11-01-2021, 04:49 PM
मेरा नाम विक्की है, मैं मुंबई में जॉब करता हूँ. मेरी दीदी शालिनी, मुझसे २ साल बड़ी है. शालिनी दीदी ३० साल की एक कामुक महिला है. उनका रिसेंटली डाइवोर्स हो गया है. अब वो मेरे पास ही रहती है. दीदी मेरा बहुत ख्याल रखती है. घर के काम और खाना बनाना वही करती है.
शालिनी दीदी बहुत ही खूबसूरत लड़की है, उनका फिगर ३८-३०-४०. क्यू दोस्तों गरम हो गए ना दीदी का फिगर सुनकर. बड़ी बड़ी तरबूज के साइज की चूचियां, जो हमेशा ब्लाउज से बाहर आने को मचलते रहते है. दीदी की हाइट ५’८” है, वो किसी हाई फाई मॉडल की तरह तन कर चलती है, जिससे चूचियां पहाड़ की तरह निकल अति है. और ऊपर से उभरी हुई भारी चुत्तड़ कयामत ढाती है.
एक बार मैं अपने कमरे में मूवी देख रहा था, उसमे एक हॉट सीन देख कर गरम हो गया. और मैं मूठ मरने लगा. मेरा लण्ड ८” बड़ा है और काफी मोटा है. मैं आंख बंद करके मूठ मारने में बिजी था, उसी वक़्त दीदी रूम में आ गयी.
दीदी: विक्की क्या कर रहा है ये
मैं: ओह्ह्ह .. सॉरी दीदी…
दीदी: कोई बात नहीं भाई, तुम जवान हो गए हो, तुम हिला लो अपना लण्ड
दीदी: अरे भाई शर्मा मत.. मार ले मूठ
दीदी की बात सुनकर मैं चौक गया.. मेरा लण्ड अभी भी टाइट था. इसलिए मैं मूठ मारने लगा..
मैं: अह्ह्ह्हह्हह … सॉरी दीदी..
दीदी: कुछ नहीं भाई.. रुक मैं तेरी हेल्प करती हो
दीदी ने अपना साड़ी का पल्लू गिरा दिया. उफ्फ्फ्फ़ क्या नजारा था, क्लीवेज पूरा दिख रहा था. बहुत ही टाइट ब्लाउज पहना था दीदी ने, जिससे उनकी आधी से ज्यादा चूचियां नंगी थी….
दीदी: भाई… इन चूचियों को देख कर मूठ मार
मैं: अह्हह्ह्ह्ह… आआह्ह्ह… उफ्फ्फ दीदी क्या चूचियां है…
मैं बहुत तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था. दीदी अपनी ब्लाउज का बटन खोलते ही जा रही थी. क्या बड़ी बड़ी चूचियां थी साली की…
मैं: आआह्ह्हह्ह्ह्ह… दीदी….. क्या आम है दीदी आपके… अह्ह्ह्हह
फिर मैं बहुत जोर से झडा. और बिस्तर पर लेट गया..
दीदी: भाई मजा आया की नहीं..
मैं: उफ्फ्फ दीदी बहुत मजा आया
दीदी: भाई तू मेरे होते हुए लण्ड मत हिलाया कर. तेरी दीदी तेरा ख्याल रखेगी
फिर दीदी वहा से चली गयी, और मैं दीदी की बातों का मतलब सोचने लगा. मैं इतनी बुरी तरह झडा था की नींद आ गयी.
दूसरे दिन सुबह मैं टीवी देख रहा था, और दीदी पोछा लगा रही थी. दीदी उस समय ब्लाउज और पेटीकोट में थी. उनका गदराया बदन किसी का भी लण्ड खड़ा कर दे. ब्लाउज का गला काफी बड़ा था, जिससे उनकी फुटबॉल जैसी चूचियों के दर्शन हो रहे थे. वो पूरी तरह पसीने से भीगी हुई थी. ब्लाउज चूचियों से चिपक कर उसे और सेक्सी बना रही थी. मेरे से रहा नहीं गया और फिर मैं मूठ मारने अपने कमरे में चला गया. मैं अपना लण्ड बाहर निकल कर मूठ मारने ही वाला था की मेरे पीछे दीदी भी मेरे कमरे में आ गयी.
दीदी: भाई मुझे पता है की तू मूठ मारने वाला है
मैं: हाँ दीदी, आपकी गदरायी जवानी देखकर कण्ट्रोल नहीं हो रहा है
दीदी: भाई.. तू मेरे होते मूठ मारे अच्छा नहीं लगता
मैं: तो क्या करू इस खड़े लण्ड का दीदी
दीदी: भाई बहुत जालिम लण्ड है तेरा, आ डाल दे इसे मेरी बूर में और बुझा ले अपनी प्यास
मैं: सच दीदी
मैं: हां भाई.. मैं भी प्यासी हूँ. आ चोद ले अपनी दीदी और बना ले अपनी रखैल
दीदी: उफ्फ्फ दीदी.. यू आर सो स्वीट
मैंने दीदी को अपनी ओर खींचा और किश करने लगा. मेरा हाथ पेटीकोट के ऊपर से दीदी की विशालकाय गांड को मसल रहा था. दीदी की हर साँस के साथ उनकी चूचियां ऊपर निचे हो रही थी.. उनकी गुलाबी होठो को खूब चूसा मैंने. अब मैंने दीदी की चूचियों को दबाने लगा.
दीदी: आआअह्हह्ह्ह्ह भाई… जोर से मसल इन्हे.. चूस डाल
मैं: दीदी इतनी बड़ी बड़ी चूचियां है आपकी… मजा आ रहा है दबाने में
दीदी: निचोड़ दे इन चूचियों को
मैंने दीदी का ब्लाउज खोल दिया. उनकी चूचियां फुटबॉल के साइज की थी. जिसे मैंने खूब चूसा और दबाया
मैं: बहुत मस्त बॉल है दीदी आपकी
दीदी: भाई.. जल्दी चोद ना मुझे .. अह्ह्ह्हह …आअह्ह्ह्हह
दीदी ने अपनी पेटीकोट उतरी और मेरे लण्ड पर बैठ गयी. लण्ड दीदी की बूर को चीरता हुआ पूरा अंदर घुस गया था…. दीदी ने अपनी दोनों टांगे मेरी कमर से लॉक कर दिया और मुझे हग करके चोदने लगी.
दीदी: आअह्ह्ह्हह. भाई….. फ़क मी भाई
मैं: दीदी चोद तो आप रही है मुझे.. आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह .. बहुत मजा आ रहा है
मेरा लण्ड बहुत तेजी से दीदी की बूर को चोद रहा था. फचच च .. फच्च की मधुर आवाज रूम में गूँज रही थी..
दीदी: भाईईईई … मजा आ रहा है अपनी दीदी को चोद कर
मैं: आअह्ह्ह्हह … दीदी आपकी जैसी माल अगर बिस्तर गरम करे तो मजा ही आ जाये
दीदी: फ़क मी विक्की .. चोद अपनी रखैल को..
मैं बहुत तेजी से दीदी को चोद रहा था. उनकी बड़ी बड़ी नंगी चूचियों को दबा दबा कर उनके साथ सम्भोग कररहा था
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाईई
मैंने दीदी को ४० मिनट चोदा और झड गया.
शालिनी दीदी बहुत ही खूबसूरत लड़की है, उनका फिगर ३८-३०-४०. क्यू दोस्तों गरम हो गए ना दीदी का फिगर सुनकर. बड़ी बड़ी तरबूज के साइज की चूचियां, जो हमेशा ब्लाउज से बाहर आने को मचलते रहते है. दीदी की हाइट ५’८” है, वो किसी हाई फाई मॉडल की तरह तन कर चलती है, जिससे चूचियां पहाड़ की तरह निकल अति है. और ऊपर से उभरी हुई भारी चुत्तड़ कयामत ढाती है.
एक बार मैं अपने कमरे में मूवी देख रहा था, उसमे एक हॉट सीन देख कर गरम हो गया. और मैं मूठ मरने लगा. मेरा लण्ड ८” बड़ा है और काफी मोटा है. मैं आंख बंद करके मूठ मारने में बिजी था, उसी वक़्त दीदी रूम में आ गयी.
दीदी: विक्की क्या कर रहा है ये
मैं: ओह्ह्ह .. सॉरी दीदी…
दीदी: कोई बात नहीं भाई, तुम जवान हो गए हो, तुम हिला लो अपना लण्ड
दीदी: अरे भाई शर्मा मत.. मार ले मूठ
दीदी की बात सुनकर मैं चौक गया.. मेरा लण्ड अभी भी टाइट था. इसलिए मैं मूठ मारने लगा..
मैं: अह्ह्ह्हह्हह … सॉरी दीदी..
दीदी: कुछ नहीं भाई.. रुक मैं तेरी हेल्प करती हो
दीदी ने अपना साड़ी का पल्लू गिरा दिया. उफ्फ्फ्फ़ क्या नजारा था, क्लीवेज पूरा दिख रहा था. बहुत ही टाइट ब्लाउज पहना था दीदी ने, जिससे उनकी आधी से ज्यादा चूचियां नंगी थी….
दीदी: भाई… इन चूचियों को देख कर मूठ मार
मैं: अह्हह्ह्ह्ह… आआह्ह्ह… उफ्फ्फ दीदी क्या चूचियां है…
मैं बहुत तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था. दीदी अपनी ब्लाउज का बटन खोलते ही जा रही थी. क्या बड़ी बड़ी चूचियां थी साली की…
मैं: आआह्ह्हह्ह्ह्ह… दीदी….. क्या आम है दीदी आपके… अह्ह्ह्हह
फिर मैं बहुत जोर से झडा. और बिस्तर पर लेट गया..
दीदी: भाई मजा आया की नहीं..
मैं: उफ्फ्फ दीदी बहुत मजा आया
दीदी: भाई तू मेरे होते हुए लण्ड मत हिलाया कर. तेरी दीदी तेरा ख्याल रखेगी
फिर दीदी वहा से चली गयी, और मैं दीदी की बातों का मतलब सोचने लगा. मैं इतनी बुरी तरह झडा था की नींद आ गयी.
दूसरे दिन सुबह मैं टीवी देख रहा था, और दीदी पोछा लगा रही थी. दीदी उस समय ब्लाउज और पेटीकोट में थी. उनका गदराया बदन किसी का भी लण्ड खड़ा कर दे. ब्लाउज का गला काफी बड़ा था, जिससे उनकी फुटबॉल जैसी चूचियों के दर्शन हो रहे थे. वो पूरी तरह पसीने से भीगी हुई थी. ब्लाउज चूचियों से चिपक कर उसे और सेक्सी बना रही थी. मेरे से रहा नहीं गया और फिर मैं मूठ मारने अपने कमरे में चला गया. मैं अपना लण्ड बाहर निकल कर मूठ मारने ही वाला था की मेरे पीछे दीदी भी मेरे कमरे में आ गयी.
दीदी: भाई मुझे पता है की तू मूठ मारने वाला है
मैं: हाँ दीदी, आपकी गदरायी जवानी देखकर कण्ट्रोल नहीं हो रहा है
दीदी: भाई.. तू मेरे होते मूठ मारे अच्छा नहीं लगता
मैं: तो क्या करू इस खड़े लण्ड का दीदी
दीदी: भाई बहुत जालिम लण्ड है तेरा, आ डाल दे इसे मेरी बूर में और बुझा ले अपनी प्यास
मैं: सच दीदी
मैं: हां भाई.. मैं भी प्यासी हूँ. आ चोद ले अपनी दीदी और बना ले अपनी रखैल
दीदी: उफ्फ्फ दीदी.. यू आर सो स्वीट
मैंने दीदी को अपनी ओर खींचा और किश करने लगा. मेरा हाथ पेटीकोट के ऊपर से दीदी की विशालकाय गांड को मसल रहा था. दीदी की हर साँस के साथ उनकी चूचियां ऊपर निचे हो रही थी.. उनकी गुलाबी होठो को खूब चूसा मैंने. अब मैंने दीदी की चूचियों को दबाने लगा.
दीदी: आआअह्हह्ह्ह्ह भाई… जोर से मसल इन्हे.. चूस डाल
मैं: दीदी इतनी बड़ी बड़ी चूचियां है आपकी… मजा आ रहा है दबाने में
दीदी: निचोड़ दे इन चूचियों को
मैंने दीदी का ब्लाउज खोल दिया. उनकी चूचियां फुटबॉल के साइज की थी. जिसे मैंने खूब चूसा और दबाया
मैं: बहुत मस्त बॉल है दीदी आपकी
दीदी: भाई.. जल्दी चोद ना मुझे .. अह्ह्ह्हह …आअह्ह्ह्हह
दीदी ने अपनी पेटीकोट उतरी और मेरे लण्ड पर बैठ गयी. लण्ड दीदी की बूर को चीरता हुआ पूरा अंदर घुस गया था…. दीदी ने अपनी दोनों टांगे मेरी कमर से लॉक कर दिया और मुझे हग करके चोदने लगी.
दीदी: आअह्ह्ह्हह. भाई….. फ़क मी भाई
मैं: दीदी चोद तो आप रही है मुझे.. आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह .. बहुत मजा आ रहा है
मेरा लण्ड बहुत तेजी से दीदी की बूर को चोद रहा था. फचच च .. फच्च की मधुर आवाज रूम में गूँज रही थी..
दीदी: भाईईईई … मजा आ रहा है अपनी दीदी को चोद कर
मैं: आअह्ह्ह्हह … दीदी आपकी जैसी माल अगर बिस्तर गरम करे तो मजा ही आ जाये
दीदी: फ़क मी विक्की .. चोद अपनी रखैल को..
मैं बहुत तेजी से दीदी को चोद रहा था. उनकी बड़ी बड़ी नंगी चूचियों को दबा दबा कर उनके साथ सम्भोग कररहा था
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाईई
मैंने दीदी को ४० मिनट चोदा और झड गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.