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Fantasy जिया की कामुकता
#6
जिया अब घर के अंदर और बाहर सिर्फ सेक्स की दुनिया में खोई रहती थी तो मुझे अब सप्ताह में एक बार शारीरिक सम्बन्ध बनाने का जी करने लगा तो मेरी सुंदरता भले ही किसी को ना रिझाए लेकिन लड़की हूं तो लड़के की जरूरत और विपरीत लिंगों के बीच आकर्षण तो स्वाभाविक क्रिया है, पैतृक गांव से लौटने के बाद एक शाम नितिन, जोकि मेरे बड़े भाई हैं साथ ही मुझसे उम्र में ३-४ साल बड़े उनके साथ एक रात संभोग सुख प्राप्त कर ली तो वो मेरी मजबूरी थी या मर्जी मैं क्या बताऊं, आखिर डर चुकी थी कि मेरी तस्वीर जोकि रोहित के साथ है कहीं भैया डैड और मॉम को ना दिखा दें तो मैं मजबूरी वश उनके सामने सेक्सी ड्रेस पहन गई थी लेकिन मजबूरी में उनके साथ बिस्तर गरम करना कहिए तो मेरी मर्जी हो गई जब उनके ६-७ इंच लंबे लंड को मुंह में लेकर चूस ली फिर चुदवा ली तो भैया शाम के समय बालकनी में अकेले बैठे हुए थे और मैं डायनिंग हॉल में बैठ टी वी देख रही थी ” जिया एक कप चाय बनाना
( मैं बोली ) जी अभी लाई ” फिर किचन जाकर दो कप चाय बनाई और बालकनी लेकर आई तो भैया कुर्सी पर बैठ मोबाईल पर किसी से बात कर रहे थे और मै सामने की कुर्सी पर बैठ गई और चाय की चुस्की लेते हुए उन्हें देख रही थी, अब वो मोबाइल पास पड़े टेबल पर रख दिए फिर चाय पीने लगे लेकिन उनकी नजर मेरे छाती पर ही होती और मैं शर्मिंदगी के मारे चेहरा झुकाए बैठी थी ” तुम तो चार पांच दिनों में अकेले बोर हो गई होगी
( मैं ) मॉम तो घर से बाहर निकलने तक नहीं दी और फिर कॉलेज में भी छुट्टी थी
( नितिन बोला ) ठीक है तू तैयार हो जा चल तुम्हे एक जगह घुमा लाता हूं ” मैं उनके हाथ से चाय का प्याला लेकर किचन में रखी फिर अपने रूम जाकर कपड़े बदलने लगी, बिन बाहों वाली टॉप्स साथ ही मीनिस्कर्ट पहन ली तो बाल संवार के अपना छोटा सा पर्स ली और डायनिंग हॉल आईं तो मॉम वहीं बैठे सब्जी काट रही थी ” किधर चली इतनी देर शाम
( नितिन अपने रूम से निकला ) मॉम उसे कुछ किताब खरीदनी है तो मुझे भी काम है मेरे साथ ही रहेगी ” फिर मैं चप्पल पहनी और नितिन के साथ घर से बाहर आईं, वो ब्लू रंग की जींस और टीशर्ट पहने हुए थे और फिर उन्होंने बाईक स्टार्ट किया तो जिया उनके पीछे बैठ गई, दोनों पैर एक ही दिशा में किए साथ ही उनसे थोड़ी दूरी बनाए और उनके कंधे पर हाथ रख मार्केट की ओर चल दी तो कुछ दूरी तय करने के बाद भैया बोले ” तुम कुछ ज्यादा ही पीछे बैठी हो, बाईक का संतुलन बिगड़ सकता है थोड़ा करीब हो जाओ
( मै उनसे चिपक गई तो मेरे दाहिने बूब्स उनके पीठ से चिपक चुके थे ) अब तो ठीक है नितिन ” और मैं अपना हाथ उनके कमर से लपेट दी, ठीक उनकी गर्ल फ्रेंड की तरह तो मेरा मिनी स्कर्ट जांघों तक को पूरी तरह से छुपा नहीं पा रहे थे और दोनों शॉपिंग मॉल पहुंचे तो मैं नितिन से पूछी ” यहां क्या, कुछ खरीदना है
( वो बोले ) तुम रुको मैं अभी आया ” फिर मैं बाईक के पास खड़ी थी तो कुछ मनचले मेरे छोटे ड्रेस से दिखते जांघों, पैर और बूब्स की ओर देख रहे थे तो मुझे लगा कि कोई नहीं वैसे भी अपने खूबसूरत जिस्म की नुमाइश करने के लिए ही तो ऐसे कपड़े पहनती हूं और फिर नीतीन आया तो उसके हाथ में एक प्लास्टिक बैग था, जरूर ये बियर या व्हिस्की खरीदे होंगे और मुझे देख पूछे ” क्या कुछ खरीदारी करनी है
( मैं बोली ) फिलहाल नहीं, लेकिन आप क्या खरीदे हैं ” वो कुछ नहीं बोले और बाईक स्टार्ट किए फिर मैं उनसे चिपककर बैठ गई तो नितिन घर की ओर जाने की बजाय चौराहे से मुड़कर दूसरी ओर जाने लगे तो अभी शाम के ०६:३० बजे होंगे फिर कुछ दूरी तय कर बाईक को एक पार्क के सामने खड़ी कर दिए, दोनों पार्क में घुसे तो नितिन प्लास्टिक बैग पकड़े हुए थे साथ ही मेरे कलाई को थामे मुझे पार्क के अंदर ले गया तो नगर निगम का ये पार्क कुछ खास मेंटेंड नहीं था और दोनों पार्क के कोने में झाड़ियों के पीछे बैठ गए तो मैं घांस पर बैठी थी वो भी घुटनों को मोड़कर तो स्कर्ट जांघो के उपरी हिस्से तक पहुंच चुका था और नितिन झट से बियर की बोतल खोल बोला ” ग्लास लेना भूल गया सो थोड़ा मैं और फिर तुम पी लेना ” भैया अपने पॉकेट से सिगरेट की डब्बे निकाले तो मैं उनसे सिगरेट लेकर सुलगाई फिर मैं भी बियर पीने लगी तो नितिन का मंशा दिखने लगा, मुझे बियर की बोतल थमाकर सीधे बूब्स पर हाथ रख पुचकारने लगे और मैं सिगरेट उनको बढ़ाते हुए बोली ” बस इसी काम के लिए इतनी दूर आए हैं
( नितिन मेरे चूची को टॉप्स पर से पकड़ दबा रहा था ) तो क्या घर में ही शुरू हो जाता, यहां सिर्फ ओरल और घर में देर रात क्या
( मैं सर झुकाए धीमे स्वर में बोली ) चुदाई और क्या ” तो एक बोतल बियर पीते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गए तो मैं नितिन के गोद में बैठ उसके गाल चूमने लगी और वो मेरे पीठ सहलाने लगा फिर मेरे गर्दन में हाथ डाले ओंठ पर चुम्बन देने लगा तो जिया भी कम नहीं थी, उसने नितिन के ओंठ को ही मुंह में ले लिया तो भैया मेरे टॉप्स को थोड़ा उपर किए पीठ सहलाते हुए मस्त थे। जिया नितिन के ओंठ मुंह से निकाल उसके मुंह में अपना जीभ घुसाई तो वो मेरे गर्दन में हाथ डाले जीभ चूसने लगा, मेरी दोनों चूचियां उसके छाती से चिपकी हुई थी तो मेरे मिनी स्कर्ट चूतड़ से उपर हो चुके थे जिसपर नितिन भैया हाथ फेरने लगे और फिर गान्ड के नीचे हाथ लगाकर चूत को पेंटी पर से ही सहलाने लगे, वाह रे भाई बहन का प्यार सबको तड़पा कर रख दे और उससे जीभ चुसवा चुसवा कर मेरी बदन में आग लग गई तो मैं अब उनके गोद से उतर फिर उनके जींस के बटन खोलने लगी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: जिया की कामुकता - by neerathemall - 11-01-2021, 03:29 PM



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