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मौसी की चुदाई,मौसी से चुदाई
#80
‘बोलो… तुम क्या चाहती हो? अपनी मर्जी से, प्यार से तुम अपना सब कुछ मुझे सौंप देना चाहोगी या फ़िर उस 45 साल के अपने खडूस और ठरकी बाप से अपनी चूत और गांड की सील तुड़वाना चाहती हो…? बोलो !’

‘मेरी समझ में तो कुछ नहीं आ रहा है !’
‘अच्छा एक बात बताओ?’
‘क्या?’

‘क्या तुम शादी के बाद नहीं चुदवाओगी? या सारी उम्र अपनी चूत नहीं मरवाओगी?’
‘नहीं, पर ये सब तो शादी के बाद की बात होती है?’

‘अरे मेरी भोली बहना ! ये तो खाली लाइसेंस लेने वाली बात है। शादी विवाह तो चुदाई जैसे महान काम को शुरू करने का उत्सव है। असल में शादी का मतलब तो बस चुदाई ही होता है !’

‘पर मैंने सुना है कि पहली बार में बहुत दर्द होता है और खनू भी निकलता है?’
‘अरे तुम उसकी चिंता मत करो ! मैं बड़े आराम से करूँगा ! देखना तुम्हें बड़ा मज़ा आएगा !’
‘पर तुम गांड तो नहीं मारोगे ना? पापा की तरह?’

‘अरे मेरी जान पहले चूत तो मरवा लो ! गांड का बाद में सोचेंगे !’ और मैंने फ़िर उसे बाहों में भर लिया।

उसने भी मेरे होंठों को अपने मुँह में भर लिया। वह क्या मुलायम होंठ थे, जैसे संतरे की नर्म नाज़कु फांकें हों। कितनी ही देर हम आपस में गुंथे एक दूसरे को चूमते रहे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मौसी की चुदाई,मौसी से चुदाई - by neerathemall - 14-01-2021, 01:36 PM



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