजार ही बचे थे

एक तरफ तो मनीष हारे जा रहा था और दूसरी तरफ राहुल सबसे ज्य़ादा जीत कर उन सभी से आगे निकल चूका था, वो रिया को अपने पास से उठने नहीं दे रहा था, उसे भी लग रहा था कि जब तक रिया उसके साथ बैठी है, वो जीत रहा है ……. वही जुवारियों का पुराना टोटका ।
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Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 16-03-2019, 12:26 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 10:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:19 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:35 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 06:54 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 10:58 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:20 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:31 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:56 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 09:59 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 12:11 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 10:33 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:08 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:17 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:24 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:54 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 30-03-2019, 12:09 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:53 AM
RE: Diwali Ka Jua - by Unknown - 31-03-2019, 03:20 PM
RE: Diwali Ka Jua - by Curiousbull - 02-05-2019, 01:42 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 11-05-2019, 11:37 AM
RE: Diwali Ka Jua - by shivangi pachauri - 11-11-2021, 12:46 AM



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