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Incest भैया संग गेस्ट हाउस में कामसूत्र की पढ़ाई की
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जिया बिस्तर पर नंगे लेटी हुई थी तो नितिन मेरे उपर सवार हुए दे दनादन चोदता हुआ मेरे चेहरे को चूम रहा था, मैं उसके कसरती बदन के नीचे लेटी हुई चुदवा रही थी तो अब भैया ने चुदाई की रफ्तार थोड़ी कम कर दी लेकिन ४-५ मिनट की चुदाई में ही मेरी बुर के तार ढीले पड़ गए तो बुर अब काफी गर्म थी और मैं भैया के कमर पर हाथ रख धीरे धीरे चूतड उछालने लगी तो नितिन मेरे ओंठ चूमने लगा ” कसम से मेरी जिया का पिया बहुत ही नसीब वाला होगा
( मैं चूतड उछालते हुए मस्त थी ) हां सो तो है, दर्जनों घाट का पानी जो पीकर उसके साथ सुहागरात मनाएगी ” और फिर नितिन चोदना छोड़ बुर से लंड निकाल दिया, अब मेरे जिस्म से उतर गया तो मैं राहत महसूस करने लगी। नितिन उठकर वाशरूम गया तो मुझे एक पैक पीने की इच्छा हुई और मैं एक स्ट्रॉन्ग ड्रिंक्स बनाई फिर सिगरेट सुलगाई, लेकिन नंगे ही ग्लास लिए डायनिंग हॉल की ओर चली गई तो मेरे जिस्म में आग लगी हुई थी और नितिन मेरी चुदाई करते वक़्त मेरी बुर का हाल खराब कर चुका था, मैं ड्रिंक्स लेते हुए सिगरेट फूंक रही थी कि तभी मुझे भैया ने पीछे से पकड़ लिया। जिया थोड़ी हड़बड़ा तो गई लेकिन मुड़कर भाई को देखी ” आपका हथौड़ा सा लौड़ा मेरी गान्ड में चुभ रहा है
( वो मेरी चूची को पुचकारने लगा ) गान्ड जिस दिन तुम चुदवा लोगी मैं तुम्हें मुंह मांगा इनाम दूंगा
( मैं हंस दी ) कुछ तो अपने पति के लिए रखूंगी ” फिर व्हिस्की पीकर ग्लास रख दी तो सिगरेट नितिन फूंकने लगा लेकिन मुझे वहीं पर घोड़ी बनाया, अब मेरे दोनों हाथ सामने दीवार पर थे तो चूतड उचकाए मैं जांघें फैलाकर खड़ी थी और मेरे जिस्म का अगला भाग झुका हुआ था तो पिछला हिस्सा हवा में, अब मेरी चूत में भाई लौड़ा घुसाने लगा तो उसका मूसल लंड आराम से अन्दर जा रहा था लेकिन आज नितिन कुछ अधिक ही मूड में था इसलिए कमर थामे जोर से चोद डाला और मैं चिंहुक पड़ी ” बाप रे फाड़ दिया मेरी बुर अबे कुत्ते आराम से चोद ना ” तो नितिन चोदता हुआ मेरे सीने से चिपकी चूची को पकड़ दबाने लगा और मैं पहले से ही नशे में झूम रही थी सो अपने चूतड को आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी। किसी भी लड़की या महिला के लिए ये अनुभूति खास होती हैं जब उसके कोमल गुदाज अंग में लौड़ा होता है तो लंड भाई का हो या किसी और का कोई फ़र्क नहीं पड़ता और भाई के साथ मैं संभोग सुख लेते हुए मस्त थी, अपने चूतड को हिलाते हुए बोलने लगी ” चोद साले चोद मुझे क्या दर्द होगा, दर्जनों लंड से कुछ नहीं हुआ तो तुम्हारा लंड मेटी बुर का क्या उखाड़ लेगा
( नितिन उग्र होकर तेजी से चोदने लगा ) हां बेबी जिस दिन चार पांच लंड से तेरी चुदाई करवाऊंगा उस दिन मर्द जात की औकात समझेगी
( मैं हंस दी ) चार पांच लौड़ा और एक बुर ये तो नाइंसाफी हुई ना, अरे सही में मर्द हो तो अकेले ही चोदकर रुला दो ” तो भैया चोदते हुए हांफने लगे और मैं आराम से खड़ी थी, पूरे बदन में गरमी भरी हुई थी तो नितिन के लंड से चूत में लहर होने लगी और तकरीबन १२-१३ मिनट से नितिन मेरी बुर चुदाई कर रहा था तो मैं उसके लंड से वीर्य की उम्मीद में मरी जा रही थी ” क्या बे रण्डी मजा आ रहा है ना अभी तो एक बार और चोदूंगा समझी
( मैं ) हां डियर लेकिन बुर तो आग की भट्टी बनी हुई है प्लीज़ अब माल झाड़ दो ” और वो १०-१२ धक्का देकर वीर्यपात कराया, मेरी बुर में गर्म चिपचिपा वीर्य झड कर उसे शांत कर दिया तो मैं अब आगे बढ़ लंड को चूत से निकाली फिर उसके लंड मुंह में लिए चूसने लगी, भैया के लंड का वीर्य चखकर मस्त हुई फिर क्या हुआ ये…..
जिया बेड पर से उठी और एक टॉवेल लिए वाशरूम चली गईं, अपने बुर को अच्छे से साफ की और फ्रेश होकर आईं तो भैया सुस्त बेड पर लेटे हुए थे और मैं अब नंगे नहीं रहना चाहती थी लेकिन मेरे टॉप्स और स्कर्ट के अलावा मेरे पास कोई दूसरा ड्रेस भी नहीं था। भैया उठे और फ्रेश होने चले गए तो मुझे अब थोड़ी थकावट महसूस हो रही थी, वक़्त सुबह के ११:०० हो रहे थे तो मैं इस सोच में थी कि यहां खाना क्या खाया जाए फिर नितिन उधर से आया तो मैं बेड पर ही एक चादर ओढ़े लेटी हुई थी, वो कमर से टॉवेल लपेटे हुए थे ” तो खाने में क्या खाना हैं
( मैं बोली ) चिकन बिरयानी और आईस क्रीम, लेकिन यहां खाना कौन लाएगा
( वो हंस दिए ) ओह सेक्सी तुम आराम से रहो ना, सब आएगा १:३० बजे का ऑर्डर कर देता हूं ” मैं हामी भर दी, नितिन अब डायनिंग हॉल चला गया तो मुझे पता था कि वो दुबारा मुझे चोदेंगे और उनकी आवाज मैं सुन पा रही थी लेकिन वो किससे बात कर रहे थे, ये मुझे नहीं मालूम। नितिन उधर से आया तो हाथ में ग्लास था जिसमें व्हिस्की थी, मुझे देख वो व्हिस्की पी रहा था तो मैं अब आराम फरमा रही थी फिर नितिन ग्लास रख मेरे बगल में लेटा और मेरे चादर को जिस्म पर से हटाने लगा तो मैं चादर कसकर पकड़े उसे हटाने नहीं दे रही थी ” ओह नितिन अभी क्या करोगे, हथौड़ा तो सुस्त होगा
( वो मेरे जिस्म पर से चादर हटाया ) बेबी, क्या योनि के आपसी संघर्ष में ही प्यार और सहवास है, और भी तो अंग हैं ” तो मैं लेटे हुए भैया के टॉवेल हटा दी, उनका लंड सुस्त तो था लेकिन पूरी तरह से मुरझाया नहीं था, समझ गई कि ये टेबलेट खाकर अपना लंड जल्दी में टाईट करने के मूड में है। नितिन मेरे बूब्स पकड़े दबाने लगा तो मैं उसके लंड देख बोली ” क्या तुम लंड खड़ा करने के लिए टेबलेट खाए हो
( नितिन झुका और चूची को पकड़ मुंह में लेने के पहले बोला ) बेबी तुम सही बोली लेकिन इससे तुमको कोई प्रॉबलम नहीं होगी ” फिर नितिन मेरे चूची मुंह में लिए चूसने लगा तो मैं उसके पीठ सहला रही थी…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भैया संग गेस्ट हाउस में कामसूत्र की पढ़ाई की - by neerathemall - 11-01-2021, 02:54 PM



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