14-01-2021, 05:27 PM
Update 22
ज़हीर जैसे जैसे आवाज का पीछा करते जा रहा था वैसे वैसे उसको वो आवाज जानी पहचानी सी लगने लगी थी
ज़हीर ने गन्नों के पीछे छुपकर देखा तो हरिया चाचा खड़ा अपनी धोती में से लन्ड को बाहर निकाले हुए सामने खड़ी उसकी अम्मी रुबीना से बातें कर रहा था
जहीर की तो पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई उसको यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी अम्मी बेशरम होके हरिया का लंड देखते हुए उससे बातें कर रही थी
हरिया - देख कैसे डंडे की तरह खड़ा होकर तेरी मस्तानी चूत में घुसने के लिए मरा जा रहा है ये
रुबीना - बेशरम कहीं के चल जा यहां से । वैसे भी आज सारा दिन मुझे अकेले ही काम करना है वहां ज़हीर अलग बीमार पड़ गया है
हरिया - रुबीना मै तेरा सारा काम कर दूंगा बस एक बार अपनी ये मस्तानी चूत चटा दे मुझे
रुबीना का चेहरा बिल्कुल लाल हो रहा था और वो अपनी सलवार समेटकर चारा काटने में लग गई और हरिया अपना लंड खोलकर उसके सामने बैठ गया
रुबीना मंद मंद मुस्कुराती हुई - हरिया बहुत काम है मुझे , क्यों मेरे पीछे पड़ा है
इधर ज़हीर को बड़ा ही अजीब लग रहा था उसके हाथ अपने आप उसके लौड़े तक पहुंच गए थे ये उसके लिए एक नया एहसास था
हरिया - मैंने बोला ना मेरी बेगम तेरा सारा काम कर दूंगा
हरिया के मुंह से बेगम शब्द सुन रुबीना के नीचे वाले होंठ फड़फड़ाने लगे
रुबीना - तू जा यहां से हवेली की रंडियों को चोद मेरे पास क्यों आया है
हरिया - ओह तो ये बात है मेरी बेगम को जलन हो रही है अरे मेरी बेगम रानी हवेली की नौकरानियों में वो बात कहां जो तुझमें है
रुबीना - अब ज़्यादा मक्खन मत लगा नासपीटा कहीं का , हफ्ते भर बाद तुझे मेरी याद आती है
हरिया - हवेली में बहुत काम होते है मुझे , इसलिए तेरे लिए समय नहीं निकाल पाता
रुबीना - ऐसा क्या काम है तेरे लिए जो मुझसे भी जरूरी है
फिर रुबीना उठकर जाने लगती है तभी हरिया पीछे से उसकी कमर पकड़ कर उसको घास में गिरा देता है और खुद उसके ऊपर आ जाता है
हरिया - अरे मेरी रण्डी बेगम तू फिकर मत कर । आज तुझे खेतों और गन्नों के बीच पूरी नंगी रखूंगा और सारा दिन तेरी चूत मारूंगा , ऐसा कहते हुए हरिया रुबीना की बड़ी बड़ी चूचियों को उसकी कमीज़ के ऊपर से ही मसलने लगता है
रुबीना - आह उह छोड़ कमीने कोई देख लेगा आह
इधर ये सब देखकर ज़हीर की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उसको अपना लन्ड बाहर निकले बिना रहा नहीं गया
हरिया - चुप साली बड़े नखरे दिखा रही है ज़्यादा नखरे दिखाए ना तो कभी नहीं आऊंगा फिर मेरे लन्ड को याद करके अपने भोसड़े हो शांत करते रहना।
रुबीना - ऐसा मत बोल कमीने , एक तो वो मौलाना किसी काम का नहीं और अब तू भी ऐसे बोल रहा है
और ऐसा बोलते ही रुबीना ने अपने गुलाबी होंठ हरिया के काले होंठों पर रख दिए , दोनों एक गहरे चुम्बन में खो गए
हरिया - उम्माह, ये हुई ना बात अब चल अपने धंधे पर लग जा
हरिया की बात सुनकर रुबीना एकदम से उठी और हरिया की लंड को झुककर अपने मुंह में भरकर चाटने लगी , रुबीना उसके आंडों को खूड कस कसकर दबाते हुए उसके लन्ड के सूपड़े को चूसने लगी
हरिया उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कसकर मसल रहा था और एक हाथ से रुबीना की सलवार नीचे करके उसकी गान्ड की गुदा में अपनी उंगली डालकर कुरेदने लगा
ज़हीर की अम्मी रुबीना की गान्ड एकदम ज़हीर के मुंह के तरफ थी और उसकी फैली हुई गुदाज गान्ड और उसका भूरा छेद देखकर ज़हीर का लन्ड झटके देने लगा
हरिया ने रुबीना का सलवार खोलकर उसके मोटे मोटे दूध को दबाते हुए चूसना और चूसते हुए दबाना शुरू कर दिया
रुबीना अपने हाथों से हरिया के गोटे दबा दबाकर खेल रही थी और उसके मोटे काले लंड को बड़े चाव से चूस रही थी
तभी हरिया ने रुबीना के बालों के पकड़कर उसको घास पर लेटा दिया और फिर उसकी मोटी जांघों को फैलाकर चूम लिया
जैसे ही हरिया ने रुबीना की चूत का चाटना शुरू किया तो रुबीना तड़प उठी और उठकर उसने हरिया के लंड को अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया
हरिया ने बिना कुछ बोले कसकर एक झटका मारा और उसका पूरा लंड सटाक से रुबीना की गुलाबी चूत को चीरता हुआ अन्दर जड़ तक समा गया , रुबीना ने हरिया को अपनी बाहों में दबोचकर उसके लन्ड की ओर अपनी चूत को जोर से उठा दिया , रुबीना की इस हरकत से हरिया का लन्ड उसकी चूत में पूरी तरह फिट हो गया , हरिया रुबीना की बड़ी बड़ी चूचियों को कस कसकर दबाते हुए उसकी चूत को ठोकने लगा
इधर अपनी अम्मी रुबीना को हरिया चाचा से चुदाते हुए देखकर ज़हीर ने अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा वो अब झड़ने के बिल्कुल करीब था
रुबीना अपनी गान्ड उठा उठकर लंड ले रही थी और हरिया खूब उचक उचक्के रुबीना की चूत ठोक रहा था रुबीना का भारी भरकम बदन हरिया के बदन से चिपका हुआ था जब हरिया रुबीना की चूत ठोकता तो रुबीना की जांघो के बीच से थप थप की आवाज आने लगती , हरिया पूरी ताक़त से रुबीना की चूत चोद रहा था और रुबीना आह आह करती हुई खूब कस कसकर अपनी चूत मरवा रही थी हरिया के लंबे लंड से।
इधर ज़हीर आह आह करते हुए पूरी ताकत से अपना लन्ड हिलाने लगा अपनी अम्मी को चुदाते हुए देखकर और आखिर में झड़ ही गया और अपनी पैंट ऊपर करके वहां से भागकर अपने घर आ गया
उधर रुबीना से भी रहा नहीं गया। हरिया ने रुबीना की चूत को बहुत बुरी तरह रौंद दिया था
रुबीना - आह हरिया अपना लंड निकाल मै झाड़ने वाली हूं आह
हरिया ने जैसे ही अपना लन्ड बाहर निकाला तो उसकी चूत का सारा रस हरिया के लंड पर फ़ैल गया
हरिया - चल साली अब मुझे भी ठंडा कर जल्दी से
रुबीना जल्दी से अपने घुटनो के बल बैठ गई और हरिया के लंड को अपनी दोनों मुट्ठी में पकड़कर जोर जोर से हिलाने लगी और उसके लन्ड के सूपड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी
हरिया - आह आह बेगम रानी बस आह मै गया आह
हरिया हाफ्ते हुए रुबीना के मुंह में झड़ने लगा और झड़ने के बाद वो आके रुबीना के बगल में लेट गया और उसके होंठों को चूम लिया
हरिया - मज़ा आया ना मेरी रानी
रुबीना - हां बहुत पर !
हरिया - पर क्या ?
रुबीना - मुझे ये मज़ा रोज़ चाहिए
हरिया - मेरी रानी बेगम कुछ दिन रुक जा फिर तुझे ये मज़ा रोज़ मिलेगा
रुबीना - रहने दे हरिया तू बस बोलता रहता है
हारिया - मै जल्दी ही कुछ बड़ा करने वाला हूं
रुबीना - क्या ? ये बात तुम बहुत सालों से बोल रहे हो कुछ होता तो तुझसे है नहीं
हरिया - बस जल्दी ही वो समय आने वाला है जब मै हवेली का मालिक बन जाऊंगा
रुबीना की तो जैसे पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई हरिया के मुंह से ये बात सुनकर
रुबीना - कैसे ?
हरिया - जागीरदार और उसके परिवार को ज़िंदा जलाके और कैसे। हाहाहा
रुबीना - क्या ? हरिया तू पागल हो गया है क्या , ये बात किसी को पता चल गई तो गांव वाले तुझे ज़िंदा जला देंगे
हरिया - ये काम मै नहीं करूंगा मेरी रानी
रुबीना - तो कौन करेगा ?
हरिया - ये काम रामू करेगा
रुबीना - वो बेचारा क्यों मारेगा जागीरदार को
हरिया - वो मारेगा जागीरदार को जब उसको पता चलेगा कि उसका बाप मुरली हवेली से गायब हुआ था
रुबीना - क्या ?
हरिया - ये बात किसी को बताना नहीं ! समझी
रुबीना - ठीक है चल हरिया अब मैं चलती हूं
रुबीना अपने घर की तरफ निकल जाती है और हरिया हवेली आ जाता है
ज़हीर जैसे जैसे आवाज का पीछा करते जा रहा था वैसे वैसे उसको वो आवाज जानी पहचानी सी लगने लगी थी
ज़हीर ने गन्नों के पीछे छुपकर देखा तो हरिया चाचा खड़ा अपनी धोती में से लन्ड को बाहर निकाले हुए सामने खड़ी उसकी अम्मी रुबीना से बातें कर रहा था
जहीर की तो पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई उसको यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी अम्मी बेशरम होके हरिया का लंड देखते हुए उससे बातें कर रही थी
हरिया - देख कैसे डंडे की तरह खड़ा होकर तेरी मस्तानी चूत में घुसने के लिए मरा जा रहा है ये
रुबीना - बेशरम कहीं के चल जा यहां से । वैसे भी आज सारा दिन मुझे अकेले ही काम करना है वहां ज़हीर अलग बीमार पड़ गया है
हरिया - रुबीना मै तेरा सारा काम कर दूंगा बस एक बार अपनी ये मस्तानी चूत चटा दे मुझे
रुबीना का चेहरा बिल्कुल लाल हो रहा था और वो अपनी सलवार समेटकर चारा काटने में लग गई और हरिया अपना लंड खोलकर उसके सामने बैठ गया
रुबीना मंद मंद मुस्कुराती हुई - हरिया बहुत काम है मुझे , क्यों मेरे पीछे पड़ा है
इधर ज़हीर को बड़ा ही अजीब लग रहा था उसके हाथ अपने आप उसके लौड़े तक पहुंच गए थे ये उसके लिए एक नया एहसास था
हरिया - मैंने बोला ना मेरी बेगम तेरा सारा काम कर दूंगा
हरिया के मुंह से बेगम शब्द सुन रुबीना के नीचे वाले होंठ फड़फड़ाने लगे
रुबीना - तू जा यहां से हवेली की रंडियों को चोद मेरे पास क्यों आया है
हरिया - ओह तो ये बात है मेरी बेगम को जलन हो रही है अरे मेरी बेगम रानी हवेली की नौकरानियों में वो बात कहां जो तुझमें है
रुबीना - अब ज़्यादा मक्खन मत लगा नासपीटा कहीं का , हफ्ते भर बाद तुझे मेरी याद आती है
हरिया - हवेली में बहुत काम होते है मुझे , इसलिए तेरे लिए समय नहीं निकाल पाता
रुबीना - ऐसा क्या काम है तेरे लिए जो मुझसे भी जरूरी है
फिर रुबीना उठकर जाने लगती है तभी हरिया पीछे से उसकी कमर पकड़ कर उसको घास में गिरा देता है और खुद उसके ऊपर आ जाता है
हरिया - अरे मेरी रण्डी बेगम तू फिकर मत कर । आज तुझे खेतों और गन्नों के बीच पूरी नंगी रखूंगा और सारा दिन तेरी चूत मारूंगा , ऐसा कहते हुए हरिया रुबीना की बड़ी बड़ी चूचियों को उसकी कमीज़ के ऊपर से ही मसलने लगता है
रुबीना - आह उह छोड़ कमीने कोई देख लेगा आह
इधर ये सब देखकर ज़हीर की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उसको अपना लन्ड बाहर निकले बिना रहा नहीं गया
हरिया - चुप साली बड़े नखरे दिखा रही है ज़्यादा नखरे दिखाए ना तो कभी नहीं आऊंगा फिर मेरे लन्ड को याद करके अपने भोसड़े हो शांत करते रहना।
रुबीना - ऐसा मत बोल कमीने , एक तो वो मौलाना किसी काम का नहीं और अब तू भी ऐसे बोल रहा है
और ऐसा बोलते ही रुबीना ने अपने गुलाबी होंठ हरिया के काले होंठों पर रख दिए , दोनों एक गहरे चुम्बन में खो गए
हरिया - उम्माह, ये हुई ना बात अब चल अपने धंधे पर लग जा
हरिया की बात सुनकर रुबीना एकदम से उठी और हरिया की लंड को झुककर अपने मुंह में भरकर चाटने लगी , रुबीना उसके आंडों को खूड कस कसकर दबाते हुए उसके लन्ड के सूपड़े को चूसने लगी
हरिया उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कसकर मसल रहा था और एक हाथ से रुबीना की सलवार नीचे करके उसकी गान्ड की गुदा में अपनी उंगली डालकर कुरेदने लगा
ज़हीर की अम्मी रुबीना की गान्ड एकदम ज़हीर के मुंह के तरफ थी और उसकी फैली हुई गुदाज गान्ड और उसका भूरा छेद देखकर ज़हीर का लन्ड झटके देने लगा
हरिया ने रुबीना का सलवार खोलकर उसके मोटे मोटे दूध को दबाते हुए चूसना और चूसते हुए दबाना शुरू कर दिया
रुबीना अपने हाथों से हरिया के गोटे दबा दबाकर खेल रही थी और उसके मोटे काले लंड को बड़े चाव से चूस रही थी
तभी हरिया ने रुबीना के बालों के पकड़कर उसको घास पर लेटा दिया और फिर उसकी मोटी जांघों को फैलाकर चूम लिया
जैसे ही हरिया ने रुबीना की चूत का चाटना शुरू किया तो रुबीना तड़प उठी और उठकर उसने हरिया के लंड को अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया
हरिया ने बिना कुछ बोले कसकर एक झटका मारा और उसका पूरा लंड सटाक से रुबीना की गुलाबी चूत को चीरता हुआ अन्दर जड़ तक समा गया , रुबीना ने हरिया को अपनी बाहों में दबोचकर उसके लन्ड की ओर अपनी चूत को जोर से उठा दिया , रुबीना की इस हरकत से हरिया का लन्ड उसकी चूत में पूरी तरह फिट हो गया , हरिया रुबीना की बड़ी बड़ी चूचियों को कस कसकर दबाते हुए उसकी चूत को ठोकने लगा
इधर अपनी अम्मी रुबीना को हरिया चाचा से चुदाते हुए देखकर ज़हीर ने अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा वो अब झड़ने के बिल्कुल करीब था
रुबीना अपनी गान्ड उठा उठकर लंड ले रही थी और हरिया खूब उचक उचक्के रुबीना की चूत ठोक रहा था रुबीना का भारी भरकम बदन हरिया के बदन से चिपका हुआ था जब हरिया रुबीना की चूत ठोकता तो रुबीना की जांघो के बीच से थप थप की आवाज आने लगती , हरिया पूरी ताक़त से रुबीना की चूत चोद रहा था और रुबीना आह आह करती हुई खूब कस कसकर अपनी चूत मरवा रही थी हरिया के लंबे लंड से।
इधर ज़हीर आह आह करते हुए पूरी ताकत से अपना लन्ड हिलाने लगा अपनी अम्मी को चुदाते हुए देखकर और आखिर में झड़ ही गया और अपनी पैंट ऊपर करके वहां से भागकर अपने घर आ गया
उधर रुबीना से भी रहा नहीं गया। हरिया ने रुबीना की चूत को बहुत बुरी तरह रौंद दिया था
रुबीना - आह हरिया अपना लंड निकाल मै झाड़ने वाली हूं आह
हरिया ने जैसे ही अपना लन्ड बाहर निकाला तो उसकी चूत का सारा रस हरिया के लंड पर फ़ैल गया
हरिया - चल साली अब मुझे भी ठंडा कर जल्दी से
रुबीना जल्दी से अपने घुटनो के बल बैठ गई और हरिया के लंड को अपनी दोनों मुट्ठी में पकड़कर जोर जोर से हिलाने लगी और उसके लन्ड के सूपड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी
हरिया - आह आह बेगम रानी बस आह मै गया आह
हरिया हाफ्ते हुए रुबीना के मुंह में झड़ने लगा और झड़ने के बाद वो आके रुबीना के बगल में लेट गया और उसके होंठों को चूम लिया
हरिया - मज़ा आया ना मेरी रानी
रुबीना - हां बहुत पर !
हरिया - पर क्या ?
रुबीना - मुझे ये मज़ा रोज़ चाहिए
हरिया - मेरी रानी बेगम कुछ दिन रुक जा फिर तुझे ये मज़ा रोज़ मिलेगा
रुबीना - रहने दे हरिया तू बस बोलता रहता है
हारिया - मै जल्दी ही कुछ बड़ा करने वाला हूं
रुबीना - क्या ? ये बात तुम बहुत सालों से बोल रहे हो कुछ होता तो तुझसे है नहीं
हरिया - बस जल्दी ही वो समय आने वाला है जब मै हवेली का मालिक बन जाऊंगा
रुबीना की तो जैसे पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई हरिया के मुंह से ये बात सुनकर
रुबीना - कैसे ?
हरिया - जागीरदार और उसके परिवार को ज़िंदा जलाके और कैसे। हाहाहा
रुबीना - क्या ? हरिया तू पागल हो गया है क्या , ये बात किसी को पता चल गई तो गांव वाले तुझे ज़िंदा जला देंगे
हरिया - ये काम मै नहीं करूंगा मेरी रानी
रुबीना - तो कौन करेगा ?
हरिया - ये काम रामू करेगा
रुबीना - वो बेचारा क्यों मारेगा जागीरदार को
हरिया - वो मारेगा जागीरदार को जब उसको पता चलेगा कि उसका बाप मुरली हवेली से गायब हुआ था
रुबीना - क्या ?
हरिया - ये बात किसी को बताना नहीं ! समझी
रुबीना - ठीक है चल हरिया अब मैं चलती हूं
रुबीना अपने घर की तरफ निकल जाती है और हरिया हवेली आ जाता है