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Adultery चुदक्कड़ गाँव की रासलीला
#30
Update 28



रामू नाश्ता करने के बाद सविता और बेला के साथ गांव में कुछ रिश्तेदारों से मिलने निकल गया।



गांव में एक से एक जवान लड़के थे। रिश्तेदारों से मिलना तो बस बहाना था दरअसल रामू और सविता मिलकर बेला के लिए अच्छा सा रिश्ता देख रहे थे।



शाम हो चुकी थी। रामू , सविता और बेला घर आ चुके थे। धन्नो आंगन में सबके लिए चाय लेकर आई



धन्नो - बन्नो क्या हुआ इतनी परेशान क्यों नजर आ रही है



सविता - अरे दीदी बात ही कुछ ऐसी है। बड़े समय से बेला के लिए लड़का देख रहे हैं पर इसको कोई पसंद ही नहीं आता है २४ साल की घोड़ी हो गई है और १ साल गुजर गया तो कौन करेगा इससे शादी



बेला गुस्से में उठ के छत पर चली जाती है



रामू - ऐसा क्यों बोलती हो मां , मै इस साल एक अच्छा सा लड़का देखकर इसकी शादी रचा दूंगा



धन्नो - रामू बेटा बेला की उम्र २४ साल हो चुकी है इसलिए मै तो कहती हूं जल्दी से जल्दी इसके लिए कोई रिश्ता देख ले वरना १ साल और बीत गया तो बेचारी ज़िन्दगी भर कुंवारी बैठी रहेगी



रामू - ये क्या बोल रही हो मौसी मै हूं ना बस अब मेरा लक्ष्य बेला की शादी करना ही है



धन्नो - ठीक है जैसा तुझे सही लगे



रामू - मौसी मुझे लगता है कि बेला के मन में ज़रूर कुछ चल रहा है वरना पिछले २ साल में इतने अच्छे रिश्ते आए थे उसके लिए वो इतने सारे रिश्ते नहीं ठुकराती।



धन्नो - रामू बेटा कहीं कोई चक्कर तो नहीं चल रहा बेला का।



सविता - शुभ शुभ बोलो दीदी मेरी बेटी वैसी नहीं है



रामू - नहीं मौसी बेला बड़ी सीधी लड़की है पर हां थोड़ी शैतान है और गांव में किसी लड़के में इतनी हिम्मत कहां जो मेरी बहन पर नजर उठा कर देखे।



सविता - हां दीदी रामू बिल्कुल सही कह रहा है



धन्नो - अरे हमारे पड़ोस में एक लड़की थी हम उसको बहुत सीधा समझते थे और दिखने में भी वो बड़ी भोली भाली सी थी। पिछले ही महीने अपने प्रेमी के साथ भाग गई अपने मां बाप और भाई को अकेला छोड़ कर , एक बार भी उस कमीनी ने अपने परिवार के बारे में नहीं सोचा।



धन्नो के मुंह से ये बात सुनकर रामू और सविता के हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं



रामू - मौसी ऐसा कुछ नहीं है मै बेला से बात करता हूं और मौसी आप किसी दूसरे विषय पर बात करो मां से।



सविता - समझा देना लल्ला अपनी बेला को



रामू - जी मां



रामू फिर छत पर आ जाता है , बेला एक कुर्सी पर बैठी होती है और रामू को देखते ही वो खड़ी हो जाती है



रामू - बेला कोई ऐसी बात तो नहीं जो तू मुझसे छुपा रही है



बेला डर जाती है कि कहीं रामू को उसके और जग्गू के बारे में पता तो नहीं चल गया



bela- क्यों ?



रामू बेला का हाथ पकड़ के - देख बेला हमेशा मैंने तुझे एक बड़े भाई से भी बढ़कर एक बाप की तरह पाला है मैंने तेरे लिए किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रखी।



बेला - ऐसा क्यों बोल रहा है रामू अगर बापू भी ज़िंदा होते तो वो भी इतना नहीं करते जितना तूने मेरे लिए किया है



बेला की आंखें नम हो जाती हैं



रामू - तेरा कहीं कोई चक्कर तो नहीं चल रहा ना, देख अगर ऐसा कुछ है तो बता दे मुझे



बेला - नहीं भाई



रामू - सच में ? देख अगर झूठ बोली तो मै तुझे कभी माफ नहीं करूंगा



बेला रोने लगती है और रामू उसको अपने सीने से लगा लेता है



बेला - भाई तू अब जिससे बोलेगा मै उससे शादी कर लूंगी, भाई और बाप दोनों का फ़र्ज़ निभाया है तुमने और मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया भाई जिससे तू शर्मिंदा हो



रामू - मुझे पता था तू अपने भाई की बहुत इज्जत करती है



बेला ने रामू से झूठ बोला पिछले २ सालों से बेला का जग्गू के साथ चक्कर चल रहा था जग्गू और बेला एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे भले ही बेला और जग्गू ने कभी संभोग नहीं किया था। बेला को अपने से ज़्यादा जग्गू की फिकर थी इसलिए उसने जग्गू के लिए झूठ बोल दिया



बेला - भाई अगर सच में मेरा किसी के साथ चक्कर चल रहा होता तो?



रामू - तो क्या ? बात करता उससे और अगर लड़का अच्छा होता तो उससे तेरी शादी कर देता



रामू की बात सुनकर बेला की ऐसी हालत हो गई थी कि काटो तो खून नहीं। बेला को लगता था अगर रामू को उसने सच बता दिया तो रामू जग्गू की चमड़ी उधेड़ देगा पर अब बेला रामू से झूठ बोलकर खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार चुकी थी



बेला को लगता था कि रामू भी गांव में दूसरे लड़कियों के भाइयों की तरह होगा लेकिन रामू सबसे अलग था उसने कभी भी बेला के हाथों और पैरों में बेड़ियां नहीं बांधी थी बेला को खुली आजादी दे रखी थी और अब बेला रामू को सच भी नहीं बोल सकती थी



बेला - रामू तेरे जैसा भाई दुनिया की हर बहन हो मिले। भाई मुझे तुझसे कुछ कहना है



रामू - बोल क्या कहना है?



बेला - भाई वो , वो भाई दरअसल , वो ये बात थी भाई , मै ये कहना चाहती थी तुझसे भाई



रामू - बोल ना बेला क्या बोलना चाहती है



बेला - भाई तू और चंपा बुआ उस दिन झोपड़ी में....



रामू की हालत ऐसी हो गई थी जैसे उसका दिल ही धड़कना बंद कर दिया हो



तभी रामू को वो दिन याद आता है उस दिन वो कोई और नहीं बेला थी और वो गमला बेला से ही टूटा था इसका मतलब ये था कि बेला ही झोपड़ी के बाहर खड़ी रामू और चंपा की रासलीला देख रही थी



बेला - भाई मै किसी से नहीं बोलूंगी



रामू - पक्का !



बेला - हां भाई पर तुझे कोई और नहीं मिली वो चंपा बुआ ही मिली थी



रामू - इसमें उसकी क्या गलती बेला उसकी शादी की उम्र निकल गई । तू भी उस बेचारी को बुआ बोल रही है



बेला - मै तो मज़ाक कर रही थी भाई , वैसे चंपा दीदी बहुत सुंदर है तो फिर तुमने क्या सोचा है



रामू - मतलब?



बेला - मेरा मतलब तू उससे शादी करना चाहता होगा ?



रामू - मैंने सोचा नहीं अभी तक और लोग क्या कहेंगे चंपा मुझसे उम्र में ६ साल बड़ी है



बेला - ये क्या बात हुई भाई वो सब करने से पहले तुझे उम्र नहीं दिखी चंपा दीदी की ??



रामू - देख बेला ये सिलसिला पिछले साल ही शुरू हुआ है और मैंने अभी इस बारे में सोचा नहीं है



बेला - तो सोच ले क्योंकि मैंने रत्ना चाची को मां से बात करते सुना था कि हरिया चाचा चंपा दीदी की शादी सेठ हीरालाल के किसी दोस्त से कर रहे हैं और वो 55 साल का कोई बूढ़ा और अमीर आदमी है



रामू - क्या ?



बेला - हां भाई । चल नीचे चलते हैं रात के खाने का समय हो गया है



रामू - ठीक है चल



फिर दोनों छत से नीचे आ जाते हैं
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RE: चुदक्कड़ गाँव की रासलीला - by Tyler herro - 14-01-2021, 05:30 PM



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