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Incest मेरी हवस का नाम कंचन दीदी
#7
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी आज तो आप बहुत ही सेक्सी लग रही हो..

कंचन: ओफ्फफ्फ्फ़ चल अब जल्दी घर पहुंचने में लेट हो जाएगी…. अभी भी एक घंटे का सफर बाकी है
हमदोनो वापस कार में बैठे और चल पड़े.. दीदी को थोड़ी देर में नींद आ गयी और वो सो गयी.. मैं कार चला रहा था और दीदी के बदन को निहार रहा था.. दीदी की साड़ी का पल्लू थोड़ा हटा हुआ था जिससे उसके बड़े बड़े आम मस्त दिख रहे थे.. दीदी की मोटी मोटी चूचियां उनकी सांसो के साथ ऊपर निचे हो रही थी.. गोरी नंगी पेट बहुत ही सेक्सी लग रही थी.. रात के १० बज चुके थे और अब हम दीदी के घर के काफी करीब पहुंच चुके थे… मैंने कार हाईवे से मोड़ कर एक सर्विस लाइन में ले गया जो दीदी के घर की तरफ जाती है.. रात की वजह से वो रोड काफी सुनसान था.. मैंने अपनी कार साइड करके रोक दी.. अचानक ब्रेक लगने के वजह से दीदी की भी नींद खुल गयी..
कंचन: अरे रोहित.. यहा कहा गाडी रोक दी थोड़ी देर में तो हम घर पहुंच जाते..
मैं: दीदी अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है
कंचन: कण्ट्रोल नहीं हो रहा है मतलब
मैं: दीदी घर पहुंचने से पहले मैं आपको एक बार चोदना चाहता हूँ
कंचन: रोहित तू पागल हो गया है क्या.. पहले घर चल फिर मौका मिलेगा तो देखेंगे..
मैं: नहीं दीदी अब मुझसे रहा नहीं जाता.. आपके कामुक बदन ने मेरे अंदर की आग भड़का दी है अब आपको पेले भी ये शांत नहीं होगी..
कंचन: पर भाई यहाँ कहा करेंगे…. घर चल कर देखते है
मैं: नहीं दीदी घर में जीजाजी होंगे मौका नहीं मिलेगा… चलो ना कार की पीछे वाली सीट पर करते है
कंचन: भाई कोई आ जायेगा… बेकार का फंस जायेंगे हम
मैं: कुछ नहीं होगा दीदी.. पूरा रोड शुनशान है.. कितनी देर से कोई गुजरा नहीं है इस रोड से.. और वैसे भी कार में वन वे विंडो लगा हुआ है.. बाहर से किसीको कुछ नहीं दिखेगा की क्या हो रहा है… प्लीज दीदी मान जाओ ना..
मैंने दीदी को किश किया और उनकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से प्रेस करने लगा.. आह्ह्ह्हह उउउउउ रोहित तू ऐसे नहीं मानेगा.. जा पीछे मैं आती हूँ
मैंने कार के अंदर की लाइट जला दी और पीछे की सीट में जाकर बैठगया.. फ्रंट सीट्स को मैंने एडजस्ट कर दिया जिससे पीछे काफी जगह बन गयी.. थोड़ी देर दीदी भी पीछे और सामने से आकर मेरी गोद में बैठ गयी.. दीदी मुझे किश करने लगी… उफ्फफ्फ्फ़ भाई कब से तूने मेरी चुत गीली कर रखी है… मैं दीदी को बेतहासा चूमने लगा.. दीदी के चेहरे, होठो, नैक और छाती को किश करने लगा… मैंने दीदी की ब्लाउज के २ बटन्स खोल दिये और कंधे से ब्लाउज को सरका दिया… अब दीदी की क्लीवेज लाइन और डीप दिख रही थी.. बड़े बड़े चुच्चे अब और भी नंगे हो गए थे.. मैं दीदी की छाती को चुम रहा था और दोनों हाथो से उनकी चूचियों को दबा रहा था.. बहुत ही सॉफ्ट और भरे हुए आम थे जिसे दबाने में बहुत ही मजा आ रहा था.. दीदी जोर जोर से मॉन कर रही थी…. आअह्ह्ह्ह रोहित तूने तो मेरी आग और भड़का दी है.. अब जल्दी से पेल दे अपनी दीदी को
मैंने अपना पैंट उतार दिया.. दीदी को थोड़ा ऊपर उठाया और साड़ी के अंदर से उनकी चड्डी उतार दी… फिर मैंने दीदी की साड़ी ऊपर की और दीदी को अपने लंड पर बैठाया.. लंड धीरे धीरे दीदी की बूर चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया… उईईईईई माँ कितना मोटा लंड है भाई तेरा.. मेरी बूर फट जाती है तेरा लौड़ा लेकर.. अह्ह्ह्हह्हह उह्ह्हह्ह
मेरा 9″ का लौड़ा दीदी की बूर में पूरा धंस चूका था.. अब दीदी गांड उठा उठा कर मेरे लंड पर कूद रही थी.. मेरा लंड की फच फच करके दीदी की चुदाई कर रहा था.. अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह भाई और चोद भाई… फाड़ दे मेरी चुत बहनचोद..
उफ्फफ्फ्फ़ दीदी आप तो मेरे सपनो की रानी हो.. मस्त टाइट चुत है आपकी… अह्ह्ह्हह दीदी और चोदो अपने भाई को..
दीदी बहुत तेजी से लंड पर कूद रही थी.. दीदी चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.. ओह्ह्ह्हह्ह भाई तेरा जवान लौड़ा मेरी चुत की बैंड बजा रहा है… आह्ह्ह्हह भाई और चोदो अपनी दीदी को… मैंने दीदी के ब्लाउज की साड़ी बटन्स उतार दिए और उनकी चूचियों को कैद से आजाद कर दिया.. मैंने दीदी की चूचियों को पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगा… अह्हह्ह्ह्ह भाई और जोर से दबा इन्हे..
पूरा कार हमारी चुदाई की वजह से हिल रहा था.. वहा से एक यंग कपल गुजर रहा था उन्होंने कार को जोर जोर से हिलते हुए देख कर अंदाज लगा लिया की अंदर चुदाई चल रही है.. उन्होंने विंडो से झाकने की कोशिश भी की पर उन्हें कुछ दिखा नहीं.. पर हम सब अंदर से देख रहे थे… दीदी ने चुदाई की स्पीड कम नहीं की… फिर वो कपल हसते हुए वहा से चले गए और हमदोनो भी अंदर में हसने लगे..
दीदी पूरी ताकत से मेरे लंड पर कूद रही थी और लंड फचा फच दीदी की बूर चोद रहा था.. हर शॉट के साथ दीदी की चूचियां हवा में उछल रही थी, जिसे मैं चूस चूस कर दबा रहा था…
ओह्ह्ह्ह दीदी.. क्या रसीले आम है आपके.. मन कर रहा है बस इन्हे दबाता और चूसता रहु
अह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह साले हरामी… तेरी नजर तो हमेशा मेरी चूचियों पर ही रहती है
उफ्फ्फ्फ़ दीदी आपकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी है की मुंह में पानी आ जाता है.. क्या मस्त भरी और तनी हुई चूचियां है आपकी…
मेरा लंड पूरा जड़ तक दीदी की बूर में घुस रहा था और बाहर हो रहा था.. मैं दीदी को हग करके जोर जोर से पेल रहा था….
ओह्ह्ह्हह रोहित.. फक मी डार्लिंग….
अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है दीदी… आई लव यू दीदी..
अह्ह्ह्हह रोहित… आई लव यू टू बेबी.. कीप फकिंग माय पुसी… अह्हह्ह्ह्ह आईईईई और चोद मेरे यार
दीदी अब मैं आपकी पीछे से मारना चाहता हूँ
उईईई अह्ह्ह्हह भाई पर यहाँ इतनी जगह नहीं है
दीदी बाहर में अच्छे से जो जायेगा..
तू आज मरवा कर ही रहेगा.. कोई आ गया तो
कोई नहीं आएगा.. मैं देखता रहूँगा
चल ठीक है..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मेरी हवस का नाम कंचन दीदी - by neerathemall - 11-01-2021, 04:43 PM



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