11-01-2021, 03:11 PM
वो मेरी ओर होकर ) मेकअप, साले दिख नहीं रहा है कि मैं निर्वस्त्र हूं और दो दिन ऐसे ही रहेंगे “फिर मैं नंगे ही डायनिंग हॉल में जाकर बैठ गया तो रेखा किचन के अंदर कॉफी बना रही थी, पल भर बाद वो आकर टेबल पर कप रखी तो उस क्रम में जैसे ही झुकी उसकी दोनों चूचियां थोड़ी लटक सी गई और मैं एक चूची पकड़कर दबा दिया तो वो मेरा हाथ हटाकर मेरे बगल में बैठ गई। दोनों नग्नावस्था में साथ बैठकर कॉफी पीने लगे तो मेरा ६-७ इंच लम्बा और डेढ़ इंच मोटा लंड फनफना रहा था और रेखा कॉफी पीते हुए मेरे लंड को पकड़ ली “इसको देखकर कौन साली अपनी चुत नहीं चूद्वाएगी
( मैं हंसते हुए बोला ) तेरी मॉम “तो वो थोड़ा झेंप गई, कप खाली हुआ फिर दोनों बेडरूम घुसे और रेखा बेड पर डॉगी स्टाइल में होकर अपनी इच्छा जताई तो मैं उसके चूतड़ के सामने बैठकर उसको सहलाने लगा और बोला “सो किया, किसके अंदर डालूं
( वो पीछे देख मुस्कुराई ) तेरी मर्जी वैसे चुत ही ठीक रहेगा “तो फिर मुझे क्या दिक्कत, तुरन्त ही उसके जांघों को फैलाकर लंड पकड़े चुत में घुसाने लगा तो रेखा की चुत आराम से मेरा आधा लंड निगल गई, उसके चुत की झिल्ली फटे लगभग ७-८ महीने हो चुके थे तो वो मेरे संग दर्जनों बार चुद्वा चुकी है और उसके चुत की लचक थोड़ी ढीली पड़ चुकी थी तो रेखा की कमर को पकड़े मैं जोर का धक्का उसकी चुत में दे मारा और वो “अबे हरामी आराम से पेल, लगता है अपनी मॉम को चोद रहा है
( मैं दनादन लंड पेलता हुआ ) मौका देगी तो उस साली को भी रुला दूंगा
( रेखा अपनी चूतड हिलाने लगी ) चल साले, पहले मुझे तो रुला “तो उसकी चुत की मैं जबरदस्त चुदाई करने लगा और वो गान्ड स्थिर रखे बस आहें भर रही थी “उह ओह ओह बहुत मजा आ रहा है जानू, पूरे ताकत से चोद मुझे “और राहुल सेक्सी लौंडिया की चुत चुदाई पूरे गति से करता हुआ मस्त था, उसकी गद्देदार गान्ड से मेरी कमर टकराकर दोनों को मजा दे रही थी तो मैं उसके एक चूची पकड़ दबाने लगा और उसकी चुत की गर्मी तेज थी फिर भी इस वक़्त चुदाई को रोकना मेरे वश में नहीं था और वो गान्ड को फिर से हिलाने लगी “उह ओह निकलेगा फिर चाटकर ही पेलना “और उसकी चुत रज से गीली हो गई तो मैं लंड को चुत से निकालकर उसे बेड पर लेटने को बोला फिर वो खुद अपने जांघें फैलाकर मुझसे चुत चटवाने लगी तो राहुल उसकी चुत मै जीभ घुसा घुसा कर रस का स्वाद लेने लगा फिर रेखा उठकर वाशरूम चलीं गई तो मेरा लंड पूरी तरह से गरम हो चुका था। वक़्त ११:१५ का हो चला था तो फिलहाल नाश्ता भी मैंने नहीं किया था, फिर रेखा आकर बेड पर लेटी तो उसके पर्स जोकि पलंग के पीछे बने शेल्फ पर थी को वो खोली और उससे एक गर्भ निरोधक दवाई मेरी ओर फेंकते हुए बोली “सब इंतजाम लेकर चलती हूं
( मैं टुडे गोली के स्ट्रीप को फाड़ा और चुत सहलाने लगा ) एक बात बता रानी
( वो ) हां पूछ ना
( मैं हंसते हुए बोला ) तेरी मॉम “तो वो थोड़ा झेंप गई, कप खाली हुआ फिर दोनों बेडरूम घुसे और रेखा बेड पर डॉगी स्टाइल में होकर अपनी इच्छा जताई तो मैं उसके चूतड़ के सामने बैठकर उसको सहलाने लगा और बोला “सो किया, किसके अंदर डालूं
( वो पीछे देख मुस्कुराई ) तेरी मर्जी वैसे चुत ही ठीक रहेगा “तो फिर मुझे क्या दिक्कत, तुरन्त ही उसके जांघों को फैलाकर लंड पकड़े चुत में घुसाने लगा तो रेखा की चुत आराम से मेरा आधा लंड निगल गई, उसके चुत की झिल्ली फटे लगभग ७-८ महीने हो चुके थे तो वो मेरे संग दर्जनों बार चुद्वा चुकी है और उसके चुत की लचक थोड़ी ढीली पड़ चुकी थी तो रेखा की कमर को पकड़े मैं जोर का धक्का उसकी चुत में दे मारा और वो “अबे हरामी आराम से पेल, लगता है अपनी मॉम को चोद रहा है
( मैं दनादन लंड पेलता हुआ ) मौका देगी तो उस साली को भी रुला दूंगा
( रेखा अपनी चूतड हिलाने लगी ) चल साले, पहले मुझे तो रुला “तो उसकी चुत की मैं जबरदस्त चुदाई करने लगा और वो गान्ड स्थिर रखे बस आहें भर रही थी “उह ओह ओह बहुत मजा आ रहा है जानू, पूरे ताकत से चोद मुझे “और राहुल सेक्सी लौंडिया की चुत चुदाई पूरे गति से करता हुआ मस्त था, उसकी गद्देदार गान्ड से मेरी कमर टकराकर दोनों को मजा दे रही थी तो मैं उसके एक चूची पकड़ दबाने लगा और उसकी चुत की गर्मी तेज थी फिर भी इस वक़्त चुदाई को रोकना मेरे वश में नहीं था और वो गान्ड को फिर से हिलाने लगी “उह ओह निकलेगा फिर चाटकर ही पेलना “और उसकी चुत रज से गीली हो गई तो मैं लंड को चुत से निकालकर उसे बेड पर लेटने को बोला फिर वो खुद अपने जांघें फैलाकर मुझसे चुत चटवाने लगी तो राहुल उसकी चुत मै जीभ घुसा घुसा कर रस का स्वाद लेने लगा फिर रेखा उठकर वाशरूम चलीं गई तो मेरा लंड पूरी तरह से गरम हो चुका था। वक़्त ११:१५ का हो चला था तो फिलहाल नाश्ता भी मैंने नहीं किया था, फिर रेखा आकर बेड पर लेटी तो उसके पर्स जोकि पलंग के पीछे बने शेल्फ पर थी को वो खोली और उससे एक गर्भ निरोधक दवाई मेरी ओर फेंकते हुए बोली “सब इंतजाम लेकर चलती हूं
( मैं टुडे गोली के स्ट्रीप को फाड़ा और चुत सहलाने लगा ) एक बात बता रानी
( वो ) हां पूछ ना
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
