14-01-2021, 05:37 PM
Update 36
अगले दिन रामू सीधा अपने खेतों में आ गया बिना नहाए धोए। उसने नाश्ता तक नहीं किया है अभी तक उसके दिमाग में रात का दृश्य चल रहा था
तभी उसको हरिया चाचा हवेली की तरफ जाता दिखा।
रामू ने आवाज देकर हरिया को अपने पास बुलाया।
रामू - कैसे हो चाचा? आजकल तुम बिलकुल गायब ही रहते हो
हरिया - अरे रामू बेटा उस जागीरदार का सारा काम हमें ही करना पड़ता है साली ज़िन्दगी झंड हुई गई है
रामू - आओ बैठो चाचा मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है
फिर हरिया और रामू कुन्वे के पास आकर बैठ जाते हैं
हरिया - बोलो रामू बेटा क्या बात है ?
रामू - चाचा सुना है आप चम्पा बुआ की शादी कर रहे हो किसी बूढ़े आदमी से।
हरिया - हां बेटा अब कर भी क्या सकता हूं उम्र जो हो गई है चम्पा की और इतनी उम्र में कौन जवान लड़का उससे शादी करेगा
रामू - चाचा पर आप चम्पा बुआ की ज़िन्दगी बर्बाद कर रहे हो उसकी उस बूढ़े आदमी से शादी करके।
हरिया - मेरी बहन के लिए क्या सही है और क्या गलत अब तू बताएगा मुझे।
रामू - पर चाचा चम्पा बुआ उस बूढ़े आदमी से शादी करना नहीं चाहती।
हरिया - ज़ुबान संभाल कर रामू। तुझे कैसे पता कि वो किससे शादी करना चाहती है और किससे नहीं!
रामू - चाचा दरअसल मैंने चाची और बुआ को बात करते सुना था।
हरिया गुस्से में - देखो रामू बेटा हमारे घर के मामलों में दखल मत दो , इससे बातें और बिगड़ जाएंगी।
रामू - लगता है चाचा तुमने अपनी बहन का सौदा कर दिया। बताओ क्या बोली लगाई है तुमने अपनी बहन की।
रामू के मुंह से ये बात सुन हरिया की आंखें गुस्से से लाल हो गई
हरिया चिल्लाते हुए - हरामजादे अगर तू मेरा भतीजा नहीं होता तो इस बात पर तेरी जान ले लेता। हरामजादे तुझे शर्म नहीं आई अपनी बुआ के बारे में ऐसा बोलने में!
रामू - क्या ? क्या बोला चाचा ? मै भतीजा।
हरिया गुस्से में क्या बोल गया इस बात का खयाल उसको बाद में आया
हरिया - कुछ नहीं।
फिर हरिया वहां से जाने लगता है
रामू - ठीक है तो मै भी आपके घर जाता हूं और चाची को बता देता हूं कि आपका चक्कर उस दूधवाली रुबीना काकी के साथ चल रहा है।
रामू के मुंह से ये बात सुनते ही हरिया के हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं वो एक जगह जम जाता है
हरिया - नहीं रामू तू अपनी चाची को कुछ नहीं बताएगा।
रामू - ठीक है तो बोलो फिर मै तुम्हारा भतीजा कैसे हो गया?
हरिया - वो रामू बेटा दरअसल तुम रिश्ते में मेरे भतीजे लगते हो और मै तुम्हारा चाचा
रामू - ये क्या बेहूदा बातें कर हो चाचा? माना की मै आपको बचपन से चाचा बोल रहा हूं इसका मतलब ये नहीं की मै आपका भतीजा हो गया और आप मेरे चाचा। मुझे अच्छे से पता है कि मेरे बापू ना तो कोई सगा भाई था ना बहन।
हरिया - हां तुमने सही कहा रामू बेटा। तुम्हारे बापू को कोई सगा भाई बहन नहीं था। मै तुम्हारे बापू मुरली का चचेरा भाई हूं और मेरी बहन चम्पा तुम्हारे बापू मुरली की चचेरी बहन।
हरिया के मुंह से ये बात सुनकर रामू की हालत इस वक़्त ऐसी बन गई थी जैसे उसके शरीर से आत्मा ही निकल गई हो , वो ज़िंदा लाश की तरह खड़ा था।
हरिया - रामू बेटा संभाल अपने आप को। ये सच है चाहे अपनी मां से पूछ लेना। तुम्हारी मां ही तुम्हे सारी सच्चाई बताएगी और हां रामू बेटा मैंने तेरी बुआ का सौदा नहीं किया बल्कि मै तो उस आदमी की जान लेना चाहता हूं
रामू - क्या ?
हरिया - चम्पा के साथ उस बूढ़े आदमी शादी का रिश्ता एक बहाना है बस। दरअसल मैं उस बूढ़े आदमी को कुत्ते की मौत मारना चाहता हूं
रामू को कुछ समझ नहीं आ रहा था
रामू - क्यों ?
हरिया - तुम्हे पता नहीं है रामू बेटा उस हीरालाल और उसके दोस्तों ने हमारे परिवार के साथ क्या किया है इसलिए मै एक एक करके सालों से हीरालाल के दोस्तों को कुत्ते की मौत मार रहा हूं और वो बूढ़ा आदमी जिसे मैंने अपनी बहन चम्पा का रिश्ता किया है उसको भी मै आज मार डालूंगा
ऐसा बोलते ही हरिया अपने कट्टे में गोलियां भरने लगता है और वहां से हवेली की तरफ चला जाता है
रामू को कुछ समझ नहीं आ रहा था। कल रात से ये उसको दूसरा झटका लगा था उसको मन में ये बात सोच सोचकर बड़ी ग्लानि हो रही थी कि वो अपनी ही बुआ के साथ पिछले १ साल से संभोग कर रहा था और अगर चम्पा को पहले से पता था कि वो उसकी बुआ है तो उसने कभी बोला क्यों नहीं!
आज रामू का मन बड़ा ही दुखी था इसलिए वो गांव के ठेके पर आ गया और दारू पीने लगा और फिर ठेके से लड़खड़ाते हुए किसी तरह अपने खेतों की झोपड़ी में आया और सो गया
अगले दिन रामू सीधा अपने खेतों में आ गया बिना नहाए धोए। उसने नाश्ता तक नहीं किया है अभी तक उसके दिमाग में रात का दृश्य चल रहा था
तभी उसको हरिया चाचा हवेली की तरफ जाता दिखा।
रामू ने आवाज देकर हरिया को अपने पास बुलाया।
रामू - कैसे हो चाचा? आजकल तुम बिलकुल गायब ही रहते हो
हरिया - अरे रामू बेटा उस जागीरदार का सारा काम हमें ही करना पड़ता है साली ज़िन्दगी झंड हुई गई है
रामू - आओ बैठो चाचा मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है
फिर हरिया और रामू कुन्वे के पास आकर बैठ जाते हैं
हरिया - बोलो रामू बेटा क्या बात है ?
रामू - चाचा सुना है आप चम्पा बुआ की शादी कर रहे हो किसी बूढ़े आदमी से।
हरिया - हां बेटा अब कर भी क्या सकता हूं उम्र जो हो गई है चम्पा की और इतनी उम्र में कौन जवान लड़का उससे शादी करेगा
रामू - चाचा पर आप चम्पा बुआ की ज़िन्दगी बर्बाद कर रहे हो उसकी उस बूढ़े आदमी से शादी करके।
हरिया - मेरी बहन के लिए क्या सही है और क्या गलत अब तू बताएगा मुझे।
रामू - पर चाचा चम्पा बुआ उस बूढ़े आदमी से शादी करना नहीं चाहती।
हरिया - ज़ुबान संभाल कर रामू। तुझे कैसे पता कि वो किससे शादी करना चाहती है और किससे नहीं!
रामू - चाचा दरअसल मैंने चाची और बुआ को बात करते सुना था।
हरिया गुस्से में - देखो रामू बेटा हमारे घर के मामलों में दखल मत दो , इससे बातें और बिगड़ जाएंगी।
रामू - लगता है चाचा तुमने अपनी बहन का सौदा कर दिया। बताओ क्या बोली लगाई है तुमने अपनी बहन की।
रामू के मुंह से ये बात सुन हरिया की आंखें गुस्से से लाल हो गई
हरिया चिल्लाते हुए - हरामजादे अगर तू मेरा भतीजा नहीं होता तो इस बात पर तेरी जान ले लेता। हरामजादे तुझे शर्म नहीं आई अपनी बुआ के बारे में ऐसा बोलने में!
रामू - क्या ? क्या बोला चाचा ? मै भतीजा।
हरिया गुस्से में क्या बोल गया इस बात का खयाल उसको बाद में आया
हरिया - कुछ नहीं।
फिर हरिया वहां से जाने लगता है
रामू - ठीक है तो मै भी आपके घर जाता हूं और चाची को बता देता हूं कि आपका चक्कर उस दूधवाली रुबीना काकी के साथ चल रहा है।
रामू के मुंह से ये बात सुनते ही हरिया के हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं वो एक जगह जम जाता है
हरिया - नहीं रामू तू अपनी चाची को कुछ नहीं बताएगा।
रामू - ठीक है तो बोलो फिर मै तुम्हारा भतीजा कैसे हो गया?
हरिया - वो रामू बेटा दरअसल तुम रिश्ते में मेरे भतीजे लगते हो और मै तुम्हारा चाचा
रामू - ये क्या बेहूदा बातें कर हो चाचा? माना की मै आपको बचपन से चाचा बोल रहा हूं इसका मतलब ये नहीं की मै आपका भतीजा हो गया और आप मेरे चाचा। मुझे अच्छे से पता है कि मेरे बापू ना तो कोई सगा भाई था ना बहन।
हरिया - हां तुमने सही कहा रामू बेटा। तुम्हारे बापू को कोई सगा भाई बहन नहीं था। मै तुम्हारे बापू मुरली का चचेरा भाई हूं और मेरी बहन चम्पा तुम्हारे बापू मुरली की चचेरी बहन।
हरिया के मुंह से ये बात सुनकर रामू की हालत इस वक़्त ऐसी बन गई थी जैसे उसके शरीर से आत्मा ही निकल गई हो , वो ज़िंदा लाश की तरह खड़ा था।
हरिया - रामू बेटा संभाल अपने आप को। ये सच है चाहे अपनी मां से पूछ लेना। तुम्हारी मां ही तुम्हे सारी सच्चाई बताएगी और हां रामू बेटा मैंने तेरी बुआ का सौदा नहीं किया बल्कि मै तो उस आदमी की जान लेना चाहता हूं
रामू - क्या ?
हरिया - चम्पा के साथ उस बूढ़े आदमी शादी का रिश्ता एक बहाना है बस। दरअसल मैं उस बूढ़े आदमी को कुत्ते की मौत मारना चाहता हूं
रामू को कुछ समझ नहीं आ रहा था
रामू - क्यों ?
हरिया - तुम्हे पता नहीं है रामू बेटा उस हीरालाल और उसके दोस्तों ने हमारे परिवार के साथ क्या किया है इसलिए मै एक एक करके सालों से हीरालाल के दोस्तों को कुत्ते की मौत मार रहा हूं और वो बूढ़ा आदमी जिसे मैंने अपनी बहन चम्पा का रिश्ता किया है उसको भी मै आज मार डालूंगा
ऐसा बोलते ही हरिया अपने कट्टे में गोलियां भरने लगता है और वहां से हवेली की तरफ चला जाता है
रामू को कुछ समझ नहीं आ रहा था। कल रात से ये उसको दूसरा झटका लगा था उसको मन में ये बात सोच सोचकर बड़ी ग्लानि हो रही थी कि वो अपनी ही बुआ के साथ पिछले १ साल से संभोग कर रहा था और अगर चम्पा को पहले से पता था कि वो उसकी बुआ है तो उसने कभी बोला क्यों नहीं!
आज रामू का मन बड़ा ही दुखी था इसलिए वो गांव के ठेके पर आ गया और दारू पीने लगा और फिर ठेके से लड़खड़ाते हुए किसी तरह अपने खेतों की झोपड़ी में आया और सो गया