14-01-2021, 11:06 AM
शाम हो गई, मै चाचा के घर पहुंचा चाची खाना बाना रही थी और चाचा घर पर थे नही, मैंने समय का फायदा उठाते हुए सपना को कमरे में ले गया। और मैंने उसका हाथ पकड लिया, वो थोडा घबरा रही थी, लेकिन मैंने जब उसके हाथ को पीना शुरू किया तो धीरे धीरे उसका डर खत्म होने लगा। हाथ को पीते पीते मै उसके गर्दन से होते हुए मै उसकी पतली और मलाई की तरह मुलायम और रसीली हाथो को पीने लगा। मेरा लंड खड़ा होकर टाइट हो गया, सपना भी मुझसे चिपक कर मुझे किस करने लगी। मेरा एक हाथ उसके मम्मो पर था और एक हाथ उसकी कमर पर। मै उसके मम्मो को पूरे जोश से दबा रहा था। ३० मिनट तक किस करने के बाद जब मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को दबने लगा .. तो उसने मुझसे कहा कोई आ जायेगा चलो? मेरा तो चुदाई करने का पूरा मूड बन चूका था। मै अपने आप को रोक नही पा रहा था।
उस दिन मुझे फिर से मुठ मार कर काम चलाना पडा। मैंने सपना को चोदने का एक प्लान बनाया, मेरा एक दोस्त था जिसका घर हमेसा खाली रहता है और वो लोग गावं में रहते है। ,मैंने उससे कह कर घर की चाभी मंगवाली और मौसी को बाज़ार ले जाने के बहाने से अपने दोस्त के घर पर ले गया।
वहां मैंने सारा इंतजाम कर लिया था। शाम के 4 बजे हम लोग वहां पहुच गये। हम दोनों बेडरूम में आ कर बैठ गये और थोड़ी देर तक सेक्सी बातें करते रहें। कुछ देर बाद मैंने सपना ने अपने हाथो में मेरे हाथो फसां लिया और मेरे हाथो को चूमने लगी। मैंने भी अपने हाथ से मौसी की जांघ पर रख दिया। और उसको किस करने के लिया उसकी ओर बढ़ने लगा। हम दोनों पास आ गये मैंने अपने होठ को उसके होठो से चिपका दिया और उसके होठो को अपने मुह में लेकर पीने लगा। मै उसके होठ को वासना से चूस रहा था, और वो भी अपने जिस्म की गर्मी को मेरी होठो चूस कर निकल रही थी।
मैंने अपनी मौसी के होठो को लगातार 35 तक पीता रहा। किस करने के बाद हम दोनों ने अपने कपडे को उतार दिया, मै केवल अंडरवेअर में था और मौसी टू पीस बिकिनी में थी। मै उसको बिकिनी में देखकर तो दंग रह, उसका बदन संगमरमर की तरह चमक रहा था और उसकी ब्रा से आधा चूची बाहर निकला हुआ था। ये देखकर मेरे अंदर की वासना जाग उठी। मैंने उसके हाथ को पकड़ा और हाथो से चूमना शुरू किया और हाथो को चुमते हुए मै उनकी कंधे की ओर बढ़ने लगा। मैंने बहुत देर तक मौसी की गर्दन को पीने के बाद मैंने अपने मौसी के ब्रा को निकल कर नीचे फेक दिया। और उनके गोरे -2, बड़े बड़े और चिकने मम्मो को दबाते हुए पीने लगा। मौसी को भी बहुत मजा आ रहा था। मेरे अंदर वासना की आग भडक उठी।
मम्मो को पीते पीते मैं मौसी के निचले भाग की तरफ बढ़ने लगा। धीरे धीरे मै उनकी नाभि के पास पहुँच गया, मै अपने खुरदरे जीभ से मौसी की मुलायम सी नाभि को पीने लगा। मौसी भी बेकाबू होने लगी, उनकी वासना इतनी बढ़ चुकी थी पूरा शरीर गरम हो गया था। मै बहुत देर तक उनकी नाभि को पीता रहा। नाभि को पीते हुए मैंने अपनी उंगली से मौसी की कोमल सी चूत को मसलने लगा।
उस दिन मुझे फिर से मुठ मार कर काम चलाना पडा। मैंने सपना को चोदने का एक प्लान बनाया, मेरा एक दोस्त था जिसका घर हमेसा खाली रहता है और वो लोग गावं में रहते है। ,मैंने उससे कह कर घर की चाभी मंगवाली और मौसी को बाज़ार ले जाने के बहाने से अपने दोस्त के घर पर ले गया।
वहां मैंने सारा इंतजाम कर लिया था। शाम के 4 बजे हम लोग वहां पहुच गये। हम दोनों बेडरूम में आ कर बैठ गये और थोड़ी देर तक सेक्सी बातें करते रहें। कुछ देर बाद मैंने सपना ने अपने हाथो में मेरे हाथो फसां लिया और मेरे हाथो को चूमने लगी। मैंने भी अपने हाथ से मौसी की जांघ पर रख दिया। और उसको किस करने के लिया उसकी ओर बढ़ने लगा। हम दोनों पास आ गये मैंने अपने होठ को उसके होठो से चिपका दिया और उसके होठो को अपने मुह में लेकर पीने लगा। मै उसके होठ को वासना से चूस रहा था, और वो भी अपने जिस्म की गर्मी को मेरी होठो चूस कर निकल रही थी।
मैंने अपनी मौसी के होठो को लगातार 35 तक पीता रहा। किस करने के बाद हम दोनों ने अपने कपडे को उतार दिया, मै केवल अंडरवेअर में था और मौसी टू पीस बिकिनी में थी। मै उसको बिकिनी में देखकर तो दंग रह, उसका बदन संगमरमर की तरह चमक रहा था और उसकी ब्रा से आधा चूची बाहर निकला हुआ था। ये देखकर मेरे अंदर की वासना जाग उठी। मैंने उसके हाथ को पकड़ा और हाथो से चूमना शुरू किया और हाथो को चुमते हुए मै उनकी कंधे की ओर बढ़ने लगा। मैंने बहुत देर तक मौसी की गर्दन को पीने के बाद मैंने अपने मौसी के ब्रा को निकल कर नीचे फेक दिया। और उनके गोरे -2, बड़े बड़े और चिकने मम्मो को दबाते हुए पीने लगा। मौसी को भी बहुत मजा आ रहा था। मेरे अंदर वासना की आग भडक उठी।
मम्मो को पीते पीते मैं मौसी के निचले भाग की तरफ बढ़ने लगा। धीरे धीरे मै उनकी नाभि के पास पहुँच गया, मै अपने खुरदरे जीभ से मौसी की मुलायम सी नाभि को पीने लगा। मौसी भी बेकाबू होने लगी, उनकी वासना इतनी बढ़ चुकी थी पूरा शरीर गरम हो गया था। मै बहुत देर तक उनकी नाभि को पीता रहा। नाभि को पीते हुए मैंने अपनी उंगली से मौसी की कोमल सी चूत को मसलने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)