14-01-2021, 05:22 PM
Update 16
रामू अपने खेतों से घर की तरफ आ रहा था तभी उसको सामने से जग्गू की मां माला जाती हुई नजर आती है
तभी रामू को उस दिन का थप्पड़ याद आता है
रामू सोचता है कि उसको माला काकी से माफी मांग लेनी चाहिए और ये भी बता देना चाहिए कि उस दिन जो कुछ भी हुआ था वो बस चरस के नशे की वजह से हुआ था
माला की नजर जैसे ही रामू पर पड़ती है तो माला अपने चलने कि गति तेज कर देती है पर रामू पीछे से माला का हाथ पकड़ कर रोक लेता है
रामू - माला काकी सुनो ना
माला रामू का हाथ झटकते हुए - हट मूऐ.... नहीं सुनना कुछ मुझे ।
रामू - काकी एक बार मेरी बात तो सुन लो फिर कभी बात मत करना मुझसे
माला - जल्दी बोल फिर , मुझे घर जाना है और तेरी कोई फालतू बात के लिए मेरे पास इतना भी समय नहीं है
रामू फिर उस दिन जो कुछ भी हुआ था वो सब माला को बता देता है कि कैसे जग्गू हरिया चाचा से चरस की पुड़िया लेके आया था और फिर जग्गू के कहने पर ही उसने वो चरस फूका और जो कुछ भी उस दिन माला और उसके बींच हुआ वो बस नशे कि वजह से हुआ था
माला - क्या जग्गू ने भी चरस पिया था ?
रामू - हां काकी।
माला - अभी बताती हूं जग्गू को पर उससे पहले तेरी मां को भी ये राम कहानी सुनाती हूं
रामू - नहीं काकी मां से कुछ मत बोलना नहीं तो वो मुझे घर से निकाल देगी तो फिर कहां जाऊंगा मैं?
माला - अच्छा ठीक है पर अगली बार कभी नशा मत करना , नशा करना गलत बात है
रामू - जी काकी
माला - अच्छा एक बात बताओ कि तुम दोनों उस हरिया के पास कैसे पहुंच गए ?
रामू मन में सोचता है कि अगर उसने बता दिया कि वो और जग्गू हवेली में नौकरी करते है तो माला ना तो जग्गू को वहां नौकरी करने देगी और अगर माला ने उसकी मां को बता दिया तो वो भी हवेली में नौकरी नहीं कर पाएगा ।
रामू - हरिया चाचा के सब्जियों के खेत है ना काकी इसलिए कभी - कभी हमारी बात हो जाती है हरिया चाचा से
माला - ठीक है पर उससे दूर ही रहना रामू बेटा
रामू - क्यों ?
माला - तुझे पता नहीं रामू बेटा वो हरिया सेठ के लिए कौन - कौन से काम करता है।
रामू धीरे से - कौन - कौन से काम काकी?
माला धीरे से - मुझे इतना तो नहीं पता कि वो क्या काम करता है पर गैरकानूनी काम करता है इतना ज़रूर पता है
रामू - आपको किसने बताया?
माला - रत्ना है ना हरिया की औरत वो मेरे घर आती रहती है उसके पेट में कोई बात पचती कहां!
रामू कुछ सोचकर - इसमें क्या है काकी ये तो गांव का बच्चा - बच्चा भी जानता होगा
माला - लेकिन जो बात मैं जानती हूं वो कोई नहीं जानता रामू बेटा
रामू - और वो बात क्या है? काकी
माला धीरे से - रत्ना बता रही थी कि कोई जासूस है गांव में जो बड़े समय से हरिया पर नजर रखे हुए है
रामू - ओह.... तुझे कैसे पता काकी ?
माला - रत्ना ही बता रही थी।
रामू - ओह।।।।
माला - अच्छा चल मैं चलती हूं मुझे रात का खाना भी बनाना है
रामू - जी काकी
रामू मन में सोचता हुए आता है कि चलो अच्छा हुआ कम से कम माला काकी ने उसको माफ कर दिया पर उसको ये समझ नहीं आ रहा था कि गांव में ऐसा कौन जासूस है जो हरिया पर नजर रखे हुए है और सेठ हीरालाल और कौन - कौन से गैरकानूनी काम करता है
रामू अपने खेतों से घर की तरफ आ रहा था तभी उसको सामने से जग्गू की मां माला जाती हुई नजर आती है
तभी रामू को उस दिन का थप्पड़ याद आता है
रामू सोचता है कि उसको माला काकी से माफी मांग लेनी चाहिए और ये भी बता देना चाहिए कि उस दिन जो कुछ भी हुआ था वो बस चरस के नशे की वजह से हुआ था
माला की नजर जैसे ही रामू पर पड़ती है तो माला अपने चलने कि गति तेज कर देती है पर रामू पीछे से माला का हाथ पकड़ कर रोक लेता है
रामू - माला काकी सुनो ना
माला रामू का हाथ झटकते हुए - हट मूऐ.... नहीं सुनना कुछ मुझे ।
रामू - काकी एक बार मेरी बात तो सुन लो फिर कभी बात मत करना मुझसे
माला - जल्दी बोल फिर , मुझे घर जाना है और तेरी कोई फालतू बात के लिए मेरे पास इतना भी समय नहीं है
रामू फिर उस दिन जो कुछ भी हुआ था वो सब माला को बता देता है कि कैसे जग्गू हरिया चाचा से चरस की पुड़िया लेके आया था और फिर जग्गू के कहने पर ही उसने वो चरस फूका और जो कुछ भी उस दिन माला और उसके बींच हुआ वो बस नशे कि वजह से हुआ था
माला - क्या जग्गू ने भी चरस पिया था ?
रामू - हां काकी।
माला - अभी बताती हूं जग्गू को पर उससे पहले तेरी मां को भी ये राम कहानी सुनाती हूं
रामू - नहीं काकी मां से कुछ मत बोलना नहीं तो वो मुझे घर से निकाल देगी तो फिर कहां जाऊंगा मैं?
माला - अच्छा ठीक है पर अगली बार कभी नशा मत करना , नशा करना गलत बात है
रामू - जी काकी
माला - अच्छा एक बात बताओ कि तुम दोनों उस हरिया के पास कैसे पहुंच गए ?
रामू मन में सोचता है कि अगर उसने बता दिया कि वो और जग्गू हवेली में नौकरी करते है तो माला ना तो जग्गू को वहां नौकरी करने देगी और अगर माला ने उसकी मां को बता दिया तो वो भी हवेली में नौकरी नहीं कर पाएगा ।
रामू - हरिया चाचा के सब्जियों के खेत है ना काकी इसलिए कभी - कभी हमारी बात हो जाती है हरिया चाचा से
माला - ठीक है पर उससे दूर ही रहना रामू बेटा
रामू - क्यों ?
माला - तुझे पता नहीं रामू बेटा वो हरिया सेठ के लिए कौन - कौन से काम करता है।
रामू धीरे से - कौन - कौन से काम काकी?
माला धीरे से - मुझे इतना तो नहीं पता कि वो क्या काम करता है पर गैरकानूनी काम करता है इतना ज़रूर पता है
रामू - आपको किसने बताया?
माला - रत्ना है ना हरिया की औरत वो मेरे घर आती रहती है उसके पेट में कोई बात पचती कहां!
रामू कुछ सोचकर - इसमें क्या है काकी ये तो गांव का बच्चा - बच्चा भी जानता होगा
माला - लेकिन जो बात मैं जानती हूं वो कोई नहीं जानता रामू बेटा
रामू - और वो बात क्या है? काकी
माला धीरे से - रत्ना बता रही थी कि कोई जासूस है गांव में जो बड़े समय से हरिया पर नजर रखे हुए है
रामू - ओह.... तुझे कैसे पता काकी ?
माला - रत्ना ही बता रही थी।
रामू - ओह।।।।
माला - अच्छा चल मैं चलती हूं मुझे रात का खाना भी बनाना है
रामू - जी काकी
रामू मन में सोचता हुए आता है कि चलो अच्छा हुआ कम से कम माला काकी ने उसको माफ कर दिया पर उसको ये समझ नहीं आ रहा था कि गांव में ऐसा कौन जासूस है जो हरिया पर नजर रखे हुए है और सेठ हीरालाल और कौन - कौन से गैरकानूनी काम करता है