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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
हले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ जब उसने मुझे फोन पर बताया कि वो मेरे शहर मे मेरे शहर में आई हुई है। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन हुई हमारी दोस्ती ने एक दूसरे का अकेलापन कई बार मिटाया था। हर रात फ़ोन पर आह भरते वक़्त हम यही सोचते थे कि ये सब जो फ़ोन पर है अगर असल में होता तो क्या होता।

अपने आफिस के किसी काम से वो मेरे शहर आयी थी आज वीकेंड पर हमने घूमने का प्लान किया था। मैं सुबह सुबह उसके होटल रूम पहुँचा। उसको तैयार होने में जरा देर थी तो उसने मुझे अपने रूम पर ही बुला लिया था।

यूँ तो बातों में एक दूसरे के जिस्म से खेलते हुए हमने कई रातें गुजारी थी। पर आज दिन के उजाले में एक दूसरे के सामने होने पर पहली बार की झिझक दोनों ओर थी। मैं उसके रूम में दाखिल हुआ और उसे चॉकलेट गिफ्ट की। एक फॉर्मल हैंडशेक के बाद उसने मुझे बैठने के लिए कहा। वो शीशे में खुद को संवार रही थी। और मैं अपनी आंखों से उसके अंगों को छू रहा था।

मैं भी उसके वाशरूम में खुद को ठीक करने चला गया। शीशे में मैंने देखा कि उसके कपड़े बाथरूम के दरवाजे पर टंगे हुए थे। मेरे हाथ उन कपड़ों की ओर बढ़ गए, उस ब्लैक ब्रा और पैंटी में वो मुझे बहुत पसंद थी। उसके गोरे बदन ये बहुत सेक्सी लगती थी। जिस ब्रा को उतारने की फैंटेसी मैं महीनों से कर रहा था वो मेरे हाथ मे थी। मैं इमेजिन कर रहा था कि कुछ देर पहले ये ब्रा उसके बूब्स को ढके हुए थी। उसने इसी बाथरूम में कुछ देर पहले नहाया होगा ये सोच कर मैं हार्ड होने लगा था। मैंने उसकी पैंटी को छुआ। मुझे एहसास हुआ कि कल रात फ़ोन पर बात करते वक़्त वो इसी पैंटी में वेट हुई होगी।

मैं बाथरूम से बाहर आ गया, वो मुझे बाथरूम के अंदर लगी देर का कारण जानती थी ये बात उसकी मुस्कान बयान कर रही थी। मुझे चिढाते हुए उसने बाहर चलने को कहा। मुझे लगा कि अगर मैंने अब कदम नही बढ़ाया तो ये मौका चला जायेगा। वो आगे आगे बढ़ने लगी थी, रूम का गेट खोल कर वो बाहर कदम बढ़ा चुकी थी। उसका ऐसा चिढाना मुझे और एक्साइट कर रहा था। मैंने पीछे से उसका हाथ पकड कर उसे अंदर खींच लिया और दरवाजे को झटके से बंद कर दिया। उसको दरवाजे से टिका कर मैंने उसके एक गाल को हाथ से पकड़ लिया और चेहरा ऊपर उठा कर उसके लोअर लिप को किस किया।

मेरे किस करने पर उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया। हम बेतहाशा एक दूसरे को किस कर रहे थे। हम एक दूसरे को कभी प्यार से चूमते तो कभी जोर से काट लेते। कभी हमारी जीभ एक दूसरे के मुँह में अपनी पनाह ढूढ़ती। मैं अब उसकी गर्दन पर किस करता वो आंखे बंद करके मेरे बालों में अपने हाथ फेरती। मैंने उसके बाल उसके कान के पीछे करते हुए उसके कान को धीरे से काट लिया। ऐसा करने पर वो सिहर गयी। उसने मेरे बालों को नोचते हुए मेरे होठों पर जोर से काट लिया।

मेरे हाथ अब उसके बूब्स पर थे, मैं उन्हें कपड़ों के ऊपर से मसल रहा था। पर मैं उन्हें और करीब से छूना चाहता था इसलिए मैंने उसकी जैकेट उतार दी। उसने अंदर एक ब्लैक कलर का टॉप पहना हुआ था। मैंने उसके कंधे पर से उसके टॉप को हटा दिया। टॉप नीचे करने पर अब मुझे उसकी ब्रा स्ट्रैप दिखाई दे रही थी। टॉप के ढीले होने की वजह से उसके क्लीवेज मुझे दिखने लगा। उसके रेड ब्रा उसके गोरे बदन पर बहुत फब रही थी। शायद वो ये बात जानती थी इसलिए उसने मेरी पसंदीदा ब्लैक की जगह रेड ब्रा चुनी थी।

मैंने उसके टॉप को उसकी कमर से पकड़ कर उतारना चाहा। उसने अपने चेहरे को दूसरी तरफ फेरते हुए अपने हाथ हवा में उठा दिए। शर्म और हवस दोनों एक साथ संजोये ये अनोखा पल था। उसके टॉप को उतारने ही वो मुझे अपनी रेड ब्रा में नजर आयी। उस पर फ्लोरल लेसेज़ थीं। उसके गोरे बदन पर लाल रंग बहुत फब रहा था। उसके बूब्स की परफेक्ट शेप उस ब्रा में कैद थी, उसका क्लीवेज मुझे अपने करीब खींच रहा था।

मैंने उसे एक बार फिर से किस करना शुरू कर दिया, और उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा। मैंने उसकी एक ब्रा स्ट्रैप उसके कंधे से उतार दी। उसे नीचे करने पर उसका ब्राउन निप्पल मेरे सामने था। मैंने उसे पलट कर उसका चेहरा दीवार से सटा दिया। उसकी पीठ मेरे सामने थी। मैंने उसके बाल एक तरफ करते हुए उसकी नंगी पीठ पर चूमना शुरू कर दिया। मेरे होठ लगातार उसकी पीठ पर शब्द लिख रहे थे। मेरे हाथ अब उसकी ब्रा के हुक पर पहुँच गए थे। मेरे हाथ वहाँ पाकर वो सिहर गयी और मैंने उसे आजाद कर दिया। मेरे सामने उसकी पीठ थी मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और अपने हाथ आगे ले जा कर उसके बूब्स सहलाने लगा। मेरे हाथों में दुनिया की सबसे सुंदर और मुलायम चीज थी जो मुझे बुला रही थी कि मैं उन पर अपना जोर चलाऊं। मैं उसके बूब्स मसलता और जब अपनी उंगलियों के बीच उसके निप्पल फंसा कर उन्हें मसलता तो कमरे में उसकी आह फैल जाती।

उसने अब मेरी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिए। वो मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए मेरे चेहरे को चूमती और अपने हाथ मेरी गर्दन पर फेर रही थी। मेरी शर्ट उतारने के बाद वो अपने हाथ मेरे सीने पर फेरने लगी और मेरे सीने से लिपट गयी। हम दोनों के जिस्म अब ऊपर से बेपर्दा थे और एक दूसरे से लिपटे हुए थे। पर अभी भी इस मुलाकात में बहुत कुछ बाकी था।

अगले पल हम बिस्तर पर आ गए, उसको लिटा कर मैं उसके बूब्स सहलाने लगा। मैं उन्हें मसलता उसके निप्पल पर अपनी जीभ फिराता उसे चूसता और कभी धीरे से काट लेता। मेरा दूसरा हाथ उसके पेट पर चल रहा था जो धीरे धीरे नीचे की ओर बढ़ रहा था। मैंने अब उसकी जीन्स के बटन पर हाथ रख दिया। वहाँ तक पहुँच कर मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा मेरे देखने पर वो शरारत के साथ मुस्कुरा दी जो के मेरे लिए इजाजत थी कि मैं वो बटन खोल सकता हूँ।

मैंने उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और और उसकी चैन नीचे करते हुए अपने हाथ को वहाँ ले जाने के लिए जगह बनाई। मैंने अपनी उंगलिया उसकी पैंटी के ऊपर फिराई। वो पूरी तरह से wet थी। जब मेरी उंगलियां को वो महसूस हुआ तो उसने शर्म और उत्तेजना में अपनी आंखें बंद कर ली। अपनी उंगलियां मैं उसकी पैंटी के ऊपर फेरने लगा ऐसा करने पर वो और रोमांचित होने लगी। वो चाहती थी कि मैं ये काम पैंटी के अंदर से करूँ, उसने रूठ कर मुझे ऐसे देखा जैसे कह रही के क्यों इतना तड़पा रहे हो।

मैंने अपनी उंगलिया उसकी पैंटी के अंदर डाल दीं उसकी wet वैजाइना को मैं अपनी उंगलियों से छेड़ने लगा। मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उसके अंदर डाल दी। एक धीमी मीठी आह उसके मुँह से निकल गयी। मैं धीरे धीरे अपनी उंगलियां अंदर बाहर करने लगा। और साथ ही उसे किस करता। कुछ देर बाद मैंने उसे बैठा दिया और खुद उसके पीछे आकर बैठ गया। वो अपनी पीठ मेरे सीने की तरफ किये बैठी थी और मेरे दोनों पैर उसके दोनों तरफ थे। ऐसे में मैं उसको फिंगर करता, और दूसरे हाथ से उसके बूब्स दबाता। वो अपना चेहरा मेरी तरफ करके मुझे किस करने लगी। कुछ देर बाद मैंने उसके शरीर मे अकड़न महसूस की। और मेरी उंगलिया कुछ और गीली हो गयीं थीं। मैंने उन्हें बाहर निकाल कर उन्हें लिक कर लिया।

मेरे ऐसा करने के बाद उसने कमान अपने हाथ मे ले ली और मुझे सीने पर धक्का देते हुए बिस्तर पर गिरा दिया। वो मेरी जीन्स खोलने लगी। और अगले ही पल मेरा डिक उसके हाथ में था। वो उसको पकड़ कर उसके करीब बैठ गयी। उसने एक बार मेरी आँखों मे बहुत शरारत से देखा। और अपनी जीभ मेरे डिक पर रख दी। वो मेरे डिक को चूमती, उसे एक तरफ से किस करते हुए ऊपर तक आती और डिक के चारों ओर अपनी जीभ फिराती। मेरी आँखें इस वक्त बन्द हो चुकी थीं। उसके होंठ अपनी जादूगरी कर रहे थे। मैं इस वक्त अपने हाथों से उसका सिर पकड़े हुए था। कुछ देर बाद मेरे अंदर का लावा निकल गया। मैंने आंख खोल कर देखा तो वो मेरे डिक को हाथ मे लिए मेरी तरफ देख रही थी। उसके होठों के आसपास मेरी निशानी थी। उसने बड़ी कामुकता से उसका स्वाद लिया।

मैंने अब उसे पीठ के बल लिटा दिया था। मैंने उसकी टांगो को एक दूसरे से दूर कर अपने लिए जगह बनाई। अब मैंने उसकी जांघों के अंदरूनी हिस्से को चूमना शुरू कर दिया। मैं अपने होंठ उसकी वैजाइना के पास ले जाता पर उस पर उन्हें लगाता नहीं। वैजाइना के आसपास किस करने से वो बहुत एक्साइटेड हो चुकी थी, उसने मेरे बाल नोच लिए। मैंने अपनी उंगली उसकी वैजाइना की लाइन पर फिराई और उसके वर्टिकल लिप्स को एक दूसरे से अलग किया। और अपनी जीभ से उसे लिक किया। मैं अपनी जीभ ऊपर से नीचे तक ले जाता, उसे वैजाइना के अंदर घुमाता। और साथ साथ अपनी उंगली वैजाइना के अंदर तक ले जा कर बाहर ले आता। ऐसा करने पर वो और रस छोड़ती। मैं काफी देर तक उसे लिक करता रहा मेरा मुंह अब नमकीन हो चुका था।

अब मैं उसके ऊपर आ गया हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। हमने इस बार बहुत ज्यादा देर तक एक दूसरे को किस किया। हमारे बदन एक दूसरे के साथ रगड़ रहे थे। मेरा डिक और उसकी वैजाइना एक दूसरे को छू रहे थे। मैंने उसके पैरों को फैलाया और अपना डिक उसकी वैजाइना पर रख दिया। उसकी आँखों मे देखते हुए मैंने अपना दवाब बढ़ाया और अब मैं उसके अंदर था। उसकी आंखें बंद हो गयी थी। उसकी वैजाइना की गर्मी मेरे डिक को महसूस हो रही थी। मैं उसके अंदर समाने लगा था। धीरे धीरे करके कमरे में हमारी आंहे भर गयीं।

मैंने उसकी टांगे अपने कंधों पर रख ली और अब मैं उसके और अंदर तक पहुँच रहा था। वो मेरे नीचे से अपनी कमर लहरा कर मुझे खुदमे और उतरने दे रही थी। हम दोनों एक दूसरे की आँखों मे देखते और बार बार एक दूसरे को चूमते। उसकी उंगलियां मेरी पीठ पर नाखून से निशान छोड़ रही थी। उसका ऐसा करना मुझे और रोमांचित कर रहा था। अब हमारी रफ्तार और तेज होने लगी थी, हमने एक दूसरे को जोर से जकड़ लिया। हम मंजिल तक पहुंचने वाले थे। मैंने उसे इस बार बहुत प्यार से किस किया। हम दोनों एक दूसरे के होठों में खोने लगे और मैंने उसे अपने रस से भर दिया।

हम दोनों के पसीने से भीगे बदन हाँफ रहे थे। एक संतुष्टि का भाव हम दोनों के चेहरे पर था। मैं थोड़ी देर तक उसके ऊपर ही लेटा रहा। वो बड़े प्यार से मेरे बाल सहलाती रही। उसके कोमल शरीर पर लेटे लेते धीरे धीरे मैं नींद के आगोश में आ गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
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