14-01-2021, 11:37 AM
फिर में उनकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर भी कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने अपने कपड़े उतारे और नंगा होकर उनके पास में लेट गया। मेरा लंड करीब 9 इंच बड़ा था और में धीरे धीरे उनके बूब्स भी दबाने लगा.. फिर भी कुछ नहीं हुआ तो मेरा जोश और डबल हो गया। मौसी मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थी। में मेरे लंड से उनकी गांड को ऊपर से रगड़ने लगा। तभी उन्होंने अपने पैर सिकोड़ लिए और में बहुत डर गया। फिर में थोड़ी देर रुका और उसके बाद मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रखा और धीरे से दबाने लगा। मेरा लंड लगभग आधा लंड उनकी चूत में चला गया और फिर उन्होंने उनकी गांड मेरी तरफ धकेल दी.. तो इसकी वजह से पूरा लंड उनकी चूत में चला गया। में नहीं जानता था कि उन्होंने नींद में ऐसा किया या जानबूझ कर। उनके मुँह से उफ्फ्फ अह्ह्ह की सिस्कारियां निकली तो में डर गया और लंड को तुरंत बाहर निकाल लिया।
तभी उन्होंने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया और धीरे से कहा कि जब अंदर घुसा दिया है तो बाहर क्यों निकाला? में अब बहुत खुश हो गया और मैंने उनसे सीधा लेटने के लिए कहा और वो सीधी लेट गयी। उन्होंने कहा कि पहले लाईट बंद कर लो। तो में लाईट बंद करके वापस आया में उनके ऊपर आ गया और उनको एक किस किया और में अपना लंड उनकी चूत पर सेट करने लगा। लेकिन मुझे उनकी चूत का छेद नहीं मिल रहा था। फिर मौसी ने खुद अपने हाथों से लंड पकड़ा और चूत पर सेट किया.. फिर क्या था। मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और उनके मुहं से ज़ोर से आवाज़ निकली आहह माँ मर गई। मेरा पूरा लंड एक ही बार में अंदर घुस गया था इसलिए उनको इतनी तकलीफ हो रही थी। तभी आवाज़ की वजह से शायद माँ जाग गयी और पूछने लगी कि क्या हुआ? लेकिन अंधेरे में उन्हे कुछ दिखाई नहीं दिया और मौसी ने कहा कि कुछ नहीं हुआ.. वो मेरे हाथ को अंधेरे में कुछ लग गया। तो माँ ने कहा कि ठीक है सो जाओ। फिर थोड़ी देर में रुका रहा और फिर मौसी ने कहा कि धीरे धीरे कर हरामी.. तो मैंने सॉरी कहा और लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. अब उनको भी शायद मज़ा आ रहा था और वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी। हमारी चुदाई से पच पच की आवाजें आ रही थी और मौसी बीच बीच में अह्ह्ह ओह्ह्ह उफफफ्फ़ की आवाजें निकाल रही थी। हम दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे। मौसी ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रही थी। फिर हमारी चुदाई लगभग 20 मिनट तक चली और फिर हम लोग शांत हो गये और फिर सो गये। दूसरे दिन में थोड़ा देर से उठा और मैंने सुना कि माँ और मौसी कुछ बातें कर रही थी.. माँ कुछ गुस्से में लग रही थी। तो मैंने सोचा कि कल रात वाली बात कहीं माँ को पता तो नहीं चल गई। फिर में बाहर चला गया और ऐसे ही दिन गुजर गया। तो रात को मैंने 12:45 बजे मौसी को उठाया और कहा कि चलो हम फिर से चुदाई करते है। तो वो कहने लगी कि नहीं माँ जाग जाएगी.. लेकिन में नहीं माना तो मौसी ने कहा कि ठीक है और मैंने कहा कि में आपकी चूत चाटना चाहता हूँ तो उन्होंने कहा कि ठीक है.. लेकिन में भी तुम्हारा लंड चूसूंगी। तो मैंने उनके कपड़े उतार दिए और मैंने लाईट में उनका बदन देखा क्या बदन था उनका? सुंदर फूल के जैसी उनकी चूत और आम के जैसे उनके बड़े बड़े बूब्स थे और हम 69 की पोजिशन में आ गये।
तभी उन्होंने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया और धीरे से कहा कि जब अंदर घुसा दिया है तो बाहर क्यों निकाला? में अब बहुत खुश हो गया और मैंने उनसे सीधा लेटने के लिए कहा और वो सीधी लेट गयी। उन्होंने कहा कि पहले लाईट बंद कर लो। तो में लाईट बंद करके वापस आया में उनके ऊपर आ गया और उनको एक किस किया और में अपना लंड उनकी चूत पर सेट करने लगा। लेकिन मुझे उनकी चूत का छेद नहीं मिल रहा था। फिर मौसी ने खुद अपने हाथों से लंड पकड़ा और चूत पर सेट किया.. फिर क्या था। मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और उनके मुहं से ज़ोर से आवाज़ निकली आहह माँ मर गई। मेरा पूरा लंड एक ही बार में अंदर घुस गया था इसलिए उनको इतनी तकलीफ हो रही थी। तभी आवाज़ की वजह से शायद माँ जाग गयी और पूछने लगी कि क्या हुआ? लेकिन अंधेरे में उन्हे कुछ दिखाई नहीं दिया और मौसी ने कहा कि कुछ नहीं हुआ.. वो मेरे हाथ को अंधेरे में कुछ लग गया। तो माँ ने कहा कि ठीक है सो जाओ। फिर थोड़ी देर में रुका रहा और फिर मौसी ने कहा कि धीरे धीरे कर हरामी.. तो मैंने सॉरी कहा और लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. अब उनको भी शायद मज़ा आ रहा था और वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी। हमारी चुदाई से पच पच की आवाजें आ रही थी और मौसी बीच बीच में अह्ह्ह ओह्ह्ह उफफफ्फ़ की आवाजें निकाल रही थी। हम दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे। मौसी ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रही थी। फिर हमारी चुदाई लगभग 20 मिनट तक चली और फिर हम लोग शांत हो गये और फिर सो गये। दूसरे दिन में थोड़ा देर से उठा और मैंने सुना कि माँ और मौसी कुछ बातें कर रही थी.. माँ कुछ गुस्से में लग रही थी। तो मैंने सोचा कि कल रात वाली बात कहीं माँ को पता तो नहीं चल गई। फिर में बाहर चला गया और ऐसे ही दिन गुजर गया। तो रात को मैंने 12:45 बजे मौसी को उठाया और कहा कि चलो हम फिर से चुदाई करते है। तो वो कहने लगी कि नहीं माँ जाग जाएगी.. लेकिन में नहीं माना तो मौसी ने कहा कि ठीक है और मैंने कहा कि में आपकी चूत चाटना चाहता हूँ तो उन्होंने कहा कि ठीक है.. लेकिन में भी तुम्हारा लंड चूसूंगी। तो मैंने उनके कपड़े उतार दिए और मैंने लाईट में उनका बदन देखा क्या बदन था उनका? सुंदर फूल के जैसी उनकी चूत और आम के जैसे उनके बड़े बड़े बूब्स थे और हम 69 की पोजिशन में आ गये।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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