10-01-2021, 04:01 PM
चुम्मा - १ ००
मैंने जोबन लिख रही थी लेकिन कम्मो ने जोर दिया साफ़ साफ़ लिखूं
और मैंने लिख दिया
चूँची मिजवायी - २५०
और अब कम्मो ने मोर्चा सम्हाल लिया रेट वो बता रही थी ,मैं सिर्फ लिख रही थी ,
मुठियाना - ४००
मुंह में लेकर चूस चूस कर ( ओरल ) - ५५०
एक बार की फुल सर्विस ( चुदाई ) पूरे एक घंटे के लिए
( ये कम्मो के कहने पर मैंने ब्रैकेट में साफ़ साफ़ लिख दिया ) - १०००
रात भर के लिए - ५,००० लेकिन कम्मो के कहने पर उसे घटा कर २,५०० कर दिया
और ये भी की एक के साथ एक और पर ५० % डिस्काउंट ,
१८ % जी एस टी , पे टीम और कार्ड भी चलेगा ,
एडवांस बुकिंग के लिए मैंने अपना एक पुराना बनारस वाला नंबर दे दिया ,
मोबाइल नंबर मैं सिर्फ नौ डिजिट ही लिखना चाहती थी , लेकिन अबकी कम्मो ने न सिर्फ उसके दोनों मोबाइल नंबर भी लिख दिए और घर का पता ,
मैं देख रही थी की जेठानी जी ने अपनी रफतार थोड़ी कम कर दी है और वो मेरी ओर देख रही थीं की हम दोनों का काम पूरा हुआ की नहीं ,
मैंने गुड्डी रानी का पूरा पूरा फेसबुक अकाउंट , व्हाट्सऐप , इंस्टाग्राम सब लिख दिया और गूगल ऐप वाला ऐड्रेस भी , और जेठानी जी को मैंने इशारा कर दिया
और उन्होने तागा तोड़ दिया और अनुज को बोला , जा भाग , अभी चार बजने में दो मिनट बाकी है ,
उसने तारीफ़ की नजर से मेरी जेठानी को देखा और सीधे बाइक पर
और
अब बारी और कम्मो की आदर की दृष्टि से जेठानी जी को देखने की ,
बस हम दोनों ने पाँव नहीं छुए , उनके
भले हम तीनो के देवर उस चिकने ने नहीं देखा हो , पर मैंने और कम्मो ने देख भी लिया था और समझ भी लिया था
बटने टूटी हुयी जेठानी जी के हाथ में ही थीं और उन्ही की हाथ की करामात थीं ,
और क्या सिलाई की थी उन्होंने चुन्नी दरजी मात , ... ऐसी गझिन सिलाई और मजबूत धागे से
कोई देवर जी को बता भी देता न की वो अपनी बहिनिया के पोस्टर बने घूम रहे हैं तो भी वो शर्ट नहीं उतार पाते ,
वो सिलाई खोलना किसी औरत /लड़की के बस की ही बात थी और जो काम जेठानी जी ने दस मिनट में किया उसे खोलने में आधा घंटा लगता ,
फिर यहाँ से तो वो भागा भगा कोचिंग में ही गया होगा , और सीधे क्लास में घुस के बैठ गया होगा , हाँ उसके पीछे वाले सारे लड़कों ने गुड्डी जी का रेट ,
और एक बात कम्मो भी न , वो सिर्फ गुड्डी के रेट से ,..
उसे लगा देवर के बारे में भी तो और चलते चलाते देवर जी की लेविस जींस पर उसने गोल्डन पेण्ट से लिख दिया
गांडू ,
उनके एक बबल बॉटम पर गां दुसरे पर डू , ... मिला के ही पढ़ने पर कोई समझ पाता
पर एक बात पक्की थी आज रात तक तक मेरी ननद एकदम मशूहूर हो जाने वाली थीं
मैंने जोबन लिख रही थी लेकिन कम्मो ने जोर दिया साफ़ साफ़ लिखूं
और मैंने लिख दिया
चूँची मिजवायी - २५०
और अब कम्मो ने मोर्चा सम्हाल लिया रेट वो बता रही थी ,मैं सिर्फ लिख रही थी ,
मुठियाना - ४००
मुंह में लेकर चूस चूस कर ( ओरल ) - ५५०
एक बार की फुल सर्विस ( चुदाई ) पूरे एक घंटे के लिए
( ये कम्मो के कहने पर मैंने ब्रैकेट में साफ़ साफ़ लिख दिया ) - १०००
रात भर के लिए - ५,००० लेकिन कम्मो के कहने पर उसे घटा कर २,५०० कर दिया
और ये भी की एक के साथ एक और पर ५० % डिस्काउंट ,
१८ % जी एस टी , पे टीम और कार्ड भी चलेगा ,
एडवांस बुकिंग के लिए मैंने अपना एक पुराना बनारस वाला नंबर दे दिया ,
मोबाइल नंबर मैं सिर्फ नौ डिजिट ही लिखना चाहती थी , लेकिन अबकी कम्मो ने न सिर्फ उसके दोनों मोबाइल नंबर भी लिख दिए और घर का पता ,
मैं देख रही थी की जेठानी जी ने अपनी रफतार थोड़ी कम कर दी है और वो मेरी ओर देख रही थीं की हम दोनों का काम पूरा हुआ की नहीं ,
मैंने गुड्डी रानी का पूरा पूरा फेसबुक अकाउंट , व्हाट्सऐप , इंस्टाग्राम सब लिख दिया और गूगल ऐप वाला ऐड्रेस भी , और जेठानी जी को मैंने इशारा कर दिया
और उन्होने तागा तोड़ दिया और अनुज को बोला , जा भाग , अभी चार बजने में दो मिनट बाकी है ,
उसने तारीफ़ की नजर से मेरी जेठानी को देखा और सीधे बाइक पर
और
अब बारी और कम्मो की आदर की दृष्टि से जेठानी जी को देखने की ,
बस हम दोनों ने पाँव नहीं छुए , उनके
भले हम तीनो के देवर उस चिकने ने नहीं देखा हो , पर मैंने और कम्मो ने देख भी लिया था और समझ भी लिया था
बटने टूटी हुयी जेठानी जी के हाथ में ही थीं और उन्ही की हाथ की करामात थीं ,
और क्या सिलाई की थी उन्होंने चुन्नी दरजी मात , ... ऐसी गझिन सिलाई और मजबूत धागे से
कोई देवर जी को बता भी देता न की वो अपनी बहिनिया के पोस्टर बने घूम रहे हैं तो भी वो शर्ट नहीं उतार पाते ,
वो सिलाई खोलना किसी औरत /लड़की के बस की ही बात थी और जो काम जेठानी जी ने दस मिनट में किया उसे खोलने में आधा घंटा लगता ,
फिर यहाँ से तो वो भागा भगा कोचिंग में ही गया होगा , और सीधे क्लास में घुस के बैठ गया होगा , हाँ उसके पीछे वाले सारे लड़कों ने गुड्डी जी का रेट ,
और एक बात कम्मो भी न , वो सिर्फ गुड्डी के रेट से ,..
उसे लगा देवर के बारे में भी तो और चलते चलाते देवर जी की लेविस जींस पर उसने गोल्डन पेण्ट से लिख दिया
गांडू ,
उनके एक बबल बॉटम पर गां दुसरे पर डू , ... मिला के ही पढ़ने पर कोई समझ पाता
पर एक बात पक्की थी आज रात तक तक मेरी ननद एकदम मशूहूर हो जाने वाली थीं