14-01-2021, 01:21 PM
उसके ऐसा करने से मेरी साँसे बहुत तेज़ तेज़ चलने लगी थी. तभी मैंने वो एकदम सही मौका समझकर अपना एक हाथ अज्जू के लंड पर रख दिया और छूकर महसूस किया कि उसका वो पांच इंच का लंड पूरी तरह तनकर खड़ा हुआ था और वो मुझे छूने पर बहुत मोटा महसूस हो रहा था. तभी अज्जू मुझसे पूछने लगा क्यों आपको मेरा यह लंड कैसा लगा?
फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आज यह पूरा का पूरा अपनी चूत के अंदर चाहिए है और अब अज्जू मेरे मुहं से यह बात सुनकर मेरे पास में आ गया और उसने मेरी छाती को सहलाना शुरू किया. उसके ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब मैंने अपने एक हाथ से उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया था और में उसकी गांड को भी सहला रही थी. मेरे ऐसा करने से अब उसकी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और वो मेरे बूब्स को अब ज्यादा ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था. उसके ऐसा करने से मुझे सिरहन होने लगी थी और अब मैंने अपनी करवट को बदलकर में एकदम सीधी हो चुकी थी.
फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आज यह पूरा का पूरा अपनी चूत के अंदर चाहिए है और अब अज्जू मेरे मुहं से यह बात सुनकर मेरे पास में आ गया और उसने मेरी छाती को सहलाना शुरू किया. उसके ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब मैंने अपने एक हाथ से उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया था और में उसकी गांड को भी सहला रही थी. मेरे ऐसा करने से अब उसकी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और वो मेरे बूब्स को अब ज्यादा ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था. उसके ऐसा करने से मुझे सिरहन होने लगी थी और अब मैंने अपनी करवट को बदलकर में एकदम सीधी हो चुकी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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