14-01-2021, 01:22 PM
ब उसने मुझे अपनी बाहों में भरकर मेरे एक पैर को अपने एक हाथ से पकड़कर थोड़ा सा ऊपर उठाकर अपने लंड को मेरी गीली चूत में डालकर वो मुझे वहीं पर दीवार के सहारे खड़ा करके चोदने लगा था और उसका पूरा का पूरा लंड पानी की वजह से एक हल्के से धक्के में मेरी चूत की गहराइयों में जाकर मुझे बड़े मस्त मज़े दे रहा था और में आज बहुत खुश थी, क्योंकि उसने आज मुझे एक नये तरह के सेक्स का एक अच्छा अनुभव का सुख दिया था और वो मुझे अपनी तरफ से वैसे ही धक्के देता रहा और में भी अपनी कमर को उसके हर एक धक्के के साथ नीचे लाकर उसका साथ देती रही, लेकिन कुछ देर बाद वो अब झड़ गया और उसका वीर्य चूत से बाहर निकलकर फर्श पर भी टपकने लगा था. में अब भी उसकी बाहों में ही थी उसने मेरे उस पैर को छोड़कर मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था इसलिए मेरे बूब्स उसकी छाती से दब रहे थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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