11-01-2021, 03:09 PM
( वो उठी ) ठीक है पहले कपड़े बादल लूं “तो रेखा मेरे सामने से कमर बलखाते हुए रूम घुसी तो मैं पल भर के बाद, उसके रूम की ओर गया, दरवाजा के बाहर से ही पर्दे के किनारे से अंदर झांका तो रेखा की मांसल चूतड़ का दीदार हुआ, चुत पर बिकनी तो उपरी हिस्से पर ब्रा, लेकिन उसके पीठ मेरी ओर थे तो वो बेड पर रखे नाईटी को पकड़ी तो मैं तेजी से रूम घुसकर उसको पीछे से दबोच लिया। राहुल का हाथ रेखा की कमर पर था तो उसके गद्देदार गान्ड पर मैं अपना अगला भाग रगड़ने लगा और उसकी गर्दन को चूमता हुआ अब दूसरा हाथ उसके चूची पर लगाकर दबाने लगा और रेखा “लगता है जनाब पूरी रात मुझे ही याद कर रहे थे
( मैं उसके चेहरा पर चुम्बन देता हुआ ) काफी दिनों से दोनों की मुलाकात नहीं हुई है”रेखा मुड़कर मेरी बाहों में आ गई तो उसके चूचियों का एहसास मेरी छाती को मिलने लगा और मेरा हाथ उसके संगमरमर से जिस्म को सहलाने लगा तो रेखा मेरे ओंठ पर ओंठ रखकर चुम्बन दी, फिर मैं रेखा की रसीली ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा तो हाथ उसके चूतड़ के साईज को मापने में लगा हुआ था। एक २१ साल का छोकरा तो एक १९ साल की लौंडिया, दोनों एक दूसरे से लिपटे खड़े खड़े मजा ले रहे थे तो रेखा की रसीली गुलाबी ओंठ चूसकर मैं उसको सोफ़ा पर बिठाया, घर का दरवाजा बंद रखा था ताकि कामवाली बाई के नॉक करते ही दोनों एक दुसरे से अलग हो जाएं, अब रेखा के लंबे जुल्फों को पकड़े उसका चेहरा अपनी ओर किया तो वो करीब खिसक गई, मेरे ओंठ पर जीभ फेरते हुए मेरे बदन पर बनियान के अंदर हाथ घुसा कर छाती सहलाने लगी और उसकी जीभ मैं मुंह में लेकर चूसने लगा तो एक हाथ उसके बूब्स को दबा रहा था। सोफ़ा पर बैठकर रेखा की जीभ चूसता हुआ चूची मसलने में मस्त था तभी दरवाजा नॉक की आवाज आने लगी और रेखा मेरे चेहरा को पीछे करके जीभ निकाली, फिर उठकर रूम की ओर चली गई तो मैं उठकर दरवाजा खोला, कामवाली बाई रानी अंदर घुसी तो मैं दरवाजा लगाकर उसके पीछे गया और वो मेरी ओर देख बोली “अंकल आंटी घर गए हैं तो मेरी गान्ड के पीछे तुम घूमने लगे
( मैं उसके चेहरा पर चुम्बन देता हुआ ) काफी दिनों से दोनों की मुलाकात नहीं हुई है”रेखा मुड़कर मेरी बाहों में आ गई तो उसके चूचियों का एहसास मेरी छाती को मिलने लगा और मेरा हाथ उसके संगमरमर से जिस्म को सहलाने लगा तो रेखा मेरे ओंठ पर ओंठ रखकर चुम्बन दी, फिर मैं रेखा की रसीली ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा तो हाथ उसके चूतड़ के साईज को मापने में लगा हुआ था। एक २१ साल का छोकरा तो एक १९ साल की लौंडिया, दोनों एक दूसरे से लिपटे खड़े खड़े मजा ले रहे थे तो रेखा की रसीली गुलाबी ओंठ चूसकर मैं उसको सोफ़ा पर बिठाया, घर का दरवाजा बंद रखा था ताकि कामवाली बाई के नॉक करते ही दोनों एक दुसरे से अलग हो जाएं, अब रेखा के लंबे जुल्फों को पकड़े उसका चेहरा अपनी ओर किया तो वो करीब खिसक गई, मेरे ओंठ पर जीभ फेरते हुए मेरे बदन पर बनियान के अंदर हाथ घुसा कर छाती सहलाने लगी और उसकी जीभ मैं मुंह में लेकर चूसने लगा तो एक हाथ उसके बूब्स को दबा रहा था। सोफ़ा पर बैठकर रेखा की जीभ चूसता हुआ चूची मसलने में मस्त था तभी दरवाजा नॉक की आवाज आने लगी और रेखा मेरे चेहरा को पीछे करके जीभ निकाली, फिर उठकर रूम की ओर चली गई तो मैं उठकर दरवाजा खोला, कामवाली बाई रानी अंदर घुसी तो मैं दरवाजा लगाकर उसके पीछे गया और वो मेरी ओर देख बोली “अंकल आंटी घर गए हैं तो मेरी गान्ड के पीछे तुम घूमने लगे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
