14-01-2021, 11:05 AM
(14-01-2021, 11:04 AM)neerathemall Wrote: 1
मौसी की चुदाई
मेरी जिंदगी की सबसे मस्त चुदाई मेरी मौसी वाली था।मेरी मौसी भी अभी जवान थी, उनकी उम्र 23 वर्ष होगी। कद 5.8 फीट थी और उनका फिगर 36 26 38 था। उनका रंग भी साफ था , और उनके मम्मो का तो जवाब नही. क्या लग रहें थे। उनके मम्मे मस्त -२ गोल और थोड़े बड़े लेकिन बिल्कुल मुलायम और सॉफ्ट थे। जब वो चलती थी तो उनकी गांड की चर्बी ऊपर नीचे होती थी। मै तो उसे देख कर पागल हो जाता था। मौसी मेरे घर बहुत बार आ चुकी है, लेकिन अभी तक हमारे बीच कुछ नही हुआ था। जब वो आती थी मेरे घर तो मै उनको खूब लाइन देता था और साथ में वो भी मुझे थोड़ी लेने देती रहती थी। वो मेरी सगी मौसी नही लगती थी लेकिन रिश्ते में तो वो मेरी मौसी ही थी।
ये कहानी तो आज से 4 साल पहले शुरू हुई था, जब मेरे चाची की बहन सपना मेरे घर आई थी। मै तो पहली बार में ही उसका दीवाना हो गया था। मै भी बहुत स्मार्ट था इसीलिए सपना मौसी भी मुझे थोड़ी -२ लाइन देती थी, लेकिन वो अपने रिश्ते को लेकर पीछे हट जाती थी। वो मुझसे बहुत बातें करतीं थी और मै भी उनसे मज़े लेते हुए खूब बातें करता था। लेकिन बातों से ही सब कुछ थोड़ी ना होता है।
हर साल गर्मी की छुट्टियों में सपना मौसी अपने दीदी के घर आती थी। और मै कुछ भी नही कर पता था। लेकिन मेरी किस्मत बदलने वाली था, मुझे अपने मौसी के चूत को चोदने का मौका खुद भगवान देने वाला था।
हर साल की तरह इस बार भी मौसी गर्मियों में आई हुई थी। मैंने तो सोच लिया था, कि इस बार मै उनको किसी तरह से प्रपोस कर दूँगा और किसी भी तरह से उनको चोदने आ मज़ा उठाऊंगा। मई के महीने का अंतिम सप्ताह चल रहा था, और मंगलवार का दिन था, उस मंगल को बड़ा मंगल था। चाची चाचा और सपना मौसी भी उस दिन मंदिर गई थी। इतिफाक से मै भी मंदिर गया था। मुझको वहां मंदिर में सभी लोग मिल, मेरी चाची को ये बात पता थी कि मै सपना को पसंद करता हूँ। उन्होंने कुछ सोच के सपना को मेरे साथ में पूजा करने के लिए भेज दिया। पूजा करने के बाद चाची और चाचा दोनों गाड़ी से चले गये और मुझे सपना को लाने के लिए कहा। मेरे मन में तो लड्डू फुट रहा था। मैंने रास्ते में आते हुए सपना मौसी का हाथ पकड़ा और बोला – “I LOVE YOU” “ मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ” और मुझे पता है कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो? पहले तो वो कुछ नही बोली फिर थोड़ी देर बाद कुछ सोच कर बोली – ‘”हाँ मै तुम्हे पसंद करती हूँ”, लेकिन हमारा रिश्ता तो माँ बेटे का है।
मैंने उससे कहा – “देखो तुम मेरी सगी मौसी तो हो नही, और प्यार और जंग में तो सब जायज होता है ना” । थोड़ी देर तक सपना कुछ ना बोली धीरे धीरे हम अपने घर पहुचने वाले थे , मैंने उसका हाथ छोड दिया और मैंने उससे कहा – “मै तुम्हारे जवाब का इंतजार करूँगा”।
हम घर पहंच गये। मै अपने घर चला आया। रात हो गयी मै उसके ही बारे में सोच रहा था, मै सोच रहा था कि अब क्या करू ?
अगले दिन कि सुबह हुई, मुझे क्या पता था किया आज मेरे लिए बहुत अच्छा दिन था। सुबह के 8 बज रहें थे, मै अपने कमरे में बैठा था, थोड़ी देर बाद सपना मेरे कमरे में आई, उसके हाथ में कागज का टुकड़ा था। उसने उस कागज के टुकड़े को मेरे हाथ में रख कर चली गई। मैंने जल्दी से उसे खोला , उसमे लिखा था कि हाँ मै भी तुमसे प्यार करती हूँ और तुम्हे बहुत सारा किस करना चाहती हूँ। तम मुझे अपनी पहली किस कब दोगे। मै बैचैनी से तुम्हारे किस का इंतजार कर रही हूँ। ये सब पढ़ के मै बहुत खुश था, मै उसके किस और उसकी चुदाई के बारे सोचने लगा। मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने अपने लंड को शांत करने के लिए अपने कमरे कि कुण्डी लगाई ,और अपने लंड को निकल कर मुठ मारने लगा। मै सपना मौसी के बारे में सोच कर मुठ मरे जा रहा था । बहुत देर तक मुठ मारने के बाद मेरा माल निकलने वाला था। मेरे मुठ मरने कि रफ़्तार बहुत तेज हो गई थोड़ी ही देर में मेरे अंदर का सारा माल निकल गया।मुझे बहुत अच्छा लग रह था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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