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Incest मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
से वही करना पड़ा. उसने जैसे ही मेरा लंड अपने मुँह में लिया, तो मैं जीवन में पहली बार आसामान पर उड़ने लगा था. मुझसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने अपना पानी छोड़ दिया.
पर मुझे आश्चर्य हुआ कि उसने लंड रस की एक बूंद भी गिरने नहीं दी. वह सारी मलाई अमृत की तरह पी गई.
अब उसे भी मजा आ रहा था तो हम दोनों सिक्सटी नाइन की पोजीशन में आ गए. उसके मुँह में मेरा लंड था और मेरे मुँह में उसकी चुत थी. जितनी अच्छी तरह से मैं उसकी चुत चाट रहा था, उतनी ही बेदर्दी से वो मेरा लंड चाट रही थी.
हम दोनों ने फिर से एक दूसरे के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया और निढाल होकर एक दूसरे से चिपके लेटे रहे.
कुछ देर बाद फिर मेरे लंड ने उफान मारा और मैं अब खेल खत्म करना चाहता था, पर वो बुरी तरह से थक चुकी थी.
मैंने उसे परेशान करना ठीक नहीं समझा और उसके बगल में लेट गया. मैं उसके दूध भरे चुचे चूसने लगा.
जब मैंने उसका हाथ अपने लंड पर महसूस किया, तो मैं समझ गया कि खेल अब शुरू हो सकता है.
मैंने उसे किस किया और वो मेरी छाती के निप्पल चाटने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर वो मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और अपनी चूत में लंड को घिसने लगी. आह चूत की गर्मी का अहसास का अपना अलग एक मज़ा है. पर वो लंड अन्दर नहीं ले रही थी, शायद वो दर्द से डर रही थी.
मैंने उससे घोड़ी बनने को बोला. वो झट से बन गई. मैंने पीछे आकर चुत पर थूक लगाया और अपना लंड पेल दिया.
वो दर्द से चिल्ला उठी और उसके मुँह से निकला- आंह मादरचोद … चोद दे इस चूत को … उम्म्ह… अहह… हय… याह… फाड़ डाल इस चूत को … बहुत परेशान करती है.
मैं भी जोश में था. उसकी गांड पर एक चांटा मार दिया.
वो चिल्ला उठी, उसके मुँह से आवाजें आ रही थीं- अहा याह आह.
ऊपर से मैं उसके दूध मसल कर उसे और गर्म करता जा रहा था.
फिर अचानक मैंने चुदाई रोकी, पर लंड उसकी चूत के अन्दर ही था. मैं उसकी चूत को महसूस कर रहा था कि कैसे उसकी चुत ने मेरे लंड को अपना समझ कर पकड़ लिया है. फिर वो खुद आगे पीछे होने लगी, तो मैंने उसकी कमर पकड़ कर फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर में मेरा गर्म लावा फट कर उसकी चूत में चला गया और मैं उसके ऊपर ही गिर गया.
उसका पानी भी निकल गया था.
कुछ मिनट के बाद वो फिर से चुदना चाहती थी. वो मुझे खुश करने लगी. कहीं वो अपनी चूत मेरे मुँह के पास लाती, तो कभी गांड, तो कभी चूचे. उसने फिर से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैंने इशारा किया कि चूत यहां लाओ.
वो आ गई. हम लोग 69 की पोजीशन में आ गए. जब मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया, तो मैंने उसे हटाया और उसको पीछे से पकड़ कर किस करने लगा. उसकी गांड दबाने लगा.
शायद वो समझ गई थी कि अब उसकी गांड फटने वाली है.
मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए बहुत सारा थूक उसकी गांड के छेद पर लगा दिया. मैंने उससे पूछा- तुम तैयार हो इस हसीन दर्द के लिए … जो एक हसीन याद की तरह जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहेगा.
वह नीचे देख कर मुस्कुराती रही.
मैं उसकी हां को समझ गया था. मैंने उसे इशारा किया कि पूरी घोड़ी बन जाओ … ताकि मैं बंदूक निशाने पर लगा सकूं.
वह घोड़ी बन गई, मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना लंड उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और जोरदार धक्के के साथ अपना लंड उसकी गांड के अन्दर डाल दिया. इस के साथ मैंने उसके मुँह को हाथों से दबा दिया था, ताकि हमारी आवाजें दिक्कत ना कर सकें.
उसकी दर्द भरी आवाजें निकलने लगीं. शायद पहली बार अपनी गांड में लंड ले रही थी. इसलिए मैंने भी जल्दबाजी करना ठीक नहीं समझा और धीरे धीरे अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
मुझे एहसास हुआ कि उसकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं. मुझे दुख हुआ और मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया.
थोड़ी देर में सब नॉर्मल हो गया और वह मुझसे कहने लगी- गांड अगली बार मार लेना.
मैंने कहा- अगली बार कैसे मिलोगी?
तो उसने कहा- मैं सब बता दूंगी.
मैंने हां कर दी. फिर हमने साधारण चुदाई की और एक साथ नंगे लेट गए.
थोड़ी देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और उसने मुझे अपना नंबर दिया और घर का पता दिया.
इसके बाद हम लोग गेट खोल कर ऐसे बैठ गए, जैसे कुछ हुआ ही नहीं. थोड़ी देर में स्टॉप आ गया और मैं उतर गया. मेरे दोस्त के साथ उसका भाई भी आ गया और वो लोग भी चले गए.
fight fight fight fight fight
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: अरे दीदी - by neerathemall - 19-11-2019, 03:25 PM
RE: मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई - by neerathemall - 12-01-2021, 05:33 PM



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