11-01-2021, 03:10 PM
( मैं उसको देख मुस्कराया ) जानू अब तेरी चुत चाटूंगा फिर तू मेरे मुंह में रस छोड़ेगी साथ ही अगर जोर का लगे तो मूत भी देना
( वो ) चाट चुपचाप, मैं भला अपने आशिक के मुंह में क्यों मूतने लगुं “तो उसकी चुत के दोनों फांक फैलाया और जीभ से चाटते हुए जांघ पर हाथ फेर रहा था और रेखा “ओह आह बहुत गुदगुदी होने लगी, अब प्लीज़ मुझे लंड चूसने दे” मैं पल भर बुर चाटकर उठा तो वो मुझे देखते हुए जमीन पर बैठकर लंड पकड़ ली, अपने दोनों पैर के बल होकर वो लंड को अपने ओंठ पर रगड़ने लगी तो मैं मस्त हो रहा था फिर रेखा अपने मुंह में सुपाड़ा लेकर चूसने लगी तो मैं समझो स्वर्ग की सैर कर रहा था पर रेखा चुदवाने में भी एक्सपर्ट हो चुकी थी तो मुखमैथुन तो उसकी जरूरत थी, तुरन्त ही मेरा पूरा लंड अंदर घुसा कर चूसने लगी तो मैं उसके सर के पीछे हाथ लगाकर लंड चूस्वाता रहा लेकिन सब्र का बांध टूट गया तो उसके मुंह में ही लंड का धक्का देते हुए उसकी मुंह की चुदाई करने लगा और वो भी मेरे कमर को पकड़े अपने सर को आगे पीछे कर रही थी। रेखा मेरे पैर के सामने बैठे मेरे लंड को चूसकर मस्त कर चुकी थी, मैं उसके मुंह में लंड डाले खड़े खड़े उससे लंड चुसवा रहा था “उह ओह आह अब छोड़ो “तो वो लंड मुंह से निकालकर जीभ से चाटने लगी, पल भर बाद वो उठी तो राहुल उसके नग्न बदन पर शैंपू रगड़ने लगा और रेखा मेरे टाईट लंड को पकड़ धीरे धीरे हिला रही थी। मैं उसके बूब्स से गर्दन फिर पेट से कमर तक शैंपू करके जमीन पर बैठा तो उसके ब्रेड पकोड़ा समान चुत को सहलाता हुआ उसके मोटे चिकने जांघ पर शैंपू रगड़ने लगा, वो मुस्कुराते हुए पूछी “लेकिन राहुल अभी तो तुझे फूल एंट्री नहीं मिलने वाली
( वो ) चाट चुपचाप, मैं भला अपने आशिक के मुंह में क्यों मूतने लगुं “तो उसकी चुत के दोनों फांक फैलाया और जीभ से चाटते हुए जांघ पर हाथ फेर रहा था और रेखा “ओह आह बहुत गुदगुदी होने लगी, अब प्लीज़ मुझे लंड चूसने दे” मैं पल भर बुर चाटकर उठा तो वो मुझे देखते हुए जमीन पर बैठकर लंड पकड़ ली, अपने दोनों पैर के बल होकर वो लंड को अपने ओंठ पर रगड़ने लगी तो मैं मस्त हो रहा था फिर रेखा अपने मुंह में सुपाड़ा लेकर चूसने लगी तो मैं समझो स्वर्ग की सैर कर रहा था पर रेखा चुदवाने में भी एक्सपर्ट हो चुकी थी तो मुखमैथुन तो उसकी जरूरत थी, तुरन्त ही मेरा पूरा लंड अंदर घुसा कर चूसने लगी तो मैं उसके सर के पीछे हाथ लगाकर लंड चूस्वाता रहा लेकिन सब्र का बांध टूट गया तो उसके मुंह में ही लंड का धक्का देते हुए उसकी मुंह की चुदाई करने लगा और वो भी मेरे कमर को पकड़े अपने सर को आगे पीछे कर रही थी। रेखा मेरे पैर के सामने बैठे मेरे लंड को चूसकर मस्त कर चुकी थी, मैं उसके मुंह में लंड डाले खड़े खड़े उससे लंड चुसवा रहा था “उह ओह आह अब छोड़ो “तो वो लंड मुंह से निकालकर जीभ से चाटने लगी, पल भर बाद वो उठी तो राहुल उसके नग्न बदन पर शैंपू रगड़ने लगा और रेखा मेरे टाईट लंड को पकड़ धीरे धीरे हिला रही थी। मैं उसके बूब्स से गर्दन फिर पेट से कमर तक शैंपू करके जमीन पर बैठा तो उसके ब्रेड पकोड़ा समान चुत को सहलाता हुआ उसके मोटे चिकने जांघ पर शैंपू रगड़ने लगा, वो मुस्कुराते हुए पूछी “लेकिन राहुल अभी तो तुझे फूल एंट्री नहीं मिलने वाली
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
