11-01-2021, 03:10 PM
( मैं ) धीरे बोल साली, मॉम तो यहां चचेरी बहन रेखा को छोड़ गई है”तो रानी मुस्कराई फिर झाड़ू उठाकर बालकनी की ओर गई और मैं रेखा के रूम की ओर गया और वो नाईटी पहने बेड पर लेटी हुई थी “बाई कितने देर में काम निपटा देगी
( मैं हंसने लगा ) लगभग एक घंटा, क्यों
( वो ) ठीक है तब तक मैं आराम करती हूं “राहुल के बरमूडा के अंदर लंड अर्ध टाईट अवस्था में था तो मैं रेखा को छोड़कर डायनिंग हॉल आया तो बाई मॉम की रूम से सफाई करके निकल रही थी फिर वो मुझे देख मुस्कुराई और आखिरी कमरे में चली गई जिसमें रेखा आराम फरमा रही थी। मैं तभी उठकर मॉम के रूम घुसा फिर उनके ड्रॉअर में कंडोम के पैकेट खोजने लगा, मुझे मालूम था कि डैड मॉम को कॉन्डम लंड पर लगाकर ही चोदते है तो हमेशा उस ड्रॉअर में कंडोम की पैकेट होती है, लेकिन एक भी नहीं मिला तो मैं सोचा की दिन में एक बार सिर्फ ओरल सेक्स का ही आंनद लेते हैं फिर शाम को मार्केट से कंडोम खरीद लाएंगे, अब रानी किचन में बर्तन मांज रही थी तो मैं किचन जाकर उसे पीछे से दबोच लिया और तुरन्त ही उसकी चूची ब्लाऊज पर से दबा दिया, वो पीछे मुड़कर बोली “घर में इसलिए बहन को छोड़ आंटी गई हैं
( मैं ) पता है लेकिन तुम वक़्त निकालो तो मैं जगह की खोज करता हूं
( वो ) फिलहाल छोड़ो मुझे और कल बताती हूं कि कब और कहां मजा लेना है “तो मैं रानी को छोड़कर रेखा के रूम घुसा तो वो लेटे हुए हाथ में मोबाइल लिए कुछ देख रही थी तभी मैं उसके चेहरे के पास बैठकर उसके हाथ से मोबाईल छीन लिया तो वो हड़बड़ा कर उठी फिर मुझसे मोबाईल मांगने लगी “प्लीज़ भैया, दे दो मेरी मोबाईल
( मैं मोबाईल में पोर्न मूवी देखता हुआ ) अच्छा है पर इस स्टाइल में मजा देना भी होगा
( वो मेरे से मोबाईल छीन ली ) ठीक है फिलहाल तुम जाओ नहीं तो रानी क्या सोचेगी “मैं उठकर रूम से बाहर निकला तो वक़्त १०:४० हो चुके थे और मैं रानी को बोलकर “काम के बाद दरवाजा सटाकर चली जाना
( वो ) ठीक है”तो मैं अपने रूम जाकर कपड़े लिया फिर वाशरूम घुस गया, सोचा कि स्नान करके नाश्ता कर लिया जाय फिर मैं अपने बरमूडा और बनियान उतारकर झरने के नीचे नग्न स्नान करने लगा, मार्च का महीना तो गर्मी थोड़ी बहुत और मैं बदन भींगते ही साबुन लगाने लगा तो पूरा बदन साबुन की झाग से ढका हुआ था और जैसे ही मैं झरना पर हाथ लगाया, मेरी नजर दरवाजे की ओर गई तो मैं रेखा को नग्न अवस्था में देख तड़प उठा और वो १९ साल की मस्त माल जोकि मेरी चचेरी बहन है मेरी ओर मुस्कराते हुए बढ़ने लगी और वो बेझिझक मेरे बदन से लिपटकर मुझे चूमने लगी तो मेरा हाथ उसके चूतड़ से पीठ तक घूम रहा था और वो मेरे ओंठ चूम बोली “अब मुझे भी स्नान करना है ”
मैं झरना के नीचे अपनी चचेरी बहन रेखा के साथ था तो मेरे बदन पर लगे झाग उसके नग्न जिस्म से रगड़ खा रहे थे और वो मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे ओंठ पर चुम्बन देने लगी तो मेरा हाथ उसकी चिकनी चूतड़ पर फिसल रहा था फिर रेखा मेरे ओंठ को मुंह में लेकर चूसने लगी तो मुझे उसके चुत की छेद का स्पर्श मिला और धीरे से उंगली घुसाने लगा तो रेखा मेरे ओंठ को अपने मुंह में लेकर चूसती रही और उसके मध्यम आकार के चूचियों का एहसास मेरी छाती को मिल रही थी, तुरन्त मेरे ओंठ छोड़कर बोली “जरा झरना खोलो और मुझे स्नान करवाओ “तो मैं झरना खोला और दोनों झरना के नीचे थे तो मेरे बदन से झाग साफ होने लगा तो रेखा की खूबसूरत जिस्म भींगने लगी, वो मेरे छाती से लेकर कमर तक को रगड़कर साफ करने लगी तो मैं उसकी चुत में उंगली करता हुआ उसके एक स्तन को पकड़ दबाने लगा। पल भर के बाद मेरा बदन साफ हो चुका था तो रेखा पूर्ण नग्न अवस्था में भींगी हुई खड़ी थी, मैं झरना बंद करके बॉडी शैंपू लिया फिर उसके पैर को फैलाकर जमीन पर घुटने के बल होकर उसकी जांघों को फैलाया तो उसकी चुत चमक रही थी और राहुल बुर को चूमने लगा तो रेखा मेरे बाल सहलाते हुए “उह ओह ये कोई स्नान कराने का तरीका है जानू
( मैं हंसने लगा ) लगभग एक घंटा, क्यों
( वो ) ठीक है तब तक मैं आराम करती हूं “राहुल के बरमूडा के अंदर लंड अर्ध टाईट अवस्था में था तो मैं रेखा को छोड़कर डायनिंग हॉल आया तो बाई मॉम की रूम से सफाई करके निकल रही थी फिर वो मुझे देख मुस्कुराई और आखिरी कमरे में चली गई जिसमें रेखा आराम फरमा रही थी। मैं तभी उठकर मॉम के रूम घुसा फिर उनके ड्रॉअर में कंडोम के पैकेट खोजने लगा, मुझे मालूम था कि डैड मॉम को कॉन्डम लंड पर लगाकर ही चोदते है तो हमेशा उस ड्रॉअर में कंडोम की पैकेट होती है, लेकिन एक भी नहीं मिला तो मैं सोचा की दिन में एक बार सिर्फ ओरल सेक्स का ही आंनद लेते हैं फिर शाम को मार्केट से कंडोम खरीद लाएंगे, अब रानी किचन में बर्तन मांज रही थी तो मैं किचन जाकर उसे पीछे से दबोच लिया और तुरन्त ही उसकी चूची ब्लाऊज पर से दबा दिया, वो पीछे मुड़कर बोली “घर में इसलिए बहन को छोड़ आंटी गई हैं
( मैं ) पता है लेकिन तुम वक़्त निकालो तो मैं जगह की खोज करता हूं
( वो ) फिलहाल छोड़ो मुझे और कल बताती हूं कि कब और कहां मजा लेना है “तो मैं रानी को छोड़कर रेखा के रूम घुसा तो वो लेटे हुए हाथ में मोबाइल लिए कुछ देख रही थी तभी मैं उसके चेहरे के पास बैठकर उसके हाथ से मोबाईल छीन लिया तो वो हड़बड़ा कर उठी फिर मुझसे मोबाईल मांगने लगी “प्लीज़ भैया, दे दो मेरी मोबाईल
( मैं मोबाईल में पोर्न मूवी देखता हुआ ) अच्छा है पर इस स्टाइल में मजा देना भी होगा
( वो मेरे से मोबाईल छीन ली ) ठीक है फिलहाल तुम जाओ नहीं तो रानी क्या सोचेगी “मैं उठकर रूम से बाहर निकला तो वक़्त १०:४० हो चुके थे और मैं रानी को बोलकर “काम के बाद दरवाजा सटाकर चली जाना
( वो ) ठीक है”तो मैं अपने रूम जाकर कपड़े लिया फिर वाशरूम घुस गया, सोचा कि स्नान करके नाश्ता कर लिया जाय फिर मैं अपने बरमूडा और बनियान उतारकर झरने के नीचे नग्न स्नान करने लगा, मार्च का महीना तो गर्मी थोड़ी बहुत और मैं बदन भींगते ही साबुन लगाने लगा तो पूरा बदन साबुन की झाग से ढका हुआ था और जैसे ही मैं झरना पर हाथ लगाया, मेरी नजर दरवाजे की ओर गई तो मैं रेखा को नग्न अवस्था में देख तड़प उठा और वो १९ साल की मस्त माल जोकि मेरी चचेरी बहन है मेरी ओर मुस्कराते हुए बढ़ने लगी और वो बेझिझक मेरे बदन से लिपटकर मुझे चूमने लगी तो मेरा हाथ उसके चूतड़ से पीठ तक घूम रहा था और वो मेरे ओंठ चूम बोली “अब मुझे भी स्नान करना है ”
मैं झरना के नीचे अपनी चचेरी बहन रेखा के साथ था तो मेरे बदन पर लगे झाग उसके नग्न जिस्म से रगड़ खा रहे थे और वो मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे ओंठ पर चुम्बन देने लगी तो मेरा हाथ उसकी चिकनी चूतड़ पर फिसल रहा था फिर रेखा मेरे ओंठ को मुंह में लेकर चूसने लगी तो मुझे उसके चुत की छेद का स्पर्श मिला और धीरे से उंगली घुसाने लगा तो रेखा मेरे ओंठ को अपने मुंह में लेकर चूसती रही और उसके मध्यम आकार के चूचियों का एहसास मेरी छाती को मिल रही थी, तुरन्त मेरे ओंठ छोड़कर बोली “जरा झरना खोलो और मुझे स्नान करवाओ “तो मैं झरना खोला और दोनों झरना के नीचे थे तो मेरे बदन से झाग साफ होने लगा तो रेखा की खूबसूरत जिस्म भींगने लगी, वो मेरे छाती से लेकर कमर तक को रगड़कर साफ करने लगी तो मैं उसकी चुत में उंगली करता हुआ उसके एक स्तन को पकड़ दबाने लगा। पल भर के बाद मेरा बदन साफ हो चुका था तो रेखा पूर्ण नग्न अवस्था में भींगी हुई खड़ी थी, मैं झरना बंद करके बॉडी शैंपू लिया फिर उसके पैर को फैलाकर जमीन पर घुटने के बल होकर उसकी जांघों को फैलाया तो उसकी चुत चमक रही थी और राहुल बुर को चूमने लगा तो रेखा मेरे बाल सहलाते हुए “उह ओह ये कोई स्नान कराने का तरीका है जानू
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
