12-01-2021, 05:41 PM
मैंने अब उन्हें कुछ सोचकर साफ मना कर दिया, लेकिन वो नहीं मानी और में उस समय दीवार के पास में लेटा हुआ था. वो भी अब उसी तरफ बैठकर मेरे सर की मालिश करने लगी और उस समय रात के करीब 11 बज रहे होंगे. घर के सभी लोग सो गये थे, दीदी एक हाथ से मेरे सर पर मालिश कर रही थी और उन्होंने अपना एक हाथ मेरे पेट रखा हुआ था. मुझे अब कुछ देर बाद उनकी आँखो में एक अजीब सी चमक दिख रही थी और उनके वो कोमल मुलायम हाथ मेरे ऊपर रखने की वजह से मेरा 6.5 का लंड अब तनकर खड़ा होने लगा था और वो अब अपना हाथ धीरे धीरे मेरे लोवर के अंदर खिसका रही थी और में अपनी दोनों आँखे बंद करके चुपचाप लेटा हुआ था. मुझे भी अब उनके यह सब करने की वजह से बहुत मज़ा आ रहा था और कुछ देर बाद जब में बहुत गरम हो गया तो मैंने उनका हाथ पकड़कर मेरे लंड पर रख दिया. वो मेरे ऐसा करते ही एकदम से बहुत खुश हो गई और अब वो मेरे लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी, लेकिन मेरा बहुत बुरा हाल था.
फिर उन्होंने अपने मुहं में मेरे लंड को लिया और वो अब मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी और अब में भी उसके बूब्स दबा रहा था और उस समय मुझे जो आनंद मिल रहा था में वो आप लोगो को शब्दों में नहीं बता सकता. उनके बूब्स का साईज़ 36 था और उसके बूब्स बिल्कुल गोल पहाड़ की छोटी की तरह तनकर खड़े हुए थे. में उनके निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और दबा रहा था. में दूसरे हाथ से उनके पेट और पीठ के नीचे कमर तक सहला रहा था. करीब दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा और अब उनकी चूत और गांड का नंबर था.
फिर मैंने एक हाथ उनकी साड़ी के अंदर डाल दिया और वो पेंटी नहीं पहनती थी. मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि उनकी चूत अब एकदम गीली हो चुकी थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बूब्स को दबाते हुये झड़ चुकी थी और अब मैंने उनसे लाईट बंद करके अपने साथ सोने को कहा और वो उठकर लाईट बंद करके आ गई और मेरे पास में लेट गई. अब हम दोनों एक ही कम्बल में थे और में उनके पैरों की तरफ गया और फिर मैंने उनकी साड़ी को ऊपर करके अपना मुहं उनकी बालों वाली चूत पर रख दिया. वाह दोस्तों क्या मस्त खुशबू थी. में अब उनकी चूत को चाटने लगा और वो तड़प रही थी और अपने हाथों से मेरा सर पकड़कर चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी. मैंने भी इसी दौरान अपने एक हाथ का अंगूठा उनकी गांड पर रखा और गोल गोल आसपास घुमाने लगा और इधर चूत के दाने को चाट रहा था और अब वो एक बार फिर से झड़ने वाली थी और उन्होंने मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और मेरे मुहं पर अपनी चूत से ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगी. कुछ ही सेकिंड के बाद वो मेरे मुहं में झड़ गई..
फिर उन्होंने अपने मुहं में मेरे लंड को लिया और वो अब मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी और अब में भी उसके बूब्स दबा रहा था और उस समय मुझे जो आनंद मिल रहा था में वो आप लोगो को शब्दों में नहीं बता सकता. उनके बूब्स का साईज़ 36 था और उसके बूब्स बिल्कुल गोल पहाड़ की छोटी की तरह तनकर खड़े हुए थे. में उनके निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और दबा रहा था. में दूसरे हाथ से उनके पेट और पीठ के नीचे कमर तक सहला रहा था. करीब दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा और अब उनकी चूत और गांड का नंबर था.
फिर मैंने एक हाथ उनकी साड़ी के अंदर डाल दिया और वो पेंटी नहीं पहनती थी. मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि उनकी चूत अब एकदम गीली हो चुकी थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बूब्स को दबाते हुये झड़ चुकी थी और अब मैंने उनसे लाईट बंद करके अपने साथ सोने को कहा और वो उठकर लाईट बंद करके आ गई और मेरे पास में लेट गई. अब हम दोनों एक ही कम्बल में थे और में उनके पैरों की तरफ गया और फिर मैंने उनकी साड़ी को ऊपर करके अपना मुहं उनकी बालों वाली चूत पर रख दिया. वाह दोस्तों क्या मस्त खुशबू थी. में अब उनकी चूत को चाटने लगा और वो तड़प रही थी और अपने हाथों से मेरा सर पकड़कर चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी. मैंने भी इसी दौरान अपने एक हाथ का अंगूठा उनकी गांड पर रखा और गोल गोल आसपास घुमाने लगा और इधर चूत के दाने को चाट रहा था और अब वो एक बार फिर से झड़ने वाली थी और उन्होंने मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और मेरे मुहं पर अपनी चूत से ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगी. कुछ ही सेकिंड के बाद वो मेरे मुहं में झड़ गई..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.