14-01-2021, 01:13 PM
मैं मधु श्रीवास्तव बाँदा जिला में रहती हूँ। मेरी उम्र 35 साल है। मेरी फिगर 40,36,42 है। मैं सरकारी कॉलेज में अध्यापिका हूँ। मै जब बच्चों को पढ़ाती हूँ। तो वो मेरे उभरे हुए मम्मे को देखते रहते हैं। मै जब बोर्ड पर कुछ लिखती। तो वो मेरे टाइट ब्रा को देखते रहते थे। ये बात मुझे मेरी साथ की दूसरी मैडम ने बताया। मेरे मम्मे बड़े बड़े जैसे बेल लगते है। मेरी गांड बाहर की तरफ काफी निकली है। मुझे मेरी साथ के सभी अध्यापक चोदना चाहते हैं। लेकिन मैंने कभी किसी को अपनी चूत को चोदने का मौका नहीं दिया। मेरी चूत ने अभी दो ही लंड खाये हैं। एक मेरी पति और दूसरी मेरी भांजे की खायी है। मेरी चूत में हमेशा ही चुदने की खुजली होती रहती है। मैं अपनी चूत की खुजली को उंगलियों से बुझती हूँ। मेरी पति ज्यादा बाहर ही रहते हैं। शादी की कुछ दिन बाद ही वो बाहर चले गए थे। अब तक उन्होंने मुझे एक बच्चे की माँ बना दिया है। पहले वो मुझे खूब चोदते थे। लेकिन अब मैं अकेली ही घर पर सिर्फ उँगलियों से अपनी चूत की प्यास बुझती थी।मैं आपका ज्यादा समय नष्ट करके अपनी जीवन की सच्ची कहानी बताती हूँ।
दोस्तों बात 2015 की है। मेरा भांजा आकाश मेरे घर आया था। वो दिल्ली से MBA कर रहा है। बहुत दिन बाद आया था। सबके बारे में बात चीत हुई। वो ज्यादा खूबसूरत तो नहीं है। लेकिन उसकी बॉडी बहुत ही जबरदस्त है। मै मचल रही थी। उससे चुदवाने के लिए। मैंने उसे कुछ दिन रूकने को कहा। लेकिन बहुत मनाने पर वो मान गया। हम लोग शाम को बाज़ार गए। मेरा बेटा जय देव उससे 3 साल छोटा है। वो भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढता है। मेरी सास ससुर बाहर कमरे में खाना खा के लेट गए। आकाश भी हमे बहुत कातिलाना नजरो से देखता था। जब मैं बाजार से आ रही थी। तो मेरा पर्स गिर गया। मै उठाने लगी तो उसने मेरे उभरे हुए। बड़े बड़े चुच्चों के दर्शन करना चाहा। मैं भी और झुक गई। मन में कहा कर ले बेटा चूचियों के दर्शन। तुझे तो मैं चूत का भी दर्शन कराऊंगी। कुछ देर बाद मैने उसे मुठ मारते देखा। वो मुठ मार कर जब आया। तो मैंने उसे अपने पास लेटने को कहा। उसने पास के बिस्तर पर लेटने को कहा। तो मैंने उसे कहा छोटा था। तो मेरे पास ही लेटता था। अब बड़े हो गए। तो मेरे पास नहीं लेटोगे। वो आकर मेरे बिस्तर पर लेट गया। मै भी चुदासी थी। जल्द ही जाकर बिस्तर पर लेट गई। मेरी चूत में हलचल मच रही थी। मुझे नींद नहीं आ रही थी। वो भी करवटे बदल रहा था। उसका लंड खड़ा था।
दोस्तों बात 2015 की है। मेरा भांजा आकाश मेरे घर आया था। वो दिल्ली से MBA कर रहा है। बहुत दिन बाद आया था। सबके बारे में बात चीत हुई। वो ज्यादा खूबसूरत तो नहीं है। लेकिन उसकी बॉडी बहुत ही जबरदस्त है। मै मचल रही थी। उससे चुदवाने के लिए। मैंने उसे कुछ दिन रूकने को कहा। लेकिन बहुत मनाने पर वो मान गया। हम लोग शाम को बाज़ार गए। मेरा बेटा जय देव उससे 3 साल छोटा है। वो भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढता है। मेरी सास ससुर बाहर कमरे में खाना खा के लेट गए। आकाश भी हमे बहुत कातिलाना नजरो से देखता था। जब मैं बाजार से आ रही थी। तो मेरा पर्स गिर गया। मै उठाने लगी तो उसने मेरे उभरे हुए। बड़े बड़े चुच्चों के दर्शन करना चाहा। मैं भी और झुक गई। मन में कहा कर ले बेटा चूचियों के दर्शन। तुझे तो मैं चूत का भी दर्शन कराऊंगी। कुछ देर बाद मैने उसे मुठ मारते देखा। वो मुठ मार कर जब आया। तो मैंने उसे अपने पास लेटने को कहा। उसने पास के बिस्तर पर लेटने को कहा। तो मैंने उसे कहा छोटा था। तो मेरे पास ही लेटता था। अब बड़े हो गए। तो मेरे पास नहीं लेटोगे। वो आकर मेरे बिस्तर पर लेट गया। मै भी चुदासी थी। जल्द ही जाकर बिस्तर पर लेट गई। मेरी चूत में हलचल मच रही थी। मुझे नींद नहीं आ रही थी। वो भी करवटे बदल रहा था। उसका लंड खड़ा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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