14-01-2021, 01:21 PM
था.
में कुर्सी पर जाकर बैठ गयी और मैंने सोचा कि में भी देखूं कि अब अज्जू हिलता है या नहीं यदि हिलेगा तो उससे में पूरी तरह खुलकर चुदने के लिए कह दूँगी, लेकिन करीब दस मिनट में भी वो साला बिल्कुल भी नहीं हिला और अब मेरी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हुए जा रही थी. मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ?
अब रात के करीब एक बज चुके थे. फिर मैंने टीवी को चालू कर दिया और में देखने लगी तभी अज्जू अपनी आखों को मसलता हुआ उठकर बैठ गया और वो मुझसे पूछने लगा कि क्या हुआ मामीजी आज आप सो क्यों नहीं रही हो? तो मैंने उससे कहा कि पता नहीं क्यों मुझे आज नींद ही नहीं आ रही और मेरे कुछ दुख रहा है?
अज्जू ने मुझसे पूछा कि क्या आपका सर दर्द हो रहा है? मैंने कहा कि नहीं मेरा पूरा ही शरीर दर्द कर रहा है. अब अज्जू पूछने लगा कि आपकी तबीयत तो ठीक है ना? मैंने कहा कि हाँ ठीक ही है. अब अज्जू मुझसे बोला कि क्या में आपकी कुछ मदद करूँ? तब मैंने उससे कहा कि प्लीज़ मेरे पैर दबा दे हो सकता है कि मुझे कुछ आराम मिल जाए.
अज्जू बोला कि हाँ ठीक है और फिर में तुंरत मन ही मन बहुत खुश होकर अज्जू के बिस्तर पर में लेट गयी और अब अज्जू मेरे पैर दबाने लगा था. फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि प्लीज़ तुम थोड़ा ऊपर हाँ और ऊपर तक दबाओ. दोस्तों अज्जू बिस्तर पर बैठकर मेरी जांघे दबा रहा था, जिसकी वजह से मेरी चूत से रस निकल रहा था और जिसकी वजह से मुझे अब अपनी पेंटी गीली गीली महसूस हो रही थी. तभी मुझे महसूस हुआ कि अज्जू अब मेरी चूत को मेक्सी के ऊपर से छू रहा था और वो मेरी चूत के ऊपर अपनी उंगलियां भी चला रहा था.
में कुर्सी पर जाकर बैठ गयी और मैंने सोचा कि में भी देखूं कि अब अज्जू हिलता है या नहीं यदि हिलेगा तो उससे में पूरी तरह खुलकर चुदने के लिए कह दूँगी, लेकिन करीब दस मिनट में भी वो साला बिल्कुल भी नहीं हिला और अब मेरी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हुए जा रही थी. मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ?
अब रात के करीब एक बज चुके थे. फिर मैंने टीवी को चालू कर दिया और में देखने लगी तभी अज्जू अपनी आखों को मसलता हुआ उठकर बैठ गया और वो मुझसे पूछने लगा कि क्या हुआ मामीजी आज आप सो क्यों नहीं रही हो? तो मैंने उससे कहा कि पता नहीं क्यों मुझे आज नींद ही नहीं आ रही और मेरे कुछ दुख रहा है?
अज्जू ने मुझसे पूछा कि क्या आपका सर दर्द हो रहा है? मैंने कहा कि नहीं मेरा पूरा ही शरीर दर्द कर रहा है. अब अज्जू पूछने लगा कि आपकी तबीयत तो ठीक है ना? मैंने कहा कि हाँ ठीक ही है. अब अज्जू मुझसे बोला कि क्या में आपकी कुछ मदद करूँ? तब मैंने उससे कहा कि प्लीज़ मेरे पैर दबा दे हो सकता है कि मुझे कुछ आराम मिल जाए.
अज्जू बोला कि हाँ ठीक है और फिर में तुंरत मन ही मन बहुत खुश होकर अज्जू के बिस्तर पर में लेट गयी और अब अज्जू मेरे पैर दबाने लगा था. फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि प्लीज़ तुम थोड़ा ऊपर हाँ और ऊपर तक दबाओ. दोस्तों अज्जू बिस्तर पर बैठकर मेरी जांघे दबा रहा था, जिसकी वजह से मेरी चूत से रस निकल रहा था और जिसकी वजह से मुझे अब अपनी पेंटी गीली गीली महसूस हो रही थी. तभी मुझे महसूस हुआ कि अज्जू अब मेरी चूत को मेक्सी के ऊपर से छू रहा था और वो मेरी चूत के ऊपर अपनी उंगलियां भी चला रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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