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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
आओ ना राजा ….. मैं उठ कर अपनी छिनाल दीदी के पास गया और उसके नंगे चूतड़ सहलाते हुए अपना सख्त गरम लौड़ा सहलाने लगा दीदी ने मुड़ कर मेरी ओर देखा और कामुक नजरो से मेरा लंड देखते हुए मुस्कुरा कर बोली क्या हुआ राजा अपनी रांड की गांड़ नही चोदोगे अपने मूसल जैसे लौड़े से मैंने दोनों हाथों से दीदी के चूतड़ फैलाये और झुक कर उसके गांड़ के कसे हुए नन्हे से गुलाबी छेद को चूम लिया और जीभ फिराते हुए चाटने लगा मेरी जीभ गांड़ पर महसूस करते ही दीदी की सांसे भारी होने लगी और उसने अपना सर बिस्तर पर टिका कर गांड़ और उभार दी और अपने हाथों से अपनी चूचियाँ मसलने लगी ये देख कर मेरा लंड एकदम झटके लेने लगा और मैंने खड़े हो कर दीदी की गांड़ के गीले छेद पर अपना सख्त चिकना सुपाड़ा टिकाया और खींच के एक थप्पड़ दीदी की गोरी गांड़ पर मारा कमरे में चटाक की आवाज़ गूंज गयी और दीदी के गले से एक तेज मस्ती भरी सिसकारी निकली और वो नशे और उत्तेजना में बोली अब पेल ना बहनचोद चोद दे अपनी रण्डी दीदी की गांड़ बना ले मुझे अपने लंड की गुलाम साले …… मैंने भी जोश में आ कर दीदी के बाल अपनी मुट्ठी में पकड़े और पूरी ताकत से अपनी ओर खींच कर एक तेज धक्का दिया और आधे से ज्यादा लौड़ा दीदी की कसी हुई गांड़ में घुसा दिया दीदी के मुह से एक तेज चीख निकली और वो एकदम दर्द से बिलबिला उठी उनकी हालत समझ कर मैं एकदम से रुक गया और उनकी कमर पर हाथ फिराते हुए उनकी पीठ को चूमने लगा वो एकदम से हांफने लगी थी और उनके चेहरे पर पसीना छलक आया था …… कुछ मिनट बाद वो बोली अब ठीक है संजू अब चोद मैंने धीरे से लंड बाहर खींचा और वापस पुश किया और धीरे धीरे धक्के देते हुए पूरा 8 इंच लौड़ा दीदी की गांड़ में भर दिया और फिर धक्कों की गति बढाते हुए चोदने लगा अपनी बहन की प्यारी गांड़ धीरे धीरे दीदी की गांड़ भी लंड की अभ्यस्त हो गयी और वो अपने चूतड़ हिला हिला कर अपनी गांड़ को लंड पर पटकने लगी ……. मेरा जोश बढ़ता जा रहा था और मैंने दीदी के चूतड़ों पर चपत मारते हुए पूरा जोर लगा के उनकी गांड़ पेलनी शुरू कर दी उधर दीदी ने अपना एक हाथ टांगों के बीच डाल कर अपनी चूत रगड़नी शुरू करी और मस्ती में बड़बड़ाने लगी ….. हाँ ऐसे ही चोद कस के चोद अपनी दीदी की गांड़ को फाड़ दे राजा अपने इस मस्त लंड से मेरी गांड़ को बना ले मुझे लंड की गुलाम चोद साले और तेज चोद ….. मैं ये सब सुन कर पागल से होने लगा और पागलों जैसे ही पूरी ताकत से अपनी कमर दीदी के नंगे चूतड़ों पर पटक पटक कर उसे कुतिया जैसे चोदे जा रहा था …… कोई 15 मिनिट तक तूफानी रफ्तार में दीदी की गांड़ चोदने के बाद दीदी का बदन अकड़ने लगा और वो चीखने सी लगी ….. आहहह संजू मेरे राजा मैं गयी बह गई मेरी चूत ….. और तेज धक्के लगा ….. ये सुनते ही मैंने झटके से गांड़ से लंड निकाल कर दीदी की बुर में पेल दिया और हुमच हुमच के 20-30शॉट मारे तो दीदी का बदन थरथराने लगा और वो झड़ने लगी उनकी बुर से रस के छींटे से उड़ रहे थे और आखिर में वो एकदम सुस्त सी हो कर बेसुध गिर गयी और मैं अपना लंड सहलाता हुआ दीदी की खुली हुई गांड़ देख रहा था जिसका मुह चुद चुद कर एक रुपये के सिक्के जितना खुल गया था ……. हांलाकि मैं झड़ा नही था पर फिर भी मुझे अभी उसे डिस्टर्ब करना ठीक नही लगा ….. और मैं वही दीदी के बगल में लेट कर उन्हें अपनी बाहों में जोर से कस लिया ….. मेरे स्पर्श से दीदी को थोड़ा सा होश से आया और उन्होंने भी मुझे ठीक से बाहों में भर लिया और मेरे होठो को मुह में भर कर चूस लिया ….. मेरा सख्त लंड उनके पेट पर अड़ा हुआ था मानो वही छेद कर के घुस जाना चाहता हो ….. दीदी बोली लगता है अभी और चुदवाना पड़ेगा …. मैंने कहा कोई नही थोड़ा आराम कर लो रिलैक्स हो लो रात अपनी है ….. दीदी बोली सच बताउं संजू आज जितना मज़ा कभी नही आया मुझे सेक्स में …. मैंने खुश होते हुए कहा सच दीदी मुझे भी आज बहोत मज़ा आया ऐसा सेक्स नॉर्मल सेक्स से ज्यादा मज़ेदार लगा मुझे ….. दीदी ने मेरा लंड मुट्ठी में भरते हुए कहा आज ये कुछ ज्यादा ही सख्त और मोटा महसूस हो रहा है मैंने कहा आज तुम दीदी नही रांड बनी हो ना इसलिए दीदी ने गोल गोल आंखे नचा कर कहा तू ऐसे ही रोज मुझे चोदना मैं सारी जिंदगी तेरी पालतू रांड कुतिया बनने के लिए तैयार हूं …… ढेर सारी बियर पीने की वजह से मुझे खड़े लंड पर भी जोर से पेशाब आ रहा था …… तो मैं उठने लगा पर दीदी ने मुझे नही छोड़ा और बोली क्या हुआ कहा जा रहे हो मैंने कहा दीदी छोड़ो न पेशाब करने जाना है दीदी ने ये सुन कर मुझे छोड़ तो दिया पर मेरे उठने से पहले ही खुद उठ गई और दौड़ कर बाथरूम में घुस गई मेरी कुछ समझ नही आया पर उन्होंने दरवाजा बंद नहीं किया था सो पीछे से मैं भी लंड हिलाते हुए बाथरूम में घुस आया ….. देखा तो दीदी कमोड के सामने बैठी हुई थी पंजो पर मैंने आंख के इशारे से उनसे पूछा कि क्या हुआ तो वो मुस्कुरा कर बोली ….. तुम्हे डर्टी सेक्स पसन्द है ना मेरे राजा …. मैंने कहा हां बता तो चुका हूं ….. दीदी बोली फिर आज मेरे बदन पर मूतो ना अपनी रण्डी दीदी को नहला दो अपने लंड के गरम मूत से और ये सुन कर मैं खुशी और आश्चर्य से भर गया मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था हांलाकि ये भी मेरी एक ख्वाहिश थी पर दीदी खुद ये आफर करेंगी इसका मुझे यकीन नहीं हो रहा था पर जो भी हो रहा था वो मेरे लिए किसी सरप्राइज से कम नही था मैं दीदी के पास गया और लंड पकड़ कर उनके सीने पर मूतने लगा दीदी की गोरी चुचियों पर मेरे गरम की मूत की धार गिरने लगी और बहती हुई उनकी चूत से मेरा टपकने लगा तीन बियर का असर था कि पेशाब की धार रुक ही नही रही थी और दीदी जैसी सेक्सी और प्यासी नजरो से मुझे और मेरे लंड से निकलती पेशाब की धार को देख रही थीं एकदम से जा जाने मेरे मन मे क्या आया और मैंने लंड को पकड़ कर उसका डाइरेक्शन सीधा दीदी के मुह की ओर कर दिया और गरम मूत की धारा सीधा दीदी के चेहरे पर पड़ी दीदी अचानक हुए इस हमले से चौंक सी गयी और उन्होंने कुछ कहने को मुह खोला पर मुह खोलते ही धार सीधा उनके खुले हुए मुह में गिरने लगी ….. और फिर दीदी ने भी इस सब को एडजस्ट करते हुए अपने होठ आगे कर के लंड को मुह की गिरफ्त में ले लिया और चूसते हुए मेरा मूत पीने लगा कोई ग्लास भर मूत उन्हें पिलाने के बाद ही मेरा लंड रुका पर दीदी अब भी उसे सर हिलाते हुए चूसे जा रही थी ….. कुछ देर तक लंड चूसने के बाद उन्होंने उसे आज़ाद कर दिया और उठ खड़ी हुई और मैंने उन्हें बाहों में भर कर एक गर्म चुम्मा उनके रसीले होंठो पर जड़ दिया ….. फिर हम बाहर आ गए दीदी ने टॉवल से अपना बदन पोंछा और बोली इतना बुरा भी स्वाद नही था ….. मैंने कहा थैंक्स दीदी ….. उन्होंने पूछा किसलिए मैंने कहा मेरे लंड को इतने मज़े देने के लिए दीदी ने मुस्कुरा कर कहा ये भी तो मुझे कितने मज़े देता है जब दोनों एक दूसरे को मज़े देते हैं तो थैंक्स किस बात का ….. तभी डोरबेल बजी और मैंने जल्दी से टॉवल लपेट कर दीदी को बाथरूम में जाने का इशारा किया और वो बाथरूम में घुस गई मैंने दरवाजा खोला तो वेटर सामने था वो ड्रिंक और डिनर लगा कर चला गया दरवाजा बंद कर के मैंने दीदी को आवाज़ दी ….. पर वो नही आई मैंने कई आवाज़ें दी पर वो नही आई मैंने दरवाजे जा कर उसे पीटा और कहा दीदी क्या हुआ क्या कर रही हो अंदर से आवाज़ आयी यहां कोई दीदी नही है अब ….. मैंने एक सेकेंड सोचा कि इस बात का क्या मतलब और फिर मतलब समझते ही मैंने कहा ….. रुचि कुतिया बाहर आ जा भोसड़ी वाली और फौरन ही दरवाजा खुला दीदी एक बार फिर से नहा कर फ्रेश हो गयी थीं उसने बाहर आ कर कहा संजू अब दीदी मत बोला करो ना मुझे गालियां ज्यादा अच्छी लगती हैं सुनने में मैंने कहा ठीक है साली रांड चल अब खाना खाते हैं और फिर हमने दो दो pag व्हिस्की पी और शानदार डिनर किया ………
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
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