14-01-2021, 05:27 PM
Update 23
रामू - प्रणाम भइया
भीमा - अरे रामू तुम कब आए ?
रामू - मै तो सुबह ही आ गया था आप कहां थे सुबह से ?
भीमा - मै तो रात से यहीं सो रहा था अपने कमरे में
रामू - अरे भइया रात को ट्रक चलते हो क्या जो सुबह से एक बार भी नींद नहीं खुली कतई घोड़े बेचकर सो रहे थे हाहाहा
भीमा - अरे नहीं रामू वो तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए रात को दवाई खाके सोया था और अब नींद खुली है
रामू - ओह और सुनाओ ज़िन्दगी कैसी कट रही है
भीमा उदास होकर - बस कट ही रही है अब वो मज़ा कहां !
रामू - क्या बात है भइया बड़े उदास दिख रहे हो
भीमा - अब तुम तो देख ही रहे हो रामू मेरे बापू बस कुछ ही दिन के मेहमान है अपने परिवार को पता नहीं मै कैसे संभाल पाऊंगा
रामू - भईया जो इस दुनिया में आया है उसको एक ना एक दिन ये दुनिया छोड़ कर जाना होता है मै हूं ना भइया आप चिंता मत करो
भीमा - दारू पिएगा
रामू - नहीं भइया , जब भी कोई नशीली पदार्थ के सेवन करता हूं तो कोई ना कोई कांड कर बैठता हूं आज नहीं फिर कभी
भीमा - ऐसा क्या कांड कर दिया तूने बता तो मुझे
रामू - अब आपसे क्या छुपाना भइया पिछले साल की ही बात है वो जग्गू है ना मेरा दोस्त उसने मुझे चरस पिला दिया था उस दिन मैंने एक लड़की को पकड़ के ज़बरदस्ती अपने गन्ने के खेत में चोद दिया था
भीमा हैरान होते हुए - किसको ?
रामू - भइया वो हरिया चाचा की बहन चंपा को
भीमा - साले हरिया चाचा की बहन को चोद दिया , फिर ?
रामू - फिर क्या भइया उसके बाद से चंपा और मेरे बीच चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया
भीमा - कसम से रामू बड़ा ही कमीना निकला तू
रामू - अब इसमें मेरी क्या गलती भइया।
भीमा - अपनी उम्र से ६ साल बड़ी औरत को चोदने में तुझे शरम नहीं आई , साले उसको बुआ बोलता था तू
रामू - एक बार गलती से चोद क्या दिया साली को वो रण्डी मेरे लंड की गुलाम बन गई और वैसे भी भइया चूत लड़की की हो या बड़ी उम्र की औरत की लंड को कोई फर्क नहीं पड़ता और चंपा कोई मेरे रिश्ते में बुआ थोड़ी ना लगती है
भीमा - वो रिश्ते में तेरी बुआ लगती तो ?
रामू - क्या बात कर रहे हो भइया कुछ भी बोल रहे हो , आप तो मेरे पीछे ही पड़ गए।
भीमा - ठीक है मेरे बाप माफ कर मुझे और सुना और किसकी चूत चोद चुका है
रामू - अरे भइया खेतों से फुरसत मिलेगी तभी तो किसी पर ध्यान जायेगा मेरा । आप सुनाओ भइया मुझे चाचा कब बना रहे हो ?
भीमा गुस्से में - पता नहीं मैंने अपने जीवन में क्या पाप किए थे जो इस रण्डी से शादी हो गई मेरी
रामू - क्या हुआ भइया क्या बात है
भीमा - कुछ नहीं , तू जा यहां से मुझे दारू पीनी है
रामू - अच्छा ठीक है
रामू फिर कमरे से बाहर निकल जाता है , रामू मन में सोचता है कि कोई बात तो है जो भीमा उससे छुपा रहा है और तभी उसको याद आता है कि धन्नो मौसी का रवैया भी सुबह लता भाभी के प्रति अजीब सा था धन्नो मौसी भी लता भाभी पर एक छोटी सी बात पर गुस्सा कर रही थी
रात को सभी ने खाना खा लिया था और सोने के लिए धन्नो ने आंगन में ही गद्दे डाल दिए थे क्योंकि घर में २ कमरे ही थे एक में प्यारेलाल और धन्नो सोते थे तो दूसरे में भीमा और लता।
नीचे गद्दे पर बीच में सविता सो गई थी और उसके आजू बाजू में रामू और बेला सो गए थे
रात को करीब २ बजे किसी के दरवाजे के खुलने की आवाज से रामू की नींद खुल गई। जीरो बल्ब की रोशनी में रामू ने देखा कि उसकी धन्नो मौसी घर के बाहर जा रही है रामू को लगा शायद धन्नो मौसी खेत में शौच के लिए जा रही होगी लेकिन तभी दूसरे कमरे का दरवाज़ा खुला और भीमा भी दबे पांव घर से बाहर चला गया। रामू को कुछ समझ नहीं आया उसको लगा शायद भीमा बाहर ठंडी हवा खाने गया हो, रामू फिर चुपचाप अपनी आंखें बंद करके सो गया।
अगले दिन सुबह जब रामू की आंख खुली तो उसके पास कोई नहीं था उसने रसोई में देखा तो वहां उसकी मां और सविता खाना बना रही थी वो और उसकी बहन टीवी देख रही थी , रामू ने जाके बक्से से अपने कपड़े निकाले और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया
रामू - प्रणाम भइया
भीमा - अरे रामू तुम कब आए ?
रामू - मै तो सुबह ही आ गया था आप कहां थे सुबह से ?
भीमा - मै तो रात से यहीं सो रहा था अपने कमरे में
रामू - अरे भइया रात को ट्रक चलते हो क्या जो सुबह से एक बार भी नींद नहीं खुली कतई घोड़े बेचकर सो रहे थे हाहाहा
भीमा - अरे नहीं रामू वो तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए रात को दवाई खाके सोया था और अब नींद खुली है
रामू - ओह और सुनाओ ज़िन्दगी कैसी कट रही है
भीमा उदास होकर - बस कट ही रही है अब वो मज़ा कहां !
रामू - क्या बात है भइया बड़े उदास दिख रहे हो
भीमा - अब तुम तो देख ही रहे हो रामू मेरे बापू बस कुछ ही दिन के मेहमान है अपने परिवार को पता नहीं मै कैसे संभाल पाऊंगा
रामू - भईया जो इस दुनिया में आया है उसको एक ना एक दिन ये दुनिया छोड़ कर जाना होता है मै हूं ना भइया आप चिंता मत करो
भीमा - दारू पिएगा
रामू - नहीं भइया , जब भी कोई नशीली पदार्थ के सेवन करता हूं तो कोई ना कोई कांड कर बैठता हूं आज नहीं फिर कभी
भीमा - ऐसा क्या कांड कर दिया तूने बता तो मुझे
रामू - अब आपसे क्या छुपाना भइया पिछले साल की ही बात है वो जग्गू है ना मेरा दोस्त उसने मुझे चरस पिला दिया था उस दिन मैंने एक लड़की को पकड़ के ज़बरदस्ती अपने गन्ने के खेत में चोद दिया था
भीमा हैरान होते हुए - किसको ?
रामू - भइया वो हरिया चाचा की बहन चंपा को
भीमा - साले हरिया चाचा की बहन को चोद दिया , फिर ?
रामू - फिर क्या भइया उसके बाद से चंपा और मेरे बीच चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया
भीमा - कसम से रामू बड़ा ही कमीना निकला तू
रामू - अब इसमें मेरी क्या गलती भइया।
भीमा - अपनी उम्र से ६ साल बड़ी औरत को चोदने में तुझे शरम नहीं आई , साले उसको बुआ बोलता था तू
रामू - एक बार गलती से चोद क्या दिया साली को वो रण्डी मेरे लंड की गुलाम बन गई और वैसे भी भइया चूत लड़की की हो या बड़ी उम्र की औरत की लंड को कोई फर्क नहीं पड़ता और चंपा कोई मेरे रिश्ते में बुआ थोड़ी ना लगती है
भीमा - वो रिश्ते में तेरी बुआ लगती तो ?
रामू - क्या बात कर रहे हो भइया कुछ भी बोल रहे हो , आप तो मेरे पीछे ही पड़ गए।
भीमा - ठीक है मेरे बाप माफ कर मुझे और सुना और किसकी चूत चोद चुका है
रामू - अरे भइया खेतों से फुरसत मिलेगी तभी तो किसी पर ध्यान जायेगा मेरा । आप सुनाओ भइया मुझे चाचा कब बना रहे हो ?
भीमा गुस्से में - पता नहीं मैंने अपने जीवन में क्या पाप किए थे जो इस रण्डी से शादी हो गई मेरी
रामू - क्या हुआ भइया क्या बात है
भीमा - कुछ नहीं , तू जा यहां से मुझे दारू पीनी है
रामू - अच्छा ठीक है
रामू फिर कमरे से बाहर निकल जाता है , रामू मन में सोचता है कि कोई बात तो है जो भीमा उससे छुपा रहा है और तभी उसको याद आता है कि धन्नो मौसी का रवैया भी सुबह लता भाभी के प्रति अजीब सा था धन्नो मौसी भी लता भाभी पर एक छोटी सी बात पर गुस्सा कर रही थी
रात को सभी ने खाना खा लिया था और सोने के लिए धन्नो ने आंगन में ही गद्दे डाल दिए थे क्योंकि घर में २ कमरे ही थे एक में प्यारेलाल और धन्नो सोते थे तो दूसरे में भीमा और लता।
नीचे गद्दे पर बीच में सविता सो गई थी और उसके आजू बाजू में रामू और बेला सो गए थे
रात को करीब २ बजे किसी के दरवाजे के खुलने की आवाज से रामू की नींद खुल गई। जीरो बल्ब की रोशनी में रामू ने देखा कि उसकी धन्नो मौसी घर के बाहर जा रही है रामू को लगा शायद धन्नो मौसी खेत में शौच के लिए जा रही होगी लेकिन तभी दूसरे कमरे का दरवाज़ा खुला और भीमा भी दबे पांव घर से बाहर चला गया। रामू को कुछ समझ नहीं आया उसको लगा शायद भीमा बाहर ठंडी हवा खाने गया हो, रामू फिर चुपचाप अपनी आंखें बंद करके सो गया।
अगले दिन सुबह जब रामू की आंख खुली तो उसके पास कोई नहीं था उसने रसोई में देखा तो वहां उसकी मां और सविता खाना बना रही थी वो और उसकी बहन टीवी देख रही थी , रामू ने जाके बक्से से अपने कपड़े निकाले और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया