14-01-2021, 11:40 AM
मासी अपना मुँह मेरी तरफ करके लेट गई। मैंने मासी की लाल लाल होंठो को छूकर अपना होंठ मासी के होंठो पर रख दिया। मैं कुछ भी करता मासी कोई विरोध नहीं करती थी। मेरी हिम्मत बढ़ती ही जा रही थी। मासी के लाल लाल होंठो को पीना शुरू किया। मासी की होंठ का रस पीते पीते मैंने अपना हाथ मासी के समीज में पीछे नीचे से डाल दिया। मासी की समीज ऊपर उठ गई। मासी का चिकना गोरा पेट दिख रहा था। मासी की ढोंढ़ी बहुत ही अच्छी लग रही थी। मासी ने अपनी आँखे खोल दी। मुझे थोड़ा बहुत ही डर लग रहा था। मासी ने कहा- ये क्या कर रहे हो। मै चुपचाप उन्ही ब्रा का हुक पीछे से पकडे हाथ घुसेड़े रहा। मासी ने मुझसे न चुदवाने को कहा। लेकिन मेरे बहुत मनाने पर मासी मान गई। मैंने कहा हम लोग अपनी सेक्स किं प्यास बुझा रहे हैं कोई देख थोड़ी न रहा। मासी को अपने लंड को छूने वाली बात भी बताई। मासी को पता चल गया कि मैं ये सब देख रहा था। मैंने मासी की होंठ चूसना शुरू किया। इस बार मासी भी साथ दे रही थी। मुझे अब मासी के होंठ चूसने में बहुत मजा आ रहा था। मै मासी के होंठो को चूस चूस कर उनकी पीठ को सहला रहा था। मासी भी मुझे बड़ी कातिलाना नजरों से देख रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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