14-01-2021, 01:13 PM
अब वो मेरी गुलाबी होंठ को ऐसे चूस रहा था। जैसे वो कोई आम चूस रहा हो। उसने मेरी होंठो को चूस चूस के और लाल कर दिया। मैंने भी उसे खूब किस किया। वो मेरी बूब्स को दबा रहा था। मेरी बूब्स बड़ी थी। उसके हाथों में न आने के कारण वो सिर्फ मेरे निप्पल को ही समीज के ऊपर से दबा रहा था। जब वो मेरी निप्पल को दबाता तो मेरी मुँह सर सी सी सी ई ई ई की आवाज निकल जाती थी। मै कहती और दबा अपनी मामी की बूब्स को। आज सारा रस निकाल ले उसकी चूंचियों से। वो और जोर से दबाने लगता। मै भी उसका लंड सहला कर खड़ा कर दि। उनका बाहर निकलने को बहुत बेकरार था। लग रहा था पैजामे को फाड़ ही डालेगा। मैंने उसके पैजामे का नाड़ा खोला। उसका लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने लगी। वो अपनी काम में जुटा रहा। वो मेरी बूब्स के साथ ही खेलता रहा। उसने मुझे बैठाया। मेरी समीज निकाल कर उसने मुझे सिर्फ ब्रा में कर दिया। अब वो मेरी ब्रा में हाथ डाल कर मेरी मम्मो को दबाने लगा। उसने मुझे करवट करके मेरी ब्रा पर किस करते हुए। उसने मेरी ब्रा निकाल दी। अब वो मुझे अपनी तरफ करके। मेरी चूंचियों को पीने लगा। चूँचियों को पीता रहा। मेरी निप्पल को काट रहा था। जब भी वो मेरी निप्पल काटता था। मै उसके लंड को जोर से दबा देती थी। उसको भी अब मेरे साथ बड़ा मजा आ रहा था। वो मेरी चूंचियों को पी पीकर दबा रहा था। मैंने भी अब उसके लंड को हिलाना शुरू किया। उसका लंड अब 8.5 इंच का हो गया था। मै तो देख के चौक गई। पहले तो इसका लंड बहुत छोटा था। अब कितना बड़ा और मोटा हो गया है। मैं उठी और उसका लंड चूसने लगी। मई उसके लंड को आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। उनका लंड काला था। लेकिन उनका ऊपर का हिस्सा गोरा था। मैंने उसके लंड को मुँह में बहुत अंदर ले जाती। उसका लंड टाइट हो गया। बिल्कुल रॉड की तरह हो गया। उसका गरम गरम लंड अपने मुंह में रख कर बहुत अच्छा लग रहा था। उसके नसें उभरी हुई दिख रही थी। मेरी भी चूत में आग लगी हुई थी। उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोला। सलवार को बड़े ही आसानी से सरकाते हुए नीचे कर दिया। मई उसका लंड चूस रही थी। वो मेरी पैंटी के ऊपर से ही चूत की खुशबू को सूंघ रहा था। वो मेरी पैंटी सहित चूत में उंगली कर रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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