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Incest भैया संग गेस्ट हाउस में कामसूत्र की पढ़ाई की
#5
जिया की कमसिन जवानी में आग लगी हुई थी तो साल डेढ़ साल से कई लौंडे मेरे जिस्म की आग बुझा रहे थे लेकिन ये जवानी है कि कितने भी मजे ले लो कम ही लगता है, हफ्ता में तो जरूर ही अपने किसी आशिक से चुदवा लेती हूं तो मेरी जैसी सेक्सी लड़की अपने चूत की खुजली को मिटाने के लिए भाई तक को नहीं छोड़ती और भैया नितिन के गेस्ट हाउस में बिस्तर पर लेटी जिया उनसे चूची चुसवा रही थी तो मेरे बदन में थोड़ी थकावट भी थी, आज सुबह दो हफ्ता बाद क्लाश करने के लिए घर से निकली तो भैया अपने काम वासना को व्यक्त कर बैठे और मैं अब नितिन के बाल पकड़े उसके चेहरे को पीछे की, मेरी चूची मानो लाल सेब की तरह हो चुकी थी तो नितिन मेरे गाल सहलाते हुए फिर से दूसरी चूची मुंह में लिया और चूसने लगा तो मैं उसके पीठ सहलाते हुए आहें भर रही थी, सच पूछो तो फिलहाल बुर में खामोशी छाई हुई थी आखिर नितिन ने १२-१४ मिनट तक जो मुझे चोदा था और मैं अपने जांघों को आपस में रगड़ने लगी ” उह उई चूस चूस साले बहुत जल्द ही दूध भी इससे निकलेगा
( नितिन चूची मुंह से निकाला ) हां लेकिन अभ्ची देर है बेबी ” फिर वो मेरे छाती को चूमते हुए कमर की ओर बढ़ने लगा तो अब जाकर मेरी बुर में थोड़ी बहुत हलचल शुरू हुई और भैया कमर चूमकर उठे फिर मेरे चेहरे के उपर चेहरा किए ओंठ पर चुम्बन देने लगे तो जिया अपनी ओंठ उनके मुंह में डाली फिर चुसवा रही थी कि मुझे उनके लंड का एहसास हुआ, मेरे चूत पर लंड दस्तक दे चुका था कारण की नितिन मेरे ऊपर ही सवार हुए ओंठ चूसने में मस्त था फिर मेरे ओंठ छोड़ जीभ निकाला लेकिन मैं अपनी जीभ निकाल उसके मुंह में घुसाई, भैया आराम से मेरी जीभ चूसने लगे तो मैं उनके गर्दन में हाथ डालकर सर को तकिया से थोड़ा उपर की थी ताकि मेरी पूरी जीभ वो चूस सकें। मेरे खूबसूरत जिस्म पर छह लड़के सवार हो चुके थे लेकिन नितिन सेक्स में उस्ताद था, उसका लंड लंबा और मोटा था तो वो देर तक चोदने की क्षमता रखता था और अब मेरे मुंह में उसके मुंह से थूक आने लगा फिर मैं उनका चेहरा पीछे की और जीभ निकाली तो नितिन पूछा ” एक ड्रिंक्स और लोगो
( मैं हंस दी ) पता चला कि घर टल्ली होकर पहुंची हूं
( नितिन बोला ) अभी चार घंटे तो यही है फिर देखा जाएगा ” और दोनों ड्रिंक्स लेने लगे तो मैं भैया के जांघ पर नंगे बैठी थी साथ ही उनके कंधे पर हाथ रख ग्लास से उनको व्हिस्की पीला रही थी तो उसी ग्लास से मैं भी व्हिस्की पीने लगी तो नितिन सिगरेट जलाया फिर सिगरेट की कस लेते हुए बोला ” बेबी किसी दिन एक और लड़के के साथ
( मैं शरमाने लगी ) ओह यानी की दो छोकरे मेरे बुर की बत्ती जलाओगे ” और नितिन मेरे जांघ को चूमने लगा तो उसका हाथ मेरी जांघों के बीच बुर सहला रहा था, ये तो स्वर्ग है साहब इधर हर मर्द और लड़के भ्रमण करना चाहते हैं तो मेटी जांघो को चूमता हुआ नितिन बुर में एक उंगली घुसाया फिर चूत को कुरेदने लगा और मेटी बुर फिलहाल तो ड्राई थी, मैं सिसकने लगी ” उह ओह डियर प्लीज़ चाट ना मेटी बुर को उह अह मेरे चूत की खुजुली बढ़ने लगी है ” तो नितिन मेरे चूतड के नीचे तकिया लगाया फिर बुर पर मुंह लगाकर चूमने लगा, कोमल योनि पर ओंठो का प्यार मुझे कामुक करने लगा तो मैं चूतड को उपर करने लगी ” उह ओह जान निकाल दोगे क्या ” तो भैया मेरी बुर की फांकों को अलग कर जीभ से चाटने लगा तो शिष्नीका पर उसकी जीभ घूम रही थी और जिया खुद से अपनी एक बूब्स दबाते हुए उसके बाल सहलाने लगी ” हो गया आह अब नहीं प्लीज़ चोद दो मेरे भाई
( वो चेहरा ऊपर किया ) जरूर चोदूंगा लेकिन मेरा लौड़ा कौन चूसेगा ” तो वो मेरे दोनों फांक को सटाया फिर ओंठो के बीच लेकर चूसने लगा और मैं गरम हो रही थी तो नितिन अब बुर को मुंह से निकालकर लेट गया।
नितिन का लंड बिल्कुल ही अकड़ा हुआ था, जिया अपने आपको रोक नहीं पाई और भाई के लंड पकड़ बोली ” मैं आपके बदन पर ही लेट जाती हूं लेकिन चेहरा उलटे दिशा में
( नितिन मुस्कुराया ) ओह तो पोर्न मूवी से तुम बहुत कुछ सीख रही हो ” , अब नितिन के उपर मैं डॉगी स्टाईल में हुई तो मेरा चेहरा उसके लंड के पास था और उसका चेहरा मेरी जांघो के बीच साथ ही नीचे, बिल्कुल ही रण्डी की तरह भाई के साथ पेश आ रही थी तो अब उनका लंड मैं चूमने लगी तो भाई के हाथ का स्पर्श मेरी चूतड को मिल रहा था। जिया अपने चूत की बार और कांख की बाल को साफ रखती थी और अब नितिन मेरे चूत को फ्लकाकर जीभ से चाटने लगा तो मैं नितिन के लंड को मुंह में भर चूसने लगी तो उसके जीभ कुत्ते की तरह लपलप मेटी बुर चाट रहे थे, अब नितिन के लंड को मुंह में लिए सर का झटका देने लगी और मुखमैथुन का आंनद क्या होता है, ये तो आप लोगो को मालूम ही होगा और भाई मेरी चूत में उंगली करने लगा तो मेरी कमर में हाथ डाले चेहरा को थोड़ा ऊपर किए चाटने लगा लेकिन जीभ गान्ड के छेद में थी तो मैं नितिन के लंड को मुंह का प्यार देते हुए मस्त थी और कमरे में सेक्सी आवाज सुनाई दे रही थी आखिर दो जवान जिस्मों का मिलन जो हो रहा था, अब भींगे लंड मुंह से निकाल उसे जीभ से चाटने लगी तो ये जानते हुए की मेरी बुर रस छोड़ेगी, मैं चुप ही रही और उधर बुर से रस निकलने लगा तो नितिन उंगली की जगह जीभ घुसाए रस का स्वाद चख रहा था, दोनों संभोग क्रिया के लिए तैयार थे…4
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भैया संग गेस्ट हाउस में कामसूत्र की पढ़ाई की - by neerathemall - 11-01-2021, 02:55 PM



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