11-01-2021, 05:52 PM
मेरा नाम आशीष उम्र 21 साल है। में आपके सामने एक कहानी लाया हूँ। ये कहानी मेरी माँ की सहेली सुनीता की है। मेरी माँ की सहेली सुनीता की उम्र करीब 40 से ज्यादा ही होगी पर वो लगती नही थी। उनके पति ऑफीस के काम से अक्सर बाहर जाते थे और उनके 2 बच्चे थे। एक लड़का जो होस्टल में पड़ता था और एक लड़की जिसकी कुछ टाइम पहले शादी हुई थी।
वो मेरी माँ की कुछ टाइम पहले ही नई सहेली बनी थी। फिर वो मेरे घर आने लगी सुनीता आंटी हमेशा साडी ही पहनती है। में उनके बारे में कभी कुछ गलत नही सोचता था। आंटी मेरे घर आई और मेरी माँ से कहने लगी। मेरे घर में कोई नही होता हे। में आशीष से कभी कुछ काम होगा तो उससे करा लूंगी।
मेरी माँ ने हाँ कह दिया आप कोई भी काम हो इस को बोल दिया करो। ये कर देगा फिर क्या था सुनीता आंटी मुझको एक दो दिन मैं कुछ ना कुछ समान मगाती रहती थी और में उन के घर में जाता रहता पर कभी घर के अंदर नही जाता था। बाहर से उनको समान दे कर चला जाता था।
एक दिन आंटी ने मुझको कॉल किया की आशीष मेरे साथ तुम मार्केट चलो मुझको कुछ समान लेना है। उन दीनो बारिश हो रही थी। मैं आंटी के घर के बाहर आया और कॉल की आंटी मैं आ गया हूँ….. आंटी ने क्या साडी पहनी थी। रेड सिल्क कलर की सिल्की साडी। मैने इतना ध्यान नही दिया क्यूकी में आंटी के बारे में कभी भी गलत नही सोचता था।
में आंटी को बाइक में ले जाने लगा और आंटी को मार्केट ले आया। आंटी ने कुछ घर का समान लिया और फिर आंटी एक शॉप में गयी। जहा पेंटी और ब्रा मिलता था। में शॉप के बाहर ही रुक गया।
आंटी बोली आशीष क्या हुवा में बोला आंटी आप ही जाइए आंटी ने बोला चलो ना कोई दिक्कत नही है। आंटी के साथ अंदर चला गया आंटी ने शॉपकीपर से कुछ पेंटी और ब्रा मंगवाई। आंटी का साइज़ 42 था। आंटी ने 3 पेंटी और ब्रा पसंद कर ली और आंटी को में घर लाने लगा तभी बारिश होने लगी।
आंटी और में तोड़ा भीग गये। हम जैसे आंटी के घर पहुचे तभी बारिश तेज़ हो गयी। आंटी बोली आशीष अंदर चलो जल्दी से मैं बाइक लगा के आंटी के घर चल दिया।
आंटी ने अपने घर का दरवाजा खोला और हम अंदर गये। मैं आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था। आंटी ने कहा आशीष ये लो टॉवल जल्दी से ड्रेस उतार लो नही तो ठंड लग जायगी।
मैं कहा आंटी कोई बात नही में बारिश कम होते ही चला जाउगा। आंटी ने कहा अरे आशीष तुम्हारी ड्रेस पूरी भीग गयी है। तुम बीमार हो जाओगे। मैने आंटी की बात मान ली और ड्रेस उतार ली और टॉवल को पहन लिया और आंटी भी ड्रेस चेंज करने चली गयी। अपने रूम में। आंटी जब वापस आई तो क्या लग रही थी। वो पिंक कलर की नाइटी में आई और मेरे सामने आ कर बैठ गयी।
फिर आंटी बोली आशीष में चाय बना कर लाती हू। उस टाइम तक मेरे लिए आंटी के लिए कुछ ग़लत नही सोच रहा था। फिर आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आ कर बेठ गयी और हम दोनो चाय पिने लगे और आंटी इधर उधर की बाते करने लगी की।। आशीष तुम क्या करते और क्या करना चाहते हो।।
फिर आंटी कहने लगी आशीष में ब्रा चेक कर लू की साइज़ सही है या नही अगर सही नही होगा तो तुम चेंज कर लाना। फिर आंटी अंदर गयी और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझको आवाज़ मारी। आशीष ज़रा अंदर आना।
में टॉवल में ही अंदर गया और अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी। आंटी पेंटी और ब्रा में थी। ब्रा पहनने की कोशिस कर रही थी।
आंटी बोली अंदर आ जाओ। में हिम्मत करके अंदर गया और आंटी बोली आशीष ज़रा इसको पहनाना मुझसे हुक लग नही रहा। में बोला आंटी में… आंटी बोली तो क्या हुआ… में आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और चुपके चुपके उनके मोटे बोब्स देख रहा था। आंटी मुझसे पूछने लगी आशीष तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है…. मैं उस टाइम चुप रहा आंटी फिर बोली बताओ ना मैं किसी को नही बोलूंगी…..
मैं बोला आंटी ऐसी कोई बात नही हे। मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है। आंटी क्यू झूट बोल रहा हे। मैं बोला आंटी कोई मिली नही. . .
आंटी बोली तुमको किस तरह की लड़की चाहिए।। मैं बोला जो मुझको प्यार करे। आंटी बोली हा सही है. . मैने आंटी के ब्रा का हुक लगा दिया। आंटी मेरे सामने सीधी हो कर खड़ी हो गयी। उनके मोटे मोटे बोब्स देखा कर लंड खड़ा हो गया और टॉवल से साफ दिखने लगा। आंटी ने देख लिया।
फिर आंटी बोली आशीष ज़रा वो वाली लाना जो बाद में है।। मैं उस दूसरी ब्रा लेने गया। तब तक आंटी ने अपनी ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी मैं थी। मेरे दिमाग़ ही काम नही कर रहा था।
आंटी बोली लाओ। मैं लेकर आंटी के पास गया। आंटी बोली क्या हुवा आशीष कभी किसी ओरत को ऐसे नही देखा… मैं कहा नही आंटी… मेरे लंड की तरफ़ देखकर बोली ये क्या है… में बोला आंटी कुछ नही… आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी।
में पागल सा हो रहा था। आंटी ने मेरा टॉवल निकाल दिया। मैं अपने अंडरवेयर में था। आंटी मेरे लंड को अंडरवेयर के बाहर से हिलाने लगी मुझसे कंट्रोल नही हुआ मैं आंटी को बाहो में भर लिया और उन को किस करने लगा।
आंटी बोली आशीष काफ़ी टाइम से तेरे अंकल ने मुझको प्यार नही किया। इस लिए मैने ये सब करा अगर मैं तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नही करता क्योकि तुमको मुझ मैं क्या मिलेगा।
मैने बोला आंटी ऐसी बात नही है। में आपको आज से प्यार करुगा। आंटी मुझको किस करने लगी। मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड में लेटा दिया।
मैने आंटी की पेंटी के उपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बोब्स को चूसने लगा। आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी। मैने आंटी की पेंटी उतार दी मैने देखा आंटी की चूत में एक भी बाल नही है पूरी लाल चूत थी।
आंटी बोली मैंने आज ही साफ किया है। मुझे आज तुझसे जो मिलना था.. मैने कहा क्या बात है साली…
वो हँसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी। में उसके बोब्स चूसते चूसते उसकी नाभि को किस और चाटने लगा। उसने कहा आशीष अपनी आंटी को मत तड़पाओ प्लीज़ अपना लंड डालो। मैंने कहा अच्छा। मैने आंटी के पेरो को फेलाया और उनकी चूत में अपना लंड रखा। धीरे से अंदर डालना शुरू किया। एक झटका दिया आंटी की चीख निकल गयी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और आंटी की आवाज़ मुझको दीवाना करने लगी। हहा…आ.आ.. हम्म हहा…आई… मैने स्पीड से उनकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड करता रहा। आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया। पर मेरी स्पीड चल रही थी। 15 मिनट बाद मेरा भी निकलने वाला था।
मैंने पूछा आंटी कहा निकालू वो बोली बाहर निकाल दो। मेने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी के ऊपर ही निकाल दिया।
आंटी बोली अरे तूने अपनी आंटी को गन्दा कर दिया।। मैंने कहा आंटी लो इसको चुसो ना आंटी बोली ये सब अच्छा नही होता। मैने कहा आंटी प्लीज़।। वो मना करने लगी। मैने अपने लंड उसके मूह के अंदर डाल दिया और उनको चूसने को कहा वो मना करने लगी पर मैने कहा आप मुझसे प्यार नही करती।
फिर आंटी ने कहा ऐसा नही चलो मैं तुम्हारा लंड चूसती हु और वो मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे लंड को उसने पुरा सॉफ कर दिया और कहने लगी। तुम सबको इस में क्या मज़ा आता है।
तोड़ी देर बाद मेरा लंड तेय्यार होने लगा और आंटी अपनी आपको सॉफ करने गयी बाथरूम। फिर आंटी सॉफ होकर बाहर आई मेरा मन और कर रहा था।
मैने कहा आंटी अभी और करे आंटी क्यू नही। मैं आंटी को किस करने लगा और उनके बोब्स को चूसने लगा। मैने आंटी की चूत मैं फिर से अपने लंड को रखा और फिर से एक झटका मारा और अपना लंड पुरा अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा और आंटी अपनी कमर उपर नीचे करने लगी और मैं मारता रहा।
फिर आंटी को अपने उपर बैठाया और वो मेरे उपर लंड को पकड़कर उपर नीचे होने लगी। 15 मीं. तक करता रहा। फिर मैं आंटी को एक टेबल के ऊपर बैठाया और उन की चूत मैं अपना लंड डाल कर शॉट मारा।
फिर मैं उनको बेड पर लेटा कर मारने लगा। 30 मीं. बाद मेरा माल निकलने वाला था। मैंने आंटी के अंदर ही छोड़ दिया। आंटी बोली आशीष ये क्या किया।। मैंने कहा आंटी इसका असली मज़ा अंदर ही है और वो बोली तू बहुत बदमाश है चल हट मेरे उपर से।। मैं आंटी के उपर ही लेट गया और बोला आंटी रूको ना ज़रा आप को किस करने दो मैं आंटी के बोब्स चूसता रहा और आंटी के साथ तोड़ी देर सोया रहा।
शाम के 5 बज गये थे पर मेरा मन घर जाने हो नही कर रहा था। आंटी बोली घर नही जाना।। मैने कहा आंटी आप को छोड़ कर जाने का मन नही कर रहा। आंटी बोली तो क्या हुवा रुक जा अपनी आंटी के पास और प्यार कर पूरी रात। मैं कुश हुवा और सोचा आज सही टाइम है।
मैने घर मैं कॉल कर के बोला दिया आज मैं अपने दोस्त के यहा रुक गया हू। कुछ काम है। आंटी को बाहो मैं लेकर किस करने लगा। आंटी बोली रुक जा आज पूरी रात ही तेरी है।। पूरी रात मुझको प्यार करो। मैं खुशी से आंटी को कस के बाहो मैं जकड़ लिया और किस करता रहा और वो भी साथ देने लगी थोड़ी देर हम एक दूसरे को किस करते रहे।
फिर उसने कहा अभी तोड़ा आराम कर लो . . . हम बाद में प्यार करेगे। फिर वो अपनी नाईटी पहन कर किचन में गयी और तोड़ा खाने के लिए स्नेक लाई और बोली चलो खाते है।
मैंने कहा आंटी आप मेरे गोद में बेठो. . और आप मुझको अपने हाथो से खिलाओ। आंटी बोली ये अच्छी बात है चलो तुम टॉवल पहन लो। मैंने बोला आंटी कुछ नही होता में ऐसे ही आप को गोद मैं बेठाउगा। आंटी मेरे गोद मैं आकर बेठ गयी और अपने हाथो से स्नॅक खिलाने लगी। और हम आपस में बाते करने लगे। मैंने आंटी से पूछा आंटी आप ने कितने टाइम से सेक्स नही किया था। आंटी बोली मैं 2 साल से ऊपर हो गया है।
मैं बोला आंटी आप कैसे अपने आप को संभाल रही थी। वो बोली मैं अपने बोब्स से ही दिल कुश कर रही थी। मैं बोला आंटी आप के साथ सेक्स करके मज़ा आ रहा है। लगता ही नही आप की उम्र 40 है। आंटी बोली आज तुमको और मज़ा दुगी। मैं बोला आंटी आपके साथ साथ एक और मिले तो मज़ा आ जायेगा। आंटी बोली क्या कहा रहा है बदमाश।। मैं बोला आंटी आप की और कोई सहेली है तो उसको भी बुलाओ ना प्लीज़।। वो मना करने लगी मैंने कहा आप को मुझसे प्यार नही है इस लिए आप मेरा दिल तोड़ रही हो. . . वो नही ऐसी बात नही है. . .
फिर आंटी बोली मेरी एक सहेली है उसको भी सेक्स करना है। वो भी तेरे जैसा लंड खोज रही है।
मैंने कहा बुलाओ ना।। आज रात आप के और उसके साथ सेक्स का मज़ा लिया जाय।
आंटी बोली आज रात तो नही हो पायेगा। कल का ट्राइ करती हू। आंटी बोली आज अपनी आंटी को चोद कल तुझको 2 की चूत मिलेगी।
मैं कुश हुवा और आंटी को किस करने लगा और उन के बोब्स दबाने लगा। मैने कहा आंटी आपकी गांड का मज़ा चाहिय। आंटी ने कहा नही दर्द होगा. . मैंने कहा आंटी लेने दो ना… आंटी ने कहा चलो ले लो. . आंटी फ्रीज से मख्खन लेकर आई और मेरे लंड मैं लगाने लगी और अपनी गांड मैं भी लगा लिया। मैने आंटी को घोड़ी बना लिया। बेड पर लेजा कर और उनकी गांड मैं अपना लंड डालने लगा।
मख्खन होने के कारन लंड उनकी गांड में जाने लगा और आंटी की आवाज़ आने लगी। आआहहाअ…आ…उई।आ… आंटी को दर्द होने लगा।
आंटी बोली आशीष निकाल लंड।। मैंने कहा आंटी रूको अभी दर्द कम हो जायेगा और मैं अपनी स्पीड सुरु कर दी। मेरे लंड आंटी की गांड में पूरा चला गया और आंटी तड़पती रही पर मैने कुछ नही सुना और अपना लंड आंटी की गांड के अंदर बाहर करता हुवे झटके मारता रहा।
आंटी की आवाज़ भी कम होती जा रही थी और उनको भी मज़ा आने लगा। मैने आंटी की गांड 10 मीं. तक मारी मेरा लंड पूरा जोश में था। मैंने आंटी को सीधा किया और अपना लंड उनकी चूत मैं रखा और झटके मारना शुरू किया।
मैं आंटी को किस करने लगा और झटके मारता रहा। मेरा पानी निकलने वाला था। मैने स्पीड तेज की और मैने आंटी की चूत में ही निकाल दिया।
मेरा लंड अब शांत हो गया। मैंने टाइम देखा 10 बज गये थे। मैंने कहा आंटी अब मैं चलता हू। कल पूरी रात करना है। आंटी बोली आज भी करो ना.. मैंने कहा आंटी आज नही। वरना कल नही हो पायेगा।
मैने आंटी को बोला आंटी कल के लिए तेयार होना है। आज आराम कर लू और कल आपकी सहेली भी तो होगी। आंटी बोली देखो कल बात करती हु।
मैने कहा आंटी कल का पक्का है। मैं आप और आपकी सहेली ठीक हे.. आंटी हसने लगी और बोली अरे हा आशीष कल का पक्का बस।
और फिर में बाइक लेकर अपने घर की और चल दिया।
वो मेरी माँ की कुछ टाइम पहले ही नई सहेली बनी थी। फिर वो मेरे घर आने लगी सुनीता आंटी हमेशा साडी ही पहनती है। में उनके बारे में कभी कुछ गलत नही सोचता था। आंटी मेरे घर आई और मेरी माँ से कहने लगी। मेरे घर में कोई नही होता हे। में आशीष से कभी कुछ काम होगा तो उससे करा लूंगी।
मेरी माँ ने हाँ कह दिया आप कोई भी काम हो इस को बोल दिया करो। ये कर देगा फिर क्या था सुनीता आंटी मुझको एक दो दिन मैं कुछ ना कुछ समान मगाती रहती थी और में उन के घर में जाता रहता पर कभी घर के अंदर नही जाता था। बाहर से उनको समान दे कर चला जाता था।
एक दिन आंटी ने मुझको कॉल किया की आशीष मेरे साथ तुम मार्केट चलो मुझको कुछ समान लेना है। उन दीनो बारिश हो रही थी। मैं आंटी के घर के बाहर आया और कॉल की आंटी मैं आ गया हूँ….. आंटी ने क्या साडी पहनी थी। रेड सिल्क कलर की सिल्की साडी। मैने इतना ध्यान नही दिया क्यूकी में आंटी के बारे में कभी भी गलत नही सोचता था।
में आंटी को बाइक में ले जाने लगा और आंटी को मार्केट ले आया। आंटी ने कुछ घर का समान लिया और फिर आंटी एक शॉप में गयी। जहा पेंटी और ब्रा मिलता था। में शॉप के बाहर ही रुक गया।
आंटी बोली आशीष क्या हुवा में बोला आंटी आप ही जाइए आंटी ने बोला चलो ना कोई दिक्कत नही है। आंटी के साथ अंदर चला गया आंटी ने शॉपकीपर से कुछ पेंटी और ब्रा मंगवाई। आंटी का साइज़ 42 था। आंटी ने 3 पेंटी और ब्रा पसंद कर ली और आंटी को में घर लाने लगा तभी बारिश होने लगी।
आंटी और में तोड़ा भीग गये। हम जैसे आंटी के घर पहुचे तभी बारिश तेज़ हो गयी। आंटी बोली आशीष अंदर चलो जल्दी से मैं बाइक लगा के आंटी के घर चल दिया।
आंटी ने अपने घर का दरवाजा खोला और हम अंदर गये। मैं आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था। आंटी ने कहा आशीष ये लो टॉवल जल्दी से ड्रेस उतार लो नही तो ठंड लग जायगी।
मैं कहा आंटी कोई बात नही में बारिश कम होते ही चला जाउगा। आंटी ने कहा अरे आशीष तुम्हारी ड्रेस पूरी भीग गयी है। तुम बीमार हो जाओगे। मैने आंटी की बात मान ली और ड्रेस उतार ली और टॉवल को पहन लिया और आंटी भी ड्रेस चेंज करने चली गयी। अपने रूम में। आंटी जब वापस आई तो क्या लग रही थी। वो पिंक कलर की नाइटी में आई और मेरे सामने आ कर बैठ गयी।
फिर आंटी बोली आशीष में चाय बना कर लाती हू। उस टाइम तक मेरे लिए आंटी के लिए कुछ ग़लत नही सोच रहा था। फिर आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आ कर बेठ गयी और हम दोनो चाय पिने लगे और आंटी इधर उधर की बाते करने लगी की।। आशीष तुम क्या करते और क्या करना चाहते हो।।
फिर आंटी कहने लगी आशीष में ब्रा चेक कर लू की साइज़ सही है या नही अगर सही नही होगा तो तुम चेंज कर लाना। फिर आंटी अंदर गयी और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझको आवाज़ मारी। आशीष ज़रा अंदर आना।
में टॉवल में ही अंदर गया और अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी। आंटी पेंटी और ब्रा में थी। ब्रा पहनने की कोशिस कर रही थी।
आंटी बोली अंदर आ जाओ। में हिम्मत करके अंदर गया और आंटी बोली आशीष ज़रा इसको पहनाना मुझसे हुक लग नही रहा। में बोला आंटी में… आंटी बोली तो क्या हुआ… में आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और चुपके चुपके उनके मोटे बोब्स देख रहा था। आंटी मुझसे पूछने लगी आशीष तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है…. मैं उस टाइम चुप रहा आंटी फिर बोली बताओ ना मैं किसी को नही बोलूंगी…..
मैं बोला आंटी ऐसी कोई बात नही हे। मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है। आंटी क्यू झूट बोल रहा हे। मैं बोला आंटी कोई मिली नही. . .
आंटी बोली तुमको किस तरह की लड़की चाहिए।। मैं बोला जो मुझको प्यार करे। आंटी बोली हा सही है. . मैने आंटी के ब्रा का हुक लगा दिया। आंटी मेरे सामने सीधी हो कर खड़ी हो गयी। उनके मोटे मोटे बोब्स देखा कर लंड खड़ा हो गया और टॉवल से साफ दिखने लगा। आंटी ने देख लिया।
फिर आंटी बोली आशीष ज़रा वो वाली लाना जो बाद में है।। मैं उस दूसरी ब्रा लेने गया। तब तक आंटी ने अपनी ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी मैं थी। मेरे दिमाग़ ही काम नही कर रहा था।
आंटी बोली लाओ। मैं लेकर आंटी के पास गया। आंटी बोली क्या हुवा आशीष कभी किसी ओरत को ऐसे नही देखा… मैं कहा नही आंटी… मेरे लंड की तरफ़ देखकर बोली ये क्या है… में बोला आंटी कुछ नही… आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी।
में पागल सा हो रहा था। आंटी ने मेरा टॉवल निकाल दिया। मैं अपने अंडरवेयर में था। आंटी मेरे लंड को अंडरवेयर के बाहर से हिलाने लगी मुझसे कंट्रोल नही हुआ मैं आंटी को बाहो में भर लिया और उन को किस करने लगा।
आंटी बोली आशीष काफ़ी टाइम से तेरे अंकल ने मुझको प्यार नही किया। इस लिए मैने ये सब करा अगर मैं तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नही करता क्योकि तुमको मुझ मैं क्या मिलेगा।
मैने बोला आंटी ऐसी बात नही है। में आपको आज से प्यार करुगा। आंटी मुझको किस करने लगी। मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड में लेटा दिया।
मैने आंटी की पेंटी के उपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बोब्स को चूसने लगा। आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी। मैने आंटी की पेंटी उतार दी मैने देखा आंटी की चूत में एक भी बाल नही है पूरी लाल चूत थी।
आंटी बोली मैंने आज ही साफ किया है। मुझे आज तुझसे जो मिलना था.. मैने कहा क्या बात है साली…
वो हँसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी। में उसके बोब्स चूसते चूसते उसकी नाभि को किस और चाटने लगा। उसने कहा आशीष अपनी आंटी को मत तड़पाओ प्लीज़ अपना लंड डालो। मैंने कहा अच्छा। मैने आंटी के पेरो को फेलाया और उनकी चूत में अपना लंड रखा। धीरे से अंदर डालना शुरू किया। एक झटका दिया आंटी की चीख निकल गयी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और आंटी की आवाज़ मुझको दीवाना करने लगी। हहा…आ.आ.. हम्म हहा…आई… मैने स्पीड से उनकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड करता रहा। आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया। पर मेरी स्पीड चल रही थी। 15 मिनट बाद मेरा भी निकलने वाला था।
मैंने पूछा आंटी कहा निकालू वो बोली बाहर निकाल दो। मेने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी के ऊपर ही निकाल दिया।
आंटी बोली अरे तूने अपनी आंटी को गन्दा कर दिया।। मैंने कहा आंटी लो इसको चुसो ना आंटी बोली ये सब अच्छा नही होता। मैने कहा आंटी प्लीज़।। वो मना करने लगी। मैने अपने लंड उसके मूह के अंदर डाल दिया और उनको चूसने को कहा वो मना करने लगी पर मैने कहा आप मुझसे प्यार नही करती।
फिर आंटी ने कहा ऐसा नही चलो मैं तुम्हारा लंड चूसती हु और वो मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे लंड को उसने पुरा सॉफ कर दिया और कहने लगी। तुम सबको इस में क्या मज़ा आता है।
तोड़ी देर बाद मेरा लंड तेय्यार होने लगा और आंटी अपनी आपको सॉफ करने गयी बाथरूम। फिर आंटी सॉफ होकर बाहर आई मेरा मन और कर रहा था।
मैने कहा आंटी अभी और करे आंटी क्यू नही। मैं आंटी को किस करने लगा और उनके बोब्स को चूसने लगा। मैने आंटी की चूत मैं फिर से अपने लंड को रखा और फिर से एक झटका मारा और अपना लंड पुरा अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा और आंटी अपनी कमर उपर नीचे करने लगी और मैं मारता रहा।
फिर आंटी को अपने उपर बैठाया और वो मेरे उपर लंड को पकड़कर उपर नीचे होने लगी। 15 मीं. तक करता रहा। फिर मैं आंटी को एक टेबल के ऊपर बैठाया और उन की चूत मैं अपना लंड डाल कर शॉट मारा।
फिर मैं उनको बेड पर लेटा कर मारने लगा। 30 मीं. बाद मेरा माल निकलने वाला था। मैंने आंटी के अंदर ही छोड़ दिया। आंटी बोली आशीष ये क्या किया।। मैंने कहा आंटी इसका असली मज़ा अंदर ही है और वो बोली तू बहुत बदमाश है चल हट मेरे उपर से।। मैं आंटी के उपर ही लेट गया और बोला आंटी रूको ना ज़रा आप को किस करने दो मैं आंटी के बोब्स चूसता रहा और आंटी के साथ तोड़ी देर सोया रहा।
शाम के 5 बज गये थे पर मेरा मन घर जाने हो नही कर रहा था। आंटी बोली घर नही जाना।। मैने कहा आंटी आप को छोड़ कर जाने का मन नही कर रहा। आंटी बोली तो क्या हुवा रुक जा अपनी आंटी के पास और प्यार कर पूरी रात। मैं कुश हुवा और सोचा आज सही टाइम है।
मैने घर मैं कॉल कर के बोला दिया आज मैं अपने दोस्त के यहा रुक गया हू। कुछ काम है। आंटी को बाहो मैं लेकर किस करने लगा। आंटी बोली रुक जा आज पूरी रात ही तेरी है।। पूरी रात मुझको प्यार करो। मैं खुशी से आंटी को कस के बाहो मैं जकड़ लिया और किस करता रहा और वो भी साथ देने लगी थोड़ी देर हम एक दूसरे को किस करते रहे।
फिर उसने कहा अभी तोड़ा आराम कर लो . . . हम बाद में प्यार करेगे। फिर वो अपनी नाईटी पहन कर किचन में गयी और तोड़ा खाने के लिए स्नेक लाई और बोली चलो खाते है।
मैंने कहा आंटी आप मेरे गोद में बेठो. . और आप मुझको अपने हाथो से खिलाओ। आंटी बोली ये अच्छी बात है चलो तुम टॉवल पहन लो। मैंने बोला आंटी कुछ नही होता में ऐसे ही आप को गोद मैं बेठाउगा। आंटी मेरे गोद मैं आकर बेठ गयी और अपने हाथो से स्नॅक खिलाने लगी। और हम आपस में बाते करने लगे। मैंने आंटी से पूछा आंटी आप ने कितने टाइम से सेक्स नही किया था। आंटी बोली मैं 2 साल से ऊपर हो गया है।
मैं बोला आंटी आप कैसे अपने आप को संभाल रही थी। वो बोली मैं अपने बोब्स से ही दिल कुश कर रही थी। मैं बोला आंटी आप के साथ सेक्स करके मज़ा आ रहा है। लगता ही नही आप की उम्र 40 है। आंटी बोली आज तुमको और मज़ा दुगी। मैं बोला आंटी आपके साथ साथ एक और मिले तो मज़ा आ जायेगा। आंटी बोली क्या कहा रहा है बदमाश।। मैं बोला आंटी आप की और कोई सहेली है तो उसको भी बुलाओ ना प्लीज़।। वो मना करने लगी मैंने कहा आप को मुझसे प्यार नही है इस लिए आप मेरा दिल तोड़ रही हो. . . वो नही ऐसी बात नही है. . .
फिर आंटी बोली मेरी एक सहेली है उसको भी सेक्स करना है। वो भी तेरे जैसा लंड खोज रही है।
मैंने कहा बुलाओ ना।। आज रात आप के और उसके साथ सेक्स का मज़ा लिया जाय।
आंटी बोली आज रात तो नही हो पायेगा। कल का ट्राइ करती हू। आंटी बोली आज अपनी आंटी को चोद कल तुझको 2 की चूत मिलेगी।
मैं कुश हुवा और आंटी को किस करने लगा और उन के बोब्स दबाने लगा। मैने कहा आंटी आपकी गांड का मज़ा चाहिय। आंटी ने कहा नही दर्द होगा. . मैंने कहा आंटी लेने दो ना… आंटी ने कहा चलो ले लो. . आंटी फ्रीज से मख्खन लेकर आई और मेरे लंड मैं लगाने लगी और अपनी गांड मैं भी लगा लिया। मैने आंटी को घोड़ी बना लिया। बेड पर लेजा कर और उनकी गांड मैं अपना लंड डालने लगा।
मख्खन होने के कारन लंड उनकी गांड में जाने लगा और आंटी की आवाज़ आने लगी। आआहहाअ…आ…उई।आ… आंटी को दर्द होने लगा।
आंटी बोली आशीष निकाल लंड।। मैंने कहा आंटी रूको अभी दर्द कम हो जायेगा और मैं अपनी स्पीड सुरु कर दी। मेरे लंड आंटी की गांड में पूरा चला गया और आंटी तड़पती रही पर मैने कुछ नही सुना और अपना लंड आंटी की गांड के अंदर बाहर करता हुवे झटके मारता रहा।
आंटी की आवाज़ भी कम होती जा रही थी और उनको भी मज़ा आने लगा। मैने आंटी की गांड 10 मीं. तक मारी मेरा लंड पूरा जोश में था। मैंने आंटी को सीधा किया और अपना लंड उनकी चूत मैं रखा और झटके मारना शुरू किया।
मैं आंटी को किस करने लगा और झटके मारता रहा। मेरा पानी निकलने वाला था। मैने स्पीड तेज की और मैने आंटी की चूत में ही निकाल दिया।
मेरा लंड अब शांत हो गया। मैंने टाइम देखा 10 बज गये थे। मैंने कहा आंटी अब मैं चलता हू। कल पूरी रात करना है। आंटी बोली आज भी करो ना.. मैंने कहा आंटी आज नही। वरना कल नही हो पायेगा।
मैने आंटी को बोला आंटी कल के लिए तेयार होना है। आज आराम कर लू और कल आपकी सहेली भी तो होगी। आंटी बोली देखो कल बात करती हु।
मैने कहा आंटी कल का पक्का है। मैं आप और आपकी सहेली ठीक हे.. आंटी हसने लगी और बोली अरे हा आशीष कल का पक्का बस।
और फिर में बाइक लेकर अपने घर की और चल दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.