24-03-2019, 11:24 AM
अब पांचवी बाजी चल रही थी
जिसमे अभी तक सभी ब्लाइंड चल रहे थे
सिर्फ ब्लाइंड चलते -२ ही बीच में दस हजार इकट्ठे हो चुके थे
सबसे पहले थापा ने पत्ते देखे , उसके पास इक्का और दो छोटे पत्ते थे, पर सामने अभी पांच लोग और बैठे थे, और किसी न किसी के पास इक्का या पेयर जरुर निकल आएगा, ये सोचते हुए उसने अपने पत्ते नीचे फेंक कर पेक कर लिया
राजेश ने अपने पत्ते देखे, उसके पास छः का पेयर था , उसने दो हजार कि चाल चल दी
उसके बाद राहुल का नंबर था, उसने अपने पत्ते देखे तो उसका मन किया कि नाचने लगे वो खड़ा होकर , क्योंकि उसके पास दुग्गी कि ट्रेल आयी थी, तीन दुग्गियां …
उसने चार हजार कि चाल चल दी
हर्षित ने अपने पत्ते देखे, उसके पास दस टॉप था, उसने भी पेक कर लिया
बिल्लू कि बारी आयी तो उसने भी चाल चल दी , उसके पास पान का कलर आया था
और आखिर में मनीष कि चाल आयी, उसने अपने पत्ते देखे, और वो फिर से मन ही मन खुश हो गया, उसके पास सिक़ुएंस आया था और वो भी सबसे बड़ा, इक्का बादशाह और बेगम । मनीष ने आठ हजार कि चाल चल दी
सभी ने अपने -२ हिसाब से चाल चली थी क्योंकि सभी के पत्ते जीतने लायक थे
अगली बार जब दोबारा राजेश कि चाल आयी तो उसे अंदेशा हो चूका था कि मनीष या राहुल के पास जरुर अच्छे पत्ते आये हैं, क्योंकि दोनों ने पिछली बार से डबल चाल चली थी
इतना सोचते हुए उसने भी पेक कर लिया , उसने सोचा भी नहीं था कि पेयर आने के बाद भी वो ऐसा करेगा
अब बचे थे राहुल, मनीष और बिल्लू
राहुल ने फिर से आठ हजार कि चाल चल दी , उसके पास ट्रेल जो थी
बिल्लू भी कलर लेकर बैठा था, और सोच रहा था कि क्या करे, क्योंकि आठ हजार कि चाल तो उसने आज तक नहीं चली थी , फिर भी अपने पत्तों पर विश्वास करते हुए उसने चाल चल दी
और मनीष तो खुद को बॉस समझ कर बैठा था, उसने अगले ही पल चाल को डबल करते हुए सोलह हजार कि चाल चल दी
राहुल ने भी उसके पैसों के ऊपर अपने सोलह हजार फेंक दिए
अब तो बिल्लू कि फट कर हाथ में आने को तैयार हो गयी, उसके पत्ते तो अच्छे थे पर उसे ना जाने अपने ऊपर विश्वास नहीं था, और उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे , इसलिए उसने भी पेक कर लिया
अब बीच में थे, राहुल और मनीष
उन दोनों कि बीबियाँ एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी , जैसे आँखों ही आँखों में पूछ रही हो कि किसका पति जीतेगा
![[Image: 313784_03big.jpg]](https://cdn.pornpics.com/pics1/2015-10-19/313784_03big.jpg)
अगली चार चाले चलने के बाद भी कोई झुकने को तैयार नहीं था
बीच में लगभग तीन लाख रूपए आ चुके थे
मनीष ने जो पैसे जीते थे, उसके अलावा वो अस्सी हजार और डाल चूका था अंदर ।
अब उसे भी लगने लगा था कि या तो राहुल के पास प्योर सिकुएंस है या फिर ट्रेल … क्योंकि वोही उसके पत्तों को काट सकती थी .
उसने आखिरकार शो मांग लिया , अपने पत्ते नीचे फेंकते हुए
और जैसे ही राहुल के पत्ते सामने आए, उसका मन हुआ कि वो वहीं रोने लग जाए
एक ही बाजी में पुरे दो लाख हार गया था वो
उसने गुस्से में दिव्या से कहा : "जाओ ऊपर से और पैसे लेकर आओ … और हरिया काका से कहो कि व्हिस्की लगाये जल्दी से …।”
उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था
उसके पांच लाख में से सिर्फ ढाई लाख ही बचे थे अब उसके पास ..
दिव्या भाग कर ऊपर गयी , और अलमारी से बचे हुए ढाई लाख निकाल कर ले आयी .
और हरिया काका ने व्हिस्की कि बोतल और गिलास लगा दिए, बिल्लू ने सभी के लिए पेक बनाये और सभी पीने लगे . उसके बाद हरिया काका ऊपर का कमरा साफ़ करने के लिए चले गए .
राहुल : "अरे यार, इतना परेशान क्यों होते हो । ये तो खेल है, मस्ती लेते हुए खेलो बस ।”
मनीष ने मन ही मन सोचा, ‘साले, अगर तू अपने बाप के ढाई लाख हार गया होता तो मैं बोलता यही बात , तब मजा आता तुझे ‘
उसने एक ही झटके में पूरा गिलास खाली कर दिया, और बिल्लू से फिर से पेक बनाने के लिए कहा
बिल्लू ने पेक बनाया और इसी बीच राहुल ने फिर से पत्ते बांटने शुरू कर दिए
दिव्या सहमी हुई सी मनीष के साइड में बैठी थी
सभी ने चाल चलनी शुरू कि
ब्लाइंड का दौर चला और फिर हर बार कि तरह ही फट्टू लोग अपने -२ पत्ते देखकर पेक करते चले गए
और इस बार भी आखिर में सिर्फ राहुल और मनीष बचे
राहुल कि अंटी में तो माल आ चूका था , इसलिए वो ब्लाइंड पर ब्लाइंड खेलता चला गया
और मनीष अपने हारे हुए पैसों को वापिस लाने के लिए खेल रहा था जो कि अक्सर हर जुआरी करता है
बीच में लगभग एक लाख थे और मजे कि बात ये थी कि अभी तक दोनों में से किसी ने भी अपने पत्ते नहीं देखे थे
मनीष ने आखिरकार अपने पत्ते उठा कर देखे
उसके पास इक्का टॉप था , वो चाहता तो पेक कर सकता था, फिर भी अपने अंदर कि आवाज सुनकर उसने अपने पत्ते नीचे फेंके और शो मांग लिया
राहुल ने बिना अपने सारे पत्ते उठाये हुए, एक – एक करते हुए अपने पत्ते सभी के सामने सीधे करने शुरू कर दिए
पहला पत्ता पांच नंबर था
दूसरा सात नंबर था
सभी कि धड़कन तेज चल रही थी
शायद राहुल कि भी
और उसने जैसे ही अपना तीसरा पत्ता फेंका
वो उछल पड़ा
और मनीष ने फिर से अपने बाल नोच लिए
वो तीसरा पत्ता भी पांच नंबर था
उसके पास पेयर आया था पांच का
उसने राका कि तरह हँसते हुए बीच में पड़े हुए नोट बटोरने शुरू कर दिए
दिव्या ने सहानभूति दिखाते हुए मनीष के कंधे पर हाथ रखा तो वो आग बबूला हो उठा …
”तू यहाँ बैठकर क्यों मेरी बर्बादी का तमाशा देख रही है मनहूस , चल अंदर जा, जब भी मेरे साथ बैठती है हरवा देती है , चल अंदर जा ”
दिव्या को और सभी को मनीष के ऐसे बर्ताव कि उम्मीद नहीं थी , अपनी नयी नवेली दुल्हन से कोई ऐसे बात नहीं करता ,
वो बेचारी रोती हुई वहाँ से उठकर ऊपर अपने कमरे कि तरफ भाग गयी
किसी ने कुछ नहीं कहा और सभी फिर नयी बाजी खेलने लग गए
ऊपर जाकर दिव्या ने देखा कि हरिया काका बिस्तर पर चादर बिछा रहे हैं, वो रोती हुई अंदर आयी और सीधा बाथरूम में घुस गयी
हरिया काका भी हेरान रेह गए उसे रोता हुआ देखकर, अभी कुछ देर पहले जो उनका लंड चूस रही थी अब वो रो रही है, उन्हें भी अच्छा नहीं लगा ये ।
दिव्या अंदर बाथरूम में जाकर शीशे के आगे खड़ी होकर फूट फूटकर रोने लगी
जिसमे अभी तक सभी ब्लाइंड चल रहे थे
सिर्फ ब्लाइंड चलते -२ ही बीच में दस हजार इकट्ठे हो चुके थे
सबसे पहले थापा ने पत्ते देखे , उसके पास इक्का और दो छोटे पत्ते थे, पर सामने अभी पांच लोग और बैठे थे, और किसी न किसी के पास इक्का या पेयर जरुर निकल आएगा, ये सोचते हुए उसने अपने पत्ते नीचे फेंक कर पेक कर लिया
राजेश ने अपने पत्ते देखे, उसके पास छः का पेयर था , उसने दो हजार कि चाल चल दी
उसके बाद राहुल का नंबर था, उसने अपने पत्ते देखे तो उसका मन किया कि नाचने लगे वो खड़ा होकर , क्योंकि उसके पास दुग्गी कि ट्रेल आयी थी, तीन दुग्गियां …
उसने चार हजार कि चाल चल दी
हर्षित ने अपने पत्ते देखे, उसके पास दस टॉप था, उसने भी पेक कर लिया
बिल्लू कि बारी आयी तो उसने भी चाल चल दी , उसके पास पान का कलर आया था
और आखिर में मनीष कि चाल आयी, उसने अपने पत्ते देखे, और वो फिर से मन ही मन खुश हो गया, उसके पास सिक़ुएंस आया था और वो भी सबसे बड़ा, इक्का बादशाह और बेगम । मनीष ने आठ हजार कि चाल चल दी
सभी ने अपने -२ हिसाब से चाल चली थी क्योंकि सभी के पत्ते जीतने लायक थे
अगली बार जब दोबारा राजेश कि चाल आयी तो उसे अंदेशा हो चूका था कि मनीष या राहुल के पास जरुर अच्छे पत्ते आये हैं, क्योंकि दोनों ने पिछली बार से डबल चाल चली थी
इतना सोचते हुए उसने भी पेक कर लिया , उसने सोचा भी नहीं था कि पेयर आने के बाद भी वो ऐसा करेगा
अब बचे थे राहुल, मनीष और बिल्लू
राहुल ने फिर से आठ हजार कि चाल चल दी , उसके पास ट्रेल जो थी
बिल्लू भी कलर लेकर बैठा था, और सोच रहा था कि क्या करे, क्योंकि आठ हजार कि चाल तो उसने आज तक नहीं चली थी , फिर भी अपने पत्तों पर विश्वास करते हुए उसने चाल चल दी
और मनीष तो खुद को बॉस समझ कर बैठा था, उसने अगले ही पल चाल को डबल करते हुए सोलह हजार कि चाल चल दी
राहुल ने भी उसके पैसों के ऊपर अपने सोलह हजार फेंक दिए
अब तो बिल्लू कि फट कर हाथ में आने को तैयार हो गयी, उसके पत्ते तो अच्छे थे पर उसे ना जाने अपने ऊपर विश्वास नहीं था, और उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे , इसलिए उसने भी पेक कर लिया
अब बीच में थे, राहुल और मनीष
उन दोनों कि बीबियाँ एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी , जैसे आँखों ही आँखों में पूछ रही हो कि किसका पति जीतेगा
![[Image: 313784_03big.jpg]](https://cdn.pornpics.com/pics1/2015-10-19/313784_03big.jpg)
अगली चार चाले चलने के बाद भी कोई झुकने को तैयार नहीं था
बीच में लगभग तीन लाख रूपए आ चुके थे
मनीष ने जो पैसे जीते थे, उसके अलावा वो अस्सी हजार और डाल चूका था अंदर ।
अब उसे भी लगने लगा था कि या तो राहुल के पास प्योर सिकुएंस है या फिर ट्रेल … क्योंकि वोही उसके पत्तों को काट सकती थी .
उसने आखिरकार शो मांग लिया , अपने पत्ते नीचे फेंकते हुए
और जैसे ही राहुल के पत्ते सामने आए, उसका मन हुआ कि वो वहीं रोने लग जाए
एक ही बाजी में पुरे दो लाख हार गया था वो
उसने गुस्से में दिव्या से कहा : "जाओ ऊपर से और पैसे लेकर आओ … और हरिया काका से कहो कि व्हिस्की लगाये जल्दी से …।”
उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था
उसके पांच लाख में से सिर्फ ढाई लाख ही बचे थे अब उसके पास ..
दिव्या भाग कर ऊपर गयी , और अलमारी से बचे हुए ढाई लाख निकाल कर ले आयी .
और हरिया काका ने व्हिस्की कि बोतल और गिलास लगा दिए, बिल्लू ने सभी के लिए पेक बनाये और सभी पीने लगे . उसके बाद हरिया काका ऊपर का कमरा साफ़ करने के लिए चले गए .
राहुल : "अरे यार, इतना परेशान क्यों होते हो । ये तो खेल है, मस्ती लेते हुए खेलो बस ।”
मनीष ने मन ही मन सोचा, ‘साले, अगर तू अपने बाप के ढाई लाख हार गया होता तो मैं बोलता यही बात , तब मजा आता तुझे ‘
उसने एक ही झटके में पूरा गिलास खाली कर दिया, और बिल्लू से फिर से पेक बनाने के लिए कहा
बिल्लू ने पेक बनाया और इसी बीच राहुल ने फिर से पत्ते बांटने शुरू कर दिए
दिव्या सहमी हुई सी मनीष के साइड में बैठी थी
सभी ने चाल चलनी शुरू कि
ब्लाइंड का दौर चला और फिर हर बार कि तरह ही फट्टू लोग अपने -२ पत्ते देखकर पेक करते चले गए
और इस बार भी आखिर में सिर्फ राहुल और मनीष बचे
राहुल कि अंटी में तो माल आ चूका था , इसलिए वो ब्लाइंड पर ब्लाइंड खेलता चला गया
और मनीष अपने हारे हुए पैसों को वापिस लाने के लिए खेल रहा था जो कि अक्सर हर जुआरी करता है
बीच में लगभग एक लाख थे और मजे कि बात ये थी कि अभी तक दोनों में से किसी ने भी अपने पत्ते नहीं देखे थे
मनीष ने आखिरकार अपने पत्ते उठा कर देखे
उसके पास इक्का टॉप था , वो चाहता तो पेक कर सकता था, फिर भी अपने अंदर कि आवाज सुनकर उसने अपने पत्ते नीचे फेंके और शो मांग लिया
राहुल ने बिना अपने सारे पत्ते उठाये हुए, एक – एक करते हुए अपने पत्ते सभी के सामने सीधे करने शुरू कर दिए
पहला पत्ता पांच नंबर था
दूसरा सात नंबर था
सभी कि धड़कन तेज चल रही थी
शायद राहुल कि भी
और उसने जैसे ही अपना तीसरा पत्ता फेंका
वो उछल पड़ा
और मनीष ने फिर से अपने बाल नोच लिए
वो तीसरा पत्ता भी पांच नंबर था
उसके पास पेयर आया था पांच का
उसने राका कि तरह हँसते हुए बीच में पड़े हुए नोट बटोरने शुरू कर दिए
दिव्या ने सहानभूति दिखाते हुए मनीष के कंधे पर हाथ रखा तो वो आग बबूला हो उठा …
”तू यहाँ बैठकर क्यों मेरी बर्बादी का तमाशा देख रही है मनहूस , चल अंदर जा, जब भी मेरे साथ बैठती है हरवा देती है , चल अंदर जा ”
दिव्या को और सभी को मनीष के ऐसे बर्ताव कि उम्मीद नहीं थी , अपनी नयी नवेली दुल्हन से कोई ऐसे बात नहीं करता ,
वो बेचारी रोती हुई वहाँ से उठकर ऊपर अपने कमरे कि तरफ भाग गयी
किसी ने कुछ नहीं कहा और सभी फिर नयी बाजी खेलने लग गए
ऊपर जाकर दिव्या ने देखा कि हरिया काका बिस्तर पर चादर बिछा रहे हैं, वो रोती हुई अंदर आयी और सीधा बाथरूम में घुस गयी
हरिया काका भी हेरान रेह गए उसे रोता हुआ देखकर, अभी कुछ देर पहले जो उनका लंड चूस रही थी अब वो रो रही है, उन्हें भी अच्छा नहीं लगा ये ।
दिव्या अंदर बाथरूम में जाकर शीशे के आगे खड़ी होकर फूट फूटकर रोने लगी


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