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Adultery चुदक्कड़ गाँव की रासलीला
#34
Update 32



रामू आंगन में चारपाई पर सो रहा था , रामू जाग रहा था उसके आंखों से नींद कोसों दूर थी। रात के करीब १ बज रहे थे , रामू अपनी धन्नो मौसी और भीमा भाईया का इंतजार कर रहा था कि कब वो घर से बाहर निकलते हैं आज रामू का प्लान दोनों को रंगे हाथ पकड़ने का था



तभी धीरे से धन्नो मौसी के कमरे का दरवाज़ा खुलता है और धन्नो दबे पांव घर से बाहर निकल जाती है फिर कुछ देर बाद भीमा के कमरे का दरवाज़ा खुलता है और भीमा भी अपने कमरे से भर निकल के चुपके से घर से बाहर निकल जाता है



दोनों के जाने के बाद रामू तुरंत भीमा के कमरे में घुस जाता है। लता अभी भी जाग रही होती है वो रामू को अपने कमरे में देख कर डर जाती है



लता - देवर जी आप यहां ? जाओ यहां से।



रामू - भाभी तुम मेरे साथ चलो बिना कोई सवाल किए। ठीक है।



लता - कहां ?



रामू - भाभी मेरे ऊपर भरोसा है तो मेरा हाथ थाम लो और चलो मेरे साथ



लता बिना कोई सवाल किए रामू का हाथ थाम लेती है और चुपचाप रामू के साथ चल देती है खेत की तरफ।



भीमा और धन्नो झोपड़ी में पहुंच गए थे।



रामू लता का हाथ पकड़कर झोपड़ी की खिड़की की तरफ ले आता है और दोनों वहां से झोपड़ी के अंदर झांक रहे थे



अंदर लालटेन की रोशनी में -



भीमा दना दन अपना लंड धन्नो की चूत में डाले उसे चोद रहा था।



लता के हाथ में पसीना आने लगता है वो बहुत घबरा रही थी उसे बिलकुल पता नहीं था की रामू क्या करने वाला है।



रामू झोपड़ी के दरवाज़े पर ज़ोर से लात मारता है और दरवाज़े के कुन्डे खुल जाते है रामू अंदर दाखिल होता है और सामने पड़े धन्नो और भीमा के गाण्ड मुंह चूत सब फटे के फटे रह जाते है।



भीमा झट से पास में पड़ी अपनी धोती उठाके पहनने लगता है पर रामू उसके हाथ से धोती खीच लेता है ।



रामू - वाह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या नज़ारा है एक बेटा अपनी माँ के साथ वाह्ह।



लता भी तब तक झोंपडे के अंदर आ चुकी थी और उसे वहां देख दोनों की हालत और ख़राब हो जाती है।



भीमा - तू इसे यहाँ लेके आई है। है ना हरामजादी।



रामू भीमा का हाथ लता तक पहुँचने से पहले पकड़ लेता है।



रामू - भाभी मुझे यहाँ नहीं लाई।



भीमा - ओह्ह अब समझा मै। पहले भाई के साथ सोई और अब अपने देवर के साथ तभी तो ये तेरी इतनी तरफदारी कर रहा है।



धन्नो - अरे कुल्टा है ई।



रामू के दिमाग में अजीब सी हलचल होने लगती है और वो एक ज़ोरदार थप्पड पहले भीमा के मुंह पर और उसके बाद धन्नो के मुंह पर जड़ देता है दोनों चक्कर खा के गिर पड़ते है।



रामू - हरामखोर ये अपने भाई के साथ क्या कर चुकी है इसलिए तुम दोनों इसे गलियां देते हो। मारते हो । ताने देते हो और तुम दोनों जो कर रहे हो वो क्या है? हाँ बोलो। एक नम्बर के नीच इंसान हो तुम दोनों। मुझे तुम दोनों के रिश्ते से कोई आपत्ती नहीं है लेकिन हर किसी को अपनी ज़िन्दगी जीने का पूरा पूरा हक़ है जिसके साथ चाहे उसके साथ। मगर भीमा तुमसे मुझे ये उम्मीद नहीं थी और मौसी तुम भाभी को कुल्टा बोल रही हो तो अपने बेटे के साथ ये सब करने वाली औरत को क्या कहते हैं पता है ना तुम्हें।



"भाभी अपने ज़िन्दगी में बहुत दर्द झेल चुकी है वो तुम्हारे घर की लक्ष्मी है। हो गई गलती उनसे भी। इंसान से गलती नहीं होंगी तो क्या भगवान से होगी। इंसान ग़लतियों का पुतला है पर इसका मतलब ये नहीं की तुम अपने गलतियाँ छुपाने के लिए दूसरों की गलतियाँ निकालते फिरो।"



"अब भी वक़्त है संभाल जाओ और एक दूसरे को दिल से माफ़ कर दो और तुम चाहे कैसे भी ज़िन्दगी गुज़ारो पर भीमा अपनी पत्नी को भी थोड़ा मान सम्मान प्यार दो। वो तुम्हारी रखैल नहीं तुम्हारी धरम पत्नी है उसे प्यार दो बदले में तुम्हें भी प्यार मिलेगा।"



"ये लो कपडे और घर चलो मै तो कुछ दिन के लिए यहाँ आया था। कुछ दिन बाद चला भी जाऊँगा। बस तुमसे हाथ जोड़ के एक ही बिनती करता हूँ। ये जीवन बहुत छोटा है इसे जलन और नफरत में ख़तम मत करो।"



धन्नो अपने कपडे पहन के लता के पास आती है और उसे अपने गले से लगा लेती है।



धन्नो - मुझे माफ़ कर दे बेटी मुझसे बहुत बडी गलती हो गई। पुरानी सारी बातें भुला के आज से हम सब एक नई ज़िन्दगी शुरू करेंगे।आज रामू ने हम दोनों की आँखें खोल दी हैं। रामू बेटा मै दिल से तेरा धन्यवाद करती हूँ अगर आज तुम हमारे ऑखों पे बँधी पट्टी नहीं हटाते तो शायद हमारी ज़िन्दगी ऐसे ही गुज़रती रहती। पर मै वादा करती हूँ कि लता को अब वही मान सम्मान इस घर में मिलेंगा जिसकी वो हक़दार है।



भीमा भी रामू और लता से माफ़ी माँगता है और चारो घर चले जाते हैं।



भीमा इतना शर्मिंदा था की वो सीधा अपने कमरे में चला जाता है।



धन्नो लता के पास आती है - जा बेटी अपने पति के पास उसे तेरे साथ की बहुत ज़रुरत है।



लता रामू को देखते हुए कमरे में चली जाती है।



भीमा बिस्तर पे बैठा हुआ था।



लता को देखते ही वो उसको अपने पास बुला लेता है।



भीमा - लता मुझे सच में माफ़ कर दे मुझसे भूल हो गई।



लता अपनी ऊँगली भीमा के होंठों पे रख देती है।



लता - देखिये जो हुआ उसे याद करके हम अपने आने वाली ज़िन्दगी क्यों ख़राब करे। मै चाहती हूँ कि आप माँ जी से उतना ही प्यार करें जितना करते है। मै आप दोनों के बीच कभी नहीं आऊँगी बस अपने दिल के एक कोने में मुझे भी जगह दे दीजीए।



भीमा अपनी पत्नी लता पर झुकता चला जाता है



और लता दिल से रामू को धन्यवाद करते नहीं थकती। उस रात लता को असली मायने में एक पत्नी का सुख मिलता है भीमा से।।



रात के ३ बज रहे थे पर रामू को नींद नहीं आ रही थी ।



आज रामू का मन बहुत विचलित था आज तक उसके साथ ऐसा नहीं हुआ था। वो धन्नो और भीमा को तो समझा चुका था पर घर आने के बाद से उसके लंड में एक तरह की अकड़न सी आ गई थी।



रामू के आंखों के सामने धन्नो और भीमा ही घूम रहे थे। वो बार बार बस एक ही बात सोच रहा था कि एक बेटे को अपनी माँ के साथ वो सब करने में कैसा आनंद आता होगा। वो एहसास कैसा लगता होगा जब अपने ही माँ की चूत में बेटे का लंड जाता होगा। ये सोच सोच के उसका लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।



पर रामू करता भी क्या? उसने उठ के एक ग्लास पानी पिया और ज़्यादा ना सोचते हुए चुपचाप सो गया।
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RE: चुदक्कड़ गाँव की रासलीला - by Tyler herro - 14-01-2021, 05:33 PM



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