11-01-2021, 08:45 PM
(This post was last modified: 12-09-2021, 01:12 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सेल्फी
" सुन मेरी प्यारी प्यारी मीठी मीठी ननद रानी , चल एक सेल्फी लेते हैं न। ' उसके शहद से गाल चूमते मैं बोली।
" ऐसे भाभी " एक पल के लिए वो घबड़ायी।
" तो क्या हुआ ,हमी तुम तो है ,फिर तेरे फोन से लेंगे न ,तू ही लेना। चाहे तो बाद में डिलीट कर देना , तेरा नया आई फोन इनॉग्रेशन हो जाएगा। "
मेरी एक चुम्मी और उसके रसीले होंठों पर , और वो मान गयी।
आज कल की कौन लड़की एक सेल्फी पे रुकती है जो वो रुकती , फिर उसके भैय्या की गिफ्ट ,नया नया आई फोन।
दर्जन भर से ऊपर , हम दोनों की कुछ में सिर्फ बूब्स के क्लोज अप्स,
उससे फोन लेते हुए डिलीट करने के पहले मैने उसे चढ़ाया ,
अभी करेगी डिलीट या घर जा के कर लेना ,हिडेन फोल्डर में है ,किसी को ,... दिखेगा थोड़ी।
" हाँ भाभी सही कह रही हो आप ,घर जाके डिलीट कर दूंगी "
और उसने मुझसे फोन ले लिया ,
लेकिन उतना समय काफी था मेरे पास उन सारी फोटुओं को ८-१० जगह फारवर्ड करने के लिए ,और फिर क्रॉप कर के मेरी फोटो उन में से काट के हटाने का काम तो मेरेलिए मिनट भर का भी नहीं था। और कोई ट्रेस भी करेगा तो खींची भी उसके ही फोन से और फारवर्ड भी उसी के फोन से ,
लेकिन असली चीज तो बची थी
" तेरे भैय्या एकदम बुधु हैं इत्ती मस्त लड़की इत्ते दिनों से उनके पास है और अबतक कोरी बची है ,कब की वो जवान हो गए ,पूरे शहर मोहल्ले को पता चल गया लेकिन ,... "
खुद लाड़ से मुझे चिपकाती वो सुनयना बोली ,
" भाभी आप एकदम सही कहती हैं ,इस बारे में मेरी और आपकी राय एकदम है। "
फिर वो खिलखिलाने लगी।
मैंने उसका हाथ खींच के अपने बूब्स पे रख लिया और अपने हाथ से गुड्डी के हाथ से प्रेस करवाने लगी।
" बिचारे तुझसे खुल के मांग भी नहीं पा रहे थे ,... " हँसते हुए ,उसके कच्चे टिकोरे दबाते मैं बोली।
"एकदम भाभी " मेरे निपल अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच में रोल करते हुए वो खिलखिलाते हुए बोली।
" कभी इसको खिलाती विलाती ,प्यार दुलार करती हो न "
अब मेरा हाथ उस किशोरी की खुली जाँघों के बीच था और उसकी चुनमुनिया मैं हलके हलके छेड़ रही थी।
" ऊँगली वुगली , फिंगरिंग तो करती होगी अपने भैय्या का नाम ले के " मैंने उसकी लेबिया को दबोचते पूछा।
" नहीं भाभी सच्ची ,नहीं " वो शर्मीली शरमाते शरमाते बोली।
" झूठी " कचकचा के मैंने कच्चे टिकोरों पे अपने दांत गड़ा दिए।
" ओके बहुत कम ,बस कभी ,जस्ट टच बहुत मन किया तो ,... " उसने कबूला।
और मेरे हाथों ने उसकी थांग खोल के ऐसा फेंका की सीधे दरवाजे की सिटकनी पर वो टंग गयी।
मेरे मन में कुछ और प्लान बन रहा था ,आज मैं उसके तन के साथ मन को भी खोल देना चाहती थी ,४२ मिनट अभी भी बचे मेरी ननद की गुलामी के।
और मैंने उसके कान में कुछ फुसफुसाया। मुश्किल से वो मानी।
" नो पिक्चर विक्चर भाभी "
" एकदम " मैं मान गयी। मेरे उनके गुड्डी के सब के मोबाइल गुड्डी ने खुद ड्राअर में बंद कर दिया ,
मैं दूर हट गयी ,
अगले दस मिनट तक ,... सिर्फ मन की बात। तन की बात ,किशोर उँगलियाँ ,किशोर देह।
" सुन मेरी प्यारी प्यारी मीठी मीठी ननद रानी , चल एक सेल्फी लेते हैं न। ' उसके शहद से गाल चूमते मैं बोली।
" ऐसे भाभी " एक पल के लिए वो घबड़ायी।
" तो क्या हुआ ,हमी तुम तो है ,फिर तेरे फोन से लेंगे न ,तू ही लेना। चाहे तो बाद में डिलीट कर देना , तेरा नया आई फोन इनॉग्रेशन हो जाएगा। "
मेरी एक चुम्मी और उसके रसीले होंठों पर , और वो मान गयी।
आज कल की कौन लड़की एक सेल्फी पे रुकती है जो वो रुकती , फिर उसके भैय्या की गिफ्ट ,नया नया आई फोन।
दर्जन भर से ऊपर , हम दोनों की कुछ में सिर्फ बूब्स के क्लोज अप्स,
उससे फोन लेते हुए डिलीट करने के पहले मैने उसे चढ़ाया ,
अभी करेगी डिलीट या घर जा के कर लेना ,हिडेन फोल्डर में है ,किसी को ,... दिखेगा थोड़ी।
" हाँ भाभी सही कह रही हो आप ,घर जाके डिलीट कर दूंगी "
और उसने मुझसे फोन ले लिया ,
लेकिन उतना समय काफी था मेरे पास उन सारी फोटुओं को ८-१० जगह फारवर्ड करने के लिए ,और फिर क्रॉप कर के मेरी फोटो उन में से काट के हटाने का काम तो मेरेलिए मिनट भर का भी नहीं था। और कोई ट्रेस भी करेगा तो खींची भी उसके ही फोन से और फारवर्ड भी उसी के फोन से ,
लेकिन असली चीज तो बची थी
" तेरे भैय्या एकदम बुधु हैं इत्ती मस्त लड़की इत्ते दिनों से उनके पास है और अबतक कोरी बची है ,कब की वो जवान हो गए ,पूरे शहर मोहल्ले को पता चल गया लेकिन ,... "
खुद लाड़ से मुझे चिपकाती वो सुनयना बोली ,
" भाभी आप एकदम सही कहती हैं ,इस बारे में मेरी और आपकी राय एकदम है। "
फिर वो खिलखिलाने लगी।
मैंने उसका हाथ खींच के अपने बूब्स पे रख लिया और अपने हाथ से गुड्डी के हाथ से प्रेस करवाने लगी।
" बिचारे तुझसे खुल के मांग भी नहीं पा रहे थे ,... " हँसते हुए ,उसके कच्चे टिकोरे दबाते मैं बोली।
"एकदम भाभी " मेरे निपल अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच में रोल करते हुए वो खिलखिलाते हुए बोली।
" कभी इसको खिलाती विलाती ,प्यार दुलार करती हो न "
अब मेरा हाथ उस किशोरी की खुली जाँघों के बीच था और उसकी चुनमुनिया मैं हलके हलके छेड़ रही थी।
" ऊँगली वुगली , फिंगरिंग तो करती होगी अपने भैय्या का नाम ले के " मैंने उसकी लेबिया को दबोचते पूछा।
" नहीं भाभी सच्ची ,नहीं " वो शर्मीली शरमाते शरमाते बोली।
" झूठी " कचकचा के मैंने कच्चे टिकोरों पे अपने दांत गड़ा दिए।
" ओके बहुत कम ,बस कभी ,जस्ट टच बहुत मन किया तो ,... " उसने कबूला।
और मेरे हाथों ने उसकी थांग खोल के ऐसा फेंका की सीधे दरवाजे की सिटकनी पर वो टंग गयी।
मेरे मन में कुछ और प्लान बन रहा था ,आज मैं उसके तन के साथ मन को भी खोल देना चाहती थी ,४२ मिनट अभी भी बचे मेरी ननद की गुलामी के।
और मैंने उसके कान में कुछ फुसफुसाया। मुश्किल से वो मानी।
" नो पिक्चर विक्चर भाभी "
" एकदम " मैं मान गयी। मेरे उनके गुड्डी के सब के मोबाइल गुड्डी ने खुद ड्राअर में बंद कर दिया ,
मैं दूर हट गयी ,
अगले दस मिनट तक ,... सिर्फ मन की बात। तन की बात ,किशोर उँगलियाँ ,किशोर देह।