14-01-2021, 01:54 PM
अब मैं सिर्फ एक ब्लाउज और पेटीकोट में अपने भान्जेे के सामने खड़ी थी और उसके हाथ मेरे बदन पर ऊपर से नीचे आ जा रहे थे और बदन की गर्मी महसूस कर रहे थ lे अमित अपने पैरों पर वापस गया और मुझे पीछे से अपने आगोश मे भर लिया . एक बार फिर उसका लिंग मेरे नितबों पर अपनी धड़्कन का अनुभव करा रहा था इस बार मैं ने अपने हाथ पीछे ले गई और और धीरे से उन्हे उसकी कमर पर इस तरह से रखा कि उसे यह अह्सास हो जाये कि मैं उसे अपने ऊपर चाहती हूँ l
~- यह देखकर, अमित ने मेरे स्तनों पर अपने हाथ डाल दिए लेकिन इस बार, वह मेरे ब्लाउज के बटन को खोलने की कोशिश कर रहा था l मेरे ब्लाउज पर बटन सामने की ओर थे वह ऊपर वाले बटन को तोड़ने में कामयाब रहा और दूसरा बटन खोलने के लिये परेशान हो रहा था मैंने उसे अपने बटन को खोलने में मदद करने का फैसला किया. इस सब के बावजूद , मैं उसेअपने ब्लाउज के सभी बटन को तोड़ने नहीं देना चाहती थी l
~- यह देखकर, अमित ने मेरे स्तनों पर अपने हाथ डाल दिए लेकिन इस बार, वह मेरे ब्लाउज के बटन को खोलने की कोशिश कर रहा था l मेरे ब्लाउज पर बटन सामने की ओर थे वह ऊपर वाले बटन को तोड़ने में कामयाब रहा और दूसरा बटन खोलने के लिये परेशान हो रहा था मैंने उसे अपने बटन को खोलने में मदद करने का फैसला किया. इस सब के बावजूद , मैं उसेअपने ब्लाउज के सभी बटन को तोड़ने नहीं देना चाहती थी l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.