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Adultery Diwali Ka Jua
#19
दरवाजा हरिया काका ने खोला , वो मार्किट से आ चुके थे.

हर्षित को देखकर उन्होंने बुरा सा मुंह बनाया , पर हर्षित को उनसे कोई फर्क नहीं पड़ता था, वो जानता था कि बुड्डे को उन लफंडरों के चेहरे पसंद नहीं है .

अंदर जाकर देखा तो सभी पहले से बैठकर उसी का इन्तजार कर रहे थे । . राजेश, बिल्लू,थापा , राहुल और रिया , और सबसे बेसब्र था मनीष और उससे भी बेसब्र थी दिव्या ..

मनीष : "क्या यार … तुझे 12 बजे का टाइम दिया था और तू आधा घंटा लेट आ रहा है ।?

हर्षित (दिव्या कि तरफ देखकर) : "वो दरअसल , एक जरुरी काम आ गया था, वहीँ फंस कर रह गया। ”

दिव्या ने भी चुलबुलाती हुई आवाज में पुछा : "ऐसा भी क्या काम आ गया देवरजी , कहीं कोई गर्ल फ्रेंड तो नहीं है ना आपकी !!”

मनीष उसकी बात सुनकर तपाक से बोला : "अरे इसकी क्या गर्ल फ्रेंड होगी कोई, हमारे ग्रुप का सबसे फट्टू इंसान है ये लड़कियों के मामले में । हा हा ”

पर उसकी बात से कमरे में बैठा कोई भी इंसान इत्तेफाक नहीं रखता था ।

क्योंकि सभी को पता था कि मनीष कि शादी के बाद मनीष ही चुदाई के मामले में सबसे आगे रहता है । और ये बात तो मनीष कि बीबी दिव्या भी जानती थी अच्छी तरह से , इसलिए सभी सिर्फ मुस्कुरा कर रह गए .

मनीष को आज खेलने कि काफी जल्दी थी , एक तो उसका फेवरेट दिन गुरुवार था , जिसमे वो अक्सर जीतकर ही उठता था, और अगले दिन दीवाली थी , इसलिए ये मौका भी उसके लिए हमेशा फायदे का सोदा रहता था .

रिया और दिव्या सभी के लिए खाने पीने का प्रबंध करने के लिए अंदर चले गए , जहाँ हरिया काका किचन में पहले से खड़े होकर स्नेक्स बना रहे थे ।
[Image: 425383_09big.jpg]
हरिया काका को देखकर रिया कि फ़ुद्दी मचल उठी । दरसल गाँव कि अधिकतर लड़कियों और महिलाओं में वो भी एक थी जिसने हरिया काका के हथियार कि धार को अपनी चूत पर महसूस कर रखा था , पर राहुल से शादी के बाद उसे दोबारा मौका नहीं मिल सका था , अब उन्हें किचन में देखकर उसके दिल में फिर से दबी हुई उमंगें मचलने लगी।

रिया : "हरिया काका, मैं आपकी कुछ मदद कर देती हु, ”

हरिया : "अरे रहने दो रिया बेटी, अब तो मुझे सब अकेले ही करना पड़ता है ”

उसकी दो अर्थी बात सुनकर रिया मुस्कुरा दी , वो समझ गयी कि हरिया काका काफी दिनों से प्यासे हैं .

उसने ठान लिया कि आज हरिया काका कि प्यास वो बुझा कर रहेगी

जैसे ही दिव्या पकोड़े से सजी प्लेट लेकर अंदर गयी, रिया ने झट से हरिया काका के लम्बे लंड को पकड़ कर जोर से दबा दिया

”अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह। …। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह रियाआआ ये क्या कर रही है। ……बहु रानी आ जायेगी ”

पर रिया ने एक न सुनी और उनके सामने बैठकर उसने धोती को किसी घूँघट कि तरह उठाया और सामने लटक रहा देसी गन्ना अपने कब्जे में ले लिया और अपने होंठों को उसके चरों तरफ लपेट कर उसका रस चूसने लगी
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हरिया काका भी अपनी सुध बुध खोकर जवान लड़की से अपने लंड चुसाई का मज़ा लेने लगे .

और अंदर बैठी हुई दिव्या को लगा कि बाकी कि प्लेट्स रिया लेकर आ रही होगी , पर उसे अपने पीछे ना आता देख वो वापिस किचन कि तरफ चल दी

और अंदर घुसते ही जो उसने देखा , उसे देखकर वो भोचक्की रह गयी , रिया किसी रंडी कि तरह से हरिया काका के सामने बैठकर उनके लंड को चूस रही थी , और उससे ज्यादा आश्चर्य उसे हरिया काका के लम्बे और खड़े हुए लंड को देखकर हुआ, जो किसी भी जवान लंड से ज्यादा मोटा और लम्बा था, उसके तो तन बदन में आग सी लग गयी वो सीन देखकर .

वो वहीँ खडी होकर उनका तमाशा देखने लगी .

रिया ने दिव्या के पैरों कि आहट सुन ली थी , पर फिर भी वो नहीं रुकी, वो चाहती थी कि दिव्या जल्द से जल्द अपनी लाज शर्म का पर्दा उतार कर सामने आ जाए, ताकि उसे भी उसके पति मनीष से चुदने में आसानी रहे.

वो और तेजी से हरिया काका के लंड को अपने मुंह के अंदर तक लेजाकर उन्हें मजा देने लगी

हरिया काका भी अपने पंजों के बल खड़े होकर , अपने लंड को उसके मुंह के अंदर धक्के मारने में लगे थे .
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पर पूरा धक्का मारने के बाद भी उनका आधा लंड बाहर ही था और ये बात दिव्या को सबसे ज्यादा उत्तेजित कर रही थी, उसने सोचा भी नहीं था कि कोई ऐसा लंड भी हो सकता है जो मुंह के अंदर ना समा पाये .

उसका एक हाथ सीधा अपनी चूत के ऊपर चला गया , और वो सोचने लगी कि क्या ऐसा चूत के साथ भी हो सकता है ?? कि चूत के अंदर डालने के बाद भी लंड बाहर रह जाए।

और रिया अपनी चोर निगाहों से उसकी हर हरकत देख रही थी , और जैसे ही उसकी उँगलियों ने चूत कि मालिश शुरू करी तो वो समझ गयी कि अब वो गर्म हो चुकी है

उसने अपने मुंह का अवरोध बाहर निकाला और दिव्या कि तरफ देखकर बोली : "अरे दिव्या, वहाँ क्यों खडी हो , यहाँ आओ तुम भी ।”

दिव्या का नाम सुनते ही हरिया काका कि हालत खराब हो गयी , उन्होंने अपने लंड को रिया के चुंगल से छुड़ाने कि बहुत कोशिश कि पर उसने तो उसे जोरों से पकड़ा हुआ था , और दिव्या भी सकपका सी गयी , ऐसे पकडे जाने से, पर सामने दिख रहा हरिया काका का लंड उसे सम्मोहित सा कर रहा था, वो बिना किसी से नजरें मिलाये उनके पास पहुँच गयी और रिया ने जब उसका हाथ पकड़ कर नीच बिठाया तो वो किसी रोबोट कि तरह नीचे भी बैठ गयी , रिया ने उसका चेहरा ऊपर करके उसके सामने हरिया काका का लंड लहरा दिया , जिसे इतने पास से देखकर उसकी आँखें फिर से चमक उठी , और उसने अपने होंठों पर जीभ फेरी,

रिया : "शरमाओ मत दिव्या , देखो इसे , छू कर देखो, ये काटेगा नहीं ”

दिव्या ने अपनी गोरी और लम्बी उँगलियाँ ऊपर उठायी और हरिया काका के काले कलूटे और लम्बे लंड को पकड़ लिया .
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हरिया काका को तो अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हो रहा था, जिस मालकिन के बारे में सोचकर उनका लंड पिछले दो दिनों से बैठ नहीं रहा था , और जिसके बारे में सोचकर उन्होंने ना जाने कितनी मुठ मार ली थी , वही उनके सामने बैठ कर उनके लंड को पकड़ रही है , निहार रही है । उन्होने मन ही मन रिया को थेंक्स बोला, और वो अभी आँखों ही आँखों से रिया को थेंक्स बोल ही रहे थे कि उन्हें अपने लंड पर किसी गर्म चीज का एहसास हुआ, और जब उन्होंने उस तरफ देखा तो उन्हें अपने विश्वास ही नहीं हुआ, दिव्या ने उनके लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया था और वो उसे ठीक उसी तरह से चूस रही थी जैसे अभी कुछ देर पहले रिया चूस रही थी।

हरिया काका तो हवा में उड़ने लगे ,

जिस बहु के होंठों को देखकर उनका लंड दो दिनों से झटके मार रहा था अब वही होंठ उनके लंड को दबोच कर बैठे थे।

उन्होंने नीचे झुककर मालकिन के गालों को अपनी कठोर उँगलियों से दबाकर फील किया, जैसे वो विश्वास कर लेना चाहते थे कि जो वो देख रहे हैं या महसूस कर रहे हैं, वो सब सच है।

दूसरी तरफ बैठी हुई रिया बोली : "अरे दिव्या, मुझे भी मजे लेने दो थोडा, भूल गयी, मैंने ही तुम्हे बुलाया था ।”

दिव्या को अपनी गलती का एहसास हुआ, उसने शर्माते हुए हरिया काका के लंड को बाहर निकाल कर रिया कि तरफ कर दिया, पर रिया भी मिल बांटकर खाने में विश्वास करती थी, उसने एक तरफ से अपने होंठ उनके लंड पर लगा दिए और दूसरी तरफ से दिव्या को आमंत्रण दिया, और इस तरह से दोनों उनके रसीले लंड का मजा लेने लगी ।
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हरिया काका के लिए इतना सब कुछ सहन करना मुश्किल हो रहा था , वहाँ चुदाई तो सम्भव नहीं थी, इसलिए उन्होंने जैसा चल रहा था वैसा ही चलने दिया, और आगे पीछे होकर दोनों के होंठों कि सुरंग में अपना लंड रगड़ने लगे ।

और जल्द ही उनके अंदर का लावा उबल – २ कर बाहर आने लगा और दोनों के चेहरों को भिगोने लगा

”अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ………उम्म्म्म्म्म्म्म्म ……ऱियआआआआआ ……ऽह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …….ओहहहहहहहहह दिव्यााा …….”

और सामने बैठी दोनों जवान लड़कियों ने अपनी जीभ कि कलाकारी दिखाते हुए सारा रस चाट कर साफ़ कर लिया … ।
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समय कम था , इसलिए दोनों ने अपने -२ चेहरे साफ़ किये और बाकी कि बची हुई प्लेट्स लेकर बाहर निकल गयी

वैसे उनके ना होने कि किसी को भी चिंता नहीं थी, क्योंकि वहाँ काफी टाईट गेम चल रही थी , सभी का ध्यान सिर्फ और सिर्फ तीन पत्ती पर ही था

मनीष लगातार चार बाजियां जीत चूका था, आज तो जैसे वो जीत अपनी किस्मत में लिखवा कर ही आया था, चारों जीत में उसके पत्ते भी कमाल के आये थे , एक ट्रेल आ चुकी थी, दो बार पेअर और एक बार कलर ।

और लगभग एक लाख रूपए वो जीत भी चूका था .
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Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 16-03-2019, 12:26 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 10:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:19 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:35 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 06:54 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 10:58 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:20 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:31 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:56 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 09:59 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 12:11 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 10:33 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:08 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:17 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:24 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:54 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 30-03-2019, 12:09 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:53 AM
RE: Diwali Ka Jua - by Unknown - 31-03-2019, 03:20 PM
RE: Diwali Ka Jua - by Curiousbull - 02-05-2019, 01:42 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 11-05-2019, 11:37 AM
RE: Diwali Ka Jua - by shivangi pachauri - 11-11-2021, 12:46 AM



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