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Incest भाई- बहिन
#3
“अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में ….” कविता तोरा चौंकी. फिर बात जारी रखते हुए बोली- “कैसी है…मैने सुना है बहुत ही नंगी फिल्म है?”

“है तो नंगी ही लेकिन ये उमर ऐसी ही फ़िल्मे देखने की है…..तुम देखोगी.” रवि बेहयाई पर उतर आया था.

वो ये भी नही समझ पा रहा था कि वो इस समय किससे बात कर रहा है. उसे इस प्रकार की बातें करनी भी चाहिए या नही. लेकिन ज़रूरत बावली होती है. इस समय उसको चूत की आवश्यकता थी और वो उसे कविता के ही पास मिल सकती थी.

कविता को बहका कर वो अपने रास्ते पर ले आना चाहता था. वो चारा फेंक रहा था. अब उसके भाग्य मे होगा तो मछली फँसे गी नही तो वो खटिया खींच के चला जाएगा.लेकिन उसे पूरा यकीन था की मछली फँसेगी ज़रूर.और इसी लिए वो पूरी तरह बेहयाई पर उतर आया था.

वो कविता की कमर से लिपट ता ही जा रहा था. बिल्कुल सट जाना चाहता था. कविता खिसक रही थी. वो खुद को रवि से अलग रखना चाह रही थी लेकिन सफल नही हो पा रही थी. “ना बाबा, पापा को मालूम हो जाएगा तो बहुत गुस्सा होंगे , मैं ऐसी गंदी फिल्म नही देखूँगी.”

“तू भी पूरी पागल है, अरे पापा को कैसे मालूम होगा.”

“तुम ना बता दोगे.”

“मैं भला क्यों बताने लगूंगा?”

”फिर अगर किसी तरह पिताजी को पता चल जाएगा तो?”

“तू फ़िक्र मत कर किसी को पता नही होने पाएगा.”

“कैसी फिल्म है….मज़ा आता है?”

“अरे कविता देख लेगी तो मस्त हो जाएगी.”

“बहुत ज़्यादा नेकेड सीन है क्या?”

“बिल्कुल ”

“बिल्कुल…क्या सब-कुच्छ दिखा दिया क्या?”

“अरे एक दम साफ लेते देते दिखा दिया है.”

“भैया.”

वो शर्मा उठी.“पगली शरमाती है यही तो उमर है खूब जी भर कर मौज-मस्ती लूट ले, फिर कहाँ आएगी ये उमर. मैं तो कल फिर जाउन्गा, तबीयत मस्त हो जाती है, तू भी चलना.”

“ठीक है लेकिन किसी को पता नही चलना चाहिए.”

”नही, किसी को कानोंकान खबर नही हो पाएगी.”

“तब तो ज़रूर चालूंगी, कौन सा शो चलोगे?”

“शाम वाला ठीक रहेगा…तू शाम को तैयार हो जाना, मैं फिल्म देखने की पर्मीशन माँ से ले लूँगा,

उनको ये नही बताया जाएगा की अडल्ट फिल्म “अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में “ देखने जाना है.”

“ठीक है.” वो मन ही मन निहाल हो उठी थी.

कुछ देर दोनो मौन रहे. फिर इस खामोशी को रवि ने तोड़ा- “अभी कहाँ से आई हो?”

“गयी थी इंग्लीश फिल्म देखने.”

“कौन सी देखी?”

“टीन लवर्स.” “बहुत अच्छी फिल्म है.”

“वो भी तो सेक्सी फिल्म है?”

“हाँ है तो सेक्सी लेकिन कोई खास नही.

“मज़ा तो आ गया होगा, मैने भी देखी है, सारा का सारा शरीर सरसरा उठता है.”

“हाँ..”

“कविता.”
“क्या.”
एक बात पुच्छू?”
“पूछो भैया.”
“क्या औरत की प्यास वाकई मे ऐसी होती है जैसी तुम्हारी वाली फिल्म “टीन लवर्स” में थी, उसने 3 मर्दों के साथ प्यार किया था, और सब ने उसकी जवानी के साथ खेला था, क्या वास्तव मे औरत 3 मर्दों की लगातार प्यास बुझा सकती है?”

“इस सवाल को तुम मुझसे क्यों पुच्छ रहे हो?”
“क्यों कि तुम लड़की हो और औरत की भावना को अच्छी तरह समझने की तुम मे समर्थ है, मैं जानना चाहता हूँ की वास्तव मे औरत के अंदर इतनी प्यास होती है” “क्या तुम्हारे अंदर भी ऐसी कोई बात है?”

”वो तो सच्चाई ही है हर लड़की के अंदर ये सब विद्यमान होता है.

“अच्च्छा कविता ये तो बताओ, बहुत सी किताबों मे भाई-बहन के प्यार की कहानी छपी होती है, क्या वो सच्चाई है?किताबों मे वही छपा है जो होता नही तो हो सकता है.”

रवि अपनी बहन को राह पर लाने की हर तरह से कोशिश कर रहा था और उसे आशा थी की वो इसमे सफलता प्राप्त कर लेगा. लेकिन खुल कर अपनी बहन के आगे वो अपनी वासना को शांत करने का प्रस्ताव ना रख पा रहा था.

अचानक कविता ने करवट ली तो उसके सीने पर से चादर ढलक गयी.ये अंजाने तौर पर हो गया था या उसने जान कर किया था इस के विषय मे तो सही सही नही कहा जा सकता लेकिन उसने ढलक गयी चादर को ठीक नही किया जिसके कारण उसकी दोनो मस्त चुचियाँ जो ब्रा के अंदर क़ैद थी रवि के आँखों के सामने आ गयी.

रवि फटे फटे नेत्रों से उसकी अर्ध-निर्बस्त्र चुचियों को देख रहा था और देखता ही जा रहा था. उसकी आँखें वहाँ पर पथरा कर रह गयी थी. कविता ने इस बात को महसूस भी किया की भैया उसकी चुचियों को ही घूर रहे हैं. उसने एक तीखा सा वेिंग किया “कहो भैया क्या देख रहे हो?” “कुच्छ नही, कुच्छ नही.” रवि हकला कर रह गया.

उसने अपनी नज़र भारी चुचियों पर से हटा लेनी चाही लेकिन वो वन्हि जाकर टिक गयी.

“आज कुच्छ बदले-बदले लग रहे हो भैया, लगता है फिल्म के नेकेड सीन के प्रभाव ने तुम्हारे दिमाग़ को ज़्यादा ही प्रभावित किया है.”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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भाई- बहिन - by neerathemall - 13-01-2021, 01:20 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 13-01-2021, 01:21 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 13-01-2021, 01:21 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 13-01-2021, 01:21 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 13-01-2021, 01:22 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 13-01-2021, 01:22 PM
RE: भाई- बहिन - by Sexypanther - 13-01-2021, 03:55 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 22-01-2021, 05:15 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 22-01-2021, 05:19 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 22-01-2021, 05:21 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 22-01-2021, 05:23 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 22-01-2021, 05:24 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 22-01-2021, 05:25 PM
RE: भाई- बहिन - by neerathemall - 30-01-2023, 12:08 AM



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