12-01-2021, 05:33 PM
मैंने उससे कहा- तुम आराम से बैठ जाओ. हवा तेज चल रही है.
वो मुझसे टिक गई और बात करते करते सो गई. कुछ पल बाद वो मेरे सीने से टिक गई.
मैं भी उसके शरीर की गर्मी का पूरा मजा ले रहा था. मैंने भी अपना हाथ उसके कंधों से आगे करके उसके चूचे के करीब रख दिया था. उसने कुछ नहीं कहा, तो मैं धीरे से उसे सहलाने लगा. हालांकि मेरे हाथ कंप रहे थे. मैंने हाथ कुछ और नीचे किया, तो थोड़ी ही देर में मेरा हाथ उसके चुचे से टकरा गया. मुझे महसूस हुआ कि बच्चे को दूध पिलाने के बाद इसने अभी अपना ब्लाउज़ नीचे नहीं किया है. मैंने दूध टटोला और तुरंत अपना हाथ हाथ हटा लिया.
पर ये तो आप भी समझते हैं कि एक बार कोई चीज छूने को मिले, तो दुबारा मन और बढ़ जाता है.
मैंने दूसरी बार हाथ ले जाकर उसके चुचों पर रख दिया और जरा सा सहला दिया. इससे वो जाग गई और अपना ब्लाउज सही करने लगी. उसने मेरा हाथ आराम से हटा दिया और फिर सो गई. उसके हटाने में कोई विरोध नहीं था.
मैंने सोचा कोई जल्दी नहीं है, आराम से काम करते हैं और मैं उसकी पीठ सहलाने लगा. वो लगभग मेरी बांहों में समा चुकी थी. मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, तो वो बहुत गर्म थी.
मैं मस्ती से सहलाने लगा. अब उसने भी मेरे सीने को जकड़ लिया था. उसके स्तन मेरे सीने पर आ गए थे और मेरा हाथ उसकी पीठ पर था.
मेरा हाथ अब मेरे काबू से बाहर हो चुका था और साड़ी के ऊपर से उसकी गांड को सहलाने लगा था. देखते ही देखते मेरी हिम्मत इतनी बढ़ चुकी थी कि मेरा हाथ अब उसकी साड़ी के अन्दर चला गया था. उसकी पैंटी मेरे हाथ में टच होने लगी थी. उसकी गांड और हाथ के बीच में सिर्फ पेंटी थी.
मैंने अपना हाथ पेंटी के अन्दर कर दिया और उसकी गांड का स्पर्श पाते ही मेरा हाथ जल उठा. उसकी गर्म गांड की तपिश मेरा हाथ सहन नहीं कर पा रहा था.
पहली बार किसी लड़की की गांड को हाथों से स्पर्श करना मेरे लिए रूहानी सा था. शायद आपने भी कभी ऐसा महसूस किया होगा. उसका हाथ भी हरकत करने लगा था. ये महसूस करते ही मैंने अपने दूसरे हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथों में दे दिया. उसने भी तुरंत लंड हाथ में ले लिया और जोर जोर से हिलाने लगी. मैं सातवें आसामान पर था.
मैंने उसे एक पल के लिए रोका और मैं उठकर गेट बंद करने चला गया. मैं गेट लगाने के बाद नीचे लेट गया और उसे अपने पास बुला लिया. उसने अपने बच्चे को एक तरफ लिटा दिया.
पहले तो मैंने उससे कहा- तुम ब्लाउज उतारो. मुझे तुम्हारे चूचे देखने हैं.
उसने तुरंत ब्लाउज खोल दिया और मैं भूखे भेड़िए की तरह उसके मम्मों पर टूट पड़ा. मैं निप्पल चूसने लगा.
इस समय मैं एक छोटे बच्चे की तरह महसूस कर कर रहा था. मेरे दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था, मैं बस उसकी चूचियों का आनन्द ले रहा था. उसका दूध मेरी जीभ को स्वाद दे रहा था.
उसके बाद मैंने उससे कहा- तुम लेट जाओ.
वो लेटने लगी तो मैंने उसकी साड़ी उतार दी और पैंटी के ऊपर से उसकी चुत मसलने लगा. यह बहुत हसीन एहसास था. मैंने उसकी पैंटी उतार दी और अब उसकी चुत और मेरे हाथ के बीच में कोई नहीं था.
मैं उसकी चूत को इस तरह से सहला रहा कि उसमें से जल्दी से रस निकल आए. इसी रस के लिए दुनिया पागल है. साथ ही मैं उसकी चुत को ऐसे मसल रहा था, जैसे मैं कुछ ढूंढ रहा हूं, जैसे मेरा कुछ उसके अन्दर खो गया हो.
देखते ही देखते पता नहीं क्या हुआ कि मैंने अपना मुँह अपनी जीभ उसकी चुत पर रख दिया और उसे किसी आम की फांक की तरह चूसने लगा. उसने भी टांगें खोल दीं और चुत चटवाने का मजा लेने लगी. वो बड़ी चुदासी थी.
उसकी चुत चाटते हुए मुझे बहुत अजीब लग रहा था, पर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था. उसके चेहरे पर वासना के भाव देखकर मैं और उत्साहित होता जा रहा था.
थोड़ी देर में उसकी चुत से कुछ रस सा निकल गया. उसकी चुत के रस का नमकीन स्वाद था. मैं उस नमकीन शहद को पी गया.
उसने मुझे रोकने का इशारा किया पर मैं कहां रुकने वाला था. मैं न जाने कितने समय से भूखा था. फिर मैंने उसकी चुत को छोड़ दिया और चूची मुँह में लेकर चूसने का काम करने लगा. वहां भी मुझे पीने के लिए दूध मिल गया. मेरी भूख तो कम हो गई, पर वासना और बढ़ गई.
उसके गोरे स्तनों पर काला निप्पल जामुन के जैसे लग रहा था और चूसने में उतना ही रसीला था.
उसके बाद कुछ देर तक हम किस करते रहे और वह भी मुझे सहलाती रही.
फिर मैंने उससे कहा- अब तुम मेरा लंड चूसो.
उसने मना कर दिया.
मेरी लाख कोशिशों के बाद भी वह नहीं मानी और मैंने ज्यादा जबरदस्ती करना ठीक नहीं समझा.
मैं समझ गया था कि इसका पानी निकल चुका है, इसलिए नखरे कर रही है. इसे फिर से गर्म करना होगा.
मैंने उसे घोड़ी बनने को बोला तो वो ट्रेन में चौपाया बन गई. मैं पीछे से कुत्ते की तरह उसकी गांड चाटने लगा. वो मचल उठी. जब मैंने उसकी गांड में उंगली डाली, तो वो चिहुंक गई और उसने मेरी उंगली हटा दी. फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा और उसे गर्म करके आधा में ही छोड़ दिया.
अब वो कहने लगी कि लंड डालो.
मैंने कहा- पहले मेरा चूसो.
वो मुझसे टिक गई और बात करते करते सो गई. कुछ पल बाद वो मेरे सीने से टिक गई.
मैं भी उसके शरीर की गर्मी का पूरा मजा ले रहा था. मैंने भी अपना हाथ उसके कंधों से आगे करके उसके चूचे के करीब रख दिया था. उसने कुछ नहीं कहा, तो मैं धीरे से उसे सहलाने लगा. हालांकि मेरे हाथ कंप रहे थे. मैंने हाथ कुछ और नीचे किया, तो थोड़ी ही देर में मेरा हाथ उसके चुचे से टकरा गया. मुझे महसूस हुआ कि बच्चे को दूध पिलाने के बाद इसने अभी अपना ब्लाउज़ नीचे नहीं किया है. मैंने दूध टटोला और तुरंत अपना हाथ हाथ हटा लिया.
पर ये तो आप भी समझते हैं कि एक बार कोई चीज छूने को मिले, तो दुबारा मन और बढ़ जाता है.
मैंने दूसरी बार हाथ ले जाकर उसके चुचों पर रख दिया और जरा सा सहला दिया. इससे वो जाग गई और अपना ब्लाउज सही करने लगी. उसने मेरा हाथ आराम से हटा दिया और फिर सो गई. उसके हटाने में कोई विरोध नहीं था.
मैंने सोचा कोई जल्दी नहीं है, आराम से काम करते हैं और मैं उसकी पीठ सहलाने लगा. वो लगभग मेरी बांहों में समा चुकी थी. मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, तो वो बहुत गर्म थी.
मैं मस्ती से सहलाने लगा. अब उसने भी मेरे सीने को जकड़ लिया था. उसके स्तन मेरे सीने पर आ गए थे और मेरा हाथ उसकी पीठ पर था.
मेरा हाथ अब मेरे काबू से बाहर हो चुका था और साड़ी के ऊपर से उसकी गांड को सहलाने लगा था. देखते ही देखते मेरी हिम्मत इतनी बढ़ चुकी थी कि मेरा हाथ अब उसकी साड़ी के अन्दर चला गया था. उसकी पैंटी मेरे हाथ में टच होने लगी थी. उसकी गांड और हाथ के बीच में सिर्फ पेंटी थी.
मैंने अपना हाथ पेंटी के अन्दर कर दिया और उसकी गांड का स्पर्श पाते ही मेरा हाथ जल उठा. उसकी गर्म गांड की तपिश मेरा हाथ सहन नहीं कर पा रहा था.
पहली बार किसी लड़की की गांड को हाथों से स्पर्श करना मेरे लिए रूहानी सा था. शायद आपने भी कभी ऐसा महसूस किया होगा. उसका हाथ भी हरकत करने लगा था. ये महसूस करते ही मैंने अपने दूसरे हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथों में दे दिया. उसने भी तुरंत लंड हाथ में ले लिया और जोर जोर से हिलाने लगी. मैं सातवें आसामान पर था.
मैंने उसे एक पल के लिए रोका और मैं उठकर गेट बंद करने चला गया. मैं गेट लगाने के बाद नीचे लेट गया और उसे अपने पास बुला लिया. उसने अपने बच्चे को एक तरफ लिटा दिया.
पहले तो मैंने उससे कहा- तुम ब्लाउज उतारो. मुझे तुम्हारे चूचे देखने हैं.
उसने तुरंत ब्लाउज खोल दिया और मैं भूखे भेड़िए की तरह उसके मम्मों पर टूट पड़ा. मैं निप्पल चूसने लगा.
इस समय मैं एक छोटे बच्चे की तरह महसूस कर कर रहा था. मेरे दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था, मैं बस उसकी चूचियों का आनन्द ले रहा था. उसका दूध मेरी जीभ को स्वाद दे रहा था.
उसके बाद मैंने उससे कहा- तुम लेट जाओ.
वो लेटने लगी तो मैंने उसकी साड़ी उतार दी और पैंटी के ऊपर से उसकी चुत मसलने लगा. यह बहुत हसीन एहसास था. मैंने उसकी पैंटी उतार दी और अब उसकी चुत और मेरे हाथ के बीच में कोई नहीं था.
मैं उसकी चूत को इस तरह से सहला रहा कि उसमें से जल्दी से रस निकल आए. इसी रस के लिए दुनिया पागल है. साथ ही मैं उसकी चुत को ऐसे मसल रहा था, जैसे मैं कुछ ढूंढ रहा हूं, जैसे मेरा कुछ उसके अन्दर खो गया हो.
देखते ही देखते पता नहीं क्या हुआ कि मैंने अपना मुँह अपनी जीभ उसकी चुत पर रख दिया और उसे किसी आम की फांक की तरह चूसने लगा. उसने भी टांगें खोल दीं और चुत चटवाने का मजा लेने लगी. वो बड़ी चुदासी थी.
उसकी चुत चाटते हुए मुझे बहुत अजीब लग रहा था, पर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था. उसके चेहरे पर वासना के भाव देखकर मैं और उत्साहित होता जा रहा था.
थोड़ी देर में उसकी चुत से कुछ रस सा निकल गया. उसकी चुत के रस का नमकीन स्वाद था. मैं उस नमकीन शहद को पी गया.
उसने मुझे रोकने का इशारा किया पर मैं कहां रुकने वाला था. मैं न जाने कितने समय से भूखा था. फिर मैंने उसकी चुत को छोड़ दिया और चूची मुँह में लेकर चूसने का काम करने लगा. वहां भी मुझे पीने के लिए दूध मिल गया. मेरी भूख तो कम हो गई, पर वासना और बढ़ गई.
उसके गोरे स्तनों पर काला निप्पल जामुन के जैसे लग रहा था और चूसने में उतना ही रसीला था.
उसके बाद कुछ देर तक हम किस करते रहे और वह भी मुझे सहलाती रही.
फिर मैंने उससे कहा- अब तुम मेरा लंड चूसो.
उसने मना कर दिया.
मेरी लाख कोशिशों के बाद भी वह नहीं मानी और मैंने ज्यादा जबरदस्ती करना ठीक नहीं समझा.
मैं समझ गया था कि इसका पानी निकल चुका है, इसलिए नखरे कर रही है. इसे फिर से गर्म करना होगा.
मैंने उसे घोड़ी बनने को बोला तो वो ट्रेन में चौपाया बन गई. मैं पीछे से कुत्ते की तरह उसकी गांड चाटने लगा. वो मचल उठी. जब मैंने उसकी गांड में उंगली डाली, तो वो चिहुंक गई और उसने मेरी उंगली हटा दी. फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा और उसे गर्म करके आधा में ही छोड़ दिया.
अब वो कहने लगी कि लंड डालो.
मैंने कहा- पहले मेरा चूसो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.