14-01-2021, 05:24 PM
update 19
रामू के लन्ड के झटकों से चंपा की चूत इतनी चिकनी हो गई थी कि हर धक्के के साथ फच फच की आवाज आ रही थी काफी समय तक रामू चंपा को चोदता रहता है , चंपा थक जाती है और एक बार झड़ जाती है
चंपा - आह रामू थोड़ा आराम करने दे मार देगा क्या ? आह
रामू - आह आह करके दो चार धक्के देता है और चंपा के ऊपर ढेर हो जाता है
चंपा की चूत से दोनों के प्रेम रस बेहने लगते हैं
चंपा रामू के बाल सहलाते हुए - बड़ा जानदार है रे तू रामू , चल अब जा यहां से मुझे भूख लगी है
रामू - इतनी जल्दी ! चल पहले मेरा लन्ड चूसके खड़ा कर मुझे एक बार फिर से तेरी सुराख भरनी है
चंपा बहुत चुदासी औरत थी वो थकने वालो में से नहीं थी
चंपा - अच्छा ठीक है देखती हूं कितना दम है तेरे लन्ड में
रामू - बहन की लौड़ी , दम की बात करती है , काफी दिनों से तेरी फुरसत से चुदाई नहीं हुई , साली अब देख तेरा क्या हाल करता हूं
ऐसा बोलते ही रामू अपना लन्ड चंपा के बालों को पकड़ के उसके मुंह में ठूंस देता है और चंपा बड़े ही चाव से उसका लन्ड चूसने लगती है फिर धीरे धीरे रामू का लन्ड फिर से कड़ा होने लगता है रामू के लन्ड से चंपा की चूत कि खुशबू आ रही थी जिसकी वजह से चंपा की चूत के दोनों होंठ लपलपा रहे थे
रामू चंपा को अपनी गोदी में उठाकर बिस्तर पर घोड़ी बना देता है
चंपा - रुक जा रामू क्या कर रहा है , ऊपर आ ना
रामू - चुप साली रण्डी , काम पीछे का है
चंपा - नहीं नहीं रामू देख ऐसा मत कर । वहां बहुत दर्द होता है मर जाऊंगी मैं
रामू चंपा की गान्ड पर हल्के हल्के थप्पड़ मारकर मसलते हुए कहता है - साली पहली बार ले रही है क्या ! खेतों में कितनी बार तेरी गान्ड मार चुका हूं फिर भी इतने नखरे दिखा रही है
चंपा - आह आह नहीं आह
रामू के थप्पड़ अब चंपा की गान्ड पर कुछ ज़्यादा ही जोर से पड़ने लगे थे जिससे उसके चूतड़ लाल हो जाते हैं वो अब मना तो नहीं कर रही थी बस सिसकियां भर रही थी
रामू अपनी दो उंगलिया चंपा की चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगता है जिससे वो चिपचिपी हो जाती है और फौरन वो उन्हें पीछे से चंपा की गान्ड में घुसाने लगता है चंपा का मुंह खुलता चला जाता है और गान्ड की सुराख भी
चंपा - आह रामू मेरे राजा मत कर , रात भर खड़ा करके मार मेरी चूत मै कुछ नहीं बोलूंगी पर गान्ड में मत दाल रामू आह
रामू की दोनों उंगलियां अब जोर जोर से जल्दी जल्दी चंपा की गान्ड में अंदर बाहर होने लगती है और चंपा की सुराख खुलती चली जाती है
चंपा किसी तरह रामू की दो उंगलियों को बर्दाश्त कर रही थी पर रामू बिना कोई चेतावनी दिए ही अपने लन्ड का सूपड़ा चंपा की गान्ड के छेद पर लगा देता है और अपनी उंगलियां बाहर खींचकर अपने लन्ड को अंदर की तरफ पेल देता है
चंपा - आह हरामजादे मर गई रे
चंपा चीख पड़ती है उसकी आंखों से आंसू निकल आते हैं पर बेरहम रामू नहीं रुकता वो अपने लुनद को और गहराई में उतारता चला जाता है
रामू अपने लन्ड को बाहर खींच के अंदर की तरफ ठोक देता है और फिर चंपा की गान्ड मारने लगता है रामू जानता था कि ये साली पहले बहुत चिल्लाती है पर जब इसकी गान्ड एक बार अच्छे से खुल जाती है तो और मारने के लिए कहती है
चंपा धीरे धीरे मस्त होती जा रही थी जोर जोर से चीखने वाली चंपा की आवाज अब सिसकियों में बदल गई थी
चंपा अपनी कमर को और पीछे करके - आह आह मां करके सिसक रही थी , रामू का हर धक्का उसको आगे की तरफ धकेलता पर वो फिर से अपने गान्ड उछालते हुए पीछे की तरफ हो जाती
रामू की रफ्तार अब बढ़ती जा रही थी , रामू आगे की तरफ झुककर चंपा की बड़ी बड़ी चूचियों को पीछे से अपने हाथों में थामकर सटासट अपना लन्ड चंपा की गान्ड में घुसाता चला जाता है - आह मेरी जान चंपा तेरी चूत से ज़्यादा गरम और नरम तो तेरी गान्ड है बहुत मज़ा आ रहा आह ये ले ।
चंपा - आह आह मार ले। मेरे राजा मै तुझे अपना सब कुछ दे चुकी हूं कभी भूलना मत मुझे , अपनी चंपा को ऐसे ही प्यार करना , नहीं रह पाऊंगी मै तेरे लन्ड के बिना आह
रामू का लन्ड चंपा की गान्ड में तूफान मचाने लगता है कुछ समय बाद वो हांफते हुए चंपा की गान्ड में झड़ने लगता है और झड़ने के बाद वो अपने लन्ड को गान्ड से बाहर खींचता है , चंपा की गान्ड की सुराख रामू के प्रेम रस से भरी हुई थी और चंपा बेहोश होके बिस्तर पर पड़ी हुई थी। रामू अपने कपड़े पहन कर चंपा को सीधा करता है और उसके होंठों को चूम कर अपने घर की तरफ निकल जाता है
रामू के लन्ड के झटकों से चंपा की चूत इतनी चिकनी हो गई थी कि हर धक्के के साथ फच फच की आवाज आ रही थी काफी समय तक रामू चंपा को चोदता रहता है , चंपा थक जाती है और एक बार झड़ जाती है
चंपा - आह रामू थोड़ा आराम करने दे मार देगा क्या ? आह
रामू - आह आह करके दो चार धक्के देता है और चंपा के ऊपर ढेर हो जाता है
चंपा की चूत से दोनों के प्रेम रस बेहने लगते हैं
चंपा रामू के बाल सहलाते हुए - बड़ा जानदार है रे तू रामू , चल अब जा यहां से मुझे भूख लगी है
रामू - इतनी जल्दी ! चल पहले मेरा लन्ड चूसके खड़ा कर मुझे एक बार फिर से तेरी सुराख भरनी है
चंपा बहुत चुदासी औरत थी वो थकने वालो में से नहीं थी
चंपा - अच्छा ठीक है देखती हूं कितना दम है तेरे लन्ड में
रामू - बहन की लौड़ी , दम की बात करती है , काफी दिनों से तेरी फुरसत से चुदाई नहीं हुई , साली अब देख तेरा क्या हाल करता हूं
ऐसा बोलते ही रामू अपना लन्ड चंपा के बालों को पकड़ के उसके मुंह में ठूंस देता है और चंपा बड़े ही चाव से उसका लन्ड चूसने लगती है फिर धीरे धीरे रामू का लन्ड फिर से कड़ा होने लगता है रामू के लन्ड से चंपा की चूत कि खुशबू आ रही थी जिसकी वजह से चंपा की चूत के दोनों होंठ लपलपा रहे थे
रामू चंपा को अपनी गोदी में उठाकर बिस्तर पर घोड़ी बना देता है
चंपा - रुक जा रामू क्या कर रहा है , ऊपर आ ना
रामू - चुप साली रण्डी , काम पीछे का है
चंपा - नहीं नहीं रामू देख ऐसा मत कर । वहां बहुत दर्द होता है मर जाऊंगी मैं
रामू चंपा की गान्ड पर हल्के हल्के थप्पड़ मारकर मसलते हुए कहता है - साली पहली बार ले रही है क्या ! खेतों में कितनी बार तेरी गान्ड मार चुका हूं फिर भी इतने नखरे दिखा रही है
चंपा - आह आह नहीं आह
रामू के थप्पड़ अब चंपा की गान्ड पर कुछ ज़्यादा ही जोर से पड़ने लगे थे जिससे उसके चूतड़ लाल हो जाते हैं वो अब मना तो नहीं कर रही थी बस सिसकियां भर रही थी
रामू अपनी दो उंगलिया चंपा की चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगता है जिससे वो चिपचिपी हो जाती है और फौरन वो उन्हें पीछे से चंपा की गान्ड में घुसाने लगता है चंपा का मुंह खुलता चला जाता है और गान्ड की सुराख भी
चंपा - आह रामू मेरे राजा मत कर , रात भर खड़ा करके मार मेरी चूत मै कुछ नहीं बोलूंगी पर गान्ड में मत दाल रामू आह
रामू की दोनों उंगलियां अब जोर जोर से जल्दी जल्दी चंपा की गान्ड में अंदर बाहर होने लगती है और चंपा की सुराख खुलती चली जाती है
चंपा किसी तरह रामू की दो उंगलियों को बर्दाश्त कर रही थी पर रामू बिना कोई चेतावनी दिए ही अपने लन्ड का सूपड़ा चंपा की गान्ड के छेद पर लगा देता है और अपनी उंगलियां बाहर खींचकर अपने लन्ड को अंदर की तरफ पेल देता है
चंपा - आह हरामजादे मर गई रे
चंपा चीख पड़ती है उसकी आंखों से आंसू निकल आते हैं पर बेरहम रामू नहीं रुकता वो अपने लुनद को और गहराई में उतारता चला जाता है
रामू अपने लन्ड को बाहर खींच के अंदर की तरफ ठोक देता है और फिर चंपा की गान्ड मारने लगता है रामू जानता था कि ये साली पहले बहुत चिल्लाती है पर जब इसकी गान्ड एक बार अच्छे से खुल जाती है तो और मारने के लिए कहती है
चंपा धीरे धीरे मस्त होती जा रही थी जोर जोर से चीखने वाली चंपा की आवाज अब सिसकियों में बदल गई थी
चंपा अपनी कमर को और पीछे करके - आह आह मां करके सिसक रही थी , रामू का हर धक्का उसको आगे की तरफ धकेलता पर वो फिर से अपने गान्ड उछालते हुए पीछे की तरफ हो जाती
रामू की रफ्तार अब बढ़ती जा रही थी , रामू आगे की तरफ झुककर चंपा की बड़ी बड़ी चूचियों को पीछे से अपने हाथों में थामकर सटासट अपना लन्ड चंपा की गान्ड में घुसाता चला जाता है - आह मेरी जान चंपा तेरी चूत से ज़्यादा गरम और नरम तो तेरी गान्ड है बहुत मज़ा आ रहा आह ये ले ।
चंपा - आह आह मार ले। मेरे राजा मै तुझे अपना सब कुछ दे चुकी हूं कभी भूलना मत मुझे , अपनी चंपा को ऐसे ही प्यार करना , नहीं रह पाऊंगी मै तेरे लन्ड के बिना आह
रामू का लन्ड चंपा की गान्ड में तूफान मचाने लगता है कुछ समय बाद वो हांफते हुए चंपा की गान्ड में झड़ने लगता है और झड़ने के बाद वो अपने लन्ड को गान्ड से बाहर खींचता है , चंपा की गान्ड की सुराख रामू के प्रेम रस से भरी हुई थी और चंपा बेहोश होके बिस्तर पर पड़ी हुई थी। रामू अपने कपड़े पहन कर चंपा को सीधा करता है और उसके होंठों को चूम कर अपने घर की तरफ निकल जाता है