14-01-2021, 05:22 PM
Update 15
रामू अपने खेतों में काम कर रहा था और तभी उसको सामने से चंदा आती हुई नजर आयी।
चंदा अपनी बकरियां चराने लायी थी रामू उसे आवाज देकर अपने पास बुला लेता है
रामू - कल तू कहां थी चंदा ?
चंदा - तुझे पता है कल मैं शहर गई थी अपने बापू के साथ और मैंने अपने लिए चूड़ियां और नए कपड़े लाए शहर से ।
रामू - कैसे बच्चों जैसे खुश हो रही है जैसे पहली बारिश में मेंडक खुश होते हैं ।
चंदा - रामू मुझे बच्ची मत बोल मैं बड़ी हो गई हूं बच्ची नहीं हूं
रामू - मुझे नहीं लगता कहीं से कि तू बड़ी हो गई है
चंदा - अच्छा तू जैसे बड़ा हो गया है तू भी तो बच्चा है
रामू - मैं बड़ा हो गया हूं और ये मै साबित भी कर सकता हूं पर तू बड़ी हो गई है ये तू साबित नहीं कर सकती
चंदा - अच्छा कैसे साबित करेगा कि तू बड़ा हो गया है
रामू अपनी शर्ट निकाल देता है - देख मेरे सीने पर कितने घने बाल हैं ऐसे घने बाल तेरे बापू के भी सीने पर होंगे , तेरे बापू बड़े हैं इसका मतलब मैं भी बड़ा हो गया हूं तूने किसी बच्चे के सीने पर ऐसे घने बाल देखे हैं
चंदा ऐसी हालत में रामू को देखकर घबरा जाती है और उठकर खड़ी हो जाती है
चंदा - अच्छा रामू मैं चलती हूं ।
रामू - हाहा...... जा जा बच्ची घर जा और घर जाके सबसे पहले अपनी मां का दूध पी ।
चंदा रामू पर झपट पड़ती है - मैंने बोला ना रामू मुझे बच्ची मत बोल , अब देख मैं तेरा क्या हाल करती हूं
चंदा एक कमसिन कोमल लड़की थी और कहां रामू दानव जैसा जवान लड़का , रामू चंदा को घुमाकर अपनी जांघ पर बैठा देता है जिससे चंदा सकपका जाती है
चंदा - छोड़ मुझे घर जाने दे आहह।।।।
रामू एक हाथ से चंदा की कड़क चूचियों को दबा देता है और अपने होंठों से चंदा के रसीले होंठों को चूमने लगता है
चंदा - आह्ह्हह्ह कमीने छोड़ मुझे ! क्या कर रहा है
रामू - देखने दे ना मुझे की तू बच्ची है या बड़ी हो गई है
चंदा - छोड़ दे मुझे वरना मां से कह दूंगी।
रत्ना चाची का नाम सुनकर रामू तुरंत चंदा को छोड़ देता है और चंदा मौका देखकर वहां से भाग जाती है
रामू अपने खेतों में काम कर रहा था और तभी उसको सामने से चंदा आती हुई नजर आयी।
चंदा अपनी बकरियां चराने लायी थी रामू उसे आवाज देकर अपने पास बुला लेता है
रामू - कल तू कहां थी चंदा ?
चंदा - तुझे पता है कल मैं शहर गई थी अपने बापू के साथ और मैंने अपने लिए चूड़ियां और नए कपड़े लाए शहर से ।
रामू - कैसे बच्चों जैसे खुश हो रही है जैसे पहली बारिश में मेंडक खुश होते हैं ।
चंदा - रामू मुझे बच्ची मत बोल मैं बड़ी हो गई हूं बच्ची नहीं हूं
रामू - मुझे नहीं लगता कहीं से कि तू बड़ी हो गई है
चंदा - अच्छा तू जैसे बड़ा हो गया है तू भी तो बच्चा है
रामू - मैं बड़ा हो गया हूं और ये मै साबित भी कर सकता हूं पर तू बड़ी हो गई है ये तू साबित नहीं कर सकती
चंदा - अच्छा कैसे साबित करेगा कि तू बड़ा हो गया है
रामू अपनी शर्ट निकाल देता है - देख मेरे सीने पर कितने घने बाल हैं ऐसे घने बाल तेरे बापू के भी सीने पर होंगे , तेरे बापू बड़े हैं इसका मतलब मैं भी बड़ा हो गया हूं तूने किसी बच्चे के सीने पर ऐसे घने बाल देखे हैं
चंदा ऐसी हालत में रामू को देखकर घबरा जाती है और उठकर खड़ी हो जाती है
चंदा - अच्छा रामू मैं चलती हूं ।
रामू - हाहा...... जा जा बच्ची घर जा और घर जाके सबसे पहले अपनी मां का दूध पी ।
चंदा रामू पर झपट पड़ती है - मैंने बोला ना रामू मुझे बच्ची मत बोल , अब देख मैं तेरा क्या हाल करती हूं
चंदा एक कमसिन कोमल लड़की थी और कहां रामू दानव जैसा जवान लड़का , रामू चंदा को घुमाकर अपनी जांघ पर बैठा देता है जिससे चंदा सकपका जाती है
चंदा - छोड़ मुझे घर जाने दे आहह।।।।
रामू एक हाथ से चंदा की कड़क चूचियों को दबा देता है और अपने होंठों से चंदा के रसीले होंठों को चूमने लगता है
चंदा - आह्ह्हह्ह कमीने छोड़ मुझे ! क्या कर रहा है
रामू - देखने दे ना मुझे की तू बच्ची है या बड़ी हो गई है
चंदा - छोड़ दे मुझे वरना मां से कह दूंगी।
रत्ना चाची का नाम सुनकर रामू तुरंत चंदा को छोड़ देता है और चंदा मौका देखकर वहां से भाग जाती है