14-01-2021, 11:41 AM
मैं उन्हें खूब तड़पा के चोदना चाहता था। मासी की मुँह से कुछ बोल ही नहीं पा रही थीं। मैंने मासी की छूट के छेद से अपना लंड लगाकर उनकी बुर में धकेल दिया। मासी की चूत बहुत टाइट थी। मेरे लंड को बाहर फेंक दिया। मैंने बार बार थूक लगाकर कोशिश की। आखिर कर मेरा लंड जबरदस्ती मासी की चूत में घुस गया। मासी जोर जोर स चिल्लाने लगी। मासी-“आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई.. ..ओह्ह्ह्… .अई…अई…अई..अई….मम्मी…..” करने लगी। मैंने मासी को धीऱे धीऱे चोदना शुरू किया।मासी की दर्द धीमा होने के इंतजार में मै मासी को धीऱे धीऱे चोद रहा था। मासी की चूत धुकुर धुकुर कर रही थी। मासी की चीख धीऱे धीऱे कम होने लगी। मैंने जोर से धक्का मार के मासी की चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया। मासी की आवाज निकलने से पहले ही मैंने मासी की होंठ पर होंठ रख के आवाज को दबा दिया। मासी की चुदाई अब पूरे लंड को अंदर बाहर डाल के कर रहा था। मासी को भी कुछ दर्द हो रहा था। लेकिन फिर भी उन्हें मजा आ रहा था। मासी की चूत को फाड़ दिया। मासी की चूत लाल लाल ही गई। मासी ने भी कमर उठा उठा के चुदवा रही थी। मासी अपनी चूत के ऊपर उँगलियों को रख कर मसल रही थी। मैं मासी की चूत में अपना लंड धका पेल पेल रहा था। मासी-“…..अई….अई….अई….अई…इसस्स्स्स्स्स्स्स्…..उहह्ह्ह्ह..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाजो के साथ चुदवा रही थी। मासी को चोदने में बहुत मजा आ रहा था। यहाँ न कोई डर था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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